बुधवार, 29 जून 2022

राजनीति: फ्लोर टेस्ट से पहले 'सीएम' का इस्तीफा

राजनीति: फ्लोर टेस्ट से पहले 'सीएम' का इस्तीफा

कविता गर्ग
मुंबई। महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं विधान परिषद से भी इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि जिसे मैंने बहुत कुछ दिया, वो आज नाराज हैं। वे मेरे खिलाफ हैं, जिसे मैंने कुछ नहीं दिया, वो मेरे साथ हैं। मेरे पास शिवसेना है। यह हमसे कोई नहीं छीन सकता। मैं कल से शिवसेना भवन जाऊंगा। नहीं चाहता कि शिवसैनिकों का खून बहे। नहीं चाहता शिवसैनिक सड़क पर उतरें।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिनको जो देना था दिया, जो भी संभव था दिया। कई लोग मुझसे मिल रहे हैं। जिसको दिया वो नाराज हैं, जिसे कुछ नहीं दिया वो मेरे साथ हैं। बागी अब ठाकरे परिवार को भूल गए हैं। राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फ्लोर टेस्ट को कहा है। आपको नाराजगी किससे हैं। आप अगर बोलते कि हमें बात करनी है तो मैं बात करता। मैं आपकी भावनाओं का आदर करता हूं। आपको भी आकर मुझसे बात करनी चाहिए। नाराजगी थी तो मुझे आकर बताते।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसैनिकों को नोटिस भेजा जा रहा है। सीआरपीएफ के जवान मुंबई आने वाले हैं। शिवसैनिकों के बाहर निकलने से रोका जा रहा है। मुझे कल होने वाले फ्लोर टेस्ट से कई मतलब नहीं है। मेरे पास कितने लोग हैं, इससे मुझे कोई मतलब नहीं है। आप जिनके साथ जाने वाले हैं, आप शायद बहुमत सिद्ध कर देंगे। जिन लोगों को शिवसेना ने राजनैतिक जन्म दिया। उन लोगों ने बालासाहेब ठाकरे के बेटे को मुख्यमंत्र पद से उतारने का पुष्य पाया है। आपको बड़ा करने का पुष्य मैंने किया है, उसका फल भोग रहा हूं। कल आप जाकर लोगों को बताइएगा कि बाला साहेब ठाकरे ने मुझे इतना बड़ा बनाया और मैंने उनके बेटे को सीएम के पद से उतारा।

दावा: इंसान को मंगल से पृथ्वी पर लाएं, एलियन

दावा: इंसान को मंगल से पृथ्वी पर लाएं, एलियन

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अधिकतर लोग इस सिद्धांत पर विश्वास करते हैं कि इंसान की उत्पति लाखों-करोड़ों साल में क्रमागत विकास के कारण हुई है। वहीं, जीवाश्म संकेत देते हैं कि होमो सेपियंस धरती पर 2 लाख से 3 लाख साल के बीच कहीं भी रहे हों। लेकिन, गुफा चित्र 30 हजार साल पहले बने और लेखन 5,500 साल पहले शुरू हुआ था। इस बीच वैज्ञानिकों ने नया दावा किया है कि इंसान की उत्पत्ति मंगल ग्रह पर हुई थी और मुमकिन है कि एलियन वहां से इंसान को पृथ्वी पर लाएं।

इतिहास का 95 फीसदी हिस्सा रिकॉर्ड में नहीं...

रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे इतिहास का 95 फीसदी हिस्सा रिकॉर्ड नहीं किया गया, जिससे इंसान की उत्पत्ति रहस्य में डूबी है। निश्चित रूप से, एक व्याख्या यह है कि हमारा दिमाग किसी भी प्रकार के गैर-मौखिक संचार तंत्र को समझने के लिए पर्याप्त रूप से विकसित नहीं था‌। 

एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल लोगों से था संपर्क...

