रविवार, 10 जुलाई 2022

शामली: हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की

शामली: हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज अदा की 

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उत्तर प्रदेश में ईद-उल-अजहा का त्यौहार आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जिसके चलते शामली जनपद के ईदगाह में हजारों की संख्या में लोगों ने समय से पहुंचकर नमाज अदा की है। वहीं, इस दौरान ईदगाह के प्रांगण के अंदर ही लोगों ने लाउडस्पीकर की धीमी आवाज के साथ नमाज अदा की है। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी काफी सतर्क नजर आया है। वही नमाज के दौरान सभी मुस्लिम भाइयों ने भाईचारे की एकता और चैनो अमन की दुआ मांगी है। आपको बता दें कि ईद उल अजहा की नमाज आज पूरे देश में अदा की जा रही है। वही शामली में ईदगाह स्थल पर लगभग 4 से 5000 लोग नमाज अदा करने पहुंचे। वही ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था के इंतजाम किए हुए थे। पुलिस प्रशासन की सतर्कता के चलते सभी मुस्लिम भाइयों ने ईदगाह प्रांगण के अंदर ही नमाज अदा की है।

वही उत्तर प्रदेश सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार लाउडस्पीकर की आवाज ईदगाह प्रांगण तक ही सीमित रखी गई। वहीं, रविवार सुबह 7:00 बजे 'ईद-उल-अजहा' की नमाज अदा करने के लिए हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई एकत्रित हुए। जिन्होंने पूरी दुनिया के लिए चैनो अमन की दुआ मांगी है। जिसके चलते शामली जनपद में बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से ईद उल अजहा की नमाज अदा कराई गई है। नमाज अदा करने पहुंचे मोहम्मद जुनैद ओर मोहम्मद गुलफाम का कहना है कि आज शामली जनपद के ईदगाह स्थल पर हजारों की संख्या में मुस्लिम भाई नमाज अदा करने पहुंचे। जिन्होंने बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से भाईचारे और चैनो अमन की दुआ मांगते हुए नमाज अदा की है। वहीं नमाज अदा कराने में शामली जनपद की पुलिस-प्रशासन का बड़ा सहयोग रहा है।

खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना: यूपी

खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना: यूपी 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दो साल के अंतराल के बाद होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए निर्धारित मार्गो पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की योजना बना रही है। 14 जुलाई से शुरू होने वाली और एक पखवाड़े तक चलने वाली कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे कांवड़ यात्रियों द्वारा ली गई सड़कों को साफ करें और उनके साथ खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने के अलावा प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करें।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा, "मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा पूरे राज्य में सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से हो।" अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय, जिला और पुलिस प्रशासन इसे सुनिश्चित करने के लिए मांस व्यापारियों से संपर्क कर रहा है। बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा, "हमने मांस व्यापारियों से संपर्क किया है और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि खुले में मांस की बिक्री न हो। व्यापारियों ने हमें इसका आश्वासन दिया है।" बिजनौर के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने कहा कि उन्होंने मांस व्यापारियों से भी इसी तरह की अपील की है, जिन्होंने आश्वासन दिया है कि कांवड़ियों के रास्ते में मांस की बिक्री नहीं होगी। भगवान शिव के भक्त 'कांवड़ियां' गंगा नदी के तट पर पानी लाने के लिए जाते हैं, जिसे वे अपने घरों या इलाकों के मंदिरों में चढ़ाते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ यात्रा की व्यवस्था करने का काम जोरों पर है। अधिकारी मार्ग में उचित स्वच्छता व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित अन्य विवरणों की जांच कर रहे हैं।

