शनिवार, 28 अक्तूबर 2023

7 नवंबर से तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगी 'राष्ट्रपति'

7 नवंबर से तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगी 'राष्ट्रपति' 

अकांशु उपाध्याय/पंकज कपूर 
नई दिल्ली/देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सात नवंबर से उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के दौरे को लेकर समीक्षा की। 
बैठक में शासन व प्रशासन के अधिकारियों के अलावा एचएन बहुगुणा गढ़वाल विवि और गोविंद बल्लभ पंत कृषि विवि के कुलपति भी शामिल हुए। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति सात नवंबर को उत्तराखंड पहुंचेंगी। 
उनका आठ नवंबर को श्रीनगर गढ़वाल और कुमाऊं दौरे का कार्यक्रम भी है। नौ नवंबर को वह उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में भाग लेंगी। राष्ट्रपति के दौरे मद्देनजर मुख्य सचिव ने सुरक्षा व आवश्यक व्यवस्थाएं जुटा लेने के निर्देश दिए।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु कोई योजना नहीं

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु कोई योजना नहीं

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वायु प्रदूषण से पूरे उत्तर भारत में लोगों का दम घुट रहा है। लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई योजना नहीं है। ‘आप’ की वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जैसे ही सर्दी का मौसम आता है। पूरे उत्तर भारत में हवा की गुणवत्ता खराब होने लगती है। सर्दी के मौसम में दमा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
वर्ष 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अध्ययन की थी,जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के 99.5 प्रतिशत जिलों में हवा की गुणवत्ता खराब है। अगर इतनी बड़ी आपात है तो क्या केंद्र सरकार को समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाना चाहिए? इस पर केंद्र सरकार की योजना का कुछ पता नहीं है। पूरे देश में सिर्फ दिल्ली के मुख्यमंत्री ऐसे हैं जो हर साल सर्दी और गर्मी में कार्य योजना की घोषणा करते हैं।
वह बताते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली के लोगों को प्रदूषण से बचाने के लिए वह क्या-क्या कदम उठा रहे हैं। सुश्री गुप्ता ने कहा,“ अगर विश्व के 50 सबसे प्रदूषित शहर की सूची उठाएं तो उसमें 39 शहर हमारे देश से हैं। 39 शहरों में से लगभग 20 शहर उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तर प्रदेश में वर्षों से भाजपा की सरकार है लेकिन आज तक वहां के मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को हमने वायु प्रदूषण पर बात करते नहीं देखा।
जबकि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने पर लगातार काम किया जाता है। यही वजह है कि दिल्ली की वायु में 30 प्रतिशत तक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश की सरकार से कह रही है कि ईंट के भट्टों का कुछ समाधान किया जाए क्योंकि उससे बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण होता है। कोर्ट ने नई तकनीक का इस्तेमाल भी करने को कहा लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसपर कोई कदम नहीं उठाया।
आज भी एनसीआर में 2000 ईंट के भट्टे हैं जो पुरानी तकनीक से चल रहे हैं। उसमें से 150 भट्टे गाजियाबाद में हैं और 250 भट्टे मुजफ्फरनगर में हैं। इन सब भट्टों का धुआं दिल्ली में आता है। उन्होंने कहा,“ हमारे देश में 39 सबसे प्रदूषित शहर होने के बाद भी केंद्र सरकार कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है।
हमारी केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी का ऐलान करती है लेकिन किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। जब हमारे बच्चे अच्छी हवा में सांस नहीं ले सकते हैं तो क्या स्मार्ट सिटी कागजों पर बनाये जाएँगे।”

