रविवार, 30 अप्रैल 2023

भारत का परिचय कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 

भारत का परिचय कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 76 फीसदी भारतीय मीडियाकर्मियों की राय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ ने भारत का भारत से परिचय कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, 75% लोगों का कहना है कि ‘मन की बात’ एक ऐसे मंच के रूप में सामने आया है, जहां लोगों का ऐसे व्यक्तियों से परिचय कराया जाता है, जो जनसामान्य के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने बताया कि संस्थान के आउटरीच विभाग द्वारा यह सर्वेक्षण 12 से 25 अप्रैल, 2023 के बीच किया गया। इस सर्वेक्षण में देशभर के 116 अकादमिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों एवं मीडिया समूहों के कुल 890 पत्रकारों, मीडिया शिक्षकों, मीडिया शोधार्थियों और जनसंचार के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इनमें 326 महिलाएं एवं 564 पुरुष शामिल थे। सर्वे में शामिल होने वाले 66% लोग 18 से 25 वर्ष की उम्र के थे।

सर्वेक्षण में शामिल लोगों के अनुसार ‘देश की जानकारी’ और ‘देश के प्रति प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण’, दो प्रमुख कारण हैं, जो दर्शकों को इस कार्यक्रम को सुनने के लिए प्रेरित करते हैं। अध्ययन के तहत लोगों से जब यह पूछा गया कि अगर कभी वे कार्यक्रम को लाइव नहीं सुन पाते हैं, तो फिर कैसे सुनते हैं, तो 63 प्रतिशत लोगों का कहना था कि अन्य माध्यमों की तुलना में वे यूट्यूब पर ‘मन की बात’ सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं, 76% लोगों के अनुसार ‘मन की बात’ में विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को सुनकर उन्हें ऐसा एहसास होता है कि वे भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदार हैं।

प्रो. द्विवेदी के अनुसार सर्वेक्षण में यह भी समझने की कोशिश की गई कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘मन की बात’ में चर्चा किए गए किस मुद्दे ने लोगों के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। इसके जवाब में 40% लोगों ने कहा की ‘शिक्षा’ सबसे प्रभावशाली विषय है, जिसने उन्हें सोचने पर मजबूर किया, वहीं 26% लोगों के अनुसार ‘जमीनी स्तर पर काम करने वाले गुमनाम समाज-शिल्पियों’ से संबंधित जानकारी उनके लिए काफी रोचक रही। अध्ययन में यह भी जानने का प्रयास किया गया कि ‘मन की बात’ में चर्चा किए गए विषयों के बारे में लोग किनसे ज्यादा बातचीत करते हैं। 32% लोगों ने कहा कि वे अपने परिवार के सदस्यों से इस बारे में अपने विचार साझा करते हैं, वहीं 29% लोगों के अनुसार वे अपने दोस्तों और साथियों के साथ इस विषय पर बातचीत करते हैं।

सर्वेक्षण के दौरान एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनने के लिए जहां 12% लोग रेडियो और 15% लोग टेलीविजन का प्रयोग करते हैं, वहीं लगभग 37% लोग ‘इंटरनेट बेस्ड प्लेटफॉर्म’ पर इस कार्यक्रम को सुनना पसंद करते हैं।

मेहरीन मुखिया की जनता से भावुक अपील

मेहरीन मुखिया की जनता से भावुक अपील

दीपक राणा 

गाजियाबाद। नगर निकाय चुनाव समर में सभी प्रत्याशी कमर कसकर प्रतिद्वंदी के विरुद्ध वाणी शस्त्र का जमकर उपयोग कर रहे हैं। कुछ सुलझे हुए राजनेता  रणनीति के तहत भी कार्य कर रहे हैं। ऐसी एक रणनीति लोनी नगर पालिका प्रत्याशी मेहरीन असद अली मुखिया ने भी अपनाई है। गौरतलब हो दिल्ली सहारनपुर रोड स्थित अशोक विहार कॉलोनी में बहुजन समाज पार्टी का मुख्य चुनाव कार्यालय का उद्घाटन बसपा जिला अध्यक्ष प्रदीप जाटव   सदस्य पूर्व विधानसभा परिषद उत्तर प्रदेश के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक समीक्षा सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी 55 वार्डों के बसपा सभासद प्रत्याशियों ने शिरकत की।

