मंगलवार, 11 जून 2024

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस'

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है 'गन्ने का रस' 

सरस्वती उपाध्याय 
चिलचिलाती गर्मी के मौसम में सभी को ठंडा रहने के लिए शरीर को ठंडक देने वाले पेय पदार्थो का सेवन करना बेहद जरुरी होता है। ऐसे में सबकी पहली पसंद रहता है गन्ने का रस। गर्मी के मौसम में गन्ने का रस पीना न केवल ताजगी-भरा होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है।
गन्ने का रस एक प्राकृतिक और पौष्टिक पेय है, जो गर्मियों में ताजगी और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, इसे संतुलित मात्रा में और स्वच्छता का ध्यान रखते हुए ही सेवन करना चाहिए। गन्ने के रस के नियमित सेवन से आप गर्मियों के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल के जरिए गन्ने के रस के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में बताएंगे...!

ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत

गन्ने का रस प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होता है जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसे पीने से थकान और कमजोरी से तुरंत राहत मिलती है, जो गर्मियों में अत्यधिक पसीने के कारण होती है। गर्मी के दिनों में यह शरीर को ताजगी और शक्ति प्रदान करता है।

हाइड्रेशन बनाए रखना

गर्मियों में शरीर से अधिक पसीना निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। गन्ने का रस पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

पाचन में सुधार

गन्ने का रस पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले पोटैशियम और एंजाइम्स पेट की जलन और कब्ज को कम करने में सहायक होते हैं। गन्ने का रस कब्ज से राहत दिलाता है। इसमें मौजूद पोटेशियम पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है।
 
त्वचा के लिए फायदेमंद

गन्ने का रस एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं। यह त्वचा की समस्याओं जैसे कि एक्ने और त्वचा की सूजन को कम करने में भी सहायक होता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और मुंहासों को कम करता है। इसमें मौजूद अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) त्वचा को निखारता है।

इम्यूनिटी को बढ़ावा

गन्ने का रस विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। यह सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से बचाव में मदद करता है।

गुर्दे की सेहत के लिए लाभकारी

गन्ने का रस मूत्रवर्धक गुणों से भरपूर होता है, जो गुर्दे को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह गुर्दे में पथरी बनने की संभावना को भी कम करता है।
 
वजन नियंत्रण

गन्ने का रस कम कैलोरी वाला होता है और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसे पीने से भूख कम लगती है और यह वजन नियंत्रण में सहायक होता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भूख को नियंत्रित करता है और अधिक खाने से बचाता है।

हृदय स्वास्थ्य

गन्ने का रस पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। गन्ने का रस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करता है। इसमें पोटेशियम होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
 
डायबिटीज के लिए लाभकारी

हालांकि गन्ने का रस मीठा होता है, लेकिन यह प्राकृतिक शर्करा से युक्त होता है जो धीरे-धीरे अवशोषित होती है और ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

 
हड्डियों को मजबूत बनाता है

गन्ने के रस में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और आयरन होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा गन्ने का रस लिवर को साफ करने में मदद करता है और जॉन्डिस जैसे लिवर संबंधित रोगों में फायदेमंद होता है।

इन बातों का रखे ख्याल

गन्ने का रस पीते समय यह ध्यान रखें कि इसे ताजा ही पिएं और ज्यादा समय तक खुला न रखें क्योंकि यह जल्दी खराब हो सकता है। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि गन्ने का रस साफ-सुथरे और हाइजेनिक तरीके से तैयार किया गया हो।