वहीं, एक अन्य सिद्धांत यह है कि पूर्व-ऐतिहासिक होमो सेपियंस वास्तव में बहुत अधिक उन्नत थे, क्योंकि कुछ गुफा चित्रों से यह भी पता चलता है कि हमारे पूर्वजों का एक्स्ट्रा-टेरेस्ट्रियल लोगों के साथ नियमित रूप से संपर्क था।

वैज्ञानिकों ने किया ये दावा...

वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है कि पहले मंगल ग्रह पर महासागर और नदियां थीं। हो सकता है कि वहां जीवन संभव हो और इंसान की उत्पत्ति वहीं हुई हो ? पृथ्वी पर इंसान को लेखन की कला विकसित करने में लाखों साल लगे। ऐसे में बिना एलियन टेक्नोलॉजी के मंगल ग्रह से पृथ्वी पर आना संभव नहीं था।
गौरतलब है कि वैज्ञानिकों के पास इस दावे को साबित करने के लिए ज्यादा साइंटिफिक और ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं। लेकिन फिर भी इस थ्योरी को मानने वालों की संख्या अधिक है।

'गोवंश आश्रय स्थल' की समीक्षा बैठक: डीएम

'गोवंश आश्रय स्थल' की समीक्षा बैठक: डीएम

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री की अध्यक्षता में बुधवार को संगम सभागार में 'गोवंश आश्रय स्थल' की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में एक वृहद गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराएं। जिसमें हरे चारे, भूसा बैंक सहित सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित रहें। उन्होंने बरसात के मौसम के दृष्टिगत सभी गोवंश आश्रय स्थलों में पानी का निकास तथा गोवंशों के आने-जाने वाले मार्गों पर तथा रहने की जगह पर खडंजा का निर्माण अवश्य कराया जाएं। जिससे की गोवंशों को किसी प्रकार की दिक्कते न आएं। उन्होंने कहा है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनवाने का प्रयास करें।
प्रधान एवं गो पालकों का प्रशिक्षण अच्छी तरह से कराया जाये तथा सभी गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा, चारा, चोकर आदि की पर्याप्त व्यवस्था रहे तथा गोवंशों का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन तथा ईयर टैगिंग कराया जाएं। पशुचिकित्सकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएं। उन्होंने हाइवे पर पड़ने वाले मार्गों का निरीक्षण करने तथा वहां पर यदि कोई गोवंश पाये, तो उन गोवंशों को भी गो आश्रय स्थलों पर रखा जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत गोवंशों के सुपुर्दगी की भी समीक्षा की तथा मनरेगा कन्वर्जेस के अन्तर्गत गोवंश आश्रय स्थलों पर वर्मी कम्पोस्ट प्रोजेक्ट की जानकारी ली तथा डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि जहां पर भी वर्मी कम्पोस्ट तैयार है, उसको ले लिया जाएं।
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने वृक्षारोपण की समीक्षा करते हुए गड्ढ़ों की खोदायी की प्रगति की जानकारी ली तथा जहां पर भी औसत से कम है, वहां गड्ढ़े तैयार करने के निर्देश दिये है। उन्होंने नर्सरी की गुणवत्ता आदि को चेक कराने का तथा वृक्षारोपण के समय पानी की व्यवस्था सुनिश्चित रहे। इस अवसर पर सभी उपजिलाधिकारीगण, खण्ड विकास अधिकारी एवं मुख्य पशुचिकित्साधिकारी आर.पी. राय सहित सभी सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है, भारत

