बता दें कि कुछ दिनों पहले उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिकता संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) लागू करने के लिए जो ड्राफ्टिंग कमेटी की घोषणा की है उसमें रंजना प्रकाश देशाई भी शामिल हैं। देशाई साल 1996 में मुंबई उच्च न्यायालय की न्यायधीश भी रह चुकी हैं। उन्होंने 30 जुलाई, 1937 को वकालत की शुरुआत की थी। उनका जन्म 30 अक्टूबर 1949 को हुआ था। बता दें उन्होंने 1970 में एल्फिंस्टन कालेज मुंबई से कला में स्नातक और 1973 में गवर्नमेंट ला कालेजऔर मुंबई से कानून में स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। रंजना प्रकाश देसाई की साल 1986 में निवारक नजरबंदी के मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति हुई। वे 1 नवम्बर 1995 को सरकारी अधिवक्ता, अपीलीय साइड, मुंबई उच्च न्यायालय के पद पर नियुक्त हुई और 15 अप्रैल 1996 को उन्हें मुंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया। 13 सितंबर 2011 को उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में हुई।
शनिवार, 18 जून 2022
'पीसीआई' की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, देसाई
घटिया राजनीति की दलदल में कमर तक ईओ
घटिया राजनीति की दलदल में कमर तक ईओ
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। जनपद स्थित नगर पालिका परिषद लोनी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगरपालिका है। ठीक उसी प्रकार नगर पालिका में भ्रष्टाचार भी बड़ा ही होगा। 300 करोड़ के घोटाला प्रकरण से आप सभी वाकिफ हैं। घोटाला प्रकरण में आरोपी निकाय अध्यक्ष को लोकायुक्त के द्वारा क्लीन चिट दे दी गई है। अधिशासी अधिकारी के द्वारा घोटाला प्रकरण के संबंध में लोनी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें बताया गया कि नगरपालिका से फाइलें गुम हो गई है। किंतु, अब फाइलों से संबंधित कुछ दस्तावेज मिल रहे हैं। इस प्रकरण में अधिशासी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है। यह आधा-अधूरा सच है।
निकाय क्षेत्र में जो भी विकास कार्य किए जा रहे हैं या पूर्व में किए गए हैं। सभी विकास कार्यों से भ्रष्टाचार का संबंध है। सभी विकास कार्यों में निकाय निदेशालय द्वारा निर्धारित मानकों के विरुद्ध कार्य किए गए हैं। नगर पालिका अधिनियम को ताक पर रखकर निविदाएं प्रदान की जाती है। सभी मदों में निर्धारित कमीशन का खेल होता है। निकाय में सभी पंजीकृत संस्था इसके प्यादें हैं। अब यह खेल ज्यादा रोमांचकारी हो गया है। विधायक और पूर्व चेयरमैन के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। चेयरमैन के द्वारा विधायक पर आरोप लगाया गया है। हालांकि, दोनों के संबध किस स्तर पर है। वहीं बेहतर जानते हैं। किंतु राजनीति की यह जंग कूटनीति पर आधारित है।
यह बात किसी से छिपी नहीं है। यदि हम भ्रष्टाचार की बात करते हैं तो विधायक के द्वारा शहीद विनोद द्वार से विजय विहार पुलिस चौकी तक निर्मित संपर्क मार्ग पर सड़क के दोनों तरफ इंटरलॉकिंग टाइल्स बिछाने का कार्य अभी तक नहीं किया गया है। भ्रष्टाचार और राजनीति लहंगा-चुनरी जैसे हैं। एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। एक भ्रष्ट अधिकारी ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए दृढ़ निश्चय करता है। इससे अधिक उदारता अन्य कहीं संभव ही नहीं है।
अवगत कराते चले, अधिशासी अधिकारी को स्थानीय राजनीति में घसीटा जा रहा है। राजनीति से प्रेरित घटिया राजनीति की दलदल में अधिशासी अधिकारी फिलहाल कमर तक है। जनता के हित साधने के उद्देश्य की धारणा वाले अधिकारी को राजनीति से परहेज करना चाहिए। लेकिन क्षेत्र में विवेकी रणनीतिज्ञो ने राजनीति की परिभाषा ही बदल दी है। इसके पीछे क्या उद्देश्य है तो साफ-साफ नहीं जा सकता है। लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि अधिशासी अधिकारी स्पष्ट तौर पर राजनीति के मैदान में कूद चुकी है। मीडिया की सुर्खियां बना रहना है, राजनीति का पहला पाठ है। रोज बयान बाजी करना, नए कारनामे करना, बखूबी सब हो भी रहा है।
अग्निपथ: युवा से खिलवाड़, देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन
अग्निपथ: युवाओं की आकांक्षाओं से खेलना बंद करें सरकार, सेना होगी कमजोर, 21 जून को पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन
अकांशु उपाध्याय/दुष्यंत टीकम
