शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

'डबल्यूएचओ' ने कंडोम को लेकर खुलासा किया

'डबल्यूएचओ' ने कंडोम को लेकर खुलासा किया 

अखिलेश पांडेय 
जिनेवा। कंडोम को लेकर देश में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डबल्यूएचओ) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। डबल्यूएचओ की इस चौकाने वाली रिपोर्ट में बताया गया है कि दीनएजर्स में कंडोम और गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल काफी तेजी से घट रहा है, जो एक चिंता का विषय है।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूरोपीय देशों में लगभग एक तिहाई लड़के-लड़कियां ऐसे हैं। जिन्होंने माना है कि पिछली बार फिजिकल होते समय उन्होंने कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तमाल नहीं किया। साल 2018 से यह आदत ऐसे ही बनी हुई हैं। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा और अनचाही प्रेगनेंसी का खतरा काफी बढ़ गया है।

चौकाने वाले WHO के आंकड़े

डबल्यूएचओ ने हाल ही में यूरोपीय और मिडिल ईस्ट के 42 देशों में एक सर्वे करवाया, जिसमें 15 साल की उम्र के 2,42,000 टीनएजर्स से बात की। उनसे पूछे गए सवालों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसके मुताबिक जिन लड़कों ने पिछली बार किसी के साथ रिलेशन बनाते समय कंडोम (Condom) का इस्तेमाल किया था, उनका आंकड़ा साल 2014 में 70% से गिरकर साल 2022 में 61% पर आ गया है।

लड़कियां नहीं इस्तेमाल करतीं गर्भ निरोधक गोलियां

रिपोर्ट के अनुसार जिन लड़कियों ने लास्ट बार कंडोम या गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया था, उनका आंकड़ा 63% से कम होकर 57% रह गया है। इसका मतलब यह है कि करीब एक तिहाई टीनएजर्स फिजिकल रिलेशन बनाते समय कंडोम का यूज नहीं करते हैं।

क्यों ज्यादातर युवा नहीं करते कंडोम का इस्तेमाल ?

डबल्यूएचओ के सर्वे के अनुसार, साल 2014 से 2022 तक गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल स्थिर रहा है। 15 साल की उम्र के 26 प्रतिशत लड़कियों ने लास्ट टाइम यौन संबंध बनाने के बाद इन गोलियों का उपयोग किया था। लोअर मीडिल क्लास फैमिली के 33 प्रतिशत किशोरों ने कंडोम या बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल नहीं किया। वहीं, बात की जाएं हाई क्लास फैमिली की, तो किशोरों का आंकड़ा 25 प्रतिशत रहा। 
WHO के यूरोप डायरेक्टर हैंस क्लूज ने कहा कि यूरोप के कई देशों में आज भी सेक्स एजुकेशन नहीं दी जा रही है। सही समय पर अगर युवाओं को असुरक्षित यौन संबंधों के खतरे के बारे में बताया जाए और नुकसान के बारें में बताया जाए तो कुछ हो सकता है। कम नॉलेज होने की वजह से लोगों में समस्या बढ़ रही है।

अक्षरा ने गाना 'कब तक चुप रहेंगे' रिलीज किया

अक्षरा ने गाना 'कब तक चुप रहेंगे' रिलीज किया 

कविता गर्ग 
मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री और गायिका अक्षरा सिंह ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रशिक्षु डॉक्टर को न्याय दिलाने के उद्देश्य से अपना नया गाना 'कब तक चुप रहेंगे' रिलीज किया है।
‘कब तक चुप रहेंगे’ गाने को अक्षरा सिंह ने अपनी आवाज़ दी है, जबकि गीतकार मनोज मतलबी ने इसे लिखा है। संगीतकार घुंघरू जी द्वारा तैयार किए गए इस गाने का म्यूजिक प्रोग्रामिंग छोटू रावत ने किया है। यह गाना अक्षरा सिंह के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल से रिलीज हुआ है।
गाने में अक्षरा सिंह ने समाज में व्याप्त अन्याय और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है। यह गाना एक ऐसे समय में आया है। जब समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय की मांग के लिए आवाज़ें उठ रही हैं। अक्षरा सिंह ने बताया, कि कब तक चुप रहेंगे गाना महिलाओं को न्याय दिलाने और समाज को जागरूक करने की दिशा में एक प्रयास है।

