शुक्रवार, 17 जून 2022

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी, जानिए

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 
घर में बना मक्खन ज्यादा पौष्टिक और स्वाद में अच्छा होता है। इसमें कोई प्रिजर्वेटिव नहीं होता।ये आसानी से बन जाता है और एक से दो हफ्तों तक इसे फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं। जानिए, सफेद मक्खन बनाने का आसान तरीका।

सामग्री...
3 कप मलाई
1 टेबल स्पून दही
1 कप आइस कोल्ड वाटर
4 से 5 आइस क्यूब्स

सफेद मक्खन बनाने की रेसिपी...

सफेद मक्खन बनाने के लिए आप रोजाना दूध से मलाई की लेयर को निकालकर रख सकते हैं। इसे एक कंटेनर में स्टोर करें।
जब आपके पास पर्याप्त मात्रा में मलाई इकट्ठा हो जाए, तब इसे मक्खन में कंवर्ट कर सकते हैं।
मलाई को जमा करते समय फ्रिज में एक बाउल में रखें। जब ये अच्छी मात्रा में इकट्ठा हो जाए, तो बाउल को फ्रिज से बाहर निकाल लें और इसे कमरे के तापमान पर आने दें।
इसमें 2 टेबल स्पून दही मिलाएं और 6 घंटों तक रेस्ट के लिए रख दें।
अब इस मिश्रण को एक बड़े बाउल में निकालें। इसमें 1 कप आइस कोल्ड वाटर और 4 से 5 आइस क्यूब्स मिलाएं।
इससे बटर को अच्छे तरीके से निकालने में मदद मिलेगी।
एक इलेक्ट्रिक हैंड ब्लेंडर लें और मिश्रण को ब्लेंड करें।
इसे थोड़ा रुक कर, तब तक ब्लेंड करते रहें, जब तक मिश्रण से छोटे-छोटे चंक न निकलने लगें।
धीरे-धीरे बटर की लेयर ऊपर आ जाएगी। बटर को बॉल की शेप दें। एक बॉउल में ठंडा पानी लें और इस बॉल को उसमें डाल दें।
इससे न सिर्फ बटर को एक सही शेप मिलेगी, बल्कि अगर कोई स्मेल भी होगी, तो वो चली जाएगी।
तैयार बटर को एयरटाइट कंटेनर में रखकर इसे फ्रिज में रखें। आपका ये होममेड बटर एक से दो हफ्तों तक चलेगा।

आयुर्वेद: चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए

आयुर्वेद: चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए

सरस्वती उपाध्याय  
आज के समय में स्वस्थ रहना हर किसी का मंत्र बन गया है। फिट रहने के लिए लोग जिम से लेकर डांस क्लासेस तक ज्वॉइन कर रहे हैं। साथ में अपनी डाइट का भी खूब ख्याल रख रहे हैं। पिछले कुछ समय में फिटनेस फ्रीक लोगों में चीनी की जगह गुड़ और शहद जैसे स्वस्थ विकल्पों को अपनाते देखा गया है। अब लोग अपने दिन की शुरुआत गुड़ वाली चाय से करना पसंद करते हैं।
खासतौर से सर्दी के दिनों में चाय में शक्कर की बजाय गुड़ डालना बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन आयुर्वेद की मानें, तो यह एक दोषपूर्ण संयोजन है। चाय के साथ गुड़ मिलाकर नहीं पीना चाहिए।

चाय में शक्कर की बजाय गुड़ डालना क्‍यों है गलत ?

पाचन हो सकता है खराब...
प्राचीन चिकित्सा पद्धति कहती है कि खराब फूड कॉम्बिनेशन खराब अग्रि या खराब पाचन का कारण बन सकता है। कहने को गुड़ खाने के कई फायदे हैं। यह विटामिन, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन दूध के साथ मिलकर इसका कॉम्बिनेशन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। 
​गलत कॉम्‍बिनेशन बन सकता है अमा का कारण
आयुर्वेद के अनुसार, खाद्य पदार्थों का गलत संयोजन अमा का कारण बन सकता है। बता दें कि आयुर्वेद में हर भोजन का अपना खास गुण, शक्ति , स्वाद होता है। डॉ. राधामणि कहती हैं कि दूध गर्म और गुड़ ठंडा होता है। जब आप किसी गर्म भोजन को ठंडे के साथ मिलाते हैं, तो वीर्य के अंतर के कारण इसे असंगत कहा जाता है। 
​चाय में चीनी की जगह मिलाएं मिश्री
जो लोग अपनी चाय को मीठा करने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर की तलाश में हैं, उनके लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञ मिश्री या रॉक शुगर का सेवन करने की सलाह देती हैं। क्योंकि मिश्री दूध की तरह ही ठंडी होती है, इससे वीर्य में कोई अंतर नहीं आता।
​बचें खराब फूड कॉम्बिनेशन से
अन्य फूड कॉम्बिनेशन , जो आयुर्वेद के अनुसार, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं वे हैं केला और दूध, मछली और दूध, दही और पनीर, घी और शहद। गलत फूड कॉम्बिनेशन ब्‍लोटिंग, त्वचा विकारों से लेकर ऑटोइम्यून बीमारियों तक कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

