रविवार, 6 अक्तूबर 2024

नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित

नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित 

सरस्वती उपाध्याय 
स्कंदमाता महादेवी के नवदुर्गा रूपों में से पांचवां रूप है। उनका नाम स्कंद से आया है, जो युद्ध के देवता कार्तिकेय का एक वैकल्पिक नाम है और माता, जिसका अर्थ है मां। नवदुर्गा में से एक के रूप में, स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है। 

प्रतीक... 

स्कंदमाता चार भुजाओं वाली, तीन आंखों वाली हैं और सिंह पर सवार हैं। उनका एक हाथ भय दूर करने वाली अभयमुद्रा की स्थिति में है। जबकि, दूसरे का उपयोग उनके बेटे स्कंद के शिशु रूप को गोद में रखने के लिए किया जाता है। उनके शेष दो हाथों को आम तौर पर कमल के फूल पकड़े हुए दिखाया जाता है। वह गोरी रंगत वाली हैं और चूंकि, उन्हें अक्सर कमल पर बैठे हुए चित्रित किया जाता है। इसलिए, उन्हें कभी-कभी पद्मासनी भी कहा जाता है। 

महत्व... 

ऐसा माना जाता है कि वह भक्तों को मोक्ष, शक्ति, समृद्धि और संपदा प्रदान करती हैं। यदि कोई व्यक्ति उनकी पूजा करता है, तो वह अशिक्षित व्यक्ति को भी ज्ञान का सागर प्रदान कर सकती हैं। सूर्य के समान तेज वाली स्कंदमाता अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। जो व्यक्ति उनकी निःस्वार्थ भक्ति करता है, उसे जीवन की सभी सिद्धियां और संपदाएं प्राप्त होती हैं। स्कंदमाता की पूजा से भक्त का हृदय शुद्ध होता है। उनकी पूजा करते समय भक्त को अपनी इंद्रियों और मन पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहिए। उसे सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर अनन्य भक्ति के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए। उनकी पूजा से दोगुना पुण्य मिलता है। जब भक्त उनकी पूजा करता है, तो उनकी गोद में बैठे उनके पुत्र भगवान स्कंद की पूजा स्वतः ही हो जाती है। इस प्रकार, भक्त को भगवान स्कंद की कृपा के साथ-साथ स्कंदमाता की कृपा भी प्राप्त होती है। यदि कोई भक्त स्वार्थ से रहित होकर उनकी पूजा करता है, तो माता उसे शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। स्कंदमाता की पूजा करने वाले भक्त दिव्य तेज से चमकते हैं। उनकी पूजा अंततः मोक्ष के लिए अनुकूल है। उन्हें नियमित रूप से "अग्नि की देवी" के रूप में जाना जाता है। 

मंत्र... 

ॐ देवी स्कंदमातायै नम:। 
ॐ देवी स्कंदमातायै नमः। 

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित् करद्वया। 
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥ 
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 
सिंहासनगता नित्यं पद्मानचिता कराद्वय। 
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥ 
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ध्यान मंत्र... 

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी। सिंहसंगता नित्यं पद्माश्रितकरद्व्या, शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी। 

5.44 इंच मोटी जुबान की महिला, वर्ल्ड रिकॉर्ड

5.44 इंच मोटी जुबान की महिला, वर्ल्ड रिकॉर्ड 

अखिलेश पांडेय 
रोम। इटली की 37 वर्षीय महिला अम्ब्रा कोलिना ने अपनी अनोखी और मोटी जुबान के कारण गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा लिया है। उनकी जुबान की मोटाई इतनी ज्यादा है कि वह एक टेबल टेनिस की गेंद की परिधि को भी मात दे देती है। अपनी इस अनोखी जुबान के चलते कोलिना ने विश्व स्तर पर पहचान बनाई है। 
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को दिए एक इंटरव्यू में अम्ब्रा ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा तब मिली जब उन्होंने सबसे लंबी जुबान वाले व्यक्ति दांते बार्नेस की तस्वीर देखी। तभी से उन्होंने भी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की ठानी और प्रयास शुरू कर दिए। उन्होंने रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया। जिसके बाद उनके जुबान की तीन बार माप ली गई। 
चिकित्सकों ने तीन बार मापने के बाद उसका औसत निकाला और इसे अंतिम मानक के रूप में स्वीकृत किया। इस माप के अनुसार, अम्ब्रा की जुबान की मोटाई 5.44 इंच पाई गई। जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आधिकारिक रूप से मान्यता दी। 
इससे पहले सबसे पड़ी जुबान वाली महिला का रिकॉर्ड अमेरिका के ओरेगन की निवासी जेनिफर डू वांडर के नाम था, जिनकी जुबान की मोटाई 5.21 इंच थी। अम्ब्रा कोलिना ने उनका यह रिकॉर्ड तोड़ दिया। सबसे मोटी जुबान वाले पुरुषों में भी अपना अलग रिकॉर्ड है। मौजूदा वक्त में बेल्जियम के साचा फेनर के पास यह रिकॉर्ड है, जिनकी जुबान की मोटाई 6.69 इंच है। फेनर की जुबान कोलिना की जुबान से लगभग 1 इंच ज्यादा मोटी है। 