शिवाजी की प्रतिमा गिरने का मामला, माफी मांगी

शिवाजी की प्रतिमा गिरने का मामला, माफी मांगी 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र के सिंधु दुर्ग में तकरीबन 8 महीने पहले ही उद्घाटित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगते हुए कहा है, कि मेरे और सभी साथियों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ नाम नहीं है। बल्कि, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं।
शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु दुर्ग में गिरी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के मामले में कहा है, कि मैं आज सिर झुका कर अपने आराध्य देव शिवाजी महाराज से माफी मांगता हूं। उनके चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगता हूं। क्योंकि हमारे संस्कार अलग है और हम वह लोग नहीं है, जो आए दिन भारत मां के महान सपूत वीर सावरकर को अनाप-शनाप गालियां देते रहते हैं।
उन्होंने कहा है, कि मैंने महाराष्ट्र में आने के बाद पहला काम छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगने का कर रहा हूं।
उन्होंने कहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज को आराध्य देव मानने वाले लोगों के दिलों को उनकी प्रतिमा गिरने से जो चोट पहुंची है। मैं उनसे भी सिर झुका कर माफी मांगता हूं। क्योंकि, हमारे संस्कार अलग है और आज का दिन महाराष्ट्र की विकास यात्रा में ऐतिहासिक दिन है।

मंत्री कपिल देव ने अधिकारियों के साथ बैठक की

मंत्री कपिल देव ने अधिकारियों के साथ बैठक की

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण कार्यालय पर शहर के विकास कार्यों को गति देने और जन समस्याओं के शीघ्र निस्तारण को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। नगर विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने शुक्रवार को एमडीए कार्यालय पर जिलाधिकारी सहित प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ नगर की सफाई व्यवस्था, सड़को के निर्माण,विद्युत की निर्बाध आपूर्ति, जल भराव आदि प्रमुख समस्याओं पर बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 
बढ़ती दुर्घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंत्री कपिल देव ने बिलासपुर कट के पास और मंसूरपुर में ओवरब्रिज बनाये जाने का प्रस्ताव भेजने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया। साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज मैदान के उत्तर में खण्डहर पड़ी जमीन पर गर्ल्स होस्टल बनाए जाने का प्रस्ताव शासन मे भेजने को कहा है। मंत्री कपिल देव ने नगर की सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसको सुचारू रूप से चलाने के लिए जनपद के अतरिक्त एसडीएम को सेक्टरवाइज नगर को बांट कर सभी की जिम्मेदारी लगाई जाने के निर्देश दिए। 
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहर की प्रमुख सड़कों को तुरंत ठीक कराकर अवगत कराना है। जल निकासी के लिए नालों का निर्माण त्वरित रूप से कराए। एमडीए द्वारा ओम पैराडाईज के पास नाले के निर्माण का प्रस्ताव पास हो गया है जल्द से जल्द कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने मुख्य चौराहों और पुलों का नामकरण किए जाने, लैंड बैंक का निर्माण कराने और विशेष रूप से पालिका में जुड़े नए क्षेत्रों, गांवों का पूरा विकास किए जाने को कहा। 
इस अवसर पर जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी, अध्यक्ष नगर पालिका मीनाक्षी स्वरूप, वीसी एमडीए कविता मीना, नगर मजिस्ट्रेट विकास श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी महेंद्र फौजदार, विद्युत विभाग के एक्सईएन, पीडब्लूडी के एक्सईएन, ईओ नगरपालिका अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