पीएम ने संविधान को माथे से लगाया, कसा तंज

पीएम ने संविधान को माथे से लगाया, कसा तंज 

संदीप मिश्र 
रायबरेली/अमेठी। रायबरेली और अमेठी में मिली शानदार जीत के बाद वहां की जनता और कार्यकर्ताओं का आभार जताने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए संविधान को माथे से लगाने पर तंज कसा।
राहुल गांधी ने कहा कि आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री ने किस तरह से संविधान को माथे लगाया है। यह उनसे आपने करवाया है। देश के प्रधानमंत्री को आपने मैसेज भेजा है कि आपने (पीएम मोदी) अगर संविधान को छूआ तो देखना हम आपके साथ क्या करते हैं। 
प्रियंका गांधी के साथ रायबरेली पहुंचे राहुल गाधी ने कहा कि पहले नरेंद्र मोदी कह रहे थे कि मैं नहीं हूं। भगवान मुझे आर्डर देते हैं। वह कहते थे कि मैं काम नहीं करता हूं, भगवान मुझे आर्डर देते हैं। राहुल ने कहा कि पता नहीं उनके कैसे भगवान हैं। 24 घंटे अडानी-अंबानी का काम करवाते हैं। राहुल ने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से संविधान को माथे लगाया है। यह उनसे आपने करवाया है। देश के प्रधानमंत्री को आपने मैसेज भेजा है कि आपने अगर संविधान को छूआ तो देखना हम आपके साथ क्या करते हैं ?
राहुल गांधी उस दिन की चर्चा कर रहे थे जब पीएम मोदी जीत के बाद पहली बार एनडीए की बैठक में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले वहां रखे संविधान को उठाकर अपने माथे से लगाया था। राहुल गांधी ने कहा कि यह भी मत सोचिए कि काम खत्म हो गया है। अभी काम शुरू हुआ है। हिन्दुस्तान ने मैसेज भेजा है कि हमें नरेंद्र मोदी जी का काम अच्छा नहीं लगता है। हम हिंसा और नफरत नहीं चाहते हैं। हमें मुहब्बत की दुकान चाहिए। लोगों ने संदेश दिया है कि हमें नया विजन चाहिए। 
राहुल ने कहा कि अगर नया विजन देना है तो उत्तर प्रदेश से ही देना होगा। यूपी ने मैसेज दिया है कि इंडिया गठबंधन, सपा कांग्रेस को हम चाहते हैं। देश में भी हम इंडिया को चाहते हैं और यूपी में भी चाहते हैं। कहा कि हमें सबसे पहला काम यही करना है कि जहां भी यह नफरत फैलाते हैं वहा हमें मुहब्बत की दुकान खोलनी है।

गिरावट: 76,376.45 अंक पर आया 'सेंसेक्स'

गिरावट: 76,376.45 अंक पर आया 'सेंसेक्स' 

कविता गर्ग 
मुंबई। घरेलू बाजारों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सोमवार को शुरुआती कारोबार में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे। बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 113.63 अंक गिरकर 76,376.45 अंक पर आ गया।
एनएसई निफ्टी 29.6 अंक फिसलकर 23,229.60 अंक पर रहा। बाद में दोनों सूचकांकों में भारी उतार-चढ़ाव रहा और वे उच्च व निम्न स्तर के बीच कारोबार कर रहे थे। सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से जेएसडब्ल्यू स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।

इन शेयरों में तेजी आई

लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील और टाइटन के शेयरों में तेजी आई। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की फायदे में रहे, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग तथा चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहा। अमेरिकी बाजार सोमवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.44 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में सोमवार को लिवाल रहे और शुद्ध रूप से 2,572.38 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर खरीदे थे।

आज मनाया जाएगा 'विश्व बाल श्रम निषेध' दिवस

आज मनाया जाएगा 'विश्व बाल श्रम निषेध' दिवस

सरस्वती उपाध्याय 
पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 12 जून को 'विश्व बाल श्रम निषेध' दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने की थी, जिसका मकसद बाल श्रम को रोकना था। मालूम हो कि इसको मनाने के पीछे एक खास वजह यह थी कि बच्चों को मजदूरी न कराकर उनको स्कूलों की ओर शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके।

क्यों मनाया जाता है विश्व बाल श्रम निषेध दिवस ?

मालूम हो कि बाल श्रम लगातार एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, जिसके कारण बच्चों का बचपन गर्त में जा रहा है और उनको अपना अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यह दिवस बाल श्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इसको पूरी तरह से समाप्त करने के लिए व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन एवं सरकारी संगठनों को प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।

इस बार की क्या है थीम ?

इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का थीम "सभी के लिए सामाजिक न्याय, बाल श्रम का खात्मा है। मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र ने बाल श्रम पर कहा है कि पिछले तीन दशकों के इस समस्या से निपटने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यूएन के मुताबिक, अगर मूल कारणों को दूर कर दिया जाए तो बाल श्रम को खत्म किया जा सकता है।

हर दस बच्चे में से एक बच्चे करते हैं बाल श्रम

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, पिछले दो दशकों से पूरी दुनिया में बाल श्रम को कम करने के लिए लगातार पहल की जा रही है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान संघर्षों, संकटों और कोरोना महामारी ने विश्व में कई परिवारों को गरीबी में धकेल दिया है, जिसके कारण लाखों बच्चों को बाल श्रम के लिए मजबूर होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज के समय विश्व के कई देशों में करीब 160 मिलियन बच्चे बाल श्रम में लगे हुए हैं, जो दुनिया में मौजूद हर दस बच्चें में से एक है।

हर साल होती है अलग थीम

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने बाल श्रम को खत्म करने के लिए और जरूरी कार्रवाई करने के लिए साल 2002 में बाल श्रम के खिलाफ 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' की शुरुआत की थी। हालांकि, हर साल इस मौके पर अलग-अलग प्रकार से थीम रखी जाती है। थीम के माध्यम से व्यक्ति, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का क्या है महत्व ?