नई दिल्ली/रायपुर। कल दिल्ली में हुई अखिल भारतीय किसान सभा की पदाधिकारी बैठक के बाद जारी एक बयान में किसान सभा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा देश की सेना में "अग्निपथ" योजना शुरू करने के देश विरोधी व जनविरोधी कदम की निंदा की है। किसान सभा का स्पष्ट मत है कि अग्निपथ योजना - छल कपट के साथ अति-राष्ट्रवादी बयानबाजी के आवरण में – सेना में चोर दरवाजे से ठेका प्रथा और अस्थायी रोजगार लाने वाला कदम है। यह भारत के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में अपनी विफलता को छिपाने के लिए किया गया एक हताशापूर्ण प्रयास है। इसका कार्यकुशलता , रोजगार की गुणवत्ता और सैन्य बलों की दक्षता पर विनाशकारी प्रभाव पड़ने वाला है।
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. अशोक ढवले तथा महासचिव हन्नान मौल्ला ने कहा है कि 2014 में हर साल 2 करोड़ नौकरियों देने का वादा करने वाली सरकार अब धोखा देकर बिना पेंशन के चार सस्ल के एक निश्चित अवधि के अनुबंध की घोषणा करके बेरोजगार युवाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा है कि कि"अग्निपथ" योजना से भारतीय समाज का सैन्यीकरण होगा, जो पहले से ही धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य प्रायोजित फासीवादी हिंसा से संक्रमित है। संघ के विचारक सावरकर की राष्ट्र के हिंदूकरण और हिंदुओं के सैन्यीकरण की अवधारणा से प्रेरित भाजपा सरकार सुरक्षित रोजगार की तलाश में घूम रहे निर्दोष युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।
किसान सभा ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सरकार के बल प्रयोग कर दमन के प्रयासों की तथा उनके खिलाफ अफवाह फैलाने के लिए भाजपा-आरएसएस की कड़ी निंदा की है। किसान सभा ने कहा है कि यह कदम उन लाखों बेरोजगार युवाओं की आकांक्षाओं का अपमान करता है, जो सुरक्षित नौकरी पाने की उम्मीद में बहुत अधिक खर्च और मेहनत करते हैं। किसान सभा नेताओं ने कहा कि यह कदम हमारे देश की सेना को भी कमजोर करेगा। परम्परागत रूप से किसान परिवारों से आने वाले युवाओं का सेना में एक बड़ा हिस्सा हैं। किसानों और सेना के बीच यह ऐतिहासिक व जैविक संबंध कठोर कृषि-कानूनों के खिलाफ किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष में भी देखा गया था, जो कई सेवारत और सेवानिवृत्त सेनिको द्वारा खुले और अपरोक्ष समर्थन में स्पष्ट दिखा था।
किसान सभा ने मांग की है कि केंद्र सरकार नौटंकी के बजाय सुसंगत वैज्ञानिक तरीके से बेरोजगारी के सवाल और ग्रामीण इलाकों में कृषि संकट का समाधान करने के लिए कदम उठाए और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जैसे - रेलवे, विश्वविद्यालयों आदि में भर्ती पर लगे प्रतिबंधों को रद्द कर नौकरियों के लिए भर्ती चालू करे। किसान सभा ने 21 जून को देश भर में भाजपा सरकार और संघ परिवार के उकसावे में आए बिना इस धोखाधड़ीपूर्ण योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल, मसौदा तैयार
पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल, मसौदा तैयार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर लोगों की मनमानी को लेकर बहुत सारी आलोचनाओं का निदान करने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। यानी अब तक सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने की मनमानी पर नकेल कसने के लिए सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है। सरकार उसके नियमन के उपाय ला रही है। अगले महीने जुलाई के बाद कड़ाई होने की उम्मीद है। मसौदे के मुताबिक सोशल मीडिया के लिए बनाए नियमों में संशोधन किया जा रहा है। इसके अलावा शिकायतें निपटाने और अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ दायर अपीलों पर विचार करने के लिए शिकायत अपीलीय समिति का भी गठन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 में संशोधन के लिए एक आम अधिसूचना भी जारी की गई है।
मसौदे के मुताबिक इस समिति को अपील मिलने के 30 दिन के भीतर शिकायत का निपटारा करना होगा। यह निर्णय ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सएप समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की कंपनियों पर लागू होगा। ट्विटर ने समय-समय पर सामुदायिक दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए चर्चित हस्तियों समेत कई उपयोगकर्ताओं के खाते बंद किए हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिसूचना के मसौदे के बारे में केंद्र सरकार एक या अधिक समितियों का गठन करेगी। समिति में एक प्रमुख और अन्य सदस्य होंगे। उपयोगकर्ता शिकायत अधिकारियों के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 22 जून तक आम नागरिकों से इस बारे में सलाह और आपत्तियां मंगाई हैं। जुलाई के अंत तक केंद्र सरकार सोशल मीडिया के नियमों को अंतिम रूप दे देगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक सोशल मीडिया के उपयोग शिकायतों के बेहतर समाधान के लिए स्वयं की व्यवस्था बनाने के सुझाव पर किया जा रहा है। चंद्रशेखर ने ये भी कहा कि व्यापक विचार विमर्श के बाद सोशल मीडिया नियमों में नए संशोधनों को जुलाई समाप्त होने से पहले अंतिम रूप दे दिया जायेगा।
