शुक्रवार, 28 जून 2024

दुनिया का बेहतरीन तेज 'गेंदबाज' है बुमराह

दुनिया का बेहतरीन तेज 'गेंदबाज' है बुमराह 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव क्रिकेट से संन्यास के बाद अब कमेंटेटर की भूमिका में नजर आ रहे हैं और इनके खास अंदाज की वजह से इन्हें खूब पसंद भी किया जाता है। इसके साथ ही कपिल देव समकालीन क्रिकेट के ऊपर टिप्पणियाँ भी करते हैं और जरूरत पड़ने पर खिलाड़ियों की आलोचना करने से भी पीछे नहीं हटते हैं। 
हाल ही में कपिल देव ने एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान भारतीय क्रिकेट से जुड़ा हुआ बड़ा खुलासा किया है और इसके साथ ही टीम इंडिया के एक खिलाड़ी की इन्होंने जमकर तारीफ की है।

कपिल देव ने जसप्रीत बुमराह को बताया सर्वश्रेष्ठ

पूर्व दिग्गज भारतीय कप्तान कपिल देव से जब पत्रकार ने पूछा कि, मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज कौन है, तो इसका इन्होंने बहुत ही बेहतरीन जवाब दिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान कपिल देव ने कहा कि, मौजूदा समय में जसप्रीत बुमराह दुनिया का बेहतरीन तेज गेंदबाज है। कपिल देव ने कहा कि, जसप्रीत बुमराह क्रिकेट के तीनों ही प्रारूपों का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है और वो अकेले ही किसी भी टीम के ऊपर भारी पड़ सकता है।

टी-20 वर्ल्डकप में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं जसप्रीत बुमराह 

टीम इंडिया के बेहतरीन खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह इस समय टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के साथ खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस टूर्नामेंट में ये भारतीय टीम के जीत के प्रमुख सूत्रधार हैं। जसप्रीत बुमराह के ओवरों में बल्लेबाज रन बनाने के लिए तरस जाते हैं और इसी वजह से टीम को हर एक मैच में जीत मिल रही है। जसप्रीत बुमराह ने इस सत्र में अभी तक में खेले गए 7 मैचों की 7 पारियों में 8.5 की बेहतरीन औसत से 13 विकेट अपने नाम किए हैं।

कुछ इस प्रकार से हैं जसप्रीत बुमराह के आंकड़े 

अगर बात करें, टीम इंडिया के बेहतरीन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रदर्शन की तो इनका प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा है। इन्होंने अपने अभी तक के करियर में खेले गए 36 टेस्ट मैचों में 20.69 की औसत से 159 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं, ओडीआई क्रिकेट की बात करें तो इन्होंने 89 मैचों की 88 पारियों में 23.55 की औसत और 4.59 की इकॉनमी रेट से 149 विकेट अपने नाम किए हैं। जबकि टी20 क्रिकेट में इन्होंने 69 मैचों में 17.94 की औसत और 6.30 की इकॉनमी रेट से 87 विकेट अपने नाम किए हैं।

आपस में लड़ते दिखाई दे रहे हैं अजगर व मगरमच्छ

आपस में लड़ते दिखाई दे रहे हैं अजगर व मगरमच्छ

सुनील श्रीवास्तव 
वाशिंगटन डीसी। दुनिया के अगर खतरनाक जीवों की बात होती है, तो सांप और मगरमच्छ सबसे खतरनाक और जानलेवा जीवों में माने जाते हैं। दोनों इतने अप्रत्याशित हैं, कि कब किस पर हमला कर दें, कोई नहीं जानता। किंतु, सोचिए कि तब क्या हो ? जब दोनों ही एक-दूसरे के आमने-सामने आ जाएं।
हाल ही में ऐसा ही हुआ, जब एक वायरल वीडियो में दोनों के बीच जंग छिड़ी दिखी। एक वक्त पर दोनों जीव ही एक दूसरे पर भारी पड़ते नजर आ रहे थे, मगर फिर अजगर ने ऐसी चाल चली, कि उसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।
ट्विटर अकाउंट @AMAZlNGNATURE पर अक्सर हैरान करने वाले वीडियोज पोस्ट किए जाते हैं। हाल ही में एक वीडियो शेयर किया गया। जिसमें अजगर और मगरमच्छ आपस में लड़ते दिखाई दे रहे हैं। दोनों जंगली इलाके में, किसी झील के पास लग रहे हैं. बीच-बीच कैपीबारा जीव को भी दिखाया जा रहा है। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये वीडियो साउथ अमेरिका का है। क्योंकि, कैपीबारा वहीं पाए जाते हैं।

