चीन ने तरीके नहीं बदले, परिणाम भुगतना होगा
अखिलेश पांडेय
ब्रुसेल्स। नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि चीन यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का समर्थन कर रहा है और अगर चीन ने अपने तरीके नहीं बदले, तो उसे परिणाम भुगतना होगा।
जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि चीन रूस को युद्ध में समर्थन भी कर रहा है और यूरोपीय सहयोगियों के साथ संबंध बनाए रखने की भी कोशिश कर रहा है।
स्टोल्टेनबर्ग ने वाशिंगटन की यात्रा के दौरान बीबीसी से बात करते हुए चीन की पोल खोली। नाटो के प्रमुख ने कहा कि चीन जो कर रहा है वह लंबे समय तक काम नहीं कर सकता। उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध को समाप्त करने की कोई इच्छा नहीं जताई है।
रूस के प्रति चीन के समर्थन के बारे में नाटो सदस्यों के संभावित कदमों के बारे में बात करते हुए स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि संभावित प्रतिबंधों के बारे में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि चीन रूस के साथ बहुत सारी तकनीकें साझा कर रहा है। वह माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने में रूस का सहयोग कर रहा है, जो मिसाइलें, हथियार बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन हथियारों का उपयोग रूस यूक्रेन के खिलाफ करता है। उन्होंने कहा कि अगर चीन अपना व्यवहार नहीं बदलता है, तो हमें किसी प्रकार की आर्थिक लागत पर विचार करना चाहिए। हालांकि रूस के समर्थन के कारण बीजिंग पहले से ही कुछ प्रतिबंधों के अधीन है। पिछले महीने, अमेरिका ने प्रतिबंधों की घोषणा की थी जो चीन और हांगकांग में स्थित लगभग 20 फर्मों लागू थे।
दूसरी तरफ चीन ने मॉस्को के साथ अपने व्यापार का बचाव करते हुए कहा है कि वह घातक हथियार नहीं बेच रहा है और कानूनों और नियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को संभालता है।
नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग की ये टिप्पणी हाल ही में स्विट्जरलैंड में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन के बाद आई है। इसमें दर्जनों देशों ने कीव का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन रूस ने इसे समय की बर्बादी बताया और कहा कि वह शांति वार्ता के लिए तभी सहमत होगा, जब यूक्रेन अनिवार्य रूप से आत्मसमर्पण करेगा।