मंगलवार, 17 सितंबर 2024

पूर्णिमा: आज से शुरू हुआ पितृ पक्ष, जानिए

पूर्णिमा: आज से शुरू हुआ पितृ पक्ष, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
पितरों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आरम्भ होकर आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक एक पखवाड़े तक चलने वाला पितृपक्ष आज से शुरू हो गया है। एक पखवाड़े तक चलने वाले श्राद्ध तिथियों में मुख्य 18 सितम्बर को प्रतिपदा तिथि को पड़वा श्राद्ध, 26 सितंबर को मातृ नवमी को मां का श्राद्ध, 29 सितंबर द्वादशी का तिथि को संन्यासियों का, एक अक्टूबर चतुर्दशी तिथि पर अस्त्र-शस्त्र या अकाल मौत वालों का श्राद्ध और दो अक्टूबर को अमावस्या का श्राद्ध किया जाता है। 
सनातन धर्म में पितरों की आत्मशंति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का समय महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीनें में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है। मान्यता है कि श्राद्ध कर्म करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। हर साल पितृपक्ष में पूर्वज पितृलोक से धरती लोक पर आते हैं और श्राद्ध मिलने पर प्रसन्न होकर स्वस्थ, चिरंजीवी, धनधान्यपूर्ण और परिवार के मंगल का आशीर्वाद देकर पितृ लोक को वापस जाते हैं। हिन्दू अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिए पिण्ड दान करते हैं। 
इसे ‘सोलह श्राद्धÓ, ‘महालय पक्ष, ‘अपर पक्षÓ आदि नामों से भी जाना जाता है। स्मृतियों एवं पुराणों में भी आत्मासंसरण संबंधी विश्वास पाए जाते हैं और इनमें भी पितृर्पण के लिए श्राद्ध संस्कारों की महत्ता परिलक्षित होती है। मृत्युपरांत पितृ-कल्याण-हेतु पहले दिन दस दान और अगले दस ग्यारह दिन तक अन्य दान दिए जाने चाहिए। इन्हीं दान की सहायता से मृतात्मा नई काया धारण करती है और अपने कर्मानुसार पुनरावृत्त होती है। पिंडदान की परंपरा केवल प्रयाग, काशी और गया में है, लेकिन पितरों के पिंडदान और श्राद्ध कर्म की शुरुआत प्रयाग में क्षौर कर्म से होती है। 
पितृपक्ष में हर साल बड़ी संख्या में लोग देश के कोने कोने से ङ्क्षपण्ड दान के लिए संगम आते हैं। पितृ मुक्ति का प्रथम एवं मुख्य द्वार कहे जाने के कारण संगमनगरी में पिंडदान और श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों में भगवान विष्णु को मोक्ष के देवता माना जाता है। प्रयाग में भगवान विष्णु बारह भिन्न रूपों में विराजमान हैं। मान्यता है कि त्रिवेणी में भगवान विष्णु बाल मुकुंद स्वरूप में वास करते हैं। प्रयाग को पितृ मुक्ति का पहला और मुख्य द्वार माना जाता है। काशी को मध्य और गया को अंतिम द्वार कहा जाता है। प्रयाग में श्राद्ध कर्म का आरंभ मुंडन संस्कार से होता है। 
प्रयाग धर्म संघ के अध्यक्ष पंड़ति राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि धर्म शास्त्रों में कहा गया है, ‘किसी भी पाप और दुष्कर्म की शुरुआत मुंडन से होती है। इसलिए कोई भी धार्मिक कृत्य करने से पहले मुंडन कराया जाता है।Ó प्रयाग क्षेत्र में वैदिक मंत्रों के मध्य मुंडन तर्पण और पिंडदान करने से किसी भी मनुष्य के तीन पीढिय़ों के पुरखों को गया धाम चलने के लिए निमंत्रण मिलता है। श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वज अपने परिजनों के हाथों से तर्पण स्वीकार करते हैं। पूर्णिमा पर अकाल मृत्यु की वजह से भटकती आत्माओं की शांति के लिए विधि-विधान से पूजन और पिंडदान की परंपरा है। 
उन्होंने बताया कि खासतौर से प्रयाग क्षेत्र में मुंडन कराने का विशेष महत्व है। प्रयाग क्षेत्र में एक केश का मुंडन कराने से अक्षय पुण्य का लाभ मिलता है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है, ‘काशी में शरीर का त्याग कुरुक्षेत्र में दान और गया में पिंडदान का महत्व प्रयाग में मुंडन संस्कार कराए बिना अधूरा रह जाता है। प्रयाग क्षेत्र में मुंडन कराने से सारे मानसिक शारीरिक और वाचिक पाप नष्ट हो जाते हैं। अध्यक्ष ने बताया कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में पितृ धाम से धरा धाम पर आए पितरों का पिंडदान किया जाता है। 
संगम तट पर पिंडदान के लिए देश के कई हिस्सों से लोग पहुंचते हैं। पुराणों के अनुसार त्रिवेणी संगम पर पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। यहां तर्पण और पिंडदान किए बिना दिवंगत की आत्मा अतृप्त रहती है। पितृदोष से मुक्ति के बिना परिवार में सुख-समृद्धि नहीं आती। किसी की अकाल मृत्यु, माता-पिता व मातृ-पितृ पक्ष के किसी अन्य परिजन की मृत्यु के श्राद्ध और पिंडदान करने के ही दोष से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष में पितरों का पिंडदान करना सुख एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तर्पण करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार साधु-संत एवं बच्चों का पिंडदान नहीं किया जाता। पितर के निमित्त अर्पित किए जाने वाले पके चावल, दूध, काला तिल मिश्रित ङ्क्षपड बनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद प्रेत योनि से बचने के लिए पितृ पक्ष में तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जिस व्यक्ति को पुत्र नहीं है, पितृ ऋण से मुक्ति के लिए बेटी भी पिंडदान और तर्पण कर सकती है। 
श्राद्ध की महत्ता ब्रह्म पुराण, गरूड़ पुराण, विष्णु पुराण, वराह पुराण, वायु पुराण, मत्स्य पुराण, मार्कण्डेय पुराण, कर्म पुराण एवं महाभारत, मनुस्मृति और धर्म शास्त्रों में विस्तृत रूप से बताया गया है। देव, ऋषि और पितृ ऋण निवारण के लिए श्राद्ध कर्म सबसे सरल उपाय है। उन्होंने बताया कि पितृ पक्ष में पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होकर वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पिंडदान नहीं करने से वंशजों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। 
यजमान को तर्पण की सामग्री लेकर दक्षिण की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। इसके बाद हाथों में जल, कुशा, अक्षत, पुष्प और काले तिल लेकर दोनों हाथ जोड़कर पितरों का ध्यान करके उन्हें आमंत्रित कर जल ग्रहण करने की प्रार्थना किया जाता है। इसके बाद जल को 11 बार अंजलि से जमीन पर गिराना चाहिए। प्रयाग धर्मसंघ के अध्यक्ष ने बताया कि श्राद्ध कर्म श्वेत वस्त्र पहनकर ही करना चाहिए। जौ के आटे या खोये से ङ्क्षपड बनाकर चावल, कच्चा सूत, फूल, चंदन, मिठाई, फल, अगरबत्ती, तिल, कुशा, जौ और दही से ङ्क्षपड का पूजन किया जाता है। पिंडदान करने के बाद पितरों की आराधना करने के बाद ङ्क्षपड को उठाकर पवित्र जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।