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं बादाम, जानिए

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं बादाम, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
आपने अक्सर अपने घर के बुजुर्गों से बादाम के फायदों के बारे में सुना होगा। वास्तव में बादाम गुणों का खजाना होता हैं। बादाम प्रोटीन, फाइबर, विटामिन ई, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन से भरपूर होते हैं। 

ये आयरन, पोटैशियम, जिंक और विटामिन बी, नियासिन, थायमिन और फोलेट का भी स्रोत होते हैं।
बादाम का रोजाना सेवन आपके शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करता है, जिससे हड्डियां मजबूती रहती हैं। 
पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से बादाम शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं जिससे आप बार-बार होने वाली बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। 
बादाम में फाइबर होता है, जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। बादाम में मौजूद विटामिन ई आपकी स्किन को जरूरी पोषण देता है। जिससे चेहरे पर चमक आती है। 
इसके अलावा बादाम में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर के हानिकारक फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं, जो एजिंग बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में बादाम आपकी स्किन को जवान रख सकते हैं। 
बादाम को आप कैसे भी खा सकते हैं। लेकिन अगर आप इन्हें पानी में भिगोकर खाते हैं, तो इससे आपके शरीर को ज्यादा फायदे मिलते हैं। 

स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की करतूत

स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की करतूत 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद में हजारों की संख्या में गली-मोहल्ले में क्लिनिको का संचालन किया जा रहा है। जिनमें चिकित्सा परीक्षण करने वाले व्यक्तियों में एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जिन्हें चिकित्सा की परिभाषा भी ज्ञात नहीं है। एक-दो दिन या महीना नहीं, सालों से चिकित्सा परीक्षण करते आ रहे हैं। उनके विरुद्ध कोई भी दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं होती है ?
गौरतलब हो लोनी स्थित गांव पाभी में प्रवीण कुमार आदि नामक व्यक्तियों के द्वारा विभाग की आंखों में धूल झोंक कर सालों से चिकित्सा परीक्षण किया जा रहा है। सर्वेक्षण के दौरान स्थिति का स्पष्टीकरण होने के बाद संबंधित अधिकारियों को समाचार के माध्यम से गहरी नींद से जगाया गया। अधिकारियों के द्वारा नोटिस जारी कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर बुलाकर एक शपथ पत्र चिकित्सा परीक्षण करने वाले वालों से ले लिया गया। आप सभी को प्रस्तुत शपथ पत्र का संक्षेप में विवरण से रूबरू कराते हैं। शपथ पत्र में शपथ कर्ता द्वारा लिखा जाता है कि भविष्य में चिकित्सा परीक्षण करते पाए जाने पर चिकित्सा अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाया जाऊंगा और मेरे विरुद्ध विधि अनुरूप कार्रवाई की जाएं। 
इसके बाद भी शपथ करता झोलाछाप चिकित्सा परीक्षण करने वाले ठीक उसी स्थान पर पहले की ही तरह चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का आचरण पूरे स्वास्थ्य विभाग को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है। जिस अधिनियम की संहिताओं का स्वयं अधिकारी उचित उपयोग नहीं कर रहे हैं, उसका हथियार बनाकर उपयोग करने का अधिकार भी नहीं होना चाहिए। कार्रवाई की गति इतनी धीमी होने की कोई तो वजह होगी ? भ्रष्ट आचरण के अलावा और किसी संभावना को कोई भी व्यक्ति स्वीकार नहीं कर सकता है। 
झोलाछाप डॉक्टर के विषय से अलग हटकर यदि हम अल्ट्रासाउंड सैंटरो की बात करें, लगभग 35 अल्ट्रासाउंड सेंट्रो में से केवल पांच ऐसे सेंटर है जहां रेडियोलॉजिस्ट (योग्य चिकित्सक) मौजूद रहते हैं। बाकी स्थानों पर ऐसे व्यक्ति रिपोर्ट तैयार करते हैं, जिनको अल्ट्रासाउंड का एबीसीडी भी नहीं पता है। उसके बावजूद भी यह अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित किया जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किसी एक अल्ट्रासाउंड, डायग्नोस्टिक सेंटर के विरुद्ध अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई नहीं की गई है। यह कितना बड़ा सवाल है ? इसका भी खुलासा होगा। 

