मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

भर्ती: आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का आदेश

भर्ती: आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का आदेश

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर होने वाली सीधी भर्ती में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का आदेश दिया है। अभ्यर्थियों द्वारा आयु सीमा में छूट की मांग का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि आयु सीमा में छूट देने के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
दरअसल, सिपाही भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आयु सीमा को लेकर असंतोष पनप रहा था। अभ्यर्थियों की मांग पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त समेत कई विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने भी आयु सीमा में छूट देने की मांग की थी। वहीं, हाईकोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दायर कर दी गयी। सबसे ज्यादा नाराजगी सामान्य वर्ग की आयु सीमा को लेकर पनप रही थी। दरअसल, पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा 18 से 22 वर्ष निर्धारित की गयी है। पुलिस में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं की दलील थी कि वर्ष 2018 के पांच साल बाद करीब 60 हजार पदों पर भर्ती होने जा रही है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सामान्य वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जिनकी 18 वर्ष से अधिक हो, लेकिन 25 वर्ष पूरी न हुई हो, आवेदन कर सकेंगे। इसी तरह 28 वर्ष से कम उम्र की महिलाएं और 30 वर्ष से कम उम्र के अन्य वर्गों के अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
अभ्यर्थियों की दलील थी कि भर्तियों में पांच साल का विलंब होने से तमाम युवाओं की आयु सीमा इससे अधिक हो चुकी है। इससे उनको पुलिस में भर्ती होने का मौका नहीं मिल सकेगा। बता दें कि वर्ष 2018 में सिपाही के कुल 49,568 पदों पर भर्ती हुई थी। इनमें नागरिक पुलिस के 31,360 और पीएसी के 18,208 के पद शामिल थे।
युवाओं के हितों एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में यूपी पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए उच्चतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया गया है।

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा

2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से देश में हरित ऊर्जा पर जोर के बीच अगले साल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 16.5 अरब डॉलर का निवेश होने का अनुमान है। यह मौजूदा वर्ष की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक है। बिजली मंत्रालय ने यह अनुमान जताया है।
यह 2030 तक 500 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और कोयला समेत जीवाश्म ईंधन से कुल बिजली उत्पादन क्षमता को 50 प्रतिशत से कम करने के संकल्प के अनुरूप है। देश ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कई मौकों पर कहा है कि 2030 तक 65 प्रतिशत बिजली उत्पादन क्षमता हरित ऊर्जा स्रोतों से होगी और यह निर्धारित लक्ष्य 50 प्रतिशत से अधिक होगी। सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘देश में 2024 में 1,37,500 करोड़ रुपये (लगभग 16.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश के साथ 25 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ने की संभावना है।
यह मौजूदा वर्ष में 74,250 करोड़ रुपये के निवेश से 13.5 गीगावाट क्षमता से अधिक है।’’ देश वाहनों में उपयोग होने वाले जीवाश्म ईंधन खासकर डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए सौर और पवन ऊर्जा के अलावा हरित हाइड्रोजन पर भी ध्यान दे रहा है। भारत एक तरह से डीजल आधारित अर्थव्यवस्था है। यात्री और माल ढुलाई सेवाओं के लिए ज्यादातर वाणिज्यिक वाहन ईंधन के रूप में डीजल का उपयोग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष जनवरी में 19,744 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी थी। सार्वजनिक क्षेत्र की सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) ने जुलाई में सालाना 4,50,000 टन हरित हाइड्रोजन और 1.5 गीगावाट क्षमता के इलेक्ट्रोलाइज़र विनिर्माण संयंत्रों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने को लेकर बोलियां बोलियां आमंत्रित कीं।
ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना (मोड-1-ट्रेंच-I) के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत 21 कंपनियों ने 3.4 गीगावाट के इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण और 14 कंपनियों ने 5,53,730 टन के हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए बोलियां लगाईं। रिलायंस इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज, एलएंडटी इलेक्ट्रोलाइजर्स और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स उन 21 कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण को 3.4 गीगावाट सालाना क्षमता स्थापित करने के लिए सरकार के प्रोत्साहन के लिए बोलियां लगाई हैं।
सिंह ने कहा कि देश में 78 लाख टन क्षमता के हरित हाइड्रोजन क्षमता निर्माण के विभिन्न चरणों में है। कुल 17,490 करोड़ रुपये के समर्थन वाली ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन योजना का मकसद हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन को बढ़ावा देना, हरित हाइड्रोजन परिवेश विकसित करना और औद्योगिक क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करना है।
उद्योग मंडल सीआईआई में नवीकरणीय ऊर्जा परिषद के सह-चेयरमैन और हीरो फ्यूचर एनर्जीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राहुल मुंजाल ने कहा कि 2024 में नवीकरणीय ऊर्जा का दृष्टिकोण सकारात्मक है। विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और बैटरी भंडारण के क्षेत्रों में निरंतर निवेश और तकनीकी प्रगति की उम्मीद है।
सोलर पावर डेवलपर्स एसोसिएशन (एसपीडीए) के महानिदेशक शेखर दत्त ने कहा, ‘‘2030 तक 292 गीगावाट सौर क्षमता और 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा क्रियान्वयन एजेंसियों को बड़े पैमाने पर निविदाएं (5 गीगावाट तक) जारी करनी चाहिए।’’

