'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन
संदीप मिश्र
जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है। छाती और पेट में चार गोलियां लगने से बुरी तरह जख्मी हुए पत्रकार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर पुलिस पत्रकार को सुरक्षा दे देती तो वह शायद आज जिंदा होते। उधर घटना के विरोध में पब्लिक ने रास्ता जाम करते हुए पुलिस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है।
सोमवार को शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद के रहने वाले पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव रोजाना की तरह सवेरे के समय नाश्ता करने के बाद बाइक पर सवार होकर अपने घर से निकले थे। अभी पत्रकार घर से निकलकर बामुश्किल 500 मीटर दूर ही चला था कि इसी दौरान बाइक पर सवार होकर पहुंचे दो बदमाशों ने घेराबंदी करते हुए पत्रकार पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। हमलावरों के हथियार से निकली गोलियां पत्रकार के सीने एवं पेट में जाकर घुसी। गोली चलने की आवाज सुनते ही आसपास के इलाके में दहशत पसर गई। जब तक आसपास के लोग दौड़ धूप करते हुए मौके पर पहुंचते, उससे पहले ही हमलावर वहां से फरार हो गए।
आसपास के लोग आशुतोष को आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टर द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। घटना के विरोध में पब्लिक ने रास्ता जाम करते हुए पुलिस की कार्य शैली को लेकर अपना रोष जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक पत्रकार के परिजनों एवं अन्य लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। आशुतोष के छोटे भाई पत्नी की पत्नी डोली श्रीवास्तव के मुताबिक 10 दिन पहले की कोतवाली पुलिस द्वारा आशुतोष को थाने बुलाकर कहा गया था कि आप घर से ना निकालिए और घर में ही रहिए, आपकी जान को खतरा है। क्योंकि दो शूटर आपको मारना चाहते हैं। इस पर जब आशुतोष ने पुलिस से सुरक्षा मांगी तो पुलिस ने उनकी डिमांड की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा यह रहा है कि हमलावरों ने आज आशुतोष को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया है। पुलिस ने फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।