मालूम हो कि बाल श्रम का प्रमुख कारण गरीबी है, जिसके कारण बच्चों को पढ़ाई छोड़कर मजबूरी में मजदूरी चुनना पड़ता है। हालांकि, कई बच्चों को अपराध रैकेट द्वारा बाल श्रम के लिए मजबूर किया जाता है। इस दिवस को मनाने का विशेष महत्व बच्चों के अधिकारों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है ताकि बाल श्रम को रोका जा सके।

जयशंकर ने नए विदेश मंत्री के तौर पर पद संभाला

जयशंकर ने नए विदेश मंत्री के तौर पर पद संभाला

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। डॉ. एस जयशंकर एक बार फिर से विदेश मंत्री के तौर पर देश को अपनी सेवाएं देने वाले हैं। मंगलवार (11 जून) सुबह जयशंकर ने विदेश मंत्रालय पहुंचकर देश के नए विदेश मंत्री के तौर पर अपना पद संभाला।
इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान-चीन पर ऐसा कुछ कहा, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
विदेश मंत्री से पीओके को लेकर सवाल किया गया था, जिस पर उन्होंने कहा, "कृपया मेरे मुंह में शब्द न डालें।" जयशंकर ने कहा कि भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है। अब दुनिया भारत को एक दोस्त के तौर पर देख रही है, जो संकट की घड़ी में उनके साथ रहता है। उन्होंने नवाज शरीफ के बधाई संदेश को लेकर बात करते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 'एक्स' पर रिप्लाई दे दिया गया है।
पाकिस्तान और चीन के साथ अगले पांच साल के रिश्तों पर बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम विवादों को सुलझाने पर काम करेंगे। उन्होंने कहा, "किसी देश में खासतौर पर किसी लोकतंत्र में ये बहुत बड़ी बात होती है, जब लगातार तीन बार किसी सरकार को चुना जाता है। इस वजह से दुनिया को जरूर महसूस होगा कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान ढूंढना चाहेंगे।"

विदेश मंत्रालय की कमान मिलने पर क्या बोले जयशंकर ?

एस जयशंकर ने विदेश मंत्रालय फिर से मिलने पर कहा, "एक बार फिर विदेश मंत्रालय का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जाना बेहद सम्मान की बात है। पिछले कार्यकाल में इस मंत्रालय ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। हमने जी-20 की अध्यक्षता की हमने वैक्सीन मैत्री आपूर्ति सहित कोविड की चुनौतियों का सामना किया। हम ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी जैसे महत्वपूर्ण अभियानों के केंद्र भी थे।"
उन्होंने कहा, "पिछले एक दशक में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह मंत्रालय बेहद जन-केंद्रित मंत्रालय बन गया है। आप इसे हमारी बेहतर पासपोर्ट सेवाओं, सामुदायिक कल्याण निधि सहायता के संदर्भ में देख सकते हैं, जो हम विदेशों में भारतीयों को देते हैं।" जयशंकर ने कहा, "साथ मिलकर हम भारत को विश्व बंधु के तौर पर स्थापित करेंगे। हम एक ऐसे देश के रूप में स्थापित होंगे, जिस पर लोग भरोसा करते हैं।"

यूएनएससी की स्थायी सदस्यता पर क्या कहा ?

