गुरुवार, 19 अक्टूबर 2023

माता कात्यायनी को समर्पित 'नवरात्रि' का छठा दिन

माता कात्यायनी को समर्पित 'नवरात्रि' का छठा दिन 

सरस्वती उपाध्याय 
कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं।

कात्यायनी - नवदुर्गाओं में षष्ठम्

मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥

'कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है, में भी प्रचलित हैं। यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कन्द पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं , जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है, जिसका उल्लेख पाणिनि पर पतञ्जलि के महाभाष्य में किया गया है, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है। उनका वर्णन देवीभागवत पुराण, और मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य में किया गया है जिसे ४०० से ५०० ईसा में लिपिबद्ध किया गया था। बौद्ध और जैन ग्रंथों और कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कालिका पुराण (१० वीं शताब्दी) में उनका उल्लेख है, जिसमें उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ का स्थान बताया गया है।
परम्परागत रूप से देवी दुर्गा की तरह वे लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को उनकी पूजा की जाती है। उस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं।

श्लोक
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥

कथा
माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली।
कुछ समय पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं।
ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है।
माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।

उपासना
नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में छठे दिन इसका जाप करना चाहिए।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।
इसके अतिरिक्त जिन कन्याओ के विवाह मे विलम्ब हो रहा हो, उन्हे इस दिन माँ कात्यायनी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, जिससे उन्हे मनोवान्छित वर की प्राप्ति होती है।

विवाह के लिये कात्यायनी मन्त्र

ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥

महिमा
माँ को जो सच्चे मन से याद करता है उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। जन्म-जन्मांतर के पापों को विनष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना के लिए तत्पर होना चाहिए।

डीएम कार्यालय के भवन का पुर्ननिर्माण होगा

डीएम कार्यालय के भवन का पुर्ननिर्माण होगा 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। जिला कचहरी स्थित डीएम कार्यालय के भवन का पुर्ननिर्माण होगा। हाल ही में सैंकडों वर्ष पुराने जिलाधिकारी कार्यालय की छत का एक हिस्सा नीचे आ गिरा था। इसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय के पुर्ननिर्माण की प्रक्रिया शुरु की गई है।

कचहरी में ब्रिटिशकालीन डीएम और एडीएम वित्त एवं राजस्व कार्यालय को ध्वस्त किया जाएगा। इसके लिए 26 अक्टूबर को जर्जर बिल्डिंग की नीलमी होगी। ध्वस्तीकरण के बाद इसी स्थान पर दो मंजिला भवन बनाया जाएगा, जिसमें डीएम और एडीएम दफ्तर समेत विश्रामकक्ष और फरियादियों के बैठने का कक्ष बनाया जाएगा।

बता दें कि विगत 27 अगस्त को डीएम कार्यालय से सटे विश्राम कक्ष की छत गिर गई थी। विश्राम कक्ष में रखे सोफे समेत अन्य सामान मलबे में दब गया है। छत गिरने से डीएम कार्यालय, फरियादी कक्ष और एडीएम वित्त एवं राजस्व कार्यालय में दरार आ गई है, जिसके चलते अधिकारी कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। तभी से डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी जिला पंचायत सभागार से सटे हाल में जनसमस्याएं सुन रहे हैं।

डीएम और एडीएम कार्यालय करीब 190 साल पहले बनाया गया था। कई बार इस बिल्डिंग की मरम्मत की गई हैं। जर्जर बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण और मलबा उठान के लिए प्रशासन ने सूचना जारी की है। इसके तहत 26 अक्टूबर को कचहरी स्थित लोकवाणी कक्ष में भवन की नीलामी होगी। संबंधित ठेकेदार को भवन को तोड़ने और मलबा उठाने का समय निर्धारित किया जाएगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार ने बताया कि पूरी बिल्डिंग को नए सिरे से बनाया जाएगा। कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस बार दो मंजिला बिल्डिंग बनाई जाएगी।

