मंगलवार, 23 जुलाई 2024

'सीएम' योगी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी

'सीएम' योगी ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को प्रस्तुत सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, विकासोन्मुखी आम बजट 2024-25, 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं और अमृतकाल के सभी संकल्पों को सिद्ध करने वाला है।
आम बजट 2024-25 ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण का आर्थिक दस्तावेज है। इसमें अंत्योदय की पावन भावना, विकास की असीम संभावना और नवोन्मेष की नव-दृष्टि है। उन्होंने कहा इस बजट में गांव, गरीब, किसान, महिला, नौजवान समेत समाज के सभी तबकों के समग्र विकास का संकल्प, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दृष्टि और वंचित को वंचना से मुक्त कराने का रोडमैप है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रदान करते हुए प्रत्यक्ष कर प्रणाली के संबंध में नए प्राविधानों की घोषणा स्वागत योग्य है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘नए भारत’ को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और विश्व का ग्रोथ इंजन बनाने का मार्ग प्रशस्त करते इस लोक-कल्याणकारी बजट के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं मा. केंद्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन !

जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है 'बजट'

जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है 'बजट' 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बजट आम जनता के लिए नाउम्मीदी का पुलिंदा है, जिसने लोगों को निराश किया है। उन्होने कहा कि इस सरकार ने दस साल में बेरोजगारी बढ़ायी है। नौजवान पक्की नौकरी चाहता है। यह सरकार आधी अधूरी नौकरी का सपना दिखा रही है। भाजपा सरकार के ग्यारहवें बजट में बेरोजगारी, महंगाई, किसान, महिला, युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है। किसान की आय दोगुनी करने के लिए कोई योजना नही। मंडियों के लिए बजट में कुछ नहीं है। खाने-पीने की चीजों से लेकर सब चीजों की महंगाई आसमान पर है। सरकार महंगाई नहीं कम करना चाहती है। बजट में गरीबों और महिलाओं के विकास के लिए कोई योजना नहीं है। मंडी और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए बिना किसानों को लाभ नहीं मिल सकता है। उन्होने कहा ‘‘ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है। शुक्र है कि इंसान इन हालातों में भी जिंदा है।‘‘ अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्रीय बजट में बिहार और आन्ध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिया गया है। सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार, आन्ध्र प्रदेश को कुछ विशेष योजनाओं से जोड़ा गया। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसान के लिए कुछ बड़े फैसले हुए? भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को एक बार फिर धोखा दिया है। उन्होने केंद्र सरकार से सवाल किया कि जनता ने जब तीसरी बार चुनकर भेजा है तो बजट के माध्यम से पक्की नौकरी के लिए क्या इंतजाम है। क्या हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स के लिए आपके पास कोई एमएसपी देने का इंतजाम है ?

महिला ने थाने में विषैला पदार्थ पिया, हालत गंभीर

महिला ने थाने में विषैला पदार्थ पिया, हालत गंभीर 

संदीप मिश्र 
कासगंज। किसी मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराने पहुंची महिला की जब सुनवाई नहीं हुई, तो उसने आहत होकर थाने के भीतर ही विषैला पदार्थ पी लिया। महिला की हालत बिगड़ते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तत्काल ही पुलिस महिला को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले गई। जहां से महिला को गंभीर हालत के चलते हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। पुलिस अब महिला का जीवन बचने की प्रार्थना कर रही है।  मंगलवार को कासगंज जनपद के थाना सिकंदरपुर वैश्य में एक महिला किसी मामले को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास पहुंची थी। आरोप है, कि पुलिस ने जब उसकी सुनवाई नहीं की तो पुलिस की बेरुखी से आहत होकर उसने विषैले पदार्थ का सेवन कर लिया। कीटनाशक हलक से नीचे जाते ही महिला की हालत बिगड़ गई। महिला के मुंह से झाग निकलते हुए देखकर पुलिस कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। 
पुलिस तत्काल ही महिला को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंची, जहां चिकित्सकों ने महिला की सीरियस कंडीशन को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिवारजनों में बुरी तरह से चीख पुकार मची हुई है और पुलिस ईश्वर से महिला का जीवन बचाने की कामना कर रही है। क्योंकि, यदि महिला की मौत हो जाती है, तो पुलिस पर कार्यवाही की गाज गिरना निश्चित है।

