मंगलवार, 7 जून 2022

एक साथ 16 कविताओं का पाठ, रिकॉर्ड बनाया

एक साथ 16 कविताओं का पाठ, रिकॉर्ड बनाया

दुष्यंत टीकम 
गरियाबंद। 6 वर्षीय सिद्धार्थ शर्मा द्वारा अनवरत सत्ताइस मिनट तक एक साथ 16 कविताओं का पाठ मंच पर किया गया। जिसमें लगभग दो हजार चार सौ शब्द हैं। रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी का तृतीय सर्ग, यह प्रदीप जो दिख रहा है तथा शक्ति और क्षमा, जयशंकर प्रसाद की कविता हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, सोहनलाल द्विवेदी की कविता लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती। दुष्यंत कुमार की गजल हो गई है।
पीर पर्वत-सी, अटल बिहारी वाजपेयी की कविता कदम मिलाकर चलना होगा, माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा, हरिवंशराय बच्चन की कविता अग्निपथ, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की कविता वीर तुम बढ़े चलो, नागार्जुन की कविता अकाल और उसके बाद, अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की कविता जागो प्यारे, केदारनाथ अग्रवाल की कविता जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है।
शिवमंगल सिंह सुमन की कविता तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार, सुजश कुमार शर्मा की कविता आखिर क्या है ? सत्य तथा स्वरचित कविता मुझे तो सब अच्छा लगता है। एक साथ सिद्धार्थ शर्मा द्वारा काव्य प्रस्तुति दी गई, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इस रिकॉर्ड को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। कविता, शतरंज और गणित के त्रिवेणी संगम सिद्धार्थ शर्मा को उनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण इसके पूर्व चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में द चाइल्ड प्रोडिजी एवार्ड-2022 से अलंकृत किया जा चुका है। द चाइल्ड प्रोडिजी संस्था ने उन्हें विश्व के 100 विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालकों में से एक माना है।
सिद्धार्थ को छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज रायपुर के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालक सम्मान-2022 से भी सम्मानित किया गया। रेलवे भर्ती बोर्ड बिलासपुर एवं अन्य मंचों द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनों में उनके द्वारा काव्य पाठ किया जा चुका है, उक्त अवसरों पर उन्हें प्रशस्तिपत्र, पदक एवं स्मृति चिन्ह से अलंकृत किया गया।
राजिम की वरिष्ठ कवयित्री सुधा शर्मा एवं डायरीकार शरद शर्मा के पोते सिद्धार्थ को सौ तक का पहाड़ा, बीस तक का वर्ग एवं वर्गमूल पांच वर्ष की उम्र में याद हो गया था। इसके अतिरिक्त उन्हें दशमलव और प्रतिशत इत्यादि की समझ है। वे पच्चीसों अंक की संख्या का जोड़-घटाना पांच वर्ष की उम्र से ही कर लेते हैं। सिद्धार्थ को शतरंज के सौ प्रकार की ओपनिंग, शतरंज के लगभग पांच सौ तकनीकी शब्द एवं शतरंज के विश्व चैंपियनों के नाम, भारत के राज्यों की राजधानियाँ के नाम, छत्तीसगढ़ के जिलों के नाम तथा भारत में स्थित रेलवे भर्ती बोर्डों के नाम एवं अन्य सामान्य ज्ञान पाँच वर्ष की उम्र में याद हो गए थे।
सिद्धार्थ कठिन शब्दों वाली कविताओं का सहजता से पाठ करने में सक्षम हैं। उक्त कविताओं का पाठ वे मंच पर अनवरत सत्ताइस मिनट तक करने में समर्थ हैं। सिद्धार्थ के तत्संबंधी वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। विलक्षण प्रतिभासंपन्न बालक सिद्धार्थ द्वारा कविता के क्षेत्र में अभूतपूर्व विलक्षण योग्यता अर्जित करने के कारण उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड तथा एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उक्त उपलब्धि पर नगरवासियों सहित क्षेत्र में हर्ष का माहौल व्याप्त है।

खाड़ी देशों के साथ हमारे संबंध जारी रहेंगे: गोयल

खाड़ी देशों के साथ हमारे संबंध जारी रहेंगे: गोयल 

इकबाल अंसारी      

कोच्चि। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपदस्थ प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी का केंद्र में सत्तारूढ़ राजग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि वह एक सरकारी पदाधिकारी नहीं थीं। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों के साथ हमारे संबंध जारी रहेंगे, जिन्होंने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने शर्मा के निलंबन का हवाला देते हुए कहा कि प्रवक्ता के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई है।

