बुधवार, 11 जनवरी 2023

संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया 

संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया 


जिलाधिकारी ने अलवारा झील का किया स्थलीय निरीक्षण

अलवारा झील के संरक्षण, सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन को आकर्षित करने के दृष्टिगत विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के दिए निर्देश

कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने अलवारा झील के संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण के दृष्टिगत मुख्य विकास अधिकारी डॉ. रवि किशोर त्रिवेदी एवं प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. राम सिंह यादव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने अलवारा झील का अवलोकन कर तहसीलदार से झील का क्षेत्रफल आदि जानकारी प्राप्त करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी को अलवारा झील के संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने को भी दृष्टिगत रखते हुए विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी को आगामी गर्मी के समय में साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए। 

प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि अलवारा झील को जलीय जैव विविधिता पार्क एवं नौकायन आदि के रुप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। उन्होंने बताया कि अलवारा झील में आधारभूत सुविधाओ के विकास, वॉच टावर एवं जन-जागरूकता करने के लिए वन विभाग द्वारा रू0 25 लाख की धनराशि उपलब्ध करायी गई है। शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जाएगी।

गणेश साहू 

तीन नई सहकारी समितियों के गठन का फैसला 

तीन नई सहकारी समितियों के गठन का फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने जैविक उत्पाद, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों के गठन का फैसला किया है। बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर की सहकारी जैविक समिति, सहकारी बीज समिति एवं सहकारी निर्यात समिति का पंजीकरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सहकारिता क्षेत्र एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस संदर्भ में, मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो 'सहकार से समृद्धि' के हमारे दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा।’’

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सहकारिता- ग्रामीण भारत का अहम हिस्सा है और मंत्रिमंडल ने 35 साल बाद तीन नई बहु सहकारी समितियां गठित करने का अहम फैसला लिया है। बहु-राज्यीय सहकारिता समिति कानून 1984 में लागू किया गया था। वर्ष 1987 में इस कानून के तहत ट्राइफेड (ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) को एक राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था के रूप में स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि 35 साल बाद तीन नई बहुराज्य सहकारी समितियां स्थापित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ये समितियां ग्रामीण विकास और किसानों की आय को बढ़ाकर ‘सहकार से समृद्धि’ (सहकारिता के माध्यम से समृद्धि) के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मंत्री ने कहा कि प्राथमिक समितियां, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के महासंघ, बहु-राज्य सहकारी समितियां और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) सहित सहकारिता सोसायटी इन नई सहकारी समितियों के सदस्य बन सकते हैं। यादव ने कहा, ‘‘इन सभी सहकारी समितियों के उपनियमों के अनुसार समिति के निदेशक मंडल में उनके निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे।’’ देश में लगभग 8.5 लाख पंजीकृत सहकारी समितियां हैं जिनमें 29 करोड़ सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों की स्थापना से ग्रामीण विकास होगा।

प्रस्तावित निर्यात समिति की भूमिका के बारे में बताते हुए सहकारिता मंत्रालय ने कहा कि यह निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख संगठन के रूप में कार्य करके सहकारी क्षेत्र से निर्यात पर जोर देगी। यह सहकारी समितियों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की विभिन्न निर्यात-संबंधी योजनाओं और नीतियों से एक केंद्रित तरीके से लाभ प्राप्त करने में भी मदद करेगी। मूल रूप से, यह वैश्विक बाजार में भारतीय सहकारी समितियों की निर्यात क्षमता को उन्मुक्त करने में मदद करेगा। मंत्रालय के अनुसार, प्रस्तावित सहकारी जैविक समिति - घरेलू और वैश्विक बाजारों में जैविक उत्पादों की मांग और खपत क्षमता को खोलने में मदद करेगी। यह प्रमाणित और प्रामाणिक जैविक उत्पाद प्रदान करके जैविक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का प्रबंधन करेगी। यह सहकारी समितियों और अंततः उनके किसान सदस्यों को सस्ती कीमत पर परीक्षण और प्रमाणन की सुविधा देकर बड़े पैमाने पर एकत्रीकरण, ब्रांडिंग और विपणन के माध्यम से जैविक उत्पादों की उच्च कीमत का लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी।

यह जैविक उत्पादकों के लिए तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की सुविधा के साथ-साथ उनके लिए एक समर्पित बाजार आसूचना प्रणाली विकसित करने और बनाए रखने के अलावा निर्यात विपणन के लिए राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति की सेवाओं का उपयोग करेगी।जहां तक बीज सहकारी समिति का मामला है, मंत्रालय ने कहा कि यह गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, खरीद, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, भंडारण, विपणन और वितरण के लिए एक शीर्ष संगठन के रूप में कार्य करेगी। यह संबंधित मंत्रालयों के सहयोग से देशभर में विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से स्वदेशी प्राकृतिक बीजों के संरक्षण और प्रचार के लिए एक प्रणाली विकसित करेगी।