अजगर और मगरमच्छ का वीडियो वायरल

वीडियो की शुरुआत में सबसे पहले एक मगरमच्छ, अजगर पर हमला करता है। वो उसे अपने मुंह में जकड़ लेता है। अजगर भी छटपटाने लगता है, पर फिर वो उस मगरमच्छ को अपने चंगुल में जकड़ता है। दोनों के बीच घमासान जंग छिड़ जाती है। मगरमच्छ तेजी से अपने दांत अजगर के बदन पर गड़ाए हुए है और उसे देखकर लग रहा है कि शायद वो उसे काट खाएगा। मगर, धीरे-धीरे अजगर की पकड़ भी मजबूत होती जाती है और अंत ये होता है कि वो मगरमच्छ को इतनी तेज दबोचता है कि मगरमच्छ की पकड़ ढीली पड़ जाती है और वो सांप को छोड़ देता है। अजगर फिर वहां से चला जाता है। इसके बाद वो अजगर पेड़ पर जाकर चढ़ जाता है।

वीडियो हो रहा है वायरल

इस वीडियो को 57 लाख व्यूज मिल चुके हैं और कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक ने कहा कि मगरमच्छ छोटा था, इसलिए वो ज्यादा बल नहीं लगा पाया। एक ने कहा कि कुछ साल और, फिर वो मगरमच्छ उस अजगर को मारकर खा जाएगा। एक ने कहा कि मुश्किलों में भी ताकत बनाए रखने से जीत होती है।

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए

खाली पेट 'नींबू पानी' पीना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
नींबू वह है, जो हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं। यह खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि नींबू में विटामिन सी, ई, बी-6, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन और फोलेट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
लेकिन अगर इसका सेवन रोज सुबह खाली पेट (खाली पेट) नींबू पानी के रूप में किया जाए तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। आइए जानते हैं, खाली पेट नींबू पानी पीने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ क्या हैं ?

पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है

नींबू पानी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में काफी फायदेमंद साबित होता है। यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पित्त स्राव के उत्पादन में सुधार करता है, जिससे गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

इम्युनिटी बढ़ाता है

नींबू पानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में काफी मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। खाली पेट नींबू पानी पीने से शरीर पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है। जिससे बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।

रक्तचाप को नियंत्रित करता है

खाली पेट नींबू पानी पीने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह साइट्रिक एसिड और विटामिन सी से भरपूर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वजन घटाने में मददगार

खाली पेट नींबू पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और फैट बर्न करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

शरीर को हाइड्रेट रखता है

नींबू पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और डिहाइड्रेशन का कारण नहीं बनता है। यह विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है, जो शरीर को गर्मी और निर्जलीकरण से बचाने में मदद करता है।

त्वचा को स्वस्थ रखता है

नींबू पानी का सेवन करने से त्वचा भी स्वस्थ रहती है। इसमें मौजूद विटामिन सी कोलेजन के निर्माण के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार रखता है।

लीवर को रखेंगे स्वस्थ

नींबू पानी के सेवन से लीवर की सेहत भी बनी रहती है। इससे लीवर साफ रहता है और साथ ही लीवर की ऊर्जा भी बहाल हो जाती है, जिससे यह पूरी रात सक्रिय रहता है।