अधिकारियों ने कांवड़ यात्रियों के साथ कीमतों को लेकर किसी भी तरह की बहस से बचने के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठानों और भोजनालयों को रेट दर लगाने को कहा है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचने के लिए लाखों श्रद्धालु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत जिलों से गुजरते हैं। दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालु सहारनपुर, शामली और बागपत जिलों से होकर जाते हैं। मुरादाबाद और बरेली से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिजनौर और अमरोहा होते हुए हरिद्वार पहुंचते हैं। यात्रा 2020 और 2021 में कोविड-19 के प्रकोप के कारण आयोजित नहीं की गई थी। चूंकि पिछले दो वर्षो में यात्रा नहीं हुई है, इसलिए अधिकारी इस बार कांवड़ यात्रियों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। अधिकारियों को व्यवस्था करते समय इस बात का ध्यान रखने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धार्मिक जुलूस में किसी को भी हथियार प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं होगी और कांवड़ यात्रियों को अनुमेय सीमा के भीतर मात्रा रखते हुए संगीत प्रणालियों पर भक्ति गीत बजाने की अनुमति होगी। पुलिस प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों की भी पहचान की है। जहां यात्रा के दौरान अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा।

'ईद-उल-अजहा' की नमाज संपन्न, अलर्ट मोड पर पुलिस

'ईद-उल-अजहा' की नमाज संपन्न, अलर्ट मोड पर पुलिस

भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल 'ईद-उल-अजहा' की नमाज को सकुशल संपन्न कराने के लिए लगातार भ्रमणशील रहे और पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा। परिणाम स्वरूप जिलेभर की सभी मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज पारंपरिक तरीके से शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गई। रविवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर जिले भर की सभी मस्जिदों में अकीदतमंदो द्वारा बकरीद की नमाज अदा की गई। ईद की नमाज को संपन्न कराने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल लगातार भ्रमणशील रहे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा शामली बस स्टैण्ड , बरला, छपार, पुरकाजी, चरथावल आदि क्षेत्र में स्थित धार्मिक स्थल व ईदगाह का निरीक्षण करते हुए धर्मगुरुओं एवं स्थानीय लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी गई तथा आपसी सौहार्द को बनाये रखने की अपील की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा ड्यूटी प्वाइंट पर तैनात पुलिस बल को सतर्क दृष्टि रखते हुए ड्यूटी करने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडने की कोशिश करने वालों एवं असामाजिक तत्वों तथा माहौल खराब करने वालों पर तत्काल कार्यवाही करने तथा यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही स्थानीय लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने, अफवाहों पर ध्यान न देने, सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की आपत्तिजनक/भ्रामक पोस्ट न शेयर करने, खुली जगह पर कुर्बानी न देने, कुर्बानी के अवशेष नगर पंचायत की गाडी में ही डालने , सोशल मीडिया पर कुर्बानी के फोटो/वीडियो शेयर न करने तथा आपसी सौहार्द बिगाडने की कोशिश करने वालों की सूचना तत्काल पुलिस को देने की अपील की गई।
जनपदीय भ्रमण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा ड्रोन कैमरों से संवेदनशील स्थानों तथा मकानों की छतों की निगरानी भी की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ रखने हेतु पर्याप्त संख्या में पुलिस एवं PAC तैनात की गई है।

फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर चर्चा बटोर रहे हैं, कपूर

फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर चर्चा बटोर रहे हैं, कपूर

कविता गर्ग 
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर इस वक्त अपनी फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर चर्चा बटोर रहे हैं। इस फिल्म के जरिए रणबीर कपूर करीब 4 साल बाद फिल्मी पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। रणबीर कपूर ‘शमशेरा में डबल रोल में हैं। इस फिल्म में वो पिता और बेटे का किरदार निभा रहे हैं। जहां फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद से ही लोग रणबीर की एक्टिंग और लुक की तारीफ कर रहे हैं, वहीं रणबीर को इस फिल्म की शूटिंग के दौरान काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। रणबीर ने हाल ही दिए इंटरव्यू में बताया कि इस फिल्म को करने के दौरान उन्हें दिन में 20 बार नहाना पड़ता था। वो मन में डायरेक्टर को गालियां देते थे।
सेट पर इकट्ठा रहती थी 10-15 किलो धूल
ने  की शूटिंग के दौरान का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए इंटरव्यू में कहा कि फिल्म के सेट पर रोजाना 10 से 15 किलो धूल इकट्ठा करके रखी जाती थी। जैसे ही शूटिंग शुरू होती उस धूल को फैन के आगे उड़ाया जाता था। धूल उड़कर आंखों में, बालों और मुंह में घुस जाती थी और ऐसे में डायलॉग बोल पाना भी बहुत मुश्किल होता था।
रणबीर ने बताया कि उन्हें घर जाकर रोजाना 20 बार नहाना पड़ता था। पर फिर भी धूल नहीं निकल पाती थी। ऐसे में वो दिमाग में डायरेक्टर को खूब गालियां देते थे। लेकिन जब रणबीर ने बाद में फिल्म के रशेज और ट्रेलर देखा तो उन्हें अहसास हुआ कि क्यों वो धूल इतनी जरूरी थी और किस कदर उनकी मेहनत बेकार नहीं गई।
रणबीर ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें ‘शमशेरा’ में बली के किरदार के लिए अप्रोच किया गया था। शेरा का किरदार कोई और एक्टर निभाने वाला था। जब रणबीर को ये बात पता चली तो उन्होंने मेकर्स से कहा कि वो ही दोनों किरदार निभाना चाहेंगे क्योंकि उन्हें लगता कि वो ही एक पिता और बेटे दोनों किरदारों के साथ न्याय कर पाएंगे।
‘शमशेरा’ 22 जुलाई को रिलीज होगी। फिल्म में उनके ऑपोजिट वाणी कपूर नजर आएंगी। करण मल्होत्रा द्वारा डायरेक्ट की गई इस फिल्म में संजय दत्त, आशुतोष राणा, रोनित रॉय, सौरभ शुक्ला और त्रिधा चौधरी भी नजर आएंगी। ‘शमशेरा’ के अलावा रणबीर कपूर ‘ब्रह्मास्त्र-पार्ट 1’ में भी नजर आएंगे। 9 सितंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म में आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन और मौनी रॉय समेत कई और कलाकार होंगे।

कम तापमान, खाने के लिए सुरक्षित व स्वच्छ

कम तापमान, खाने के लिए सुरक्षित व स्वच्छ 

सरस्वती उपाध्याय 
ठंडा तापमान हमारे खाने के सामान के लिए अधिक सुरक्षित और स्वच्छ माना जाता है। क्योंकि, कम तापमान होने के कारण उन सूक्ष्म जीवों और बैक्टीरिया की गति को रोकने में यह तापमान मदद करता है। जो हमारे भोजन को खराब कर सकते हैं। इसलिए ही कच्चे मांस और कुछ सब्जियों और खाद्य पदार्थों के लिए कम तापमान होना चाहिए। कुछ सब्जियां, तो ठंडे तापमान में ठीक रहती है। लेकिन, कुछ को गर्म स्थान पर रखने की आवश्यकता होती है, नहीं तो वह खराब हो जाती है। आइए जानते हैं, कौन-कौन सी हैं वह चीजें ?

-कच्चे टमाटर को कमरे के तापमान पर रखना चाहिए ताकि उनमें अधिक स्वाद और रस का विकास हो सके। क्योंकि ठंडे तापमान में वे अपने स्वाद को खो देते है। पुरी तरह से पकने के बाद प्लास्टिक की थैलियों में पैक कर के इनको फ्रिज में रख सकते हैं। लेकिन इनका उपयोग करने से पहले आप कम से कम आधे घंटे के लिए कमरे के तापमान पर रखना चाहिए।

-बिना छिलके वाले प्याज के लिए हवा की जरूरत होती है। यदि आप इन्हे फ्रिज में रख देते हैं तो नमी के कारण ये नरम हो सकते हैं। लेकिन छिलके वाले प्याज को हमेशा फ्रिज में रखना चाहिए।