'बीएमटीसी' में 1,400 नई बसें शामिल होगी

'बीएमटीसी' में 1,400 नई बसें शामिल होगी 

अकांशु उपाध्याय 
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि अगले साल अप्रैल तक बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) में 1,400 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। उन्होंने पहले चरण में यहां विधान सौध में बीएमटीसी की 100 गैर-वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शक्ति योजना शुरू होने के बाद से अब तक कर्नाटक की महिलाएं राज्य परिवहन की बसों में 120 करोड़ यात्रा मुफ्त कर चुकी हैं। कुल मिलाकर 40 लाख लोग हर दिन बीएमटीसी की बसों से यात्रा करते हैं। इसमें सभी जाति, सभी धर्म और सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने और शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की गई हैं।
सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सेवा की आलोचना करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब वह सत्ता में थी तो उसने इस कल्याणकारी योजना को लागू क्यों नहीं किया। उन्होंने इस योजना के प्रभावी परिणाम भी बताए। उन्होंने कहा, “हमारी गारंटी के कारण, लोगों की क्रय शक्ति और राज्य की आर्थिक गतिविधि भी बढ़ रही है।
ये योजनाएं मजदूरों, किसानों और महिलाओं के लिए पैसा बचाने में बहुत मददगार होती हैं। वे उस पैसे का उपयोग अपने परिवार की अन्य जरूरतों के लिए करते हैं। इस प्रकार, लाखों परिवारों की आर्थिक शक्ति भी बढ़ रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लगभग 4.30 करोड़ लोग सरकारी गारंटी योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इससे गरीबों और मजदूर वर्गों को आर्थिक प्रगति की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।’’
बीएमटीसी ने एक बयान में कहा कि यात्रियों के लिए एक सुरक्षित परिवहन प्रणाली और चालकों को अधिक जागरूक बनाने के लिए 10 बसों में 'एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम' (एडीएएस) लागू किया जा रहा है।
इसमें कहा गया है, ‘‘यातायात उल्लंघन और दुर्घटना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के वास्ते पुलिस विभाग के सहयोग से दिसंबर से 3,000 चालकों को ट्रैफिक कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।’’

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई

चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी जान नहीं गई 

इकबाल अंसारी 
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि 2023 में राज्य में चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। 
शर्मा ने कहा, “ 2023 एक अभूतपूर्व वर्ष हैं, क्योंकि हमारी पुलिसिंग और शांति प्रयास सफल रहे। केंद्र और राज्य सरकारों के निरंतर प्रयासों के कारण, असम शांति और समृद्धि के दौर का गवाह बन रहा है। ”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि साल 2023 में कई समूहों ने अपने हथियार डाल दिये। विशेष बल शक्ति अधिनियम (अफस्पा) को हटा दिया गया और चरमपंथी हिंसा में किसी की जान नहीं गई। यह राज्य के लिये एक सफल वर्ष है। उन्होंने कहा कि राज्य से अफस्पा को धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया चल रही है और अब यह अधिनियम राज्य के सिर्फ चार जिलों में प्रभावी है।
उन्होंने बताया है कि गत दो साल में 8,756 पूर्व कैडरों का तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से पुनर्वास किया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के लिये कौशल प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये गये और वे अब राज्य की आर्थिक वृद्धि में सहायता कर रहे हैं।