'जल संरक्षण' हेतु मिलकर काम करने की जरूरत

'जल संरक्षण' हेतु मिलकर काम करने की जरूरत 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जल संरक्षण के लिए सभी हित धारकों को मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि जल ही जीवन है। इसलिए, सब प्राणियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण को आंदोलन बनाने की जरूरत है। मुर्मू ने मंगलवार को यहां भारत मंडपम में तीन दिन तक चलने वाले 8वें भारत जल सप्ताह सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि जल संरक्षण को देश ही नहीं, पूरी दुनिया में आंदोलन बनाने की जरूरत है और इसके लिए सभी हितधारकों को मिलकर पानी बचाने के नए तथा सभी परंपरागत तरीकों को अपना कर पानी का संरक्षण करने की आवश्यकता है। 
उन्होंने जल संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि जल संरक्षण प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने, इसके विकास और वितरण के लिए सभी हितधारकों के बीच सहयोग, समावेशिता और साझेदारी को बढ़ावा देने के जो प्रयास जल शक्ति मंत्रालय कर रहा है उसके कार्य सराहनीय हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मंत्रालय ने जल मिशन के तहत सभी नागरिकों तक स्वच्छ पानी की पहुंच सुनिश्चित की है। यह और प्रसन्नता की बात है कि देश में 78 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों को पानी के कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं और पानी की पहुंच की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सभी को भागीदारी से आगे बढ़कर जल संरक्षण, बेहतर प्रबंधन,विकास और वितरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जन आंदोलन शुरु करना चाहिए।

राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई

राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ की अध्यक्षता में मंगलवार को संगम सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारीगण व कलेक्ट्रेट के स्टाफ से बारी-बारी से परिचय प्राप्त किया। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने दायित्वों का ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वहन करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारी व तहसीलदार को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी लोग अपनी तहसील में समय से बैठें और जनसुनवाई कर जनसमस्याओं का निर्धारित समयसीमा के अंदर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। उन्होंनेशं तहसीलदारों को तहसील व थाने की टीम के साथ समन्वय बनाकर सरकारी जमीन पर होने वाले अवैध कब्जों को अतिक्रमणमुक्त कराये जाने के लिए कहा है।
जिलाधिकारी ने कहा की शासन स्तर पर आईजीआरएस की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा की आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों/लम्बित सन्दर्भाें का गुणवत्तापूर्ण एवं ससमय निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में प्राप्त सन्दर्भ डिफाल्टर/लम्बित की श्रेणी में नही आना चाहिए। जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयाध्यक्षों को शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारित करने के पश्चात उसको पोर्टल पर समय से अपलोड कराये जाने का भी निर्देश दिया है, जिससे कि निस्तारण की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0 की शिकायतों के निस्तारण पर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। लापरवाही पाएं जाने पर सम्बंधित विभागों के अधिकारी स्वयं उत्तरदायी होंगे। 
उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारियों को लम्बित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी संबंधित तहसीलदार को निर्देशित करते हुए कहा कि पत्थरगड्ड़ी और पैमाइश का कार्य समय से गुणवत्तापूर्ण से पूरा करा ले। उन्होंने उपजिलाधिकारियों व तहसीलदारों को राजस्व कर्मियों के कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करते रहने का निर्देश दिया हैै। साथ ही साथ यह भी निर्देशित किया है कि कार्यों में लापरवाही बरतने वाले कर्मिंयों के विरूद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित करेें। उन्होंने फील्ड में जाकर इसकी जांच करते करने के लिए निर्देशित किया है। आपसी जमीनी विवाद से सम्बंधित झगड़े को सुलह समझौता करके सुलझाने का प्रयास किया जाएं।
जिलाधिकारी ने राजस्व मुकदमों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किए जाने तथा जमीनी विवादों का निस्तारण मौके पर जाकर कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में किसी के साथ अन्याय न होने पाएं। जमीनी मामलों को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष तरीके से गुणवत्ता के साथ निस्तारण सुनिश्चित कराये जाने के लिए कहा। उन्होंने आपदा विभाग से कहा दुर्घटना/हानि होने पर आपदा राहत से समय से मुआवजा दिया जाए। 
इस अवसर पर समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, जिला स्तरीय अधिकारी गण सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

ज्वेलर्स की हत्या के मामलें में 3 गिरफ्तार किए

ज्वेलर्स की हत्या के मामलें में 3 गिरफ्तार किए 

नरेश राघानी 
अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के भिवाड़ी शहर में ज्वेलर्स जय सिंह सोनी की हत्या के मामलें में पुलिस ने तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। ये घटना के बाद से फरार चल रहे थे। पुलिस के अनुसार गत 28 अगस्त को भिवाड़ी में कमलेश ज्वैलर्स शोरूम पर लूट की मंशा से आए हथियारबंद डकैतों ने शोरूम में लूट की वारदात को अंजाम देकर शोरूम मालिक जयसिंह सोनी की हत्या कर फरार हो गये थे। पुलिस ने घटना में शामिल अन्य तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। 
इस घटना में शामिल तीन आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधीक्षक भिवाडी सुश्री ज्येष्ठा मैत्रेयी ने बताया कि घटना में शामिल तीन साजिशकर्ताओं को हरियाणा के सांपला एवं भरतपुर (राज) के कुम्हेर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान साहिल उर्फ पिंटू (26) निवासी ब्राहमणों की चौपाड के पास बापडौदा थाना आसौदा जिला झज्जर (हरियाणा), राहुल राठी उर्फ टिंकु (27) निवासी मैन बस स्टैंड के सामने गली, बापडौदा थाना आसौदा जिला झज्जर (हरियाणा) एवं महिपाल उर्फ एमपी (44) निवासी सिकरौरा थाना कुम्हेर जिला भरतपुर के रूप में हुई है। 
इन आरोपियों ने घटना को अंजाम देने की योजना बनाई एवं घटना में शामिल आरोपियों को हथियार एवं पैसे उपलब्ध करवाये गये। इनके द्वारा घटना को अंजाम देने के लिये आरोपियों को उकसाया गया। फरार चल रहे अन्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए भिवाडी पुलिस की चार टीमें निरंतर प्रयास कर रही है। 

केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी को पद हेतु चुना

केजरीवाल का इस्तीफा, आतिशी को पद हेतु चुना 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार शाम को उप राज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, आज ही दिल्ली को उसका नया मुख्यमंत्री भी मिल गया। आप विधायकों की बैठक में मंगलवार को सर्वसम्मति से आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया। जब तक दिल्ली में दोबारा चुनाव नहीं हो जाता, तब तक के लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का कार्यभार आतिशी ही संभालेंगी। 
आपको बता दें कि जब केजरीवाल उप राज्यपाल वीके सक्सेना के दफ्तर अपना इस्तीफ़ा देने गए थे तब आतिशी भी उनके साथ मौजूद थी।

आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा किया पेश

आज अरविन्द केजरीवाल उपराज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा देने गए हुए थे। उसके साथ होने वाली मुख्यमंत्री आतिशी भी मौजूद थी। इस्तीफ़ा देने के बाद अरविंद केजरीवाल सीधे अपने घर गए। वहीं, दूसरी तरफ उपराज्यपाल को आप नेता आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुने जाने की जानकारी भी दी गई है। आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों के समर्थन पत्र को भी उपराज्यपाल को सौप दिया। आज एलजी दफ्तर से वापस आते समय आप नेता गोपाल राय ने मीडिया से बात करते हुए बोले कि उप- राज्यपाल को आतिशी के नए मंत्री बनने की जानकारी दे दी गई है। इसी के साथ हमने नई सरकार गठन के लिए जल्द से जल्द तारीख का ऐलान करने की मांग की है।

जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी आतिशी

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उप- राज्यपाल जल्द ही नई सरकार बनाने की अनुमति दे सकते हैं। जिसके बाद आतिशी दिल्ली सीएम पद की शपथ लेंगी।  केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर आतिशी ने मीडिया के सामने अपना बयान भी दिया।
अपने बयान में आतिशी ने कहा कि वो इस बात से काफी दुःखी है कि सब के मनपसंद मुख्यमंत्री को इस तरह अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ रहा है। इसके साथ ही आतिशी ने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी अनुरोध किया कि उन्हें कोई बधाई न दे और न ही कोई माला पहनाएं।

हर भाषा में झूठ बोल सकतें हैं राहुल: गृहमंत्री

हर भाषा में झूठ बोल सकतें हैं राहुल: गृहमंत्री 

राणा ओबरॉय 
फरीदाबाद। विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोहारू में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी झूठ बोलने की ऐसी मशीन हैं, जो हर भाषा में झूठ बोल सकती हैं। मंगलवार को हरियाणा के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री अमित शाह ने भिवानी के लोहारू में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित की गई रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि यह बात सभी को पता है कि आतताई बाबर ने अयोध्या के राम मंदिर को तोड़ा था। भारतीय जनता पार्टी ने वहां पर राम मंदिर बनाया। उन्होंने पब्लिक से पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने यह गलत काम किया है ?.. उन्होंने कहा कि आज रामलला को सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। लेकिन, कांग्रेस नेता राहुल बाबा को यह पसंद नहीं आ रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी को झूठ बोलने की मशीन बताते हुए कहा है कि वह हर भाषा में अच्छी तरह से झूठ बोल सकता है।

महिला को रात में काम करने से रोक नहीं सकतें

महिला को रात में काम करने से रोक नहीं सकतें 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि किसी भी कामकाजी महिला को यह नहीं कहा जा सकता कि वह रात में काम नहीं करें। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति जे बी पार्दीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कोलकाता में नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मुकदमे में श्स्वतरू संज्ञानश् सुनवाई के दौरान सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार की एक अधिसूचना के बारे में बताए जाने के बाद यह टिप्पणी की। 
अधिसूचना में कहा गया है कि महिला डॉक्टरों की रात की ड्यूटी से बचा जा सकता है। पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस अधिसूचना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना चाहिए और महिला डॉक्टरों को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर काम करने देना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है? महिलाएं रियायतें नहीं, बल्कि समान अवसर चाहती हैं...महिला डॉक्टर हर परिस्थिति में काम करने को तैयार हैं। राज्य को इसे (अधिसूचना को) ठीक करना होगा। आप यह नहीं कह सकते कि महिला डॉक्टर 12 घंटे से अधिक शिफ्ट में काम नहीं कर सकतीं और रात में नहीं...सशस्त्र बल आदि सभी रात में काम करते हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।” 
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर राज्य सरकार महिला डॉक्टरों को सुरक्षा देने को तैयार नहीं, तो केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षा दे सकती है। इस पर पश्चिम बंगाल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार इसे (अधिसूचना) को ठीक करने के लिए अलग अधिसूचना जारी करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक अस्थायी सुरक्षा उपाय है। 

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...