कांग्रेस: प्रकाश ने 'पीएम' मोदी पर लगाया आरोप

कांग्रेस: प्रकाश ने 'पीएम' मोदी पर लगाया आरोप 

नरेश राघानी 
जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने शनिवार को आरोप लगाया कि देश में मौजूदा बदहाली व परेशानी की वजह केंद्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियां हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा घोषित ‘गारंटी’ को लेकर जनता के बीच में जाएगी।
कांग्रेस नेता ने यहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मीडिया से कहा,‘‘इस देश के अंदर जितनी बदहाली व परेशानी है। उसका कारण मोदी सरकार की जनविरोधी व पूंजीपति परस्त नीतियां हैं। इनकी वजह से ही आज ये कठिनाइयां हैं। इसमें हर वर्ग बदहाल है।’’ राज्य में विधानसभा की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वह प्रवर्तन निदेशालय(ईडी), आयकर विभाग और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा घोषित सात 'गारंटी' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘यह बताती हैं हमारी कांग्रेस पार्टी की सरकार किस दिशा में जाएगी। हमारी सरकार बनती है तो हम सबसे पहले इन बिंदुओं को पूरा करने का काम करेंगे।
गारंटी देने से पहले सभी वित्तीय पहलुओं पर विचार कर लेते हैं क्योंकि राजनीति की विश्वसनीयता नरेन्द्र मोदी के राज में लगातार गिरती जा रही है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ यह चुनाव सिर्फ राजस्थान के लिए नहीं पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। यह चुनाव केवल सरकार बिगाड़ने व बनाने का चुनाव नहीं है क्योंकि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अशोक गहलोत सरकार के नेतृत्व में शासन का एक नया मॉडल दिया है जिसमें सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व भविष्य के लिए रोडमैप है।
इसलिए देश की अन्य राज्य सरकारें भी इस बारे में विचार सोच रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर हम इस मॉडल को लेकर राजस्थान में दोबारा चुनाव जीतते हैं तो यकीन मानिए देश के अन्य राज्य भी इसे स्वीकार करेंगे।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया,‘‘भाजपा का मॉडल लूट व झूठ का है। उनका कोई विजन नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाल में घोषित सात व पहले घोषित दस 'गारंटी' के साथ जनता के बीच जाएगी और बताएगी कि यह हमारी दिशा है। पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में इस बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत: गांधी

मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा भारत: गांधी 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने शनिवार को कहा कि वह इससे स्तब्ध और शर्मिंदा हैं कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा में संघर्ष-विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव पर मतदान से भारत दूर रहा।
उन्होंने यह भी कहा कि जब मानवता के हर कानून को ध्वस्त कर दिया गया है, तो ऐसे समय में अपना रुख तय नहीं करना और चुपचाप देखते रहना गलत है। भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने’ शीर्षक वाले जॉर्डन के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा।
इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने उस प्रस्ताव को अपनाया, जिसमें तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष-विराम का आह्वान किया गया है, ताकि शत्रुता समाप्त हो सके।
प्रियंका ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए अपने पोस्ट में महात्मा गांधी के उस कथन का उल्लेख किया कि 'आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है।' उन्होंने कहा, "मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में संघर्ष-विराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा।'' प्रियंका ने कहा, "हमारे देश की स्थापना अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी। इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया।
ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं, जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं। वे भारत के उस नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कदमों का मार्गदर्शन किया है।" उन्होंने कहा, "जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, तब रुख अपनाने से इनकार करना और चुपचाप देखना गलत है।"
प्रियंका ने कहा कि यह उन सभी चीजों के विपरीत है, जिनके लिए एक राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा खड़ा रहा है। प्रियंका गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो लोग “शर्मिंदा और स्तब्ध” हैं, उन्हें इसका एहसास होना चाहिए कि भारत कभी भी आतंकवाद के पक्ष में नहीं होगा। पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत के वोट को लेकर स्पष्ट रूप से बताया गया है।
इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर हमारी स्थिति दृढ़ और तर्कसंगत है। जो लोग आतंक का साथ देना चुनते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं...।’’ उन्होंने प्रियंका गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जो लोग आपको राहुल गांधी से 'बेहतर' दिखाने की कोशिश में हैं, वे आपको मूर्ख बना रहे हैं।"
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान से भारत का अनुपस्थित रहना "चौंकाने वाला" है और यह दर्शाता है कि भारतीय विदेश नीति अब ‘‘अमेरिकी साम्राज्यवाद के अधीनस्थ सहयोगी होने’’ के रूप में आकार ले रही है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा महासचिव डी राजा ने ‘गाजा में इस नरसंहार आक्रामकता को रोकें’ शीर्षक वाले बयान में कहा कि भारत का यह कदम फलस्तीन मुद्दे को उसके लंबे समय से चले आ रहे समर्थन को नकारता है।

महर्षि 'वाल्मीकि' का प्रकटोत्सव मनाया

महर्षि 'वाल्मीकि' का प्रकटोत्सव मनाया 

भानु प्रताप उपाध्याय 
मुजफ्फरनगर। समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि का प्रकटोत्सव मनाते हुए उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए महर्षि के विचारों पर चलने का आह्वान किया। शनिवार को समाजवादी पार्टी के महावीर चौक स्थित दफ्तर पर महर्षि वाल्मीकि का प्रकटोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल हुए सपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा स्थापित किए गए आदर्शों एवं मूल्य पर सभी से चलने का आह्वान किया।  
इस मौके पर वक्ताओं ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचयिता कर आम जनमानस को भगवान राम के आदर्शों पर चलने का संदेश दिया था। जिससे समाज के भीतर से ऊंच नीच और असमानता का भेद दूर हो सके। आयोजन में जिलाध्यक्ष ज़िया चौधरी, वरिष्ठ सपा नेता राकेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष सोमपाल सिंह कोरी, जिला मीडिया प्रभारी साजिद हसन, जिला सचिव रमेश चंद शर्मा, सपा नेता सुमित पंवार बारी, जिला सचिव पवन पाल, दुर्गेश पाल, नवेद रंगरेज़, फरमान अली, हुसैन राणा, रामपाल सिंह पाल, विशाल शर्मा, नदीम राणा मुखिया, तरुण शर्मा सईदुजम्मा सहित अनेक कार्यक्रर्ता मौजूद रहे।