अपने 'स्त्रीधन' की एकमात्र मालकिन है महिला

अपने 'स्त्रीधन' की एकमात्र मालकिन है महिला 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में साफ कहा है, कि एक महिला ही अपने “स्त्रीधन” की एकमात्र मालकिन है। इसमें विवाह के समय उसके माता-पिता द्वारा दिए गए सोने के आभूषण, भूमि और अन्य सभी सामान शामिल हैं। तलाक के बाद भी महिला के पिता को उसके पूर्व ससुराल वालों से उन उपहारों को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है।
यह मामला पी. वीरभद्र राव नाम के व्यक्ति से जुड़ा है जिनकी बेटी की शादी दिसंबर 1999 में हुई थी और शादी के बाद दंपती अमेरिका चला गया था। 16 साल बाद बेटी ने तलाक के लिए अर्जी दी और फरवरी 2016 में अमेरिका के मिजूरी राज्य की एक अदालत ने आपसी सहमति से तलाक दिलवा दिया। तलाक के समय दोनों पक्षों के बीच एक समझौते के तहत सारी संपत्ति का बंटवारा कर दिया गया था। इसके बाद महिला ने मई 2018 में दोबारा शादी कर ली।
तीन साल बाद पी. वीरभद्र राव ने अपनी बेटी के ससुराल वालों के खिलाफ हैदराबाद में “स्त्रीधन” वापस मांगने के लिए एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई। ससुराल पक्ष ने एफआईआर रद्द करवाने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। न्यायमूर्ति करोल ने अपने फैसले में लिखा, “आम तौर पर स्वीकृत नियम, जिसे न्यायिक रूप से मान्यता दी गई है, वह यह है कि महिला का विवाह के समय निली संपत्ति पर पूर्ण अधिकार होता है।”

“स्त्रीधन” सिर्फ महिला का, पति या पिता का भी हक नहीं: एससी

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में साफ कर दिया, “महिला (पत्नी या पूर्व पत्नी) ही “स्त्रीधन” की एकमात्र मालिक है। अधिकार के संबंध में साफ है। पति के साथ ही पिता का भी उसके स्त्रीधन पर कोई अधिकार नहीं है। अगर बेटी जीवित है, स्वस्थ है तो अपने “स्त्रीधन” की वसूली जैसे निर्णय लेने में वह पूरी तरह सक्षम है।”

क्या है “स्त्रीधन” ?

वैधानिक रूप से “स्त्रीधन” वह संपत्ति है, जिस पर किसी महिला को पूर्ण अधिकार होता है। जिसका इस्तेमाल वह बिना किसी रोक-टोक के कर सकती है। महिला की शादी के समय या उससे पहले या फिर शादी के बाद या बच्चे के जन्म के समय उसे जो कुछ भी उपहार के रूप में मिलता है, चाहे वह आभूषण हो, नकदी हो, जमीन हो, मकान हो, उसे “स्त्रीधन” कहा जाता है। “स्त्रीधन” के दायरे में सिर्फ शादी के समय, बच्चे के जन्म या किसी त्योहार पर महिला को मिले उपहार ही नहीं आते। बल्कि, उसके जीवनकाल में उसे जो कुछ भी उपहार के रूप में मिलता है, वह सब इसके दायरे में आते हैं। इस धन पर सिर्फ और सिर्फ महिला का अधिकार होता है।

