शुक्रवार, 21 जून 2024

शादी से पहले 'मुस्लिम धर्म' अपनाएंगी अभिनेत्री

शादी से पहले 'मुस्लिम धर्म' अपनाएंगी अभिनेत्री 

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने अपनी आगामी शादी से पहले एक बड़ा फैसला लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनाक्षी अपनी शादी से पहले मुस्लिम धर्म अपनाने जा रही हैं और फिर अपने मंगेतर के साथ निकाह करेंगी।

धर्म परिवर्तन का निर्णय

सोनाक्षी सिन्हा के इस निर्णय ने उनके प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस फैसले पर सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, सोनाक्षी ने यह निर्णय अपने प्रेमी और उनकी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए लिया है।

निकाह की तैयारी

सोनाक्षी सिन्हा और उनके मंगेतर की निकाह की तैयारी जोरों पर है‌। परिवार और करीबी दोस्तों के बीच यह आयोजन होने वाला है। बताया जा रहा है कि निकाह की रस्में बहुत ही निजी और पारंपरिक तरीके से संपन्न की जाएंगी।

प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रियाएं

सोनाक्षी सिन्हा के इस फैसले पर प्रशंसकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके साहस और प्रेम के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे व्यक्तिगत मामला मानकर किसी भी प्रकार की टिप्पणी से बच रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े सितारों ने सोनाक्षी के इस फैसले का सम्मान किया है और उन्हें आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सोनाक्षी सिंहा इस नई शुरुआत के साथ अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन को कैसे संतुलित करती हैं ?

आगामी योजनाएं

सोनाक्षी सिन्हा के निकाह के बाद उनके करियर की योजनाएं भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उम्मीद है कि वे अपनी पेशेवर और निजी जीवन को समान रूप से संभालते हुए अपने प्रशंसकों को और भी बेहतरीन फिल्में देंगी। 
इस निर्णय ने निश्चित रूप से सोनाक्षी सिन्हा की ज़िंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है और उनके प्रशंसक उन्हें इस नई यात्रा में समर्थन देने के लिए तत्पर हैं।

