शनिवार, 28 सितंबर 2024

प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत'

प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत' 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। आपने कभी सोचा है कि आपका चाय-समोसा खाने का प्लास्टिक डिस्पोजल कहां जाता है ? या फिर वो प्लास्टिक की थैली जो आप सब्जी लाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, उसका क्या होता है ? ये सारा कचरा हमारे समुद्रों और नदियों को प्रदूषित कर रहा है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाले देशों में से एक है। हर साल भारत लाखों टन प्लास्टिक कचरा फेंकता है। जिससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। रिसर्ज के अनुसार, भारत में प्लास्टिक प्रदूषण का एक बड़ा कारण ये है कि देश में अधिकांश प्लास्टिक कचरा पर्यावरण में फेंक दिया जाता है। इससे प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर रहे हैं। 

भारत ने लगाया था सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध

भारत ने जुलाई 1, 2022 को सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस कदम से उम्मीद थी कि देश का प्लास्टिक पदचिह्न कम होगा। अनुमान था कि सालाना कम से कम 0.6 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा गायब हो जाएगा। लेकिन, दो साल बाद भी हकीकत अलग है। दुकानों में अभी भी डिस्पोजेबल प्लास्टिक आइटम मिलते हैं। ज्यादातर लोग अभी भी सब्जियां प्लास्टिक कैरी बैग में घर ले जाते हैं और सितंबर की शुरुआत में नेचर में प्रकाशित एक नए शोध से पता चलता है कि भारत सालाना 9.3 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पर्यावरण में 'छोड़ रहा है'। 
जो दुनिया में सबसे अधिक है। ये अगले तीन शीर्ष प्रदूषकों नाइजीरिया (3.5 मिलियन टन), इंडोनेशिया (3.4 मिलियन टन) और चीन के कुल योग के लगभग बराबर है। ये एक चिंता का विषय है। क्योंकि, प्लास्टिक प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। 
इसके अलावा, प्लास्टिक प्रदूषण समुद्री जीवन के लिए भी खतरा है। इस समस्या से निपटने के लिए, भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करना होगा। इसके अलावा, लोगों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। 

परिवारों को 1-1 करोड़ की सहायता देने का निर्णय

परिवारों को 1-1 करोड़ की सहायता देने का निर्णय 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पांच लोगों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की। ये सभी कोरोना वॉरियर्स अपनी ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे और बाद में उनका निधन हो गया था। इनमें डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी और पुलिसकर्मी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, ये कोरोना वॉरियर्स हमारे असली हीरो हैं। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दिल्लीवासियों की सेवा की। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूल सकते। यह राशि उनके परिवारों के लिए एक छोटी सी मदद होगी।

किन-किन को मिलेगी राशि ?

संजय मनचंदा: एक फार्मासिस्ट थे जो एसडीएमसी पेशेंट केयर फैसिलिटी में तैनात थे।

रवि कुमार सिंह: मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में जूनियर असिस्टेंट थे।

वीरेंद्र कुमार: एक सफाईकर्मी थे जो एक हंगर रिलीफ सेंटर में काम करते थे।

भवानी चंद्र: दिल्ली पुलिस में एएसआई थे और लोकनायक अस्पताल में ड्यूटी पर थे।

मो. यासीन: एमसीडी में प्राइमरी टीचर थे और राशन वितरण की ड्यूटी पर थे।

दिल्ली सरकार पहले भी कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले 92 लोगों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दे चुकी है। इस कदम से सरकार ने दिखाया है कि वह कोरोना वॉरियर्स के परिवारों के साथ खड़ी है। 

संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई

संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई 

मछुआरा समुदाय के लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराकर पात्र योजनाओं से करायें लाभान्वित- मंत्री

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मत्स्य ने की स्वास्थ्य, मत्स्य, जल शक्ति, मंडी परिषद, अग्रणी बैंक प्रबंधक, खाद्य सुरक्षा, परियोजना, सहकारिता एवं विद्युत विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक 