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों के विरोध से विवाद बढ़ने पर भाजपा ने रविवार को नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। मुस्लिम समूहों के प्रदर्शनों, कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा ”वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है।

झोपड़ियों को हटाने के लिए चलाया बुलडोजर

झोपड़ियों को हटाने के लिए चलाया बुलडोजर 

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के मंगोलपुरी इलाके में अवैध रूप से बनाए गए ढांचों के खिलाफ नगर निगम (एमसी) का विध्वंस अभियान मंगलवार को भी जारी रहा। मंगोलपुरी में एक सड़क के किनारे बनी झोपड़ियों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया। नगर निकाय ने वाई ब्लॉक से एच ब्लॉक तक लगभग 400 मीटर की सड़क से अतिक्रमण हटाकर साफ कर दिया। नगर निगम के अधिकारी विध्वंस अभियान की निगरानी करते दिखे और क्षेत्र के लोगों द्वारा कोई विरोध नहीं किया गया। एहतियात के तौर पर अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ पुलिस बल भी पर्याप्त संख्या में तैनात किया गया था।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि नगर निगम ने पहले लोगों को विध्वंस प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया था और कुछ अवैध अतिक्रमण को लोगों ने खुद हटा दिया। गौरतलब है कि यह दूसरी बार है, जब मंगोलपुरी इलाके में बुलडोजर चलाया गया है। इससे पहले 10 मई को शाहीन बाग में इसी तरह का अभियान चलाने के प्रस्ताव के ठीक एक दिन बाद बुलडोजर ने सड़क के किनारे बने कई बूथों और खोखे को तोड़ दिया था। उसी दिन यानी 10 मई को आम आदमी पार्टी के विधायक मुकेश अहलावत ने नगर निगम के अधिकारियों को तोड़फोड़ का काम करने से रोका और जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

79 तकनीशियन के पदों पर भर्ती की जाएंगी

79 तकनीशियन के पदों पर भर्ती की जाएंगी 

अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि नोटिफिकेशन पढ़ने के बाद ही तकनीशियन के 79 पदों के लिए अप्लाई करें। विस्तृत विज्ञापन सीएसआईआर-एनपीएल की आधिकारिक वेबसाइट www.nplindia.org पर उपलब्ध है।सीएसआईआर नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी, नई दिल्ली ने 79 तकनीशियन भर्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए है। इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। आवेदन फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट 3 जुलाई 2022 है। आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि नोटिफिकेशन पढ़ने के बाद ही तकनीशियन के 79 पदों के लिए अप्लाई करें। विस्तृत विज्ञापन सीएसआईआर-एनपीएल की आधिकारिक वेबसाइट www.nplindia.org पर उपलब्ध है‌।

भर्ती विवरण...
इस भर्ती अभियान के द्वारा 79 तकनीशियन के पदों पर भर्ती की जाएंगी।
अभ्यर्थियों की ऊपरी आयु सीमा 3 जुलाई को 28 वर्ष होनी चाहिए।
“निदेशक, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला” के पक्ष में कम से कम 3 महीने के लिए वैध किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक पर डिमांड ड्राफ्ट / पे ऑर्डर के रूप में आवेदन शुल्क के रूप में 100 रूपये का होना चाहिए।

तालाबों को साफ करने के लिए नौकरी छोड़ी

तालाबों को साफ करने के लिए नौकरी छोड़ी 

अश्वनी उपाध्याय  
गाजियाबाद। किसी आम नौजवान की तरह ही गाजियाबाद के डाढ़ा गांव के रामवीर तंवर भी इंजीनियरिंग करने के बाद अपना करियर बनाना चाहते थे। उनके पिता भी चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बन कर अच्छी नौकरी करे। रामवीर तंवर की पढ़ाई के लिए उनके किसान पिता ने अपनी कुछ जमीन भी भेज दी थी। रामवीर तंवर इंजीनियर भी बने और वह नौकरी भी करने लगे। इसी दौरान वे मशहूर पर्यावरणविद अनुपम मिश्र के संपर्क में आए। रामवीर तंवर ने महसूस किया कि शहरों में लोग वॉटर पंप लगाकर पानी खींच रहे हैं और वॉटर लेवल नीचे गिरता जा रहा है। जबकि तालाबों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
अपने गांव और आसपास के इलाकों में तालाबों की बिगड़ती हालत को देखने के बाद रामवीर तंवर के मन में तालाबों के बेहतर बनाने के लिए काम करने की इच्छा जागी। रामवीर तंवर ने 2014 में तालाबों को सुधारने का काम शुरू कर दिया। उस समय रामवीर तंवर कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। उन बच्चों के परिवार वालों को साथ लेकर रामवीर तंवर ने अपने गांव के तालाब को साफ सुथरा करने का काम किया। इससे उन्हें अच्छा लगा और उन्होंने तालाबों को साफ करने का काम करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।