-बहुत सारे लोग मेवा को खराब होने से बचाने के लिए फ्रिज में रखते हैं। लेकिन यह वास्तव में अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।  ठंडा तापमान उनके  स्वाद को खराब कर सकता है। फ्रिज में छिपी अन्य गंधों को भी अवशोषित कर सकते हैं। अगर आप लहसुन को फ्रिज में रखते हैं तो यह अंकुरित होना शुरू हो सकता है और रबड़ जैसा हो सकता है। इसे सूखी जगह पर रखें। आलू को फ्रिज में रखने की आवश्कता नही है। यदि आप उन्हें ठंडे तापमान में रखते हैं तो फ्रिज स्टार्च को चीनी में बदल देगा। इनको उपयोग करने से पहले ना धोए क्योंकि नमी खराब होने का रिस्क रहता है। शहद को फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह बाहर रखे जाने पर भी चिकना और ताज़ा रह सकता है। इसे फ्रिज में रखने से क्रिस्टलीकरण हो सकता है।

राजनाथ ने भौतिकी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की

राजनाथ ने भौतिकी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की 

अकांशु उपाध्याय/संदीप मिश्र 
नई दिल्ली/गोरखपुर। 10 जुलाई 1951 को भभौरा में एक किसान परिवार में जन्मे राजनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। उन्होंने मिर्जापुर कॉलेज में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया। राजनाथ ने 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था।
राजनाथ सिंह एक भारतीय राजनेता हैं, जो भारत के रक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रहे राजनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पहले गृहमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, राजनाथ सिंह ने 2014 के आम चुनावों में पार्टी की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह राजनाथ सिंह ही थे, जिन्होंने सुषमा स्वराज और लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की कड़ी आलोचना के बावजूद नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 2014 में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के बहुमत से जीतने के बाद सिंह को गृह मंत्रालय दिया गया था। 2014 में इस दिन राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
10 जुलाई 1951 को भभौरा में एक किसान परिवार में जन्मे राजनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। उन्होंने मिर्जापुर कॉलेज में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया।
राजनाथ ने 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर राजनीति में कदम रखा था। बाद में वे 1972 में भारतीय जनसंघ की मिर्जापुर इकाई के सचिव बने। राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान लोकप्रियता हासिल करने के बाद 1980 में वे भाजपा में शामिल हो गए, जब उन्हें दो साल के लिए गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में पहली बार भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव लाए। उत्तर प्रदेश में स्कूलों और कॉलेजों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए राजनाथ सिंह द्वारा विवादास्पद नकल विरोधी अधिनियम को आगे बढ़ाया गया था। उन्होंने वैदिक गणित को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया। सिंह ने 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उल्लेखनीय सुधार किए। 2003 में, सिंह को केंद्रीय कृषि मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में खाद्य प्रसंस्करण के लिए नियुक्त किया गया। वह 31 दिसंबर, 2005 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, जिसमें उन्होंने 19 दिसंबर, 2009 तक सेवा की। 2013 में, नितिन गडकरी के इस्तीफे के बाद उन्हें पार्टी अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 18,257 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 18,257 नए मामलें  

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारत में 24 घंटे में कोरोना वायरस (कोविड-19) के 18,257 नए मामलें सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,36,22,651 हो गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,28,690 हो गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 42 और मरीजों की मृत्यु होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,25,428 हो गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या में एक दिन में 3,662 मामलों की वृद्धि दर्ज की गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.30 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.50 फीसदी है। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार संक्रमण की दैनिक दर 4.22 प्रतिशत दर्ज की गयी जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर 4.08 प्रतिशत है। इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,29,68,533 हो गयी जबकि मृत्यु दर 1.20 प्रतिशत है। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 198.76 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। 
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। इस साल 25 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...