मकर संक्रांति, यज्ञ एवं चारा सेवा का आयोजन: बागपत
मकर संक्रांति के उपलक्ष में विश्व शांति यज्ञ व बेसहारा गोवंश हेतु चलती-फिरती चारा सेवा का आयोजन कर किया खिचड़ी वितरण
गोपीचंद
बागपत। कल्याण भारती सेवा संस्थान संबंधता प्राप्त (ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज रजि0) के तत्वावधान में 'मकर संक्रांति' के उपलक्ष में विश्व शांति यज्ञ का आयोजन कल्याण भारती सेवा संस्थान के कार्यालय आजाद नगर बड़ौत पर किया गया और यज्ञ के उपरांत बड़ौत नगर में बेसहारा गोवंश हेतु एक चलती-फिरती चारा सेवा का आयोजन किया गया। जिसमें बेसहारा और लावारिस घूमन्तू गोवंशों को हरा चारा खिलाया गया और फिर कार्यक्रम के तीसरे चरण में गीत वेजिटेबल खिचड़ी का वितरण संस्थान के आजाद नगर कार्यालय बड़ौत पर किया गया।
गोवंश सुरक्षा पर बोलते हुए संस्थान के प्रबंधक निदेशक गोपी चन्द सैनी ने कहा कि आज गोवंश एक बड़ी सामाजिक समस्या बनता जा रहा है। जिसका निस्तारण काफी प्रयासों के बाद भी नहीं हो पा रहा है। गोवंश को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है,परंतु आज गोवंश की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है, कि जनता गोवंश से परेशान है और गोवंश जनता से। गोशालाओं में भी गोवंश पीड़ित हो रहा है, गोवंश से संबंधित समस्याओं का सटीक जवाब वह हल खोजने पर भी कहीं नहीं मिल पा रहा है। बेसहारा लावारिस गोवंश पीड़ित है, घायल है, दुखद संवेदनाएं वह जन तिरस्कार को निरंतर झेल रहा है और आम-जन-मानस भी लावारिस गोवंश द्वारा मचाए उत्पातों का दंश झेल रहा है, समस्या का कैसे हो समाधान, कोन समझेगा जिम्मेदारी ? सरकार ने भी बड़ा-बड़ा खर्च किया। गोवंश प्रबंधन पर, लेकिन निष्कर्ष कोई खास नहीं।
क्या देव तुल्य गोवंश एक सामाजिक समस्या ही बन कर रह जाएगा ? रविवार सुबह आजाद नगर बड़ौत के खेतों में किसी के द्वारा एक गोवंश को भाला लगने से मृत्यु हो गई, किसने मारा, भाला कोन है अपराधी ?
गोवंश खुले घूमेंगे, तो शायद ऐसे ही पीड़ित रहेंगे। आज सड़को पर गोवंश असुरक्षित हो गए है और आम-जन-मानस भी उत्पाति गोवंश से अशुरक्षित है। कल्याण भारती सेवा संस्थान का निवेदन और अपेक्षा है कि समाज की सक्षम और दायित्व वान व्यवस्था गोवंश प्रबंधन को करे मजबूत, अन्यथा हिंदुत्व की भावनाएं निरंतर होंगी... आहत और देवत्व होगा अपमानित।
कार्यक्रम में मुख्य सहयोगी रहें प्रमोद कुमार, विनीत कुमार, राजीव कुमार, मनोज कुमार, सुनील कुमार, नीतू जैन, पियूष, वह अन्य सहयोगी साथी रहें।