चंद्र ग्रहण: आज मनाया जाएगा 'गंगा स्नान' का पर्व
सरस्वती उपाध्याय
कार्तिक पूर्णिमा इस वर्ष आठ नवंबर को है। इसे गंगा स्नान भी कहा जाता है। लोग व्रत रखते हैं। भोर में गंगा स्नान कर पूजन, दान करते हैं। इस बार आठ नवंबर को ही साल का आखरी चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। चंद्रग्रहण के चलते कई कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है। बालाजी ज्योतिष संस्थान के पंडित राजीव शर्मा का कहना है कि ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में अरुणोदय काल में गंगा स्नान करना पुण्यकारी होगा।
धार्मिक मान्यता, परंपरा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान भी कहा जाता है। इस वर्ष 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, पर उसी दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। यह ग्रहण देश के पूर्वोत्तर एवं पूर्वी भागों में खग्रास के रूप में भी दिखाई देगा। वहीं शेष हिस्सों में खण्डग्रास होगा। जिन स्थानों पर चंन्द्रोदय सांय 5:12 बजे से पूर्व होगा, उन स्थानों पर यह खग्रास भी दिखाई देगा, शेष में यह चंद्रग्रहण खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा। यह ग्रहण आठ नवंबर को भारतीय मानक समय अनुसार अपराह्न 2:39 बजे से सांय 6:19 बजे तक रहेगा जिसमें खग्रास की स्थिति अपराह्न 3:46 बजे से सांय 5:12 बजे तक रहेगी। भारत के विभिन्न छेत्रो में ग्रेस्तोदय के रूप में दिखाई देगा
ग्रहण का सूतक
ग्रहण ग्रस्तोदय होने की वजह से इसका सूतक सूर्योदय से ही माना जायेगा। सामान्य रूप से चंद्र ग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले से मानते हैं। चंद्र ग्रहण मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र में हो रहा है इसलिए यह इस राशि एवं नक्षत्र वाले व्यक्तिओं के लिए विशेष रूप से अशुभफलदायक है। इसके अतिरिक्त वृष, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर एवं मीन राशि वालों के लिए अशुभ फलप्रद रहेगा।