अगले पांच साल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सीट मिलने को लेकर भी जयशंकर ने बात की। उन्होंने कहा, "इसके अलग-अलग पहलू हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। हमारे लिए, भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि अन्य देश क्या सोचते हैं, इसके संदर्भ में भी।"
विदेश मंत्री ने कहा, "उन्हें लगता है कि भारत वास्तव में उनका मित्र है और उन्होंने देखा है कि संकट के समय में, अगर कोई एक देश है, जो ग्लोबल साउथ के साथ खड़ा है, तो वह भारत है। उन्होंने देखा है कि जब हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया और हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमें भी विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान निश्चित रूप से बढ़ेगी।"

पर्यटकों की संख्या की गणना करने का कार्य शुरू

पर्यटकों की संख्या की गणना करने का कार्य शुरू

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश धीरे-धीरे टूरिज्म हब बनता जा रहा है। पर्यटन मनचित्र पर यूपी साल दर साल रिकॉर्ड बना रहा है। ऐसे में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग की तरफ से पर्यटकों की संख्या की गणना करने का कार्य शुरू कर दिया है। जिससे पर्यटक स्थलों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार किया जा सकें। इसका फायदा पर्यटन स्थल और होटल इंडस्ट्री दोनों को होगा। कुंभ नगरी प्रयागराज को भी इसमें शामिल किया गया है। 

पहली बार पर्यटकों की संख्या का सर्वे शुरू

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और उप्र सरकार के संयुक्त तत्वाधान में पहली बार यूपी के प्रत्येक जिले में स्थित महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या का वास्तविक आकलन करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे की जिम्मेदारी नई दिल्ली की संस्था ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट को सौंपी गई है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता के मुताबिक सर्वे का काम दो चरणों में कराया जा रहा है। पहले चरण का सर्वे एक जून से 30 जून तक चलेगा। वहीं दूसरे चरण का सर्वे एक साल तक चलेगा, जो एक अगस्त 2024 से शुरू होकर 31 जुलाई 2025 तक चलेगा। इसमें पर्यटन विभाग उ०प्र० एवं नियोजन विभाग के द्वारा उत्तर प्रदेश में पहली बार पर्यटन उद्योग, होटल्स, रेस्टोरेन्ट, धर्मशाला, लॉज, गेस्ट हाउस, होम स्टे, पेइंग गेस्ट एवं ढाबें इत्यादि का सकल राज्य घरेलू उत्पाद  में योगदान की जानकारी के लिए वृहद् सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इसमें  जनपद के समस्त महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल (टिकटेड एवं नॉन-टिकटेड), एक्जिट प्वांइट (रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हवाई अड्डा) एवं होटल्स, रेस्टोरेन्ट, धर्मशाला, लॉज, आदि विश्राम स्थलों में आने वाले घरेलू पर्यटक एवं विदेशी पर्यटकों की सांख्यिकी की गणना की जा रही हैं।

प्रयागराज में दस पर्यटन स्थल चिन्हित

यूपी में हो रहे इस सर्वे में प्रदेश के सभी 75 जिलों के स्थलों को शामिल किया गया है जिसमें कुंभ नगरी प्रयागराज भी शामिल है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि जनपद के दस पर्यटन स्थलों को इसके लिए चुना गया है। सर्वे का कार्य एक जून से शुरू हो चुका है। सर्वे के कार्य के लिए एक सुपरवाइज़र सहित दस सर्वेयरों लगाया गया है। चयनित स्थलों में ललिता देवी मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर,  कल्याणी देवी मंदिर, नागवासुकि मंदिर,  लेटे हुए हनुमानजी का मंदिर, सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन, शंकर विमान मंडपम, मनकामेश्वर मंदिर, चंद्रशेखर आजाद पार्क व आनंद भवन शामिल हैं।

तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दी गई

तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दी गई

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में कुल 41 प्रस्ताव रखे गए हैं। बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है।
निजी विश्वविद्यालय को प्रमोट करना और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय को मंजूरी।
विवि के नाम से राज्य हटा कर नाम छोटा कर दिया गया है। मुरादाबाद विवि का नाम गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय किया गया है।
बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय खोले जाएंगे। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में तैयारियों के मद्देनजर 2019 की तुलना में 2025 में 3200 हेक्टेयर की तुलना में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नालॉजी बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार हर साल 10 करोड़ रुपये देगी। इस तरह पांच साल में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। शेष मदद केंद्र से आएगी। नई तबादला नीति के तहत प्रदेश में समूह क ख ग घ के सभी कार्मिकों के ट्रांसफर 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कार्मिक हटाए जाएंगे। पिक एंड चूज की व्यवस्था खत्म होगी। जो ज्यादा पुराना होगा, वह पहले हटेगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कार्मिकों के तबादले होंगे।

'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित

'जिला स्तरीय सतर्कता समिति' की बैठक आयोजित  खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जनपद स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक संपन्न सुब...