शालिनी की प्रेरिक कहानी ने लोगों का जीता दिल

शालिनी की प्रेरिक कहानी ने लोगों का जीता दिल 

कविता गर्ग 
मुंबई। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के ज्ञान-आधारित गेम शो, ‘कौन बनेगा करोड़पति’ सीज़न 16 के ‘इंडिया चैलेंजर वीक’ में दिल्ली की शालिनी शर्मा की प्रेरिक कहानी ने लोगों का दिल जीत लिया। 
“पृथ्वी पर मां के प्यार से अधिक ताकतवर कोई शक्ति नहीं है” और शालिनी शर्मा इस भावना का प्रतीक हैं। शालिनी एक दृढ़संकल्पित महिला हैं, जो अटूट साहस के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करती है, उन्हें अपने छोटे बेटे चिन्मय से ताकत मिलती है। 18 वर्षीय चिन्मय शर्मा जन्म से ही बार-बार दौरे पड़ने और ऑटिज्म जैसी सेहत संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और परमेश्वर पर गहरी आस्था रखने वाली शालिनी ने अपने बेटे की खातिर ली प्रतिज्ञा के कारण नंगे पैर हॉट सीट तक का सफर तय किया है। उनका लक्ष्य पर्याप्त धनराशि जीतना है, जिससे चिन्मय को वह समर्थन और देखभाल मिले जिसका वह हकदार है। शालिनी के जीवन से प्रभावित होकर, मेज़बान अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया, और उन्हें अपने बेटे की मेडिकल रिपोर्ट शेयर करने के लिए कहा ताकि वह उनके बेटे के लिए ज़रूरी इलाज की सुविधा के तरीकों के बारे में पता लगा सकें। 
हॉटसीट तक की अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए, शालिनी शर्मा ने कहा, अभी मेरे मन बहुत सारी भावनाएं चल रही हैं। 16 साल से, मैं केबीसी की समर्पित दर्शक रही हूं और मैंने हमेशा इस शो में आने का सपना देखा है। केबीसी प्ले अलॉन्ग ने मेरे प्यारे चिन्मय और हमारे परिवार को बेहतर भविष्य देने की मेरी उम्मीदों और दृढ़ संकल्प को फिर से जगा दिया। मैं अपने बेटे के इलाज हेतु पर्याप्त धनराशि जीतने के लक्ष्य के साथ यहां आई थी। मेरा मानना ​​है कि एक मां के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने बेटे के लिए वह सब कुछ करूं जो मैं कर सकती हूं और मैं ऐसा करती रहूंगी। केबीसी में आने से मेरे संकल्प को मजबूती मिली है। लेकिन, यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है। यह मेरे 'जिगर के टुकड़ों', मेरे दो लाजवाब बच्चों, चिन्मय और प्रांजल की भी है। मैं एक प्रतिज्ञा के कारण केबीसी में नंगे पैर आई थी, और जब तक मैं दिल्ली लौटकर हमारे मंदिर में दर्शन नहीं कर लेती, तब तक नंगे पैर ही रहूंगी। मैं इस अवसर के लिए बहुत आभारी हूं। मेरे लिए केबीसी भी किसी मंदिर से कम नहीं है। ‘कौन बनेगा करोड़पति' सीज़न 16 का इंडिया चैलेंजर वीक इस शुक्रवार, रात 9 बजे, सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर प्रसारित होगा।

68 लाख परिवारों को ₹450 में मिलेगा सिलेंडर

68 लाख परिवारों को ₹450 में मिलेगा सिलेंडर 

नरेश राघानी 
जयपुर। राज्य सरकार की ओर से नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के जुड़े परिवारों को बड़ी राहत देते हुए अगले महीने से सस्ते रसोई गैस-सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे। 68 लाख परिवारों को 450 रुपए में रसोई गैस-सिलेंडर दिया जाएगा। 
राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से लिए गए एक बड़े फैसले के अंतर्गत नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट एनएफएसए से जुड़े परिवारों को अगले महीने से सस्ते रसोई गैस-सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार ने बजट में बीपीएल और उज्जवला कनेक्शन धारियों के साथ नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट से जुड़े परिवारों को भी 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है। सरकार की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले से अब तकरीबन 68 लाख परिवारों को और फायदा होगा। शुक्रवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक हर परिवार को 1 सितंबर से हर महीने एक गैस सिलेंडर 450 रुपए में दिया जाएगा। 
हालांकि, इन परिवारों को सिलेंडर की घर तक डिलीवरी करने वाले वेंडर को उतने ही पैसे देने पड़ेंगे, जितने एक सामान्य परिवार की ओर से दिए जाते हैं। पैसों के अंतर की राशि सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में लाभार्थी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी।

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...