खाद्य मंत्री का बिगड़ा स्वास्थ्य, अस्पताल में भर्ती

खाद्य मंत्री का बिगड़ा स्वास्थ्य, अस्पताल में भर्ती 

दुष्यंत टीकम 
अबिंकापुर। खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अंबिकापुर के मिशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां डॉक्टरों की सतत निगरानी में उपचार जारी है। गौरतलब है कि मंत्री श्री भगत गुरूवार शाम से ही अस्वस्थ्य महसूस कर रहे थे। रात को उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसके बाद उपचार के लिए देर रात उन्हें मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। अभी उनका उपचार चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री भगत सरगुजा जिले के दौरे पर हैं, यहाँ उन्होंने 16 जून को शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने बच्चों का स्वागत कर उन्हें गणवेश वितरित भी किया था। कार्यक्रम से लौटने के बाद उन्हें कमज़ोरी और थकान महसूस हो रही थी।

14 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं, भारतीय जमा पूंजी

14 साल के उच्च स्तर पर पहुंचीं, भारतीय जमा पूंजी

सुनील श्रीवास्तव  
नई दिल्ली/बर्न। स्विटजरलैंड देश के बाहर पैसा जमा करने के लिए हमेशा से दुनिया के कुबेरों के लिए पसंदीदा रहे स्विट्जरलैंड के बैंकों में एक बार फिर भारतीय पैसों की बारिश हो रही है। स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक में भारतीय जमा पूंजी 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक ने सालाना रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि साल 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों का डिपॉजिट बढ़कर 3.83 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी 30,500 करोड़ रुपए से भी ज्यादा हो गया। एक साल पहले 2020 के अंत में महज 2.55 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी करीब 20,700 करोड़ रुपए था।इस तरह से पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा करीब 50 फीसदी बढ़ गया।
आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों के सेविंग और डिपॉजिट अकाउंट में जमा राशि करीब 4,800 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। यह सात साल का सबसे उच्च स्तर है। लगातार दो साल इसमें गिरावट आने के बाद 2021 में तेजी देखने को मिली है। भारतीय लोग और कंपनियां कई माध्यमों से स्विस बैंकों में पैसे जमा करते हैं, इनमें कस्टमर डिपॉजिट, बैंक, ट्रस्ट, सिक्योरिटी जैसे माध्यम प्रमुख हैं।