6 राज्यों में साफ कर चुके 42 तालाब...
रामवीर तंवर ने जब तालाबों को साफ करने का काम शुरू किया तो जल्द ही उन्हें इसमें कुछ एनजीओ और कारपोरेट कंपनियों का भी समर्थन मिलने लगा. आज रामवीर तंवर हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे 6 राज्यों में करीब 42 तालाबों की हालत सुधार चुके हैं। इस काम में उनकी मदद 12 लोगों की एक कोर टीम करती है।जिसके साथ 100 के करीब वालंटियर जुड़े हैं। इसके अलावा रामवीर तंवर 150 मजदूरों को भी काम देते हैं। रामवीर तंवर की कोशिश से अब तक डेढ़ लाख वर्ग मीटर इलाके में तालाबों की हालत बेहतर हो चुकी है। जिससे सालाना 20 करोड़ लीटर पानी का संरक्षण होता है।
अपने काम से रामवीर तंवर अब गाजियाबाद के पांडमैन बन चुके हैं। उनको तालाबों का एक्सपर्ट मान लिया गया है। रामवीर तंवर सरकारी संस्थाओं और निजी संस्थाओं को कंसल्टेंसी भी देते हैं।
एक्सपोर्ट कंसल्टेंट के तौर पर रामवीर तंवर तालाबों को सुधारने के लिए काम करते हैं और इसके लिए फीस भी लेते हैं। अपने तालाब संरक्षण के काम को संस्थागत रूप देने के लिए उन्होंने ‘से अर्थ’ नामक एक एनजीओ बनाया है।भविष्य में रामवीर तंवर ने शहरों में अर्बन फॉरेस्ट लगाने का काम आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए उन्होंने जापान की मियावाकी पद्धति अपनाई है। गाजियाबाद में उन्होंने अर्बन फॉरेस्ट तैयार करने के तीन प्रोजेक्ट हाथ में लिए हैं। अभी तक उन्होंने जितने पौधे लगाए हैं, उनमें 95% सफल हैं।

तालाब हो आर्थिक तौर पर सक्षम...
रामवीर चाहते हैं कि देश में तालाब खुद आर्थिक रूप से समर्थ हों और खुद पर निर्भर हों।इसके लिए वे तालाबों में मछली पालन, सिंघाड़ा और कमल उगाने जैसे काम शुरू करने पर जोर देते हैं। इससे तालाबों से एक नियमित आय हासिल होती है और इस काम में लगे लोग तालाबों को सुरक्षित रखने के लिए तत्पर होते हैं। क्योंकि तालाब के साथ उनकी आमदनी जुड़ जाती है। तालाबों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रामवीर तंवर ने जल चौपाल नामक कार्यक्रम भी शुरू किया है।  जिससे लोगों के अंदर जागरूकता आए और वे अपने आसपास के तालाबों और वॉटर बॉडी की साफ-सफाई और देखरेख करें। रामवीर तंवर का मानना है कि तालाबों को उन्होंने एक बार साफ तो कर दिया लेकिन उसे सुरक्षित रखना स्थानीय लोगों का काम है। इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के अनेक कार्यक्रम वे करते रहते हैं।
रामवीर तंवर ने तालाबों के संरक्षण के लिए नौजवानों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम में एक अनोखी पहल सेल्फी विद पांड शुरू किया है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने पसंदीदा तालाब के साथ एक सेल्फी लें और सोशल मीडिया पर उसको पोस्ट करें। अपने तालाबों की पहचान के लिए जगह का नाम भी लिखें। सोशल मीडिया पर अपलोड करने के साथ उनके पास नोटिफिकेशन पहुंच जाता है।
‌इससे वह तालाब के साथ सेल्फी लेने वाले लोगों से संपर्क करके अपने साथ उनको जोड़ने लगते हैं। इससे एक कड़ी से कड़ी जुड़ती जाती है और देश में तालाबों की हालत के बारे में रामवीर तंवर को जानकारी मिल जाती है। रामवीर तंवर को इससे पता चल जाता है कि कहां के तालाब पर उनको जल्द से जल्द काम करने की जरूरत है।