रोहित की कप्तानी का काफी योगदान रहा: गांगुली

रोहित की कप्तानी का काफी योगदान रहा: गांगुली 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मुकाबले से पहले भारतीय टीम को एक अहम सलाह दी और साथ ही बताया, कि टीम को आईसीसी ट्रॉफी का सूखा समाप्त करने के लिए क्या करने की जरूरत है ?
अपनी कप्तानी में भारत को 2003 वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाले गांगुली ने भारतीय टीम से बेखौफ क्रिकेट खेलने के लिए कहा। उन्होंने साथ ही कहा, कि इस मुकाम तक पहुंचाने में रोहित शर्मा की कप्तानी का काफी योगदान रहा है।

रोहित के लिए खुश हैं गांगुली

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष ने गांगुली ने खुलासा किया, कि विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार नहीं थे। गांगुली ने कहा, मैं रोहित शर्मा के लिए बहुत खुश हूं। यही जीवन का चक्र है कि जो छह महीने पहले मुंबई इंडियंस का कप्तान भी नहीं था अब उसकी अगुआई में भारत विश्व कप के फाइनल में खेलेगा। रोहित दो विश्व कप फाइनल खेले हैं। यहां अब तक टीम का अभियान अजेय रहा है। यह उनकी नेतृत्व के गुणों को दर्शाता है। मुझे उनकी सफलता पर आश्चर्य नहीं है। क्योंकि, वह तब कप्तान बने जब मैं बीसीसीआई अध्यक्ष था। उस समय विराट कोहली कप्तानी नहीं करना चाहते थे। उन्हें कप्तान की जिम्मेदारी लेने के लिए मनाने में बहुत समय लगा क्योंकि वह इसके लिए तैयार नहीं थे। उन्हें कप्तान बनाने में हम सभी को बहुत मेहनत करनी पड़ी और मैं उनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट की प्रगति को देखकर बहुत खुश हूं।

'आईपीएल जीतना अधिक चुनौतीपूर्ण'

गांगुली ने कहा कि कई बार आईपीएल खिताब जीतना बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि यह टूर्नामेंट काफी लंबा चलता है। गांगुली ने कहा, रोहित के नाम पांच आईपीएल खिताब जीतने का रिकॉर्ड है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। आईपीएल जीतना कभी-कभी अधिक कठिन होता है। मुझे गलत मत समझिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आईपीएल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बेहतर है। आपको आईपीएल जीतने के लिए कई मैच जीतने होते हैं। यहां आपको विश्व कप जीतने के लिए आठ-नौ मैच जीतने होंगे। विश्व कप जीतने पर अधिक सम्मान मिलता है और मुझे उम्मीद है कि रोहित ऐसा करेंगे। मुझे नहीं लगता कि वह सात महीने के अंदर विश्व कप के दो फाइनल हारेंगे। अगर वह सात महीने में अपनी कप्तानी में दो फाइनल हार जाते हैं तो वह शायद बारबाडोस महासागर में कूद जाएंगे। उन्होंने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, शानदार बल्लेबाजी की और मुझे उम्मीद है कि यह जारी रहेगा। आशा है कि भारत खिताब के साथ अभियान खत्म करेगा। टीम को बेखौफ होकर खेलना चाहिए।

कोहली के ओपनिंग में उतरने का गांगुली ने किया समर्थन

स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने इस विश्व कप में सलामी बल्लेबाज के तौर प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन गांगुली की मानना है कि उन्हें यह जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा, कोहली को पारी का आगाज करना जारी रखनी चाहिए। उन्होंने सात महीने पहले ही विश्व कप में 700 रन बनाए थे। वह इंसान हैं, कभी-कभी असफल भी होगा। आपको इसे स्वीकार करना होगा। विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ जैसे लोग भारतीय क्रिकेट के लिए संस्थान हैं। तीन-चार मैच उन्हें कमजोर खिलाड़ी नहीं बनाते। आज फाइनल में वह कमाल कर सकते हैं।