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है, भारत 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शहरी प्रणाली है और कुल वैश्विक शहरी आबादी का 11 प्रतिशत भारतीय शहरों में रहता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2018 और 2050 के बीच हमारी शहरी आबादी में लगभग 416 मिलियन लोग जुड़ जाएंगे। आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने कहा कि हमारे शहर न केवल भारत के आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, बल्कि इसके सतत लक्ष्यों को भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय शहर राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 70 प्रतिशत योगदान करते हैं। जबकि, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 44 प्रतिशत का योगदान होता है। हरदीप सिंह पुरी का भाषण 28 जून को पोलैंड के कोटाविस में आयोजित 11वें वर्ल्ड अर्बन फोरम में मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अपर सचिव संजय कुमार द्वारा पढ़ा गया। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने निष्क्रिय पड़ी क्षमता का पूंजीकरण किया है। उन्होंने कहा कि 2014 की शुरुआत में, भारत ने दुनिया के सबसे बड़े योजनाबद्ध शहरीकरण कार्यक्रम और विभिन्न परिवर्तनकारी नीतियों और क्रियाकलापों को शुरू किया है। नए शहरी एजेंडा के मूल सिद्धांतों को इनके केंद्र में रखा गया है। इसके परिणामस्वरूप भारतीय शहर देश के आर्थिक और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।

पुरी ने कहा कि सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद, बुनियादी सेवाओं के सार्वभौमिकरण और ग्रामीण-शहरी निरंतरता पर भारत की शहरी विकास प्राथमिकताओं का आधार है। उन्होंने कहा कि ‘सभी के लिए आवास’ और ‘स्वच्छ भारत मिशन’ योजनाएं हैं जो क्रमशः आवास और स्वच्छता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करती हैं। उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ ने विशेष रूप से वैश्विक प्रशंसा हासिल की है और शहरों का हमारा वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है, उपरोक्त दो योजनाओं और अन्य प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करते हुए, जिन्होंने शहरी क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है, पुरी ने कहा कि कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन के माध्यम से पानी की आपूर्ति, पार्क और स्ट्रीट लाइट जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करता है। पुरी ने कहा कि भारत के स्मार्ट सिटीज मिशन ने नागरिक केंद्रित पहलों के माध्यम से 100 स्मार्ट शहरों में जीवन की गुणवत्ता में जबरदस्त वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स सेल्फ-रिलायंस फंड एक अनूठा प्रयोग है, जहां स्ट्रीट वेंडरों को जमानत से मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में प्रदान की गई थी, जिसने महामारी के दौरान इस सबसे कमजोर वर्ग को बनाए रखा। उन्होंने कहा कि हमारी स्थायी शहरी परिवहन नीतियां पेरिस समझौते की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई हैं और हर साल, जलवायु परिवर्तन के प्रति-उपायों के रूप में भारत के शहरी परिदृश्य में सार्वजनिक परिवहन और आवागमन के विकल्पों की एक रिकॉर्ड संख्या को जोड़ा जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महामारी की शुरुआत ने शहरी कमियों पर जोर दिया और अंतर्निहित असमानताओं को उजागर किया। उन्होंने ने कहा कि जैसे-जैसे हम महामारी से उभर रहे हैं, समावेशिता, लैंगिक समानता और पर्यावरणीय न्याय के संदर्भ में हमारी नीतियों को मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारों को शहरी समाज के हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष नकद अंतरण, कल्याणकारी लाभों की पोर्टेबिलिटी और किफायती किराये के आवास जैसे उपायों के माध्यम से, भारत ने महामारी के दर्द को कम किया है।

पुरी ने कहा कि “वसुधैव कुटुम्बकम” के दर्शन के अनुयायी के रूप में जिसका अर्थ है ‘दुनिया एक परिवार है’, भारत अन्य देशों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के महत्व में विश्वास करता है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि 11वां विश्व मंच हमें एक समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के साझा लक्ष्य का पीछा करते हुए विनम्रतापूर्वक सीखने और अपने अनुभवों को साझा करने की अनुमति देगा।