4 साल तक सेना में रहने के बाद पेंशन भी नहीं, अपमान

4 साल तक सेना में रहने के बाद पेंशन भी नहीं, अपमान

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 
नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि 4 साल तक सेना में रहने के बाद पेंशन भी नहीं मिलेगी। यह सेना का अपमान है। केंद्र इस फैसले को तुरंत वापस ले‌। बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा है। कई जगह पर ट्रेनों को फूंक दिया गया है। रेलवे ट्रैक जाम कर दिए गए हैं और छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।आज पंजाब के संगरूर में इस योजना को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुआ है। सीएम सिटी संगरूर में आज हाथ में तिरंगा लेकर युवा सड़कों पर उतर आए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह 4 साल की भर्ती वाला फॉर्मूला मंजूर नहीं है। सरकार पहले ही तरह ही रेगुलर भर्ती करे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि तुरंत इस फैसले को वापस ले, नहीं तो दिल्ली जाकर पक्का मोर्चा लगा देंगे।
CM भगवंत मान ने ट्वीट किया कि 2 साल फौज में भर्ती पर रोक लगाने के बाद केंद्र ने नया फरमान जारी कर दिया है। युवा 4 साल फौज में रहे और बाद में पेंशन भी न मिले, तो यह फौज का भी अपमान है। ये देश के युवाओं के साथ धोखा है। देश भर के युवाओं का गुस्सा बिना सोचे-समझे लिए फैसले का नतीजा है।
इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की नई घोषित अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं की मांग जायज है। केजरीवाल ने कहा कि देश के युवाओं के सपनों को सिर्फ चार साल तक बांधकर रखना सही नहीं है। जैसा कि देश ने गुरुवार को कई राज्यों में आंदोलन और विरोध देखा, दिल्ली के सीएम ने ट्वीट कर कहा कि “सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ विरोध हो रहा है। युवा बहुत नाराज हैं। उनकी मांग एकदम सही है। सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए।
केजरीवाल ने केंद्र से अपील की कि वह युवाओं को सिर्फ चार साल नहीं, बल्कि जीवनभर देश की सेवा करने का मौका दें।उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि युवाओं को 4 साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए। पिछले दो साल सेना में भर्तियां ना होने की वजह से जो ओवरएज हो गए, उन्हें भी मौका दिया जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को मंजूरी दी। इस योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के लगभग 46,000 सैनिकों को 3 सेवाओं में चार साल के अनुबंध में भर्ती किया जाएगा। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को अग्निशामक के रूप में जाना जाएगा। हालांकि, इस घोषणा को पूरे देश में आंदोलन और विरोध का सामना करना पड़ा है।
केंद्र सरकार सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई है।जिसमें युवाओं को 4 साल की नौकरी दी जाएगी। इसमें 6 महीने की ट्रेनिंग भी शामिल है। 4 साल बाद सिर्फ 25 फीसदी युवकों को फौज में रखा जाएगा। बाकी 75 प्रतिशत की छुट्‌टी हो जाएगी। उस वक्त उन्हें एकमुश्त कुछ रकम दी जाएगी। युवा इस बात का विरोध कर रहे हैं कि 4 साल काम के बाद वह कहां जाएंगे। हालांकि केंद्र और भाजपा तर्क दे रही है कि अग्निपथ स्कीम में शामिल हुए अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

गिरावट: 135 अंक टूटकर बंद हुआ, बीएसई सेंसेक्स

गिरावट: 135 अंक टूटकर बंद हुआ, बीएसई सेंसेक्स

कविता गर्ग  
मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार छठे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार 135 अंक टूटकर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने और कच्चे तेल के दाम में तेजी से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 135.37 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,360.42 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान मानक सूचकांक 574.57 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 67.10 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,293.50 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स शेयरों में टाइटन, विप्रो, डा. रेड्डीज, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, पावरग्रिड, लार्सन एंड टूब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति, टीसीएस और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख स्प से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग और चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक लाभ में रहे। यूरोपीय बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी का रुख था। जियोजीत फानेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘शेयर बाजार को जो चीजें प्रभावित कर रही हैं, उनमें वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीति को कड़ा किया जाना और उसके कारण आर्थिक नरमी की आशंका है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.96 प्रतिशत उछलकर 120.96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 3,257.65 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

'सीयूजी' कैंपस का भूमि पूजन 18 को करेंगे, पीएम

'सीयूजी' कैंपस का भूमि पूजन 18 को करेंगे, पीएम

इकबाल अंसारी  
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात दौरे के दौरान वडोदरा में 100 एकड़ भूमि के सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ गुजरात (सीयूजी) कैंपस का भूमि पूजन 18 जून को करेंगे। राज्य सरकार की ओर से आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मोदी गुजरात दौरे के दौरान वडोदरा को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ गुजरात (सीयूजी) के रूप में एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री 18 जून शनिवार को गांधीनगर स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ गुजरात के वडोदरा में बनने वाले नए स्थायी कैंपस का भूमि पूजन करेंगे। अपने दौरे पर पीएम जल वितरण संबंधी कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन और भूमि पूजन करेंगे।
पिछले दो महीनों में प्रधानमंत्री का यह चौथा गुजरात दौरा होगा, जहाँ वे विभिन्न विकास परियोजनाओं को जनता को समर्पित करने जा रहे हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ गुजरात (गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय) (सीयूजी) के नये कैंपस का वडोदरा के पास डभोई तहसील के कुंढेला गाँव में 743 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए 100 एकड़ भूमि आवंटित की है। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में गुजरात सरकार के प्रयास और इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, “प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक तथा तकनीकी शिक्षा से लेकर सेक्टर स्पेसिफ़िक एजुकेशन सेक्टर तक मोदी ने गुजरात में शिक्षा क्षेत्र का 360 डिग्री विकास किया है।
” इससे पहले भी कुछ महीने पूर्व ही प्रधानमंत्री ने रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और फ़ॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय महत्वपूर्ण संस्थान का दर्ज़ा देकर गुजरात को एक बड़ा उपहार दिया था। पटेल ने कहा कि गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी का यह नया कैंपस हमारी नई युवा पीढ़ी के लिए न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह उनके लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े अवसर भी प्रदान करेगा।

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...