रिक्शा और टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी, अधिसूचना 

रिक्शा और टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी, अधिसूचना 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को तिपहिया (ऑटो रिक्शा) और टैक्सी के किराए में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में अब ऑटो और टैक्सी का सफर महंगा हो गया है। नए किराये के अनुसार, ऑटो रिक्शा में शुरुआती 1.5 किलोमीटर के लिए मीटर डाउन (न्यूनतम किराया) करने का शुल्क 25 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है। वहीं इसके बाद प्रति किलोमीटर किराया 9.5 रुपये से बढ़ाकर 11 रुपये कर दिया गया है। नई दरें नौ जनवरी से प्रभावी हो गई हैं।

ऑटो रिक्शा के लिए प्रतीक्षा (वेटिंग) शुल्क और रात्रि शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन अतिरिक्त सामान के लिए किराया 7.50 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। टैक्सी में वातानुकूलित और गैर-वातानुकूलित वाहनों के लिए पहले किलोमीटर का मौजूदा किराया 25 रुपये था, जो अब बढ़कर 40 रुपये हो गया है। मीटर डाउन करने के बाद प्रति किलोमीटर के लिए किराया गैर-वातानुकूलित वाहनों में 14 रुपये से बढ़कर 17 रुपये और वातानुकूलित वाहनों में 16 रुपये से बढ़कर 20 रुपये कर दिया गया है। रात्रि शुल्क (25 रुपये) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 

प्रतीक्षा शुल्क 30 रुपये ही है और 15 मिनट के बाद एक रुपये प्रति मिनट की दर से शुल्क लिया जाएगा। अतिरिक्त सामान शुल्क 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है। जहां ऑटो रिक्शा के किराये में पिछली बार संशोधन 2020 में किया गया था, वहीं टैक्सी, जिसमें काले-पीले रंग वाली, इकनॉमी (किफायती) और प्रीमियम (महंगी) टैक्सी, के किराये में संशोधन नौ साल पहले 2013 में किया गया था। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो रिक्शा और टैक्सी के किराये में बढ़ोतरी को अधिसूचित करने के लिए उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास 17 दिसंबर, 2022 को फाइल भेजी थी। 

राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतों में वृद्धि के बाद गठित एक समिति की किराया बढ़ाने की सिफारिशों को दिल्ली सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में मंजूरी दे दी थी। किराया बढ़ोतरी के मुद्दे पर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से ऑटो रिक्शा और टैक्सी संघों के कई प्रतिनिधियों ने मुलाकात की थी।

हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का फैसला 

हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का फैसला किया है। ताकि देश के आम लोगों को इससे फायदा हो और इस धार्मिक यात्रा में ‘वीआईपी कल्चर’ खत्म हो। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, यह (हज में वीआईपी कोटा खत्म करने का) फैसला हो चुका है। प्रधानमंत्री जी ने अपने कार्यकाल के प्रथम दिन ही वीआईपी कल्चर खत्म करने का संकल्प राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया था।

ईरानी ने कहा, हज कमेटी और हज यात्रा को लेकर संप्रग सरकार के समय वीआईपी कल्चर स्थापित किया गया था। इसके अंतर्गत संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के पास हज का विशेष कोटा होता था। उन्होंने बताया, अब प्रधानमंत्री जी ने अपना कोटा राष्ट्र को समर्पित किया ताकि इसमें वीआईपी संस्कृति नहीं रहे और आम हिंदुस्तानी को सुविधा मिले। राष्ट्रपति जी, उप राष्ट्रपति और मैंने भी अपना कोटा छोड़ा है। हमने हज कमेटी से चर्चा की कि आप वीआईपी कल्चर छोड़ दें और कोटा समाप्त कर दें। सभी राज्यों की हज कमेटियों ने इसका समर्थन किया। उधर, हज कमेटी के सूत्रों ने बताया कि मंत्री की इस घोषणा के बाद अगले कुछ दिनों के भीतर इस फैसले से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि ‘वीआईपी कोटे’ के तहत राष्ट्रपति के पास 100 हजयात्रियों का कोटा होता था तो प्रधानमंत्री के पास 75, उप राष्ट्रपति के पास 75 और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के पास 50 का कोटा होता था। इसके अतिरिक्त हज कमेटी के सदस्यों/पदाधिकारियों के पास 200 हजयात्रियों का कोटा होता था। हज कमेटी के सूत्रों ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने गत 14 नवंबर को एक पत्र लिखकर हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने से जुड़े फैसले की जानकारी दी थी और कहा था कि हज कमेटी के 200 हजयात्रियों के कोटे को सामान्य कोटे के साथ शामिल किया जाए। हज के लिए भारत का कोटा करीब दो लाख हज यात्रियों का है।