सभा को संबोधित करते हुए प्रदीप जाटव ने कहा कि आज प्रदेश में नफरत की राजनीति ने अपने पैर पसार लिए हैं। जिसके कारण समाज में तनाव का माहौल बना हुआ है। हमारी गंगा-जमुना तहजीब को दरकिनार कर मानसिकता में नफरत का जहर घोल दिया गया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी अल्पसंख्यक, दलित और पिछड़े वर्ग के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करती रही है। बल्कि यह एक राजनीतिक पार्टी के साथ एक मिशन है। जिसके तहत समाज में दबे, कुचले और पिछड़े वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने की मुहिम है। लोनी की जनता से भेदभाव और जाति धर्म से ऊपर उठकर विकास को ध्यान में रखकर बसपा से वोट करने की अपील की। 

वही, बसपा प्रत्याशी मेहरीन अली के पति असद अली मुखिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा यह चुनाव स्थानीय चुनाव है। इस चुनाव में भेदभाव और जातिवाद को महत्व नहीं देना चाहिए। जो प्रत्याशी नगर का विकास कर सकें, उसी को मतदान करें। जो आपके विकास कार्य को करने में सक्षम हो उस प्रत्याशी का चुनाव करें। 

कार्यालय पर उपस्थित बसपा प्रत्याशी मेहरीन असद अली मुखिया ने अपने संबोधन में भावुक अपील करते हुए कहा कि आज नाजुक दौर में मेरे अपने सगे-संबंधी मेरा साथ छोड़कर विपक्ष के खेमे में पहुंच गए हैं। लेकिन मेरे ससुर चौधरी औलाद अली मुखिया का नगर की जनता और नगर के विकास के लिए विशेष बलिदान रहा है। उस बलिदान को ध्यान में रखते हुए, खासकर मुस्लिम समाज से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि राजनीति से अलग हटकर, इस लड़ाई में हमारा साथ दें। बसपा को वोट करें।

यह चुनाव अब प्रतिष्ठा का चुनाव बन चुका है। इस मौके पर बसपा कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के साथ सैकड़ों की तादाद में स्थानीय लोग मौजूद रहे।

घिनौनी करतूत, अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया 

घिनौनी करतूत, अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया 

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर/खतौली। उत्तर प्रदेश में शहरी सरकार के गठन के लिए हो रहे नगर निकाय चुनाव की भागम-भाग और गहमा-गहमी के बीच असामाजिक तत्वों ने अपनी घिनौनी करतूत को अंजाम देते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया है। घटना के विरोध में सड़क पर उतरे दलित समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। गांव में बने तनाव के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई है।

रविवार को जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के गांव मुबारिकपुर तिगाई स्थित चौक पर दलित समाज के लोगों द्वारा लगाई गई डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को असामाजिक तत्वों ने अपना निशाना बना लिया। मौके पर पहुंचे असामाजिक तत्वों ने लोहे की जाली से चौतरफा घिरी अंबेडकर मूर्ति के सिर को तोड़फोड़ करते हुए धड़ से अलग कर दिया। सवेरे के समय जब मोहल्ले में लोगों की आवाजाही शुरू हुई तो डा. अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त हुई देखकर लोगों में रोष उत्पन्न हो गया। थोड़ी ही देर में यह बात गांव से होते हुए आसपास के इलाके में फैल गई।

मामले की जानकारी मिलते ही अनेक लोगों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई। घटना के विरोध में दलित समाज के लोगों ने सड़क पर उतरते हुए असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिए जाने की जानकारी मिलते ही खतौली कोतवाल पुलिस फोर्स को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और वहां पर हंगामा काट रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।

पीएम के 'मन की बात' को ऐतिहासिक क्षण बताया

पीएम के 'मन की बात' को ऐतिहासिक क्षण बताया

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 

नई दिल्ली/जालंधर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रविवार को जालंधर के रामा मंडी में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को सुनते हुए इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया।ठाकुर ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि विश्व आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक 100वें मन की बात कार्यक्रम का साक्षी बना है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो पूरी तरह से ग़ैर राजनीतिक है, पूरी तरह जनता को समर्पित है, पूरी तरह समाज कल्याण व जनउत्थान को समर्पित है।

उन्होने कहा कि आज मन की बात के 100वें एपिसोड के साथ ही इस कार्यक्रम के नौ वर्ष पूरे हो गए हैं। ठाकुर ने मन की बात कार्यक्रम पर कुछ विशेष तथ्य सामने रखते हुए कहा कि 100 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कभी ना कभी मन की बात को अवश्य देखा है या सुना है। मन की बात को देश भर में 22 भाषाओं और 29 बोलियों में प्रसारित किया जाता है। विदेशी भाषाओं में भी इसे दिखाया जाता है। दुनिया भर के 100 देशों में हमारे ऑल इंडिया रेडियो की पहुँच है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम देश के दूर सुदूर क्षेत्रों व अंतिम व्यक्ति की बात को देश के कोने कोने तक पहुंचाने का एक अद्भुत प्लेटफार्म है।