जलदोहन पर उदारवादी नीति जनता के लिए घातक

जलदोहन पर उदारवादी नीति जनता के लिए घातक 

दीपक राणा 
गाजियाबाद। जनपद की खोडा नगर पालिका जल दोहन का दंश झेल रही है। जनता पानी के लिए एक दूसरे से लड़ रही है। इसी तरह लोनी में इसका प्रारंभिक दौर शुरू हो चुका है। इसी वर्ष 10 से 15 फुट पानी सतह से नीचे चला गया है। साल दर साल यदि इसी प्रकार जल स्तर गिरता रहा तो भविष्य कितना खतरनाक सिद्ध हो सकता है ? यदि समय रहते इस स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो लोनी क्षेत्र भी घातक परिणामों की चपेट में आ जाएगा। 
अगर समस्या है, तो उसका समाधान भी निश्चित रूप से होता  है। इस समस्या की तह तक पहुंचे और समझे कि पानी की बर्बादी के मुख्य कारण क्या है ? अवैध रूप से जितना भी रंग-रसायन का काम किया जा रहा है। जहां रंग-रसायन का उपयोग होगा, वहां अप्रत्याशित रूप से जल की बर्बादी होगी। कपड़े आदि की धुलाई-रंगाई, गाड़ियों की धुलाई और अवैध रूप से आरओ वॉटर प्लांट के द्वारा हजारों घन मीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद किया जा रहा है। इस बर्बादी को रोकने के लिए भारत सरकार ने भू-जल संरक्षण विभाग बनाया और पानी की बर्बादी रोकने के नए आयाम लागू कर दिए गए। जनपद में भूजल संरक्षण और लघु सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से इस विषय पर काम कर रहे हैं। 
जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह इस विभाग के नामित अधिकारी हैं। गत माह 800 से अधिक जल दोहन करने वाले स्थानों को चिन्हित कर, कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन लोनी क्षेत्र उस कार्रवाई से वंचित ही रह गया। लोनी क्षेत्र में जरूरी कार्रवाई न होने के कारण जल की बर्बादी का पीड़ा दायक नजारा कोई भी देख सकता है। लोनी क्षेत्र में जल दोहन के प्रति इतनी उदारता जनता के भविष्य को गर्त में ले जाने का काम करेगी। 

जनता से कैसा बदला ले रही हैं नगर पालिका ?

जनता से कैसा बदला ले रही हैं नगर पालिका ? 

इकबाल अंसारी 
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद लोनी की जनता ने धामा दंपति को लगातार तीन बार जिताकर नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष बनाया है। इसमें लोकप्रियता रही होगी, लेकिन जनता का अपार समर्थन भी मिला है। इस बात को डर किनारा नहीं किया जा सकता है। क्षेत्र में विकास कार्य भी किया जा रहे हैं। किंतु वर्तमान समय मौसम परिवर्तन का समय है। जगह-जगह पर एकत्रित जल के कारण अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करने वाले मच्छरों की जबरदस्त पैदावार हो चुकी है। ठीक उसी प्रकार से क्षेत्र में रोगों की बाढ़ आ रही है। एक ही परिवार के कई-कई लोग वायरल, टाइफाइड, मलेरिया चिकनगुनिया, डेंगू और मेनिनजाइटिस जैसी बीमारियों ने जनता को घेर लिया है। 
राजनीतिक अपवाद को छोड़कर नगर की बस्ती और कॉलोनियों में कीटनाशक दवा का छिड़काव करने की सख्त आवश्यकता है। यदि जल्द ही कीटनाशक छिड़काव कर दिया गया, तो नगर की जनता को एक लंबी चैन की सांस जरूर मिल जाएगी। उसके विपरीत जनता का आर्थिक और शारीरिक पतन होने में भी भारी कमी हो सकेगी। जिस कार्य में जनता का हित निहित है। उस कार्य को एक सक्षम व्यक्ति के द्वारा तत्काल कर देना चाहिए। 