प्रमुख रकाबा को एयर स्ट्राइक में ढेर किया

प्रमुख रकाबा को एयर स्ट्राइक में ढेर किया 

अखिलेश पांडेय 
रामल्ला/जेरूसलम। फिलिस्तीन के साथ चल रही जंग में पूरी शिद्दत के साथ लड़ाई लड़ रही इजरायल की सेना ने आज बड़ी कामयाबी प्राप्त करते हुए आतंकवादी संगठन हमास के एरियल एरे प्रमुख असेम अबू रकाबा को एयर स्ट्राइक में मौत के घाट उतारते हुए ढेर कर दिया है। शनिवार को फलीस्तीन के खिलाफ जंग में उतरी इजरायल की सेना की ओर से दावा किया गया है कि आईडीएफ के लड़ाकू विमान की ओर से बीती रात की गई एयर स्ट्राइक में हुए हवाई हमलों में हमास का मास्टरमाइंड मारा गया है।
एयर स्ट्राइक में ढेर हुआ असेम अबू रकाबा हमास के यूएवी, ड्रोन, पैराग्लाइडर, हवाई पहचान और डिफेंस के लिहाज से एक बडा ही अहम व्यक्ति था। इसी महीने की सात अक्टूबर को इजराइल में घुसकर हमास द्वारा नरसंहार करने का जो प्लान तैयार किया गया था उसमें असेम अबू रकाबा भी शामिल था। बताया जा रहा है कि असेम अबू रकाबा ने उन आतंकवादियों की कमान अपने हाथों में थाम रखी थी, जिन्होंने पैराग्लाइडर के माध्यम से इजराइल में घुसपैठ करते हुए कत्ले आम मचाया था।

ई-कॉमर्स मंचों पर दाम बढ़ाकर, छूट की पेशकश

ई-कॉमर्स मंचों पर दाम बढ़ाकर, छूट की पेशकश 

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। सरकार और नियामकीय एजेंसियों को ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्याप्त अनुचित कारोबारी तौर-तरीकों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। शनिवार को एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया। थिंक टैंक कट्स इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ई-कॉमर्स मंचों पर उत्पादों के दाम बढ़ाकर छूट की पेशकश करने का अनुचित तरीका अपनाया जा रहा है।
इससे ग्राहकों के मन में उत्पाद की खरीद पर बचत होने का भ्रम पैदा होता है जबकि असल में उन उत्पादों की वास्तविक कीमत कम ही होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स मंचों की तरफ से समय-समय पर बिक्री सेल के आयोजन पर पूरी तरह रोक लगाने के बजाय सरकार को उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण की दिशा में सख्ती बरतनी चाहिए। इससे सभी बाजार प्रतिभागियों के लिए समान अवसर मुहैया कराए जा सकेंगे।
भारत में ई-कॉमर्स के संदर्भ में वाणिज्य की स्थिति पर जारी रिपोर्ट कहती है कि एक निष्पक्ष एवं टिकाऊ ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि विक्रेताओं के पास अपने उत्पादों की कीमतें तय करने की स्वायत्तता हो। इसके मुताबिक, विक्रेताओं पर अतिरिक्त छूट का बोझ डालने से वित्तीय तनाव बढ़ता है और मुनाफे के मार्जिन पर भी असर पड़ता है। रिपोर्ट में भारी छूट देने और प्रतिस्पर्द्धा को खत्म करने के लिए जानबूझकर कीमत को बहुत कम रखने के बीच फर्क करने का सुझाव भी दिया गया है।
रिपोर्ट कहती है, "नीति-निर्माताओं, नियामकों एवं हितधारकों के लिए इन दोनों अवधारणाओं के बीच फर्क करने के लिए इन्हें परिभाषित करना महत्वपूर्ण है।" रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता कल्याण को अहमियत देने और सभी विक्रेताओं के लिए एकसमान अवसर मुहैया कराने के लिए जरूरी है कि ई-कॉमर्स कंपनियां ऐसे तौर-तरीकों में लिप्त होने से परहेज करें। इन कंपनियों को क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री मुहैया कराने को भी कहा गया है।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...