सभागार में समिति की बैठक आयोजित की

सभागार में समिति की बैठक आयोजित की

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। सांसद फूलपुर श्रीमती केशरी देवी पटेल एवं सांसद भदोही रमेश चन्द्र बिन्द की उपस्थिति में मंगलवार को संगम सभागार में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सांसदो के द्वारा सड़क निर्माण के संदर्भ में पिछली बैठक में जो सुझाव जनप्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए थे, के सम्बंध में की गयी कार्यवाही के बारे में जानकारी ली। सांसदों ने सड़कों के निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी लेते हुए जहां पर सड़कों का निर्माण कार्य रूका हुआ है, उसे जल्द से जल्द शुरू कराने तथा जहां पर भी पैचिंग सम्बंधी कार्य कराये जाने थे, जो अभी तक नहीं पूर्ण हुए, पर नाराजगी जताते हुए कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराये जाने के लिए कहा है। बैठक में जनप्रतिनिधियों के द्वारा बरौत-बिठौली सम्पर्क मार्ग के निर्माण कार्य शुरू न होने के बारे में बताये जाने पर सांसद ने सम्बंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्य को शुरू कराये जाने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा माण्डा-बरौधा, बरौथा-पाण्डेयपुर मार्ग की खराब स्थिति की शिकायत पर सांसद ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो भी सम्पर्क मार्ग खराब है, उनको जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण ढंग से ठीक कराये व जो नए सड़कों का निर्माण कार्य किया जाना है, उनका शिलान्यास/उद्घाटन जनप्रतिनिधियों से कराया जाये।
बैठक में जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के पूर्ण होने के बाद खोदी गयी सड़कों का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण ढंग से नहीं कराया जा रहा है, जिस पर डीएम ने सम्बंधित विभाग को कड़ाई से निर्देशित किया कि जहां पर भी पाइप लाइन डालने के लिए सड़कों की खोदाई की जा रही है, उन सड़कों को पुनः गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्मित करते हुए ही आगे पाइप लाइन डालने का कार्य करें। सांसदों ने अधिकारियों से गोद लिए गांव में कैम्प लगाकर लोगो को योजनाओं की जानकारी देने तथा जो पात्र लोग अभी तक योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए है, उन्हें योजनाओं से लाभान्वित कराये जाने के लिए कहा है।  
विद्युत विभाग की समीक्षा में समिति के द्वारा विद्युत आपूर्ति, तारों के जर्जर होने एवं कुछ लोगो के द्वारा बिल न जमा किए जाने पर ट्रांसफार्मर से सामूहिक आपूर्ति बंद किए जाने की शिकायतों पर डीएम ने कहा कि जो भी शिकायतें प्राप्त हुई है, उनको शीघ्रता के साथ दूर कराये जाने के निर्देश दिए है और यह भी कहा कि ट्रांसफार्मरों से विद्युत बिल के लिए सामूहिक रूप से विद्युत कटौती की शिकायत नहीं प्राप्त होनी चाहिए। विधानसभावार विद्युत विभाग की समीक्षा करते हुए सांसद ने ग्रामीण क्षेत्रों/कस्बों में लगायी जाने वाली स्ट्रीट लाइटों एवं हाईमास्ट में विद्युत कटौती पर नाराजगी व्यक्त की। समिति ने जर्जर तारों/पोलों को बदलने के लिए कहा।    
इस अवसर पर विधायक करछना पीयूष रंजन निषाद, विधायक कोरांव राजमणि कोल, विधायक बारा डॉ वाचस्पति, विधायक फाफामऊ गुरू प्रसाद मौर्य, विधायक मेजा संदीप पटेल, सदस्य विधान परिषद केपी श्रीवास्तव, सुरेन्द्र चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा डीएम नवनीत सिंह चहल सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में दो भूकंप, झटके

लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में दो भूकंप, झटके 

इकबाल अंसारी 
श्रीनगर/लेह। लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को तड़के हल्की तीव्रता के दो भूकंप महसूस किए गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूकंप के झटकों से किसी तरह के नुकसान की तत्काल कोई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों भूकंप का केंद्र लद्दाख के लेह जिले और जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में था।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक, लद्दाख में सुबह चार बजकर 33 मिनट पर 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसके मुताबिक, भूकंप की गहराई धरती की सतह से पांच किलोमीटर नीचे थी। तड़के आए भूकंप से करगिल और लेह दोनों जिलों के लोग घबरा गए।
पुलिस ने बताया कि भूकंप के कारण कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सोमवार देर रात करीब एक बजकर 10 मिनट पर 3.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।

आईएनएस इंफाल को नौसेना में शामिल किया

आईएनएस इंफाल को नौसेना में शामिल किया 

कविता गर्ग 
मुंबई। विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागने की क्षमता से लैस ‘स्टेल्थ गाइडेड’ मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल को मंगलवार को मुंबई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। सिंह के अलावा, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी युद्धपोत को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल करने के कार्यक्रम में उपस्थित थे।
आईएनएस इंफाल नौसेना द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के चार विध्वंसक युद्धपोतों में से तीसरा युद्धपोत है। इसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और यह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई द्वारा निर्मित है। यह पहला युद्धपोत है जिसका नाम पूर्वोत्तर के किसी शहर के नाम पर रखा गया है।
बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद आईएनएस इंफाल को 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। नौसेना ने कहा, "इसके बाद, पोत ने नवंबर 2023 में विस्तारित दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, सेवा में शामिल किए जाने से पहले किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए पहली बार ऐसा किया गया था।"
इसने कहा कि इसकी लंबाई 163 मीटर और वजन 7,400 टन है तथा इसे 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना जाता है। आईएनएस इंफाल 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है और यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल तथा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों जैसे परिष्कृत ‘अत्याधुनिक’ हथियारों और सेंसर से लैस है।
इस युद्धपोत में एक आधुनिक निगरानी रडार लगा है, जो इसकी हथियार प्रणालियों को लक्ष्य का डेटा प्रदान करता है। नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध के हालात में भी लड़ने में सक्षम है। युद्धपोत का निर्माण 19 मई 2017 को शुरू हुआ था और इसे 20 अप्रैल 2019 को पानी में उतारा गया था।
28 अप्रैल 2023 को यह अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ और बंदरगाह तथा समुद्र दोनों में परीक्षणों का एक समग्र कार्यक्रम पूरा कर लिया। यह छह महीने की रिकॉर्ड समयसीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को नौसेना को सौंप दिया गया जो इस आकार के जहाज के लिए सर्वाधिक तेज प्रक्रिया है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-374, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शुक्रवार, दिसंबर 27, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, त...