यान 'अभ्यास' का 6 बार परीक्षण किया: डीआरडीओ

यान 'अभ्यास' का 6 बार परीक्षण किया: डीआरडीओ 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने मिसाइलों का टारगेट बनने वाले यान 'अभ्यास' का छ: बार लगातार परीक्षण किया। पिछले एक साल में इस यान के 10 डेवलपमेंटल उड़ानें हो चुकी हैं। इन टेस्टिंग में परीक्षण उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों की जांच की गई।
'अभ्यास' को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है। इसका उत्पादन एजेंसियों - हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने किया है। इसे लैपटॉप से उड़ाया जा सकता है। यही वो यान है, जो मिसाइल टेस्टिंग के दौरान उनका टारगेट बनता है।
HEAT-अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में होता है। टेस्ट में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई।
इस विमान के सारे हिस्सों ने तय लक्ष्य हासिल किए। वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत की गई है। यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए HEAT की जरूरतों को पूरा करेगा।
एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर से लॉन्च होता है। यहां से लॉन्चिंग के बाद इसके बूस्टर फिर इसे सबसोनिक गति से उड़ने में मदद करते हैं। इसकी सभी उड़ानें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं। इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया।
अभ्यास 180 मीटर प्रति सेकेंड की गति उड़ान भरता है। यानी एक सेकेंड में इतनी दूरी तय कर लेता है। यह अधिकतम 5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर लेता है। इसकी लगातार उड़ान होती रहती है। ताकि मिसाइलों की टेस्टिंग की जा सके। इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट वारफेयर प्रैक्टिस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जैमर प्लेटफॉर्म, डिकॉय, पोस्ट लॉन्च रिकवरी मोड जैसे मिशन में होता है।

बजट: पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान

बजट: पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान 

कविता गर्ग 
मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले शिंदे सरकार ने राज्य के लोगों के लिए अपना खजाना खोल दिया। डिप्टी सीएम अजीत पवार ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाने का ऐलान किया।
साथ ही महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे। महिलाओं को ये पैसे जुलाई से मिलने लगेंगे।

पेट्रोल-डीजल की कीमत हुई कम

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कहा कि मुंबई में डीजल पर टैक्स 24 प्रतिशत से घटाकर 21 प्रतिशत किया जा रहा है, जिससे डीजल की कीमत में प्रभावी रूप से 2 रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी। वहीं, पेट्रोल पर टैक्स 26 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया, जिससे पेट्रोल के दाम 65 पैसे प्रति लीटर कम हो जाएंगे।

महिलाओं को मिलेंगे 1500 रुपये

डिप्टी सीएम अजित पवार ने मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना की घोषणा की। इस स्कीम के तहत सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। यह योजना जुलाई 2024 से लागू होगी। यानी अगले महीने से लाभार्थियों को 1500 रुपये मिलने शुरू हो जाएंगे। इस योजना का लाभ 21 से 60 साल तक की उम्र की महिलाओं को मिलेगा।

किसानों के लिए भी खोला खजाना

सरकार ने किसानों को कपास और सोयाबीन की फसलों के लिए 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस देने का फैसला किया। 1 जुलाई 2024 के बाद दूध उत्पादक किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर बोनस मिलेंगे। सरकार ने मवेशियों के हमले से होने वाली मौतों पर आर्थिक मदद बढ़ा दी। अब मृतकों के परिजनों को 20 लाख की जगह 25 लाख रुपये मिलेंगे।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराजे देसाई ने कहा कि आज का बजट महाराष्ट्र के सभी वर्गों को न्याय देने वाला बजट है। महिलाओं, किसानों सभी को इस बजट में जगह मिली है। 21-60 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने का निर्णय लिया गया है।