कौशाम्बी। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, मत्स्य डॉ. संजय निषाद की अध्यक्षता में उदयन सभागार में स्वास्थ्य विभाग, मत्स्य विभाग, जल शक्ति विभाग, मंडी परिषद, अग्रणी बैंक प्रबंधक, खाद्य सुरक्षा, जिला सहकारिता, जिला परियोजना एवं विद्युत विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। कैबिनेट मंत्री ने बैठक में कहा कि मछुआ समुदाय के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार विभिन्न प्रकार की लाभकारी योजनाओं को बना रही है। जिससे मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकें। मंत्री ने भौतिक व वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा एवं मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत अन्तर्देशीय मत्स्य पालन, मछुआरों के कल्याण, नई तकनीकी आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, किसानो की आय में वृद्धि, स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, निषादराज वोट योजना, मछुआ कल्याण कोष (जिसमें मछुआ समाज को विभिन्न मदों के तहत आर्थिक सहायता दी जा सकती है) ग्रामसभा एवं अन्य पट्टे के तालाबों में निवेश तथा मत्स्य बीज बैंक की स्थापना के लिए के लिए वित्तीय सहायता के रूप में महिला एवं अनुसूचित जाति/जनजाति को 60 प्रतिशत तथा अन्य सभी वर्ग को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। 
उन्होंने मत्स्य पालक कल्याण कोष के संबंध में कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से समन्वय बनाकर जिन मछुआ लोगों के पास आधार कार्ड है। उन्हें 5 लाख का स्वास्थ्य लाभ दिया जाएं। उन्होंने प्रचार प्रसार कर सभी मत्स्य पालकों का क्रेडिट कार्ड बनाएं जाने के निर्देश अग्रणी बैंक प्रबन्धक को दिये हैं। इसके साथ ही उन्हांने कहा कि मत्स्य विभाग से जो एप्लीकेशन फॉरवर्ड किये गए हैं, उन्हें पेंडिंग ना रखा जाएं। लंबित एप्लीकेशनों का एक हफ्ते के अंदर निस्तारण कराये जाने के निर्देश दिए। उन्हांने विकसित तालाबों का पट्टा कराने एवं अविकसित तालाबों को ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन तालाबों में पानी नहीं है, उनमें पानी भरवाया जाएं। उन्हांने कहा कि कितने तालाबों में पानी है, कितने में नहीं है ? इसकी लिस्ट बनाकर शासन को प्रेषित करें। मंत्री ने कहा कि सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत तहसील स्तर पर कार्य योजना बनाकर जितने भी मछली बेचने वाली महिला, पुरुष हैं, उनका बीमा अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मछुआरा समुदाय के लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराकर सभी पात्र योजनाओं से लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों के मोबाइल नंबर पर वार्ता कर, उन्हें ग्रामसभा के तालाब की पट्टे की प्रगति के संबंध में अवगत कराएं। उन्हांने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जनपद के तालाबों को पात्र लाभार्थियों को आवंटित करें। जिससे वे अपना व्यवसाय कर रोजगार प्राप्त कर सकें। उन्होंने जिला मत्स्य अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि यमुना नदी के किनारें एक डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएं। जिससे वहां के गरीब बच्चों को पढ़ने में सुविधा मिल सकें। उन्होंने उपनिदेशक मत्स्य को निर्देशित किया कि एक-एक शासनादेश का पालन करना आप लोगों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग सेवा भाव के माध्यम से कार्य करें। नौकरी के भाव से सेवा ना करें। उन्होंने कहा कि सभी से उम्मीद है कि आप लोग कोऑर्डिनेट कर सहयोग करेंगे। जिससे जनपद का विकास हो सकेंगा। इस अवसर पर जिलाधिकरी मधुसूदन हुल्गी, पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी प्रबुद्ध सिंह एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें। 
सुशील केसरवानी 

चिकित्सा विभाग की लापरवाही के घोर परिणाम

चिकित्सा विभाग की लापरवाही के घोर परिणाम 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद में चिकित्सा परीक्षण करने वाले आधे से अधिक चिकित्सक अयोग्य है। किंतु लोनी में ऐसे लोग भी चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं, जिनको चिकित्सा परीक्षण करते हुए सालों बीत गए हैं। लेकिन, शरीर का तापमान नापने के मात्रक तक की जानकारी नहीं है। सर्वेक्षण के दौरान यह मामला संज्ञान में आया है। डॉक्टर प्रवीण पुत्र फेरु गांव पाबी में कई साल से चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात यह है कि चिकित्सा परीक्षण करने वाले प्रवीण को थर्मामीटर के मात्रक की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे और भी कई चिकित्सक लोनी क्षेत्र में चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं। 
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। नामित अधिकारी भी कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे हैं। किंतु यह समस्या जस की तस बनी रहेगी। वास्तव में चिकित्सा विभाग की लापरवाही के यह घोर परिणाम जनता को भुगतने पड़ रहे हैं। 
छोटे-छोटे क्लीनिको पर चिकित्सा परीक्षण की बात दर किनार कर दीजिए। लोनी में अधिनियम विरुद्ध, मानकों के अभाव में अस्पतालों का संचालन किस आधार पर किया जा रहा है ? यह खुद एक बड़ा सवाल है। ज्यादातर अस्पतालों में तो योग्य चिकित्सक नहीं है।