वित्तमंत्री ने मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश किया

वित्तमंत्री ने मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश किया 

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में मोदी सरकार 3.0 का बजट पेश कर चुकी हैं। इस दौरान सरकार ने वेतन भोगियों, पेंशन भोगियों, किसान, महिलाओं, युवा, छात्रों समेत कई वर्गों के लिए बड़े ऐलान किए। सरकार ने इनकम टैक्स के न्यू रिजीम में भी रेट में मामूली बदलाव किए हैं। खास बात है कि यह उनकी तरफ से पेश किया जाने वाला 7वां बजट था। इससे पहले चुनावी साल होने के चलते 1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में खास नीतिगत बदलाव नहीं देखे गए थे। साथ ही मध्यमवर्गीय के लिए खास घोषणाएं सरकार के अंतरिम बजट में शामिल नहीं थीं। हालांकि, अब संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पूर्ण बजट में सरकार टैक्स पेयर्स और महिलाओं के लिए बड़े ऐलान कर सकती है।

खास बात है कि बीती दो सरकारों से परे इस बार NDA यानी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस में जनता दल यूनाइटेड और तेलुगू देशम पार्टी की भी भागीदारी है।  क्योंकि, भारतीय जनता पार्टी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रही थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री को दोनों बड़े दलों की मांगों को भी बजट सत्र के दौरान ध्यान में रखना होगा।

हालांकि, जानकारों का मानना है कि मंगलवार को पेश होने वाले बजट में भारत की आर्थिक नीति में बड़े बदलावों के आसार कम हैं।

6 से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया

6 से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में हुई जनहानि एवं क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले छ: से ज्यादा अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
इसमें पांच जिलों के एडीएम एफआर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है, जबकि तीन एसडीएम से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया। सीएम योगी ने सभी लापरवाह अधिकारियों को दो दिनों में अपना स्पष्टीकरण शासन को सौंपने के निर्देश दिये हैं। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो सीएम योगी सख्त कार्रवाई कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश है कि आपदा से हुई जनहानि का मुआवजा 24 घंटे के अंदर प्रदान किया जाएं।
इन लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर में आपदा से हुई जनहानि का सर्वे पूरा कर 24 घंटे में मुआवजा दिया जा रहा है। वहीं, इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में विभिन्न आपदाओं के दौरान हुई जनहानि और क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इनमें बांदा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर, सुल्तानपुर और मुजफ्फरनगर के एडीएम एफआर क्रमशः संतोष सिंह, उमेश चंद्र निगम, उमा शंकर, एस सुधाकरन और गजेंद्र कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि सौंपी गई है।
इसके साथ ही लापरवाही पर सिद्धार्थनगर की सदर तहसील के एसडीएम ललित कुमार मिश्रा, हाथरस की शादाबाद तहसील के एसडीएम संजय कुमार सिंह और अलीगढ़ की अतरौली तहसील के एसडीएम अनिल कुमार कटियार से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। वहीं बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही पर कानपुर देहात के आपदा विशेषज्ञ अश्विनी कुमार को निलंबित कर दिया है। सभी को दो दिनों के अंदर अपना जवाब शासन को सौंपना होगा।

यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई

यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई 

इकबाल अंसारी 
गाज़ियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट ग्रामीण जोन के मुरादनगर थानाक्षेत्र के कस्बा मेन रोड को बाधित कर अपनी दबंगई का परिचय देते हुए यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। जिसके बाद कस्बा मेन रोड से आने-जाने वाले राहगीर घंटो लंबे जाम में फंसे रहे। लेकिन, व्यापार मंडल के इस दबंग दुकानदार कि दबंगई के सामने खड़े होने कि किसी की हिम्मत नहीं हुई। गनीमत रही कि इस कस्बा मेन रोड से बीमारी से ग्रस्त किसी मरीज की कोई एंबुलेंस नहीं गुजरी अन्यथा इस जाम को लेकर कोई बड़ा खामियाज़ा भी भुगतना पड़ सकता था। दरअसल, यह व्यापार मंडल के कुछ दुकानदारों का आए-दिन का धंधा हो गया हैं। जबकि, जिले के उच्च अधिकारी व्यापार मंडल के पदाधिकारी को आमंत्रित कर बैठक करते रहे हैं तथा उनसे चर्चा करते रहते हैं और उनकी समस्या सुनकर समाधान भी करते रहते हैं। लेकिन, यह क्या” यह तो खुद ही समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। लिहाजा, संबंधित अधिकारी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को हिदायत देते रहते हैं कि कोई भी दुकानदार रोड पर अवैध रूप से अतिक्रमण न करें तथा रास्ता बाधित न करें। लेकिन, यह बड़े-छोटे दुकानदार हैं कि अक्सर अपनी दिल खोलकर मनमानी करते हैं तथा हर-दिन किसी भी समय लोडेड बड़े-छोटे वाहनों को अपनी दुकानों के आगे दबंगई से खड़ा कर अपना समान/ माल उतरते हैं। इनकी तरफ से मेन रोड से आने-जाने वाले राहगीरों को समय से कहीं पहुंचना हो, या फिर वह जल्दी में हो, या फिर उन्हें कोई इमरजेंसी हो, इन्हें” कोई मतलब नहीं, नहीं ही” इन्हें कोई फर्क पड़ता हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई मरीज एंबुलेंस से अस्पताल जा रहा हो, या फिर कहीं आग लग गई हो और फिर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को यहां से गुजना हो, या फिर मासूम बच्चों की स्कूल बस को निकला हो और या फिर पुलिस-प्रशासन के कोई उच्च अधिकारियों को यहां से गुजरना हो, तो” पहले तो उन्हें जाम खुलवाना होगा, फिर वह आगे जा पाएंगे, इतने में क्या कोई” बड़ी घटना भी हो सकती, आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा, यह बड़ा सवाल हैं ?
आपको बता दें, कि मंगलवार दोपहर समय करीब 2 बजे के लगभग कस्बा मेन रोड बैंक ऑफ़ बरोदा के पास स्थित एक व्यापार मंडल के दुकानदार ने अपने इलेक्ट्रॉनिक के सामान कि एक पिकअप गाड़ी (UP-14-JT-9660) अपनी दुकान/गोदाम बंसल इलेक्ट्रॉनिक के सामने सीधी लगवा दी और उसने अपना सामान/माल उतरवाना शुरू कर दिया। इस दौरान कस्बा मेन रोड कि अंदर आने वाले रोड की एक एक्साइड बंद हो गई। जिससे घंटो तक जाम की स्थिति रही, लेकिन” दबंग दुकानदार के सामने किसी ने खड़े होने की कोई हिम्मत नहीं की, राहगीर चुपचाप दुम दबाकर जाम से जूझते रहे। बता दें कि कस्बा मेन रोड पर अक्सर जाम लगने का कारण कुछ व्यापार मंडल के ऐसे दबंग दुकानदार हैं, जो कस्बा मेन रोड पर जाम की स्थिति उत्पन्न करते हैं, जिन्हें कानून, शासन-प्रशासन का कोई डर-खौफ नहीं, और वह यातायात के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं।
गौरतलब हैं कि कस्बा मेन रोड पर अधिकतर दुकानदार अपने बोर्ड-काउंटर और सामान अपनी दुकानों से बाहर रखते हैं। इतना ही नहीं, दिनभर दुकानदार अपनी दुकान के बाहर अपने छोटे-बड़े वाहन आड़े-तिरछे यातायात के नियम विरुद्ध तरीके से खड़े करते हैं। जिससे रास्ता बाधित होता हैं तथा बहुत कम रास्ता बचता हैं, और जब कभी राहगीरों के वहान आड़े-तिरछे वहानों से अड़ जाते हैं, और वह उनसे वहान हटाने के लिए कहते तो दुकानदार पहले तो सुनते नहीं, और फिर जब सुनते हैं तो वह अपनी दबंगई दिखाते हैं तथा लड़ने-भिड़ने पर उतारू हो जाते हैं। जिससे, कोई भी राहगीर इनका सामना नहीं कर पता और दुकानदारों की आदत जू कि तू रहती हैं। ऐसे में पुलिस कमिश्नरेट के उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की आवश्यकता हैं, ताकि राहगीरों को ऐसे दबंग दुकानदारों की दबंगई से निजात मिल सकें तथा इस रोड पर कानून का राज सही से स्थापित रह सकें।

पहली बार पुलिस कमिश्नरेट में धारा-163 लगाई

पहली बार पुलिस कमिश्नरेट में धारा-163 लगाई 

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। नए कानून के तहत धारा-144 की जगह पहली बार पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धारा-163 लगाई गई है। कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि और धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। यह सख्ती कांवड़ यात्रा तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान नियमों को उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा ने बताया कि कावड़ यात्रा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। साथ ही किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ ले जाना, रैली, जुलूस, आंदोलन, सार्वजनिक समारोह पर रोक समेत कई बिंदुओं पर निर्देश जारी किए गए हैं।
नये कानून तहत अगर कोई नियमों की धज्जियां उड़ाते पाया गया, तो उसके ऊपर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। बता दें, कि आईपीसी की धारा-144 अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत प्रभावी है।

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