मेटावर्स स्मार्टफोन 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' लॉन्च

मेटावर्स स्मार्टफोन 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' लॉन्च 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/बीजिंग। एचटीसी ने एक लंबे ब्रेक के बाद अपना नया फोन 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' लॉन्च कर दिया है। 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' को लेकर दावा है कि यह दुनिया का पहला मेटावर्स स्मार्टफोन है। 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' के साथ 6.6 इंच की डिस्प्ले दी गई है। जिसका रिफ्रेश रेट 120Hz है। फोन में स्नैपड्रैगन 695 प्रोसेसर दिया गया है और 4520mAh की बैटरी है। यह फोन के वीआर प्रोडक्ट को सपोर्ट करेगा। एचटीसी के इस फोन में क्रिप्टो और एनएफटी की भी सुविधा दी गई है। फोन में Viverse एप है। जिसकी मदद से यूजर्स अपना खुद का वर्चुअल स्पेस क्रिएट कर सकते हैं और वर्चुअल मार्केटप्लेस में एनएफटी भी खरीद सकेंगे। फोन की कीमत 404 डॉलर यानी करीब 31,874 रुपये है।

'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' के में तीन रियर कैमरे दिए गए हैं। जिनमें प्राइमरी लेंस 64 मेगापिक्सल का है। जिसका अपर्चर f/1.8 है। फोन में दूसरा लेंस 13 मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड एंगल और तीसरा लेंस 5 मेगापिक्सल का डेफ्थ सेंसर है। सेल्फी के लिए इसमें 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। फोन में 8 जीबी रैम के साथ 128 जीबी तक की स्टोरेज दी गई है।एचटीसी के इस फोन में एंड्रॉयड 12 मिलेगा। इसमें 4520mAh की बैटरी है। जिसके साथ 18W की वायर फास्ट चार्जिंग और 15W की वायरलेसचार्जिंग का सपोर्ट है। फोन में रिवर्स चार्जिंग का सपोर्ट है। फोन में साइड माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर है और वाटर रेसिस्टेंट के लिए IP67 की रेटिंग मिली है। 'एचटीसी डिसाइड 22 प्रो' को गोल्ड और ब्लैक कलर में पेश किया गया है। भारतीय बाजार फोन में उपलब्धता की फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।

यूपी: खून से लथपथ चाकू लेकर थाने पहुंचा, बुजुर्ग

यूपी: खून से लथपथ चाकू लेकर थाने पहुंचा, बुजुर्ग

अश्वनी उपाध्याय

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां के थाना नंदग्राम में रोजाना की तरह लोग अपनी शिकायतें लेकर आ रहे थे और पुलिसकर्मी उन सभी लोगों से बात करने में व्यस्त थे। तभी थाने में एक जोरदार आवाज सुनाई दी। ये आवाज एक 65 साल के बुजुर्ग व्यक्ति की थी। उसने कहा कि, मैं अपनी पत्नी का खून करके आया हूं, मुझे जेल भेज दो, 44 साल से क्लेश चल रहा था, आज खत्म कर दिया। इस बुजुर्ग का नाम अब्दुल राउफ था। अब्दुल के हाथ में खून से लथपथ चाकू था। चाकू दिखाकर पुलिस वालों को एक ही बात बार-बार बोल रहा था। अब्दुल के हाथ में चाकू देखकर पुलिस वाले एक बार तो उसको देखते ही रह गए। अब्दुल के हाथ में चाकू देख पुलिस उसे साथ लेकर हिंडन विहार में उसके घर पहुंची तो पता चला कि उसने चाकू से चार बार प्रहार करके अपनी 62 साल की पत्नी रईसा को बुरी तरह से लहूलुहान कर दिया है। आरोपी अब्दुल मूलरूप से बागपत के लुहारी सराय का निवासी है। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि, शादी के 44 साल बाद भी रईसा (अब्दुल की पत्नी) मेरा कहा नहीं मानती है और वो हमेशा अपने मायके वालों के कहने पर चलती है।