महाकुंभ: 'सीएम' ने साधु-संतों के साथ बैठक की

महाकुंभ: 'सीएम' ने साधु-संतों के साथ बैठक की 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को प्रयागराज पहुंचे। महाकुंभ-2025 के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का अनावरण, वेबसाइट और एप लॉन्च किया। हेलीपैड पर उतरने के बाद सीएम वीआईपी घाट से स्पेशल बोट से संगम के लिए निकल गए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता नंदी रहें। संगम पर पहुंचकर उन्होंने विधि-विधान से मां गंगा की पूजा-अर्चना की। 
संगम से लौटने के बाद सीएम ने परेड ग्राउंड में बने पंडाल में अखाड़ा परिषद और अन्य साधु-संतों के साथ बैठक की। सबसे पहले अफसरों ने सीएम का स्वागत किया। साथ ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों और प्रमुख साधु संतों का स्वागत अभिनंदन किया गया। अखाड़े ने कुंभ मेले की बसावट के साथ ही भूमि सुविधाएं बढ़ाने, संत भक्त निवास के लिए पिछले कुंभ की तुलना में दोगुना अधिक बजट प्रदान करने का प्रस्ताव रखा। 
महाकुंभ की तैयारी के लिए सभी तेरह अखाड़े के साथ दंडीवाड़ा, आचार्य वाड़ा, प्रयागवाल सभा तीर्थ पुरोहितों के अलावा बैरागी, संन्यासी, वैष्णव संतों के प्रमुख पीठाधीश्वर परेड मैदान स्थित सीएम की बैठक में मौजूद रहे। खाक चौक के भी संत अपने पूरे जमात के साथ पहुंचे। बैठक के बाद सीएम ने अखाड़ा परिषद के पदाधिकारिओं के साथ मुलाकात की। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ स्पेशल बोट से संगम का निरीक्षण किया। करीब एक घंटे तक उन्होंने विभिन्न कार्यों का जायजा लिया और घाटों की स्थिति देखी। साथ कुंभ को लेकर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। 
इसके बाद वह वीआईपी घाट पर पहुंचे और फिर अक्षयवट के लिए निकल गए। सीएम ने हनुमान मंदिर कॉरिडोर और अक्षयवट कॉरिडोर के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम पर गंगा पूजन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने मां गंगा का पूजन कर आरती उतारी। मंत्री और अन्य नेताओं ने भी गंगा का पूजन अर्चन किया। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के बाद जनप्रतिनिधियों के साथ महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। सीएम ने महाकुंभ-2025 के लोगो का अनावरण, वेबसाइट http://kumbh.gov.in और ऐप Mahakumbhmela2025 को लॉन्च किया। 
इस मौके पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, स्वतंत्रदेव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, राकेश सचान, सांसद प्रवीण पटेल, विधायक हर्षवर्धन, गुरुप्रसाद, पीयूष रंजन, महापौर गणेश केसरवानी आदि रहे। सीएम योगी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी साधु संतों के साथ बैठक और लोगो के अनावरण का वीडियो साझा किया है। 
महाकुंभ की वेबसाइट और ऐप श्रद्धालुओं व पर्यटकों के वायु, रेल व सड़क मार्ग से महाकुंभ पहुंचने में सहयोग करेगा। इसके माध्यम से प्रयागराज में आवासीय सुविधा, परिवहन, पार्किंग, मंदिरों तक पहुंचने की जानकारी मिलेगी। इसमें स्थानीय और आस-पास के आकर्षण और पर्यटन स्थलों की भी जानकारी होगी। श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र, आवास और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक आसानी से पहुंचने के लिए गूगल नेविगेशन, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अलर्ट भी इसके माध्यम से मिलेंगे। 
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री बड़े हनुमानजी के दरबार में पहुंचकर दर्शन पूजन किया। मंदिर पहुंचने पर महंत बलवीर गिरि ने योगी का स्वागत किया। इसके बाद सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवन पुत्र हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने के बाद आरती उतारी। सीएम योगी ने मां गंगा का पूजन किया। दौरान सतुआ बाबा समेत तमाम साधु संत और तीर्थ पुरोहित मौजूद रहें। 
सुबह करीब दस बजे परेड ग्राउंड में बने हेलीपैड पर करीब दस बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उड़नखटोला उतरा। यहां पर महापौर गणेश केसरवानी, सांसद प्रवीण पटेल, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह, पीयूष रंजन निषाद, गुरु प्रसाद मौर्य, हर्षवर्धन बाजपेयी आदि ने स्वागत किया। 
नेताओं और अफसरों ने बाढ़ और बारिश के चलते महाकुंभ की तैयारियों में हो रही देरी से सीएम योगी को अवगत कराया। इसके बाद सीएम ने कार्यों की समीक्षा की और समय सीमा के भीतर गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। योगी ने कहा कि कुंभ की तैयारियों से जुड़े सारे कार्य 15 दिसंबर तक हर हाल में पूरे कर लिए जाएं। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण कार्यालय के सभागार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और साधु- संतों के साथ बैठक की। संतों ने सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर कई मांगें सीएम योगी के सामने रखीं। 

नवरात्रि का छठा दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित

नवरात्रि का छठा दिन मां 'कात्यायनी' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छ...