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात हो, खिलाड़ियों की बात हो या अंगदान जैसे महान मुहिम की बात हो, इन सभी को जन जन तक पहुंचाने का काम मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम के द्वारा किया है। यह लोगों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। एक सशक्त भारत के निर्माण की दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए, मन की बात मानवीय, राष्ट्र की राष्ट्रीय और वैश्विक सफलताओं को उजागर करने पर केंद्रित है। ठाकुर ने मन की बात कार्यक्रम के विशेष सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि एक सर्वे में दिखाया गया है कि कैसे इससे लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया ? कैसे उनमें राष्ट्र निर्माण की भावना प्रज्वलित हुई ?

मन की बात की प्रेरणा से जन अभियान व जन आंदोलन कैसे खड़े हुए, यह भी हमें पता चलता है। देश की जनता की तरफ से मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट करता हूं। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है, यह क्रम यूँ ही अनवरत चलता रहेगा, देश को प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन वर्षों वर्षों तक मिलता रहेगा।

नमामि गंगे की मुख्यधारा से जुड़ी परियोजनाएं पूरी

नमामि गंगे की मुख्यधारा से जुड़ी परियोजनाएं पूरी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। गंगा की निर्मलता और अविरलता सुनिश्चित करने के लिए अस्तित्व में आए नमामि गंगे कार्यक्रम की सुस्त रफ्तार की आलोचनाओं को नकारते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया है पिछले एक साल में सर्वाधिक काम हुआ है और नमामि गंगे की मुख्यधारा से जुड़ी परियोजनाएं लगभग पूरी हो गई हैं। शेखावत ने एक न्यूज एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कहा, गंगा में प्रदूषण के निस्तारण से संबंधित मुख्यधारा की अधिकांश परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और अब बेसिन आधारित दृष्टिकोण को अपनाकर काम किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार अब श्रेणी-1, श्रेणी-2 और श्रेणी-3 की सहायक नदियों पर जरूरत के मुताबिक प्रदूषण निस्तारण एवं जलमल शोधन संबंधी आधारभूत ढांचे के विकास पर काम किया जा रहा है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के पूरी होने की धीमी रफ्तार के बारे में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि 1985 से 2014 तक करीब 30 वर्षों में चार हजार करोड़ रुपये खर्च करके जितनी जलमल शोधन क्षमता सृजित की गई, उससे कहीं अधिक क्षमता नमामि गंगे परियोजना के तहत 2014 से 2022 तक आठ वर्ष के दौरान विकसित की गई।

उन्होंने दावा किया, 1985 से 2014 के बीच और 2014 से 2022 के दौरान जितनी जलमल शोधन क्षमता सृजित हुई, उतनी क्षमता केवल एक साल में 2022-23 के दौरान विकसित की गई। शेखावत ने कहा कि परियोजना पर ठीक ढंग से काम हो रहा है और यह समझना होगा कि वर्ष 2015 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू होने के बाद अगले दो वर्ष नदी में प्रदूषण के स्तर का आकलन करने, इसके निस्तारण के लिए जरूरी कदमों की पहचान करने और आ‍वश्यक नीतियां बनाने में लग गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, गंगा की निर्मलता का कार्य वास्तव में वर्ष 2017 से शुरू हुआ। यह एक व्यापक कार्य है, क्योंकि गंगा 2,600 किलोमीटर में प्रवाहित होती है और इसके तटों पर कई शहर और करीब चार हजार गांव बसे हुए हैं।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल 428 परियोजनाएं मंजूरी की गईं, जिनकी लागत कुल 36,512 करोड़ रुपये है। इनमें से 244 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 130 में कार्य प्रगति पर है और 37 परियोजनाएं निविदा के स्तर पर हैं। इस तरह, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल मंजूर परियोजनाओं में से अब तक 58 प्रतिशत पूरी हुई हैं।

वहीं, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत जलमल शोधन संबंधी आधारभूत ढांचे से जुड़ी कुल 186 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 105 पूरी हो गई हैं, 44 में कार्य प्रगति पर है और 28 परियोजनाएं निविदा के स्तर पर हैं। शेखावत ने दावा किया कि यह सरकारी प्रयासों का ही नतीजा है कि आज गंगा दुनिया की 10 सबसे स्वच्छ नदियों में से एक बन गई है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हमारा दावा नहीं है, बल्कि कुंभ के आयोजन को लेकर देश-दुनिया से मिली प्रतिक्रिया और गंगा में जलीय जीवों की संख्या में वृद्धि इसे प्रमाणित करती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने गंगा संरक्षण परियोजना को दुनिया की 10 शीर्ष पुनर्जीवन परियोजनाओं में शामिल किया है।