सुबह करीब दस बजे वो मुझसे मायके जाने की जिद करने लगी। मैंने बार-बार मना किया लेकिन वो जिद पर अड़ी रही। जिसके बाद गुस्से में चाकू उठाया और उसपर पांच बार हमला कर दिया। आरोपी अब्दुल ने आगे बताया कि, जब मुझे लगा कि वो मर गई है तो मैं उसे वहीं खून में लथपथ छोड़कर नंदग्राम पुलिस थाने आ गया। मुझे अफसोस है कि वो कैसे बच गई ? गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि घायल रईसा पर पांच वार किए गए थे। जिसमें दो वार गर्दन और तीन पेट पर किए गए हैं। घायल महिला के बेटे इरफान ने रईसा को पटेल नगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया। इरफान ने ही अपने पिता के खिलाफ जानलेवा हमले की धारा में केस दर्ज कराया है। अब्दुल रऊफ और रईसा के तीन बेटे और चार बेटियां हैं। दोनो ने सातों की शादी करवाई है। अब्दुल के बेटे ही मजदूरी करके परिवार चला रहे हैं।

अब्दुल अब कोई काम नहीं करता है। अब्दुल ने पहली बार अपनी पत्नी पर हमला नहीं किया है। परिजनों की मानें तो कि डेढ़ महीने पहले भी अब्दुल और रईसा में झगड़ा हुआ था। अब्दुल के बेटो के मुताबिक, अब्बा ने अम्मी की टांग तोड़ दी थी। जिसकी शिकायत वे पुलिस से करने जा रहे थे। लेकिन अम्मी ने पुलिस में शिकायत करने से मना किया था। रईसा के भाई फरियाद अली की माने तो अब्दुल काफी समय से नशे का आदी है। नशा करने के लिए वह रईसा से रुपये मांगता था। लेकिन, जब रईसा पैसे नहीं देती तो दोनों में झगड़ा होता था। जिसकी वजह से रईसा परेशान होकर कई बार मायके आकर भी रही। लेकिन, वह समझौता करके वापस ले जाता था। बहरहाल, पुलिस ने आरोपी अब्दुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लेकिन जब अब्दुल ने रईसा की टांग तोड दी थी तभी रईसा को पुलिस से मदद मांगनी थी लेकिन लोकलाज के शर्म की आड़ में रईसा ने ऐसा नहीं किया। जिसका भुगतान आज वो अस्पताल में अपनी जिंदगी और मौत से जूझकर अदा कर रही है।

अधीक्षक ने भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया

अधीक्षक ने भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया 

भानु प्रताप उपाध्याय  

शामली। राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना के बाद पुलिस पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट नजर आ रही है, तो वहीं जनपद शामली के कैराना में भी अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ फ्लैग मार्च किया। फिलहाल जनपद शामली मैं शांति व्यवस्था कायम है और पुलिस अपने-अपने थाना क्षेत्रों में लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। पुलिस अधिकारी भी अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था व कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए अपने-अपने थाना क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं। दरअसल, राजस्थान के उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थक कन्हैलाल की हत्या के बाद जहां मामला गरमाया हुआ है, वही, उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। जनपद शामली मैं कैराना सहित अपर पुलिस अधीक्षक शामली द्वारा भारी पुलिस बल के साथ शामली में पैदल गस्त कर पुलिस का दमखम दिखाया, फिलहाल जनपद शामली में शांति व्यवस्था कायम है। पुलिस अधिकारी सड़कों पर पुलिस बल के साथ अपने-अपने थाना क्षेत्रों में पैदल गस्त कर रहे हैं। खुराफाती लोगों और संवेदनशील इलाकों में अपनी नजर बनाए हुए हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि शामली के हर कोने में उत्तर प्रदेश पुलिस तैनात है। जिले में शांति व्यवस्था बनी रहे, आपसी भाईचारा कायम रहे, कोई अफवाह ना फैलने पाए, कोई अराजक तत्व या तुच्छ राजनीति कारण जिले में द्वेष की भावना फैला रहा हो या आपसी भाईचारे को खत्म करना चाह रहा हो उसके लिए आज हमारे जवानों द्वारा शामली के कैराना सहित कोने कोने में फ्लैग मार्च निकाला गया है। हमारा फ्लैग मार्च का उद्देश्य है कि हम जनपद में संदेश देना चाहते हैं, संपूर्ण जिले में भाईचारा कायम है और आगे भी रहेगा।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...