'सीएम' योगी ने चुनावी रैली को संबोधित किया

'सीएम' योगी ने चुनावी रैली को संबोधित किया 

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपना समर्थन जारी रखा, तो वह तीन टुकड़ों में बंट जाएगा और उसका नामो निशान तक नहीं बचेगा। शनिवार को जम्मू कश्मीर में आयोजित की गई चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत सरकार 1960 में हुए सिंधु बंटवारे की समीक्षा करते हुए आतंकवाद और सिंधु नदी के जल प्रवाह को साथ-साथ लेकर नहीं चल सकता है। 
योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभी तो आर्थिक हालातों से बुरी तरह से जूझ रहे पाकिस्तान के हाथों में कटोरा ही आया है लेकिन अब वह एक-एक बूंद पानी के लिए तरसने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आतंकवादियों को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें ना तो कफन ही नसीब होगा और ना ही दफन होने के लिए दो गज जमीन नसीब होगी। 

डीएम व एसएसपी ने लोगों की समस्याएं सुनीं

डीएम व एसएसपी ने लोगों की समस्याएं सुनीं 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहर कोतवाली परिसर में आयोजित किए गए समाधान दिवस में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने विभिन्न स्थानों से आए लोगों की समस्याएं सुनकर उनके निदान संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। 
शनिवार को जिला मुख्यालय पर शहर कोतवाली परिसर में आयोजित किए गए समाधान दिवस में शामिल होने के लिए पहुंचे जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने फरियादियों की समस्याओं को सुनते हुए अधिकारियों से कहा कि वह अपने दफ्तर में बैठकर लोगों की समस्याएं सुने और समय रहते उनका निदान करें। कोतवाली परिसर में आयोजित किए गए समाधान दिवस में जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने फरियादियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उनके त्वरित व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए। जिला अधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अधिकारियों से कहा कि वह मौके पर पहुंचकर समाधान दिवस में आई सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच करें और उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कर फरियादी को न्याय दिलाए। उन्होंने महिला अपराध संबंधित शिकायतों की जांच प्राथमिकता के आधार पर करते हुए पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के निर्देश दिए। 
इस मौके पर उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ फरियादियों को साइबर अपराध संबंधी जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने साइबर अपराधों से बचने के प्रति जागरूक किया और इस बाबत उपायों को भी विस्तार से बताया। 
समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक यातायात अतुल कुमार चौबे, थाना अध्यक्ष कोतवाली नगर अक्षय शर्मा समेत पुलिस एवं प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहें।

घरेलू हिंसा कानून के मामलें में 'हिंदू-मुसलमान' नहीं

घरेलू हिंसा कानून के मामलें में 'हिंदू-मुसलमान' नहीं 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दो टूक कहा गया है कि घरेलू हिंसा कानून के मामलें में हिंदू-मुसलमान नहीं चलेगा। सभी धर्मों की महिलाओं पर डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट 2005 लागू होता है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दाखिल की गई महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना की अगवाई वाली बेंच ने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 सभी धर्मों की महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा है कि महिलाओं को भारतीय संविधान के मुताबिक जो अधिकार मिले हुए हैं, उन अधिकारों को प्रोटेक्ट करने के लिए डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट कानून बनाया गया है और यह सभी महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है‌। उन्होंने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 एक तरह से सिविल कोड है और इस तरह से यह भारत की सभी महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कहा है कि डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट- 2005 कानून को लेकर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पीड़ित महिला किस धर्म या समुदाय से ताल्लुक रखती है। उन्होंने कहा है कि यह कानून सभी धर्म एवं समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं पर लागू होता है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

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