गुरुवार, 11 मई 2023

इंजीनियर महिला ऐश्वर्या का शव हैदराबाद लाया गया

इंजीनियर महिला ऐश्वर्या का शव हैदराबाद लाया गया

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। अमेरिका के टेक्सास में हुई गोलीबारी में तेलांगना के सरूरनगर शहर की एक सिविल इंजीनियर महिला तातीकोंडा ऐश्वर्या की मौत हो गई थी, उसका शव गुरुवार को हैदराबाद लाया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताह अमेरिका में उत्तरी डलास उपनगर में एलन प्रीमियम आउटलेट्स मॉल पर एक हमलावर ने खुलेआम गोलीबारी की, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गयी। मृतकों में ऐश्वर्या भी थी। ऐश्वर्या के पिता नरसी रेड्डी रंगारेड्डी जिला अदालत में जज हैं। ऐश्वर्या ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और ईस्टर्न मिशिगन विश्वविद्यालय से निर्माण प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया।

हमलवार एक ब्लैक कार से मॉल पहुंचा, जहां उसने ताबड़तोड़ गोलीबारी की। जिसके बाद, एक पुलिस अधिकारी ने उसको गोली मारकर ढेर कर दिया। सूत्रों के अनुसार ऐश्वर्या का पार्थिव शरीर आज रात करीब नौ बजे तक उनके पिता के आवास हैदराबाद स्थित कस्बा सरूरनगर में रखा जाएगा।

‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ

‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ

पंकज कपूर 

देहरादून/चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बृहस्पतिवार को चंपावत पहुंचे। यहां उन्होंने गोरल चौड़ मैदान के समीप स्थित आडिटोरियम में ‘संपर्क फाउंडेशन’ के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और ‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को चंपावत में आयोजित संपर्क फाउंडेशन द्वारा स्थापित ‘स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम में आए हुए आप सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूं। मैं आशा करता हूं कि मैं फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र के नए आयाम को हासिल करता रहेगा। मैं आज अभिभूत हूं कि इस कार्यक्रम के शुरू होने से चम्पावत विकास के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ गया है। इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 137 स्कूल चिन्हित किए गए हैं। जिनमें बच्चे खेल-खेल में ज्ञान को हासिल कर पाएंगे।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से छात्रों की बौद्धिक क्षमता का विकास करना है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हम कम ऊर्जा के साथ अधिक काम कर सकते हैं। सीएम ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं कि उनके नेतृत्व में भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिली। पहले बड़े कार्यक्रम कुछ ही जगह पर होते थे। लेकिन, बृहस्पतिवार को वो कार्यक्रम छोटे- छोटे स्थानों पर भी हो रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य को भी तीन बैठकों की मेजबानी मिली है। इससे पहले चम्पावत पहुंचने पर हैलीपेड में भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों ने सीएम धामी का स्वागत किया।

ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण 

ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पूरे देश में अब ड्रोन के जरिए रक्त की आपूर्ति करने का सपना जल्द ही हकीकत में तब्दील हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने बृहस्पतिवार को अपनी आई-ड्रोन पहल के तहत ड्रोन के जरिए ब्लड बैग की आपूर्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

यह पहल भारत में ड्रोन पारिस्थतिकी का विस्तार करने के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है। आईसीएमआर ने सबसे पहले दूरदराज के इलाकों तक टीका पहुंचाने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान आई-ड्रोन का इस्तेमाल किया था। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, आज, हम रक्त तथा रक्त से संबंधित उत्पाद भेज रहे हैं, जिन्हें कम तापमान पर रखा जाता है। इस प्रयोग के बाद हमने पाया कि हम न केवल तापमान बनाए रख सकें बल्कि उत्पादों को कोई नुकसान भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, हमने एक एम्बुलेंस के जरिए एक अन्य नमूना भेजा और अगर दोनों तरीकों का इस्तेमाल कर भेजे गए नमूनों में कोई अंतर नहीं है तो फिर पूरे भारत में ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा।

बहल ने कहा, डिजीटलीकरण के साथ टीकों के प्रभावी निर्माण और त्वरित आपूर्ति प्रणाली विकसित होने से भारत ने एक साल के भीतर 90 फीसदी कवरेज हासिल की। आईसीएमआर, दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के संयुक्त प्रयासों से देश में पहली बार का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, परीक्षण के तौर पर ड्रोन गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज तथा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के बीच 10 यूनिट रक्त लेकर गया। घाना तथा अमेरिका समेत कुछ देश ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक रक्त, टीके, दवाइयां, चिकित्सा सामान तथा कई बार मानव अंगों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का पहले से ही इस्तेमाल कर रहे हैं। 

'भाजपा' में शामिल हुए सिंह, सदस्यता ग्रहण की

'भाजपा' में शामिल हुए सिंह, सदस्यता ग्रहण की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंत्रिपरिषद के सदस्य रह चुके जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की मौजूदगी में आरसीपी सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जदयू से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा से नजदीकियों के चलते जदयू ने उन्हें दोबारा राज्यसभा भी नहीं भेजा। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री का पद भी गंवाना पड़ा था।

जदयू छोड़ने के बाद से ही आरसीपी सिंह के भाजपा में जाने के कयास लगाए जा रहे थे। वह कुर्मी समाज से आते हैं। कुर्मी मतदाता नीतीश कुमार के समर्थक माने जाते हैं, क्योंकि वह खुद भी इसी समाज से ताल्लुक रखते हैं।

सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं

सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से फैसला लिया, कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों के अलावा सेवाओं पर दिल्ली सरकार के पास विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं।

उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि निर्वाचित सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली का अद्वितीय चरित्र है और उन्होंने न्यायाधीश अशोक भूषण के 2019 के फैसले से सहमति नहीं जताई कि दिल्ली के पास सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार के बीच सेवाओं पर प्रशासनिक नियंत्रण के विवादित मुद्दे पर अपने फैसले में कहा, केंद्र की शक्ति का कोई और विस्तार संवैधानिक योजना के प्रतिकूल होगा...दिल्ली अन्य राज्यों की तरह ही है और उसकी भी एक चुनी हुई सरकार की व्यवस्था है।

संविधान पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि के अलावा सेवाओं पर विधायी तथा शासकीय शक्तियां हैं। उसने कहा कि प्रशासनिक मुद्दों में केंद्र की प्रधानता संघीय व्यवस्था तथा प्रतिनिधित्व लोकतंत्र के सिद्धांत को खत्म कर देगी।

उसने कहा कि अगर सेवाओं को विधायी, कार्यकारी अधिकार क्षेत्र से बाहर किया जाता है, तो मंत्रियों को सरकारी अधिकारियों पर नियंत्रण से बाहर कर दिया जाएगा। प्रधान न्यायाधीश ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में फैसला पढ़ते हुए कहा कि लोकतंत्र और संघवाद संविधान की मूल संरचना का हिस्सा हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर अधिकारियों को मंत्रियों को रिपोर्ट करने से रोका जाता है तो सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत पर असर पड़ता है।

इसमें कहा गया है कि शासन के लोकतांत्रिक स्वरूप में प्रशासन की वास्तविक शक्ति निर्वाचित सरकार के पास होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि जिन मामलों में केंद्र तथा राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, उनमें केंद्र सरकार की शक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए सीमित है कि शासन केंद्र सरकार के नियंत्रण में न चला जाए। गौरतलब है कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की विधायी और शासकीय शक्तियों से जुड़े कानूनी मुद्दे की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2015 में एक अधिसूचना जारी की थी कि उसके पास दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने इस अधिसूचना को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तथा दिल्ली सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ए एम सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद 18 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष न्यायालय ने पिछले साल छह मई को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुद्दा पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपा था। दिल्ली सरकार की याचिका 14 फरवरी, 2019 के एक खंडित फैसले के बाद दायर की गयी जिसमें न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने प्रधान न्यायाधीश से सिफारिश की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे को अंतिम रूप से तय करने के लिए तीन-न्यायाधीशों की पीठ गठित की जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति भूषण ने फैसला सुनाया था कि दिल्ली सरकार का प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं है, जबकि न्यायमूर्ति सीकरी के विचार इससे अलग थे। उन्होंने कहा कि नौकरशाही के शीर्ष पदों (संयुक्त निदेशक और उससे ऊपर) में अधिकारियों का स्थानांतरण या तैनाती केवल केंद्र सरकार द्वारा की जा सकती है और अन्य नौकरशाहों से संबंधित मामलों पर मतभेद के मामले में उपराज्यपाल का विचार मान्य होगा। पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2018 के फैसले में सर्वसम्मति से माना था कि दिल्ली के उपराज्यपाल निर्वाचित सरकार की सहायता और सलाह मानने के लिए बाध्य हैं और दोनों को एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के गांधीनगर में लगभग 4,400 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पत्र सूचना ब्यूरो की गुरुवार को यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी शुक्रवार लगभग साढ़े 10 बजे सुबह गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में सम्मिलित होंगे।

उसके बाद वह 12 बजे दोपहर को गांधीनगर में लगभग 4400 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। लगभग तीन बजे अपराह्न प्रधानमंत्री गिफ्ट सिटी जायेंगे। गांधीनगर के कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 2450 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

इनमें शहरी विकास विभाग, जलापूर्ति विभाग, सड़क और यातायत विभाग तथा खान और खनिज विभाग की परियोजनायें शामिल हैं, जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है। उनमें बनासकांठा जिले की बहुग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनायें, अहमदाबाद में नदी पर ओवरब्रिज, नारोडा जीआईडीसी में अपशिष्ट जल संग्रहण नेटवर्क, मेहसाणा और अहमदाबाद में सीवर उपचार संयंत्र, दाहेगाम में प्रेक्षागृह आदि शामिल हैं। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जानी है, उनमें जूनागढ़ जिले में बल्क पाइपलाइन परियोजना, गांधीनगर जिले में जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाना, फ्लाईओवर ब्रिज, नये जल वितरण स्टेशन, विभिन्न शहरी सड़कों का निर्माण आदि शामिल है। प्रधानमंत्री पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

इसके साथ ही इस योजना के तहत निर्मित लगभग 19 हजार मकानों के गृहप्रवेश में सम्मिलित होंगे। वे कार्यक्रम के दौरान योजना के लाभार्थियों को मकानों की चाबियां सौंपेंगे। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 1950 करोड़ रुपये है। मोदी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी), गांधीनगर का दौरा भी करेंगे। दौरे के समय वे गिफ्ट सिटी में चलने वाली विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे। गिफ्ट-आईएफएससी संस्थाओं के साथ बातचीत भी होगी, ताकि गिफ्ट सिटी में भावी योजनाओं तथा संस्थाओं के अनुभवों को समझा जा सके।

प्रधानमंत्री शहर की मुख्य अधोरचना सुविधाओं को भी देखेंगे, जिनमें अंडरग्राउंड यूटीलिटी टनल और ‘ऑटोमेटेड वेस्ट कलेक्शन सेग्रीगेशन प्लांट शामिल हैं। प्रधानमंत्री अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में भी सम्मिलित होंगे जो अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक परिसंघ का 29वां द्विवार्षिक सम्मेलन है। इस सम्मेलन की विषयवस्तु टीचर्स आर एट दी हार्ट ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग एडूकेशन (शिक्षा को परिवर्तित करने में शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका) है। 

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