अर्थगंगा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए जल शक्ति मंत्री ने कहा कि गंगा को साफ करना केवल नदी को निर्मल एवं अविरल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका से जुड़ा विषय भी है। यह पूछे जाने पर कि बीते दो दशक में नदियों को जोड़ने की 30 संकल्पित परियोजनाओं में से केवल एक ही परियोजना धरातल पर आई है, शेखावत ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू हो गया है और 15 से ज्यादा नदी लिंक पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर राज्यों के साथ साझा की गई है।

उन्होंने कहा, “पांच प्राथमिकता वाली नदी लिंक परियोजनाओं पर राज्यों के बीच आपसी चर्चा के बाद डीपीआर मंजूरी पाने के करीब है। शेखावत ने कहा कि संविधान के तहत जल राज्य का विषय है और राज्य इस पर और खुले मन से विचार करें तथा सहमति बनाएं, तो निश्चित तौर पर इन परियोजनाओं को गति मिलेगी, साथ ही बड़े भूभाग पर जहां पानी की कमी है या आने वाले समय में समस्या आ सकती है, वहां के लोगों की मदद हो सकेगी।

229 लोगों के एक और समूह को स्वदेश लाया 'भारत'

229 लोगों के एक और समूह को स्वदेश लाया 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/खार्तूम। भारत हिंसाग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के अपने अभियान के तहत रविवार को 229 लोगों के एक और समूह को स्वदेश लेकर आया। ये लोग बेंगलुरु पहुंचे। इससे एक दिन पहले सूडान से 365 लोग दिल्ली पहुंचे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, ऑपरेशन कावेरी के तहत एक और उड़ान से 229 यात्रियों को बेंगलुरु लाया गया। निकासी अभियान के तहत, शुक्रवार को 754 लोग दो समूहों में भारत पहुंचे थे।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से अब तक 1,954 लोगों को स्वदेश लाया जा चुका है। ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत शरणार्थियों को सऊदी अरब के जेद्दा शहर ले जा रहा है, जहां से उन्हें स्वदेश वापस लाया जा रहा है। कुल 360 नागरिकों के पहले समूह को बुधवार को एक वाणिज्यिक विमान से नयी दिल्ली लाया गया था। वहीं, दूसरे समूह में अगले ही दिन भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से 246 नागरिकों को मुंबई लाया गया था। 

सेबी के आवेदन में किसी भी गड़बड़ी का निष्कर्ष नहीं

सेबी के आवेदन में किसी भी गड़बड़ी का निष्कर्ष नहीं

अकांशु उपाध्याय 

ई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय में दिए गए सेबी के आवेदन में किसी भी गड़बड़ी का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अडाणी के खिलाफ आरोपों की जांच पूरी करने के लिए न्यायालय से छह माह का और समय मांगा है। अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर हेराफेरी से शेयरों की कीमत बढ़ाने और नियामक खुलासे में चूक का आरोप लगाया था। समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है। न्यायालय के समक्ष दायर एक आवेदन में सेबी ने कहा, वित्तीय गलत बयानी, विनियमों की धोखाधड़ी और या लेनदेन की धोखाधड़ी से संबंधित संभावित उल्लंघनों का पता लगाने की कार्रवाई को पूरा करने में छह और महीने लगेंगे।

सेबी को इस संबंध में दो मई को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी थी, लेकिन शनिवार को उसने और समय मांगने के लिए अर्जी दी। सेबी ने शनिवार को दायर अपने आवेदन में कहा कि उसे इन मामलों में जहां प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए गए हैं और जहां प्रथम दृष्टया उल्लंघन नहीं मिला है, वहां विश्लेषण को फिर से सत्यापित करने और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए के लिए छह महीने का और वक्त चाहिए। सेबी ने अपने आवेदन में कहा कि 12 संदिग्ध लेन-देन की जांच से पता चलता है कि ये जटिल हैं और इनमें कई उप-लेनदेन हैं और इन लेनदेन की एक सख्त जांच के लिए सत्यापन सहित विस्तृत विश्लेषण के साथ ही विभिन्न स्रोतों से मिले आंकड़ों को मिलाने की जरूरत होगी।

अडाणी समूह ने बयान में कहा, यह ध्यान रखना उचित है कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर सेबी के आवेदन में किसी भी कथित गड़बड़ी का कोई निष्कर्ष नहीं है। कुछ हिस्सों में सेबी की जांच में देरी को संदेह के साथ देखा गया। तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्वीट कर सेबी पर सवाल उठाए हैं।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...