वेव ग्रुप की याचिका खारिज, 1 करोड़ का जुर्माना

वेव ग्रुप की याचिका खारिज, 1 करोड़ का जुर्माना 

विजय भाटी 
गौतमबुद्ध नगर। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल 
(एनसीएलटी) ने सोमवार को हुई सुनवाई में वेव ग्रुप की याचिका खारिज कर दी। बिल्डर ग्रुप ने वेव मेगा सिटी सेंटर परियोजना पर दिवालिया प्रक्रिया चलाने की याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद याचिका खारिज करते हुए वेव समूह पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही घर खरीदारों, प्राधिकरण के पैसों की हेरफेर की आशंका को देखते हुए वेव समूह की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट का मानना है कि वेव ग्रुप ने अपने घर खरीदारों को धोखे की मंशा से दिवालिया प्रक्रिया चलवाने की कोशिश की।
सेक्टर-32-25 के वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड (डब्ल्यूएमसीसी) ने एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन किया गया। उस दौरान खरीदारों के हित में कंपनी ने ऐसा फैसला लेने की बात कही गई थी। इससे पहले कंपनी की 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन का आवंटन निरस्त करते हुए नोएडा प्राधिकरण ने वेव ग्रुप की एक परियोजना पर सीलिंग और कब्जे की कार्रवाई की थी।
वेव ग्रुप का कहना था कि नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-32 और 25 में आवासीय-सह-वाणिज्यिक परियोजना को मनमाने तरीके से सील कर दिया है। कंपनी प्रवक्ता ने बताया था कि इस परियोजना में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। जिसमें इसके प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों के 2,213 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक लोन के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। जबकि खरीदारों से करीब 1400 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। इसमें से 2000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किया गया है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण को किया गया लगभग 1600 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है।
निरस्त की गई 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन वापस लेने के लिए वेव को देने होंगे करीब 2700 करोड़
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल वेव ग्रुप के पास 56 हजार वर्गमीटर जमीन है। जिसके एवज में प्राधिकरण का 90 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं, अगर वेव ग्रुप निरस्त की गई 1.08 लाख वर्गमीटर जमीन की वापसी चाहता है तो उसे बकाये का करीब 2700 करोड़ रुपये वापस करने होंगे।
2300 खरीदार अब भी फंसे...
वेव ग्रुप की विभिन्न परियोजनाओं में अब भी करीब 2300 ग्रुप हाउसिंग और कॉमर्शियल के खरीदार फंसे हुए हैं। वेव ग्रुप के खरीदारों की ओर से यहां आंकड़ा दिया गया है। उनका कहना है कि अब तक एक भी खरीदार की रजिस्ट्री नहीं हुई है। वेव ग्रुप की ओर से पैसे जमा कराने के बाद ही रजिस्ट्री संभव है। एनसीएलटी का मानना है कि सुनवाई के दौरान खरीदारों ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने बिल्डर को पैसे दिए। लेकिन इन पैसों का हेरफेर किया गया। ऐसे में घर खरीदारों के मकान भी नहीं मिल पाए। प्राधिकरण को भी पैसे नहीं मिले। आखिर यह पैसे कहां गए। लिहाजा इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए।

यह है वेव मेगा सिटी सेंटर का मामला...
नोएडा के सेक्टर 25 और 32 के बीच स्थित वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने 2011 में लीजहोल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्गमीटर भूमि का आवंटन लगभग 1.07 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से 6,622 करोड़ रुपये में कराया था। मूल योजना के हिसाब से पुनर्भुगतान की अवधि पहले दो साल मोरेटोरियम के बाद 16 अर्द्धवार्षिक किस्तों में थी। दिसंबर 2016 में खरीदारों को समय पर युनिट्स की डिलीवरी देने तथा किस्तों पर बकाया राशि की वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण प्रोजेक्ट सैटलमेंट पॉलिसी (पीएसपी) लेकर आया। पीएसपी के तहत प्राधिकरण ने डब्ल्यूएमसीसी की 4.5 लाख वर्गमीटर जमीन वापस ले लीं। इसमें ग्रुप की ओर से जमा किए गए पैसे को ब्याज की राशि मान लिया गया। 10 मार्च 2021 को, नोएडा प्राधिकरण द्वारा 1.08 लाख वर्ग मीटर अधिग्रहण जमीन के आवंटन को निरस्त कर दिया गया और साथ ही दो टावरों को भी सील कर दिया गया। हालांकि अभी भी करीब 56 हजार वर्गमीटर जमीन कंपनी के पास है।
देश में न्याय प्रणाली अभी भी जिंदा है और यह फैसला इसका प्रमाण है। इस फैसले से फंसे हुए