छात्रों के उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन के लिए पहल की
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। संगम नगरी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्रों के उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने शनिवार को अनूठी पहल की। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और दूसरे पुलिस अफसरों ने पुलिस लाइंस सभागार में प्रतियोगी छात्रों के साथ संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के जरिए पुलिस अफसरों ने जहां प्रतियोगी छात्रों को सफलता हासिल करने के टिप्स दिए, वहीं उनका मनोबल बढ़ाने का भी काम किया। अफसरों ने प्रतियोगी छात्रों को एकाग्र होकर, बेहतर प्लानिंग और टाइम मैनेजमेंट के जरिए कामयाबी पाने का गुरुमंत्र दिया। इसके अलावा उन्हें तनावमुक्त रहते हुए अपने लक्ष्य पर फोकस करने की नसीहत दी। पुलिस कमिश्नर समेत दूसरे पुलिस अफसरों ने प्रतियोगी छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। अफसरों ने छात्रों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए और उन्हें बताया कि लक्ष्य तक पहुंचने में तमाम बाधाएं भी आती हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर हताश और निराश होकर लक्ष्य के लिए अडिग रहने वाले को ही कामयाबी मिलती है। अफसरों ने छात्रों का न सिर्फ मार्गदर्शन कर उनकी हौसला अफजाई की, बल्कि मित्र पुलिस की सोशल पुलिसिंग की परिकल्पना को भी साकार किया। पुलिस अफसरों के अनुभव और टिप्स पाकर प्रतियोगी छात्र काफी खुश नजर आए और उन्होंने पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया कि इस तरह का संवाद कार्यक्रम आगे भी जारी रहना चाहिए।
पुलिस लाइन प्रयागराज में आयोजित छात्रों के साथ इस विशेष कार्यक्रम के तहत पुलिस आयुक्त से लेकर जिले में आये हुए नवागंतुक आईपीएस अफसरों तक ने छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत किया। सीपी शर्मा क्लासेज में विभिन्न विषयों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों ने यूपीएससी और यूपीपीएससी की परीक्षा से जुड़े सवाल पूँछे जिनका जवाब पुलिस आयुक्त से लेकर डीसीपी औऱ एसीपी तक विस्तार से छात्रों को समझाया। छात्रों के साथ सवाल जवाब में पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, डीसीपी नगर दीपक भूकर, श्रद्धा पांडेय, डीसीपी यमुनानगर अभिनव त्यागी, अनंत व एसीपी श्वेताभ पांडेय शामिल रहे।
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि हर छात्र के अंदर कुछ न कुछ विशेषता जरुर होती है और उनकी कुछ कमजोरी भी होती है जिसे जानने की जरूरत हर छात्रों को है। जब छात्र ये जान लेंगे कि उनके अंदर क्या विशेषता है और क्या कमी तो उनकी पढ़ाई की राह आसान हो जाएगी। यूपीएससी की परीक्षा देने से पहले छात्रों को परीक्षा का सिलेबस जरूर अच्छे से पढ़ना चाहिए। जिससे उन्हें पता चल जाएगा कि उन्हें क्या और कितना पढ़ना है इससे उनकी तैयारी बेहतर होगी। इसी के साथ पुलिस आयुक्त ने छात्रों को यह भी बताया कि सफलता के लिए कोचिंग जाना जरूरी नहीं है औऱ खुद उन्होंने बिना कोई कोचिंग किये यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। इसके साथ ही उन्होने छात्रो को बताया कि यूपीएससी और यूपीपीएससी ही हर छात्र की मंजिल नहीं होती है सभी छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार क्षेत्र चुनना चाहिए क्योंकि आपकी जिस क्षेत्र में रुचि होगी उसी क्षेत्र में आप कार्य करने जाएंगे तो सफलता मिलने की उम्मीद ज्यादा रहती है।
इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों को सफलता के टिप्स बताने के साथ ही उन्हें असफलता से घबराने की जगह उससे भी कुछ सीखने की नसीहत दी गई।
सवाल जवाब के दौरान डीसीपी सिटी आईपीएस दीपक भूकर ने छात्रों को बताया कि असफलता से कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलता है और उसे दूर करके सफलता हासिल करने का रास्ता बनता है। इसलिए असफलता से घबराने की जगह उससे भी हर बार कुछ न कुछ सीखने का प्रयास करें जिससे सफलता जरूर मिलेगी। इंग्लिश मैथ जीएस रीजनिंग पर अच्छी पकड़ बनाकर सफलता मिल सकती है जिसके लिए प्रैक्टिस ज्यादा करनी चाहिए और समय का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अब परीक्षा में ज्यादा समय नहीं मिलता है इस लिए परीक्षा देने के साथ ही परीक्षा के दौरान मिलने वाले टाइम को भी मैनेज करके सफलता हासिल की जा सकती है।
एएसपी पुष्कर वर्मा ने छात्रों के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि सफलता के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है। क्योंकि सेल्फ स्टडी से कोर्स को पूरा करने के साथ ही उसे समझने में भी आसानी होती है।
डीसीपी श्रद्धा पांडेय आईपीएस ने छात्रों को बताया कि किसी भी परीक्षा या कोर्स का पूरा सिलेबस पूरा करना सभी के लिए संभव नहीं होता है लेकिन आप जितना पढ़ पा रहे हैं उसको इस तरह से पढ़िए की जितना आपने पढ़ा है वो पूरा होना चाहिए थोड़ा थोड़ा सब कुछ पढ़ने से बेहतर होता है कि आप जितना पढ़े जितना स्टडी मैटेरियल तैयार करें उस पर आपकी पकड़ पूरी होनी चाहिए। किसी भी छात्र को पढ़ाई का प्रेशर नहीं लेना चाहिए बल्कि प्रतियोगी परीक्षा की पढ़ाई करते समय कहीं आप असफल होते हैं तो उसको छोड़कर दूसरी परीक्षा की तैयारी करिए क्योंकि आप पढ़ाई कर रहे हैं तो आपकी मंजिल आपका इंतजार कर रही है बस आपको वहां तक पहुँचने भर की देर है। जो भी छात्र मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं सफलता उन्हें जरूर मिलती है।
डीसीपी यमुना नगर आईपीएस अभिनव त्यागी ने छात्रों के साथ संवाद के दौरान उन्हें कभी निराश और हताश न होने की नसीहत दी.साथ ही छात्रों को बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ ही उन्हें अपने अंदर आत्म विस्वास बनाए रखना चाहिए। किसी भी एक परीक्षा में असफल होने पर प्रतियोगी छात्रों का सफर समाप्त नहीं होता है। जिस किसी परीक्षा में छात्र का चयन न हो उसे अपनी कमियों का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और उसे सुधारकर फिर से नयी मंजिल हासिल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी। क्योंकि असफलता के बाद मिली सफलता अनमोल होती है।
इससे पहले केंद्र सरकार की पहल पर स्टूडेंट पुलिस एक्सपीरिएंसल लर्निंग योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रयाग राज पुलिस ने शुरुआत की थी। जिसके तहत 5 दिसम्बर को पुलिस लाइंस में पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक हुई थी। उस बैठक में डीसीपी मुख्यालय श्रद्धा पांडेय के साथ डीसीपी यमुना नगर अभिनव त्यागी के अलावा एसीपी और थानेदार मौजूद थे। उस दिन पुलिस आयुक्त ने सभी पुलिस वालों को निर्देश दिया था कि एक महीने तक उनके साथ मौजूद छात्र छात्राओं को पुलिस के कार्यप्रणाली और कार्यशैली के बारे से अवगत कराया जाए। जिसके तहत एक महीने तक छात्रों को पुलिस की कार्यशैली और कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया गया। एक महीने के कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राएं शहर के 7 थानों में गए और वहां पर किये जा रहे कार्यों को देखा सुना और पुलिस वालों के बीच रहकर जाना था।