जर्जर सड़क के निर्माण में देरी को लेकर चर्चा
जर्जर सड़क के निर्माण में देरी को लेकर चर्चा
अकांशु उपाध्याय/हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली/लखनऊ। भाजपा नेता ईश्वर मावी ने शनिवार को पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता विमल कुमार से उनके कार्यालय में मुलाकात कर टीला मंडोली सेवाधाम रोड व बंथला फ्लाई ओवर के नीचे की जर्जर सड़क के निर्माण में हो रहीं देरी को लेकर चर्चा की। भाजपा नेता ईश्वर मावी ने बताया कि टीला मंडोली रोड लोनी क्षेत्र के दर्जनों गांवों को दिल्ली से जोड़ता है। वहीं, बंथला फ्लाई ओवर के नीचे वाला रोड भी दर्जनों गांवों का मुख्य रोड है। दोनों ही रोड वर्षो से जर्जर हालत में है। बरसात में दोनों ही रोड पर निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि कल हुई बरसात के बाद सड़क में कई कई फुट पानी भर गया है। जिसमें से पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। रोड में गहरे गहरे गड्ढे हो गए हैं। उन्होंने तत्काल पानी निकाल कर रोड को ठीक कराने की मांग की।
भाजपा नेता ईश्वर मावी ने श्रीराम कालोनी के बंद नाले को खोलने की मांग भी उठाई। उन्होंने बताया कि नाला बंद होने से कालोनी के हजारों लोग जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता विमल कुमार ने आश्वासन दिया कि जल्दी ही समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि टीला मंडोली सेवाधाम रोड व बंथला फ्लाई ओवर के नीचे की सड़क को कार्य योजला में शामिल किया जाएगा। फिलहाल, पानी को निकालकर उसे चलने लायक बनाया जाएगा और टेंडर में जलभराव वाले स्थान को सीसी व उसके साथ नालों का निर्माण भी कराया जाएगा।
अग्निपथ: बस्तर के सभी स्टेशनों में अलर्ट घोषित किया
अग्निपथ: बस्तर के सभी स्टेशनों में अलर्ट घोषित किया
दुष्यंत टीकम
जगदलपुर। देशभर में चल रहे अग्निपथ को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जगदलपुर समेत बस्तर के सभी स्टेशनों में अलर्ट घोषित किया है। ईस्ट-कोस्ट रेल जोन के वॉल्टेयर डीआरएम अनूप सतपथी ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव एडीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर विवाद की स्थिति बनने पर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। सतपथी ने बताया सभी स्टेशन मास्टर को अलर्ट जारी कर दिया गया है।
विशाखापट्टनम डिवीजन की 16 ट्रेनें सुरक्षा के चलते रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि रेल मंडल की ओर से सभी प्रोटेक्शन फोर्स के जवानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। स्टेशन आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही यात्री ट्रेनों में सवार लोगों पर भी विशेष नजर रखने कहा गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम दिए जाने से पहले ही टाला जा सके। स्थानीय स्टेशन में सुरक्षा के लिए तैनात आरपीएफ और जवानों के अलावा डॉग स्क्वाड को भी काम पर लगाया गया है।
स्टेशन पहुंचने वाले सभी लोगों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अग्निपथ को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर विरोध प्रदर्शित करने के छात्र संगठनों के आह्वान और 20 जून को भारत बंद बुलाए जाने को ध्यान में रखते हुए ईको रेलवे ने जगदलपुर रेलवे स्टेशन में भी 20 जून तक अलर्ट रहने के निर्देश आरपीएफ और कोरस के जवानों को दिए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को समय रहते टाला जा सके।
महिलाओं का सशक्तीकरण और प्रगति जरूरी: पीएम
महिलाओं का सशक्तीकरण और प्रगति जरूरी: पीएम
इकबाल अंसारी
वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 21वीं सदी में भारत के समग्र विकास के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण और उनकी प्रगति जरूरी है। आदिवासी महिलाओं के लिए पोषण कार्यक्रम और कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए उनकी पसंद का करियर चुनने में आने वाली सभी बाधाएं हटा दी हैं।
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पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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