कचहरी स्थित डीएम कार्यालय को नए सिरे से बनाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है। कचहरी को शहर से बाहर ले जाने का प्रस्ताव भी बीते दिनों तैयार किया गया था, जिसे शासन को भेजा गया है। इसके लिए रामपुर तिराहा और कस्बा छपार के बीच जमीन भी तलाशी गई थी। इसी लोकेशन पर इलेक्ट्रानिक बस अड्डा और जीएसटी कार्यालय भी बनाया जाएगा।

स्कार्पियों की टक्कर से पलटा टैम्पो, 7 घायल

स्कार्पियों की टक्कर से पलटा टैम्पो, 7 घायल 

भानु प्रताप उपाध्याय 
शामली। जनपद के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र में स्कार्पियों की टक्कर से टैम्पो पलट गया, जिसके 7 कारण उसमें सवार एक बालक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सवारी लेकर बनत की तरफ से टेंपो शामली आ रहा था। उसी दौरान शामली की तरफ से तेजी से जा रही स्कॉर्पियो की टेंपो से टक्कर हो गई। टक्कर लगने पर टेंपो सड़क पर पलट गया। आसपास के लोगों ने टेंपो को सीधा कर उसमें फंसी सवारियों को बाहर निकाला।
हादसे में सावेज व उसकी मां गुलशाना, वसीम, शिखा व राधिका समेत करीब सात लोग घायल हुए। घायलों को आसपास के निजी अस्पताल व सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। सीएचसी में चिकित्सकों ने चार वर्षीय सावेज को मृत घोषित कर दिया। दुर्घटना के बाद स्कॉर्पियो लेकर भागते समय एक अन्य कार से टक्कर हुई।
इसके बाद आरोपी चालक स्कॉर्पियो को मौके पर ही छोडकर फरार हो गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में अभी तहरीर नहीं मिली है। स्कॉर्पियो को कब्जे में ले लिया गया है और चालक की तलाश की जा रही है।

गलियारे के फेज-2 को राष्ट्र को समर्पित करेंगे 'पीएम'

गलियारे के फेज-2 को राष्ट्र को समर्पित करेंगे 'पीएम'

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को गाजियाबाद में विभिन्न सुविधाओं से युक्त पहली रीजनल रैपिड ट्रेन तथा बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे के फेज-2 को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस दौरान शुक्रवार को गाजियाबाद में स्कूल बंद रहेंगे। इस दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री गाजियाबाद में देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन राष्ट्र को समर्पित करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री तकरीबन डेढ़ घंटे तक गाजियाबाद में रहकर देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत अन्य मंत्री और गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे।  प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के मददेनजर सड़कों पर अन्य दिनों के मुकाबले यातायात ज्यादा रहेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से महानगर के स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वह शुक्रवार को स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई की बजाय बच्चों को केवल ऑनलाइन पढ़ाई करायेंगे ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो सके। 
प्रधानमंत्री के दौरे के मददेनजर महानगर के कई इलाकों में रूट डायवर्ट किया गया है। जिसके चलते लोगों को सोच समझकर अपने घरों से गंतव्य के लिए निकलने की सलाह दी गई है।

विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई

विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई

इकबाल अंसारी 
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत पहले लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली में तथा अभी दुबई और आबू धाबी में विभिन्न निवेशक समूहों के साथ बैठकें हुई। पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, एग्रो के क्षेत्र में निवेशकों से काफी करार हुए हैं। निवेशकों का उत्तराखण्ड आने के लिए और निवेश के लिए मन में आकर्षण है। हजारों करोड़ के निवेश पर दुबई और आबू धाबी में करार हुआ है। इसके अलावा काफी प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। देश के अन्य शहरों में भी निवेशकों के साथ संवाद और रोड शो किये जायेंगे।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि 08-09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट तक अभी तक हुए सभी करारों को धरातल पर उतारने का कार्य हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न बैठकों में जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन सुझावों पर भी अमल किया जायेगा। जो भी करार हुए हैं और प्रस्ताव आये हैं, राज्य के लिए कौन से उपयोगी हैं और भविष्य में फायदेमंद हो सकते हैं, उनका पूरा आंकलन कर आगे कार्य किये जायेंगे। निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूत बनाने वाले प्रस्तावों एवं करारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित किया जायेगा। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, निवेशकों, उद्योगों एवं उत्तराखण्ड के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई हैं। दो दिवसीय यूएई दौरे के दौरान कुल मिलाकर पंद्रह हजार चार सौ पच्चहत्तर करोड़ (15475 करोड) के इन्वेस्टमेंट एमओयू किए गए। जिसके तहत पहले दिन दुबई में 11925 करोड़ एवं दूसरे दिन अबू धाबी में 3550 करोड़ के इन्वेस्टमेंट एमओयू शामिल हैं। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में अब तक संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं दिल्ली में कुल मिलाकर अब तक चौवन हजार पांच सौ पचास करोड़ (54550 करोड़) के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। 
जिसमें यूएई में 15475 करोड, ब्रिटेन में 12500 करोड़ एवं ब्रिटेन में 12 हज़ार 500 करोड़ एवं दिल्ली में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 26,575 करोड़ के एमओयू (4 सितंबर को 7600 करोड़ एवं 4 अक्टूबर को दिल्ली रोड शो के दौरान 18975 हजार करोड़ रूपये) किये जा चुके हैं।

बांग्लादेश ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला

बांग्लादेश ने जीता टॉस, बल्लेबाजी का फैसला  

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 
नई दिल्ली/कोलंबो। आज भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे विश्व कप 2023 का 17वां मुकाबला खेला जा रहा है। भारतीय टीम शानदार फॉर्म में चल रही है और उसने अब तक अपने तीनों मुकाबले जीते हैं। वहीं बांग्लादेश की टीम को तीन में से एक में जीत मिली है और दो में हार का सामना करना पड़ा है। भारत-बांग्लादेश के बीच यह मुकाबला पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जा रहा है। बांग्लादेश ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया है।

बांग्लादेश का स्कोर 200 रन के पार
पांच विकेट के नुकसान पर बांग्लादेश का स्कोर 200 रन के पार जा चुका है। मुश्फिकुर रहीम और महमुदुल्लाह क्रीज पर हैं। दोनों अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं और अपनी टीम को लड़ने लायक स्कोर तक ले जाने की कोशिश करेंगे।

बांग्लादेश की आधी टीम पवेलियन लौटी
179 रन के स्कोर पर बांग्लादेश की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी है। शार्दुल ठाकुर ने तौहिद हृदॉय को आउट कर भारत को पांचवीं सफलता दिलाई। हृदॉय ने 35 गेंद में 16 रन बनाए। शुभमन गिल ने उनका कैच पकड़ा। अब मुश्फिकुर रहीम के साथ महमुदुल्लाह रियाद क्रीज पर हैं। 40 ओवर के बाद बांग्लादेश का स्कोर 189/5 है।

रेलगाड़ियों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा

रेलगाड़ियों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। नई ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को आरआरटीएस के प्राथमिकता खंड का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड इसके उद्घाटन के एक दिन बाद 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। 
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को बताया था कि मोदी भारत में आरआरटीएस की शुरुआत करते हुए साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली एक रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। पीएमओ ने बताया था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर प्राथमिकता खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा। 
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने आठ मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव रखी थी। नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के जरिए देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार आरआरटीएस परियोजना विकसित की जा रही है। आरआरटीएस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नयी रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है। 
पीएमओ ने बताया है कि यह एक ‘‘परिवर्तनकारी’’ क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसमें अंतर शहरी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में उच्च गति वाली ट्रेन उपलब्ध होगी और आवश्यकता के अनुसार यह हर पांच मिनट में भी उपलब्ध हो सकती है। उसने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल आठ आरआरटीएस गलियारे की पहचान की गयी है जिसमें पहले चरण में तीन गलियारों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत के क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी गयी है। 
पीएमओ ने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...