60 वर्षीय महिला से बलात्कार का आरोप, एक अरेस्ट 

60 वर्षीय महिला से बलात्कार का आरोप, एक अरेस्ट 

कविता गर्ग 

नासिक। महाराष्ट्र के नासिक में पक्षाघात के कारण बिस्तर पर पड़ी 60 वर्षीय महिला से बलात्कार के आरोप में 22 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना मंगलवार सुबह नासिक शहर के उपनगर इलाके में हुई। उन्होंने कहा कि पक्षाघात से पीड़ित महिला अपने घर में अकेली रहती है और पिछले सात साल से बिस्तर पर है।

महिला का भाई पास में ही रहता है। उन्होंने कहा कि मंगलवार रात एक युवक घर में घुस गया और पीड़िता के शोर मचाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया। उसने जाने से पहले महिला की तस्वीरें भी खींची।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब उसका भाई सुबह चाय देने आया तो महिला ने उसे घटना के बारे में बताया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे जांच की जा रही है।

समारोह में शामिल होने के लिए 21 दल आमंत्रित 

समारोह में शामिल होने के लिए 21 दल आमंत्रित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले 21 राजनीतिक दलों को श्रीनगर में 30 जनवरी को होने वाले ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने इन दलों के प्रमुखों को लिखे पत्र में यह भी कहा कि उनकी उपस्थिति से यात्रा के सत्य, करुणा और अहिंसा रूपी संदेश को मजबूती मिलेगी। खरगे ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करता हूं कि श्रीनगर में 30 जनवरी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह में शामिल हों। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी की स्मृति को समर्पित है जिन्होंने घृणा और हिंसा की विचारधारा के खिलाफ अपने अथक संघर्ष में इसी दिन अपना जीवन खोया था।’’

खरगे ने कहा, ‘‘इस समारोह में हम घृणा और हिंसा से लड़ने, सत्य, करुणा और अहिंसा का संदेश प्रसारित करने तथा स्वतंत्रता, समता, बंधुता और सबके लिए न्याय रूपी संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने का संकल्प लेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब हमारा देश संकट का सामना कर रहा है, लोगों के मुद्दों से व्यवस्थित ढंग से ध्यान भटकाया जा रहा है तो यह यात्रा एक ताकतवर आवाज के रूप में सामने आई है।

मैं आशा करता हूं कि आप लोग उपस्थित होंगे और इस संदेश को मजबूती देंगे।’’ खरगे ने दावा किया कि जब देश आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है तथा विपक्ष की आवाज को संसद और मीडिया में दबाया जा रहा है तो उस समय यात्रा लोगों को जोड़ रही है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को कन्याकुमारी से आरंभ हुई थी और अब पंजाब पहुंची है। पंजाब के बाद यात्रा हिमाचल प्रदेश और फिर जम्मू-कश्मीर जाएगी। श्रीनगर में 30 जनवरी को इस यात्रा का समापन होगा।

‘अनावश्यक चैंटिंग’ में व्यस्त छात्रों को फटकार लगाई 

‘अनावश्यक चैंटिंग’ में व्यस्त छात्रों को फटकार लगाई 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान ‘अनावश्यक चैंटिंग’ में व्यस्त मेडिकल स्नातक छात्रों को कड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) के मेडिकल स्नातक छात्र जो उच्च न्यायालय की कार्यवाही ऑनलाइन देख रहे थे, वे ‘अनावश्यक चैटिंग’ में लगे हुए थे।

यह घटना मंगलवार को उस वक्त हुई जब न्यायमूर्ति वराले ने कहा,“छात्रों को पूछताछ के दौरान शालीनता बनाए रखनी चाहिए।” मुख्य न्यायाधीश वराले की अध्यक्षता वाली खंडपीठ वर्ष 2022 में आयोजित एमबीबीएस डिग्री परीक्षा के मूल्यांकन के संबंध में आरजीयूएचएस द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। कार्यवाही का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रसारण किया गया। इसी बीच कुछ छात्र जूम एप के माध्यम से कार्यवाही देख रहे थे और बिना ऑडियो म्यूट किए बातचीत में लगे हुए थे। कोर्ट अधिकारी ने उन्हें ऑडियो म्यूट करने की चेतावनी दी, लेकिन छात्र ‘चैटिंग’ कर उन्हें परेशान करते रहे। कोर्ट के अधिकारी ने मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस में छात्रों द्वारा साझा किए गए संदेशों को मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में लाया।

उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए छात्रों की ओर से मौजूद वकीलों पर नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति वराले ने कहा,“कार्यवाही देखते समय विनम्र रहें। छात्रों को अदालत के शिष्टाचार और व्यवहार करने के तरीके के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। आपको कोर्ट में वैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसा आपने कॉलेज में किया।” उन्होंने मौखिक रूप से छात्रों को सावधान रहने का भी सुझाव दिया।

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