जमीन से टकराया जहाज, 132 पैसेंजर्स मारें गए

जमीन से टकराया जहाज, 132 पैसेंजर्स मारें गए

अखिलेश पांडेय 
मीन्स्क। फ्लाइट ने 124 पैसेंजर्स और 8 क्रू मेंबर्स के साथ उड़ान भरी। लेकिन, लैंडिंग के समय खराब सिग्नल के कारण ATC अधिकारियों से संपर्क टूट गया। मौसम खराब होने की सूचना नहीं मिल पाई।
जब जहाज ने एयरपोर्ट के कंट्रोल एरिया में एंट्री की तो कैप्टन ने ऑटो पायलट ऑन कर दिया, लेकिन वह कुछ ही देर में ऑफ हो गया। कैप्टन ने जहाज को कंट्रोल करने के लिए योक को झटके के साथ खींचा तो वह बाहर निकल गया और जेकस्क्रू फेल हो गया।
जेकस्क्रू फेल होने से इमरजेंसी ब्रेक नहीं लग पाए और जहाज 810 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 19000 फीट की ऊंचाई से पलटियां खाते हुए जमीन पर आ गिरा। जमीन से टकराने के कारण जहाज क्रैश हुआ। आग लगने से टुकड़ों में बंट गया और उसमें सवार सभी 132 पैसेंजर्स मारें गए। हादसा होने का कारण खराब कम्यूनिकेशन, जेकस्क्रू फेल होना और जहाज के डिजाइन में कमी होना माना गया। हादसे को बेलारूस के इतिहास का सबसे घातक विमान हादसा कहा गया।

तेज हवा के दबाव से एक ओर झुक गया जहाज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज से 42 साल पहले 28 जून 1982 को एअरोफ्लोट फ्लाइट 8641 ने सेंट पीटर्सबर्ग एयरपोर्ट से कीव एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी। प्लेन याकोवलेव याक-42 एयरलाइनर था, लेकिन बेलारूस में जहाज हादसे का शिकार हो गया। जहाज में 124 पैसेंजर्स थे, जिनमें 11 बच्चे शामिल थे। कॉकपिट क्रू कैप्टन व्याचेस्लाव निकोलाविच मुसिंस्की, सह-पायलट एलेक्जेंडर सर्गेइविच स्टिगारेव, नेविगेटर ट्रेनी विक्टर इवानोविच केद्रोव और फ्लाइट इंजीनियर निकोलाई सेमेनोविच विनोग्रादोव शामिल थे।
एक पैसेजर के लेट आने के कारण फ्लाइट देरी से टेकऑफ हुई। करीब डेढ़ घंटे के सफर के बाद पायलट ने लगभग 25,500 फीट (7,800 मीटर) की ऊंचाई पर उतरने की परमिशन मांगी, लेकिन ATC अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया। खराब मौसम के कारण तेज हवा के दबाव में जहाज एक ओर झुक गया। कैप्टन ने हादसा होने की आशंका जताते हुए ऑटो पायलट ऑन कर दिया।

कंट्रोल करते समय जेकस्क्रू बाहर निकल गया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हवा का झटका लगने से ऑटो पायलट ऑफ हो गया। पायलटों ने जहाज को कंट्रोल करने की कोशिश में योक को पीछे खींचा, लेकिन यह तेजी से बाहर निकल गया। इससे जहाज 35 डिग्री के कोण पर बाईं ओर लुढ़क गया और 50 डिग्री के एंगल पर पलटियां खाने लगा। इसके बाद जहाज 5,700 मीटर (18,700 फीट) की ऊंचाई से 810 किलोमीटर प्रति घंटे (440 नॉट; 500 मील प्रति घंटे) की स्पीड से जमीन पर आ गिरा।
जहाज का मलबा और सवारियों की लाशें वर्बाविची गांव के बाहरी इलाके में मिलीं, जो जिला नारूलिया से 10 किलोमीटर (6.2 मील) दूर दक्षिण-पूर्व में है। हादसे का कारण जहाज के जेकस्क्रू के फेलियर को माना गया। जेकस्क्रू के डिजाइन पर हस्ताक्षर करने वाले 3 इंजीनियरों को दोषी ठहराया गया। हादसे से सबक लेते हुए कंपनी ने जेकस्क्रू का डिजाइन बदलने तक याक-42 के जहाजों को पैसेंजर सर्विस से हटा लिया।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...