भारत ने चीन के नागरिकों को वीजा देना कम किया

भारत ने चीन के नागरिकों को वीजा देना कम किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। गलवान घाटी में 2020 में चीन की नापाक हरकत के बाद भारत ने भी उसे तगड़ा झटका दिया है। भारत सरकार ने चीन के नागरिकों को वीजा देना बेहद कम कर दिया है। शीर्ष अधिकारियों और आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार आर्थिक सुरक्षा पर ध्यान दे रही है।
बता दें कि गलवान में भारतीय और चीनी नागरिकों के बीच हुई झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं चीनी सेना के भी कई जवान मारे गए थे। सीनियर अधिकारियों से पता चला कि 2019 में लगभग दो लाख चीनी नागरिकों को भारत का वीजा दिया गया था। हालांकि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद वीजा देना कम कर दिया गया। 2024 में यह आंकड़ा घटकर केवल दो हजार रह गया। भारत में चीनी निवेश को कम करने के लिए ऐसा किया गया है। बीते 8 महीने में भारत सरकार ने केवल 1500 चीनी नागरिकों को वीजा दिया है। इसमें से 1000 लोग वे हैं जो कि भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की मांग पर भारत आए हैं। वहीं अन्य 1000 वीजा अभी प्रक्रिया में ही हैं। चीन के साथ व्यापार में भी बड़ी कमी देखी गई है। पहले पांच महीने में दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा 38.11 अरब डॉलर रहा है। भारत ने इस साल केवल 8.93 अरब डॉलर का निर्यात चीन को किया है। वहीं जनवरी से मई 2024 के बीच 47 अरब डॉलर का आयात किया गया है। इसके अलावा सरकार कॉर्पोरेट टैक्स को कम करके दर्जनों सेक्टर को उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं चीनी कारोबारियों को वीजा ना मिलने की वजह से भारत में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में नौकरी जाने की भी रिपोर्ट आई थीं। 
14 जून को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में मई 2024 में 9 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया। वहीं भारत ने 29.12 अरब डॉलर का निर्यात इल्केट्रॉनिक्स के फील्ड में भी किया है। 2023 में यह केवल 23.55 अरब डॉलर था। 
गलवान की घटना के बाद भारत ने चीनी निवेशकों की स्क्रीनिंग तेज कर दी है। ऐसे में वीवो जैसी कंपनियों को भी झटका लगा है। यह कंपनी भारत के कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग कर रही थी। वहीं वीवो ने ई़डी की कार्रवाई के बाद कहा था, प्रशासन की कार्रवाई के बाद हम डर गए हैं। हाल ही में की गईं गिरफ्तरियां बताती हैं कि यहां अब हमारे लिए माहौल ठीक नहीं है। हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए कानून का सहारा ले रहे हैं। 
भारत का इस बात पर फोकस है कि ठीक से जांच पड़ताल के बाद ही वीजा जारी किए जाएंगे। असीमित वीजा जारी करने से भारत के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में बाधा पैदा होगा। बता दें कि सीमा पर भी चीन के साथ तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है। कई बार पीएलए के जवान भारत के जवानों को पट्रोलिंग करने से रोकते हैं। कई चरणों की बातचीत के बाद भी अब भी एलएसी विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है। वहीं, समंदर में भी चीन के साथ तनाव बरकरार है। कन्याकुमारी से 1 हजार किलोमीटर की दूरी पर चीन ने युवान वांग 7 बलिस्टिक मिसाइल ट्रैकर शिप को तैनात कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि शी जिनपिंग की सरकार धरती और समंदर दोनों जगह भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है। वहीं भारत आर्थिक मोर्चे पर चीन पर निर्भरता कम करने पर जोर दे रहा है। भारत का फोकस है कि चीनी नागरिकों को वीजा तभी जारी किया जाए, जब यह सुनिश्चित हो जाए कि वे नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे और उनका दायरा सीमित होगा।

15 दिनों में दूसरी बार भारत दौरे पर आई 'पीएम'

15 दिनों में दूसरी बार भारत दौरे पर आई 'पीएम' 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पिछले 15 दिनों के दौरान दूसरी बार भारत दौरे पर आई हैं। नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इससे पहले वह 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आई थीं।
मगर बाद में वह वापस चली गई थी। अब दो हफ्ते के अंदर शेख हसीना के लगातार दूसरे भारत दौरे ने चीन को भी चौंका दिया है। आइये अब आपको बताते हैं कि इतना जल्दी शेख हसीना के दिल्ली आने की वजह क्या है ?
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शेख हसीना अपने 2 दिनों के भारत दौरे पर यहां आई हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी विशेष मुलाकात करेंगी। इस दौरान बांग्लादेशी प्रधानमंत्री उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलेंगी। शेख हसीना के इतना जल्द होने वाले भारत दौरे पर चीन अपनी नजर बनाए हुए है। शेख हसीना और पीएम मोदी के साथ सबसे अहम द्विपक्षीय वार्ता होनी है। वह भारत के साथ अपनी करीबी को लगातार बढ़ा रही हैं और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा कर रही हैं। इससे सिर्फ चीन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान को भी चिंता हो रही होगी।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा

पीएम मोदी और शेख हसीना के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता के दौरान बांग्लादेश की ओर से सीमा पार संपर्क से लेकर तीस्ता जल बंटवारा समझौता, म्यांमार में सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ आर्थिक और व्यापारिक मु्द्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

भारत और चीन को एक साथ साधने का प्रयास

सूत्रों के अनुसार बांग्लादेशी पीएम का जुलाई में चीन भी जाने का कार्यक्रम है। ऐसे में उससे पहले उनके भारत आने पर बीजिंग भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता पर गहरी नजर बनाए हुए है। पीएम शेख हसीना ने भारत के बाद चीन दौरा का कार्यक्रम बनाकर दोनों देशों के साथ अपने रिश्तों में संतुलन बनाने का प्रयास करेंगी।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-245, (वर्ष-11)

पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254

2. शनिवार, जून 22, 2024

3. शक-1945, ज्येष्ठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌। 

4. सूर्योदय प्रातः 06:03, सूर्यास्त: 06:43।

5. न्‍यूनतम तापमान- 39 डी.सै., अधिकतम- 25+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।

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राष्ट्रपति का 66वां जन्मदिन, शुभकामनाएं दी

राष्ट्रपति का 66वां जन्मदिन, शुभकामनाएं दी 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली।। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बृहस्पतिवार को 66वां जन्मदिन मना रही हैं। जन्मदिन पर राष्ट्रपति को देश-विदेश से बधाई संदेश भेजे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनकी अच्छी सेहत और लंबे जीवन की कामना की है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''राष्ट्रपति जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। हमारे राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय सेवा और समर्पण हम सभी को प्रेरित करता है। उनकी बुद्धिमत्ता और गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करने पर जोर एक मजबूत मार्गदर्शक शक्ति है। उनकी जीवन यात्रा करोड़ों लोगों को उम्मीद देती है। भारत उनके अथक प्रयासों और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए हमेशा उनका आभारी रहेगा। उन्हें दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले।''

CM योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके जन्मदिन पर बधाई दी। आदित्यनाथ पर सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा, ''जनसेवा, राष्ट्र सेवा और समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए सतत समर्पित माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! भगवान श्री जगन्नाथ जी से आपके सुदीर्घ व सुयशपूर्ण जीवन और उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना है।''


जानें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संथाली आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इससे पहले वह झारखंड की राज्यपाल थीं। मुर्मू का प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा। गांव के स्कूल से प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद मुर्मू आगे की पढ़ाई के लिए भुवनेश्वर गईं। उन्होंने रमादेवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वे अपने गांव से कॉलेज जाने वाली प्रथम बालिका बनीं।

सऊदी: 600 से अधिक हाजियों की मौत हुईं

सऊदी: 600 से अधिक हाजियों की मौत हुईं 

अखिलेश पांडेय 
रियाद। दुनिया के कई देशों में भयंकर गर्मी से हाहाकर मचा है। सऊदी अरब में गर्मी का बड़ा कहर बरपा। सऊदी में हज अदा करने गए 600 से अधिक हाजियों की मौत हो गई है। मृतक हाजियों में करीब 68 हाजी भारतीय बताए जा रहे हैं।
मक्का में इतनी बड़ी संख्या में गर्मी के कारण हुईं मौतों से हड़कंप मचा है। वहीं, जिन परिवार के हाजियों की मौत हुई है। उन्हें अपनों को खोने का गम ज़रूर है, लेकिन वह इस बात पर सब्र कर रहे हैं कि उनके घर के सदस्यों को मक्का में मौत नसीब हुई है। 
हज इस्लाम के पांच फर्ज यानी कर्तव्यों में से एक है। हर साल दुनियाभर से लाखों मुस्लिम हज पर जाते हैं। इस साल 2024 में करीब 20 लाख लोग हज यात्रा पर सऊदी पहुंचे हैं। लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मक्का में औसत तामपान 52 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। 20 लाख की भीड़ और उस पर 52 डिग्री टेम्परेचर ने हाजियों की ज़िंदगी दुश्वार कर दी। हालांकि हाजियों को गर्मी से बचाने के लिए भारी इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह वॉलिंटियर्स खड़े थे, जो हाजियों पर पानी की फुहारे मार रहे थे। लेकिन हीट वेव पर इन पानी की बौछारें भी बेअसर रहीं और लगातार डेथ टोल बढ़ता रहा। 
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 600 ज्यादा लोगों की मौत हीट वेव के कारण हुई है। सैकड़ों मौतें ऐसी भी हुई हैं, जिनमें कोई पहले से बीमार थे, बुजुर्ग थे। हज के मृतकों में अलग-अलग देशों के नागरिक हैं। सर्वाधिक मौतें मिस्र के लोगों की हुई हैं। हज के दरम्यान मिस्र के करीब 323 हाजियों की मौत हुई है। 
वहीं, बात करें पिछले वर्ष के मृतकों की तो हज यात्रा के दौरान 240 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन इस बार हीट वेव यानी लू ने मृतकों की संख्या बढ़ा दी है। इतनी बड़ी संख्या में गर्मी की वजह से हुई मौतों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे, क्लाइमेंट चेंज और पर्यावरण के मुद़्दे पर लोग बात करने लगे हैं। 
सऊदी अरब के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के अंदर का टेम्परेचर 51.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। एजेंसी के मुताबिक, सऊदी के मीना शहर में हाजी गर्मी से बेहाल थे।
गर्मी से राहत पाने के लिए वे अपने सिर पर पानी डाल रहे थे। वॉलिंटियर्स उन्हें ठंडा रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स और आइसक्रीम दे रहे थे, ताकि किसी तरह से हाजियों को गर्मी से राहत मिलती रहे। हज यात्रा के दौरान की तमाम ऐसी तस्वीरें सामने आती रहीं, जिनमें हाजी गर्मी से बेहाल दिखे। लेकिन सिर पर कफन बांधकर मक्का की रस्म अदा करने पहुंचे हाजी मौत से बेफिक्र होकर कदम बढ़ाते रहे।

आज मनाया जाएगा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस'

आज मनाया जाएगा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' 

सरस्वती उपाध्याय 
योग के मामलें में भारत विश्व गुरु है। भारत ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया है। शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए योग बेहद फायदेमंद है। यह शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांत करने में मदद करता है। भारतीय संस्कृति से जुड़ी ये क्रिया अब विदेशों तक फैल चुकी है। हर साल विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इस दौरान दुनियाभर के लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। इस साल 10वां 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' 21 जून को मनाया जाएगा।

योग दिवस 2024 की थीम

हर योग दिवस अलग अलग थीम के तहत मनाया जाता है। साल 2024 के लिए योग दिवस की थीम - योगा फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी रखी गई है। इस साल योग दिवस के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर में रहेंगे। वो डल झील के किनारे 21 जून को सुबह 6.30 योगाभ्यास करेंगे।

योग दिवस की शुरूआत

भारत से योग का संबंध सालों पुराना है। आप ये भी कहते हैं कि भारतीय संस्कृति और वेदों में योग एक प्रमुख अंग है‌ आज जब पूरी दुनिया योग के अहमियत को समझ रही है, तो इसका श्रेष्य भारत के योगगुरुओं को जाता है। जिनके प्रयास से दुनियाभर में योग पहुंचा है। अब सवाल है कि योग दिवस की शुरूआत कैसे हुई थी ? बता दें कि पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। बता दें कि इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था‌। जिसके बाद पहली बार दुनियाभर में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया था।

योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों ?

अब दूसरा सवाल है कि आखिर हर साल 21 जून के दिन ही क्यों योग दिवस मनाया जाता है। आखिर इस दिन को योग दिवस के लिए चुनने के पीछे की वजह क्या है ? जानकारी के मुताबिक योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने के पीछे एक खास वजह है। दरअसल, 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है, जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया था।

विश्व की सबसे अच्छी व्हिस्की बनीं 'अमृत डिस्टिलरी'

विश्व की सबसे अच्छी व्हिस्की बनीं 'अमृत डिस्टिलरी' अखिलेश पांडेय  लंदन। भारतीय व्हिस्की के लिए एक ऐतिहासिक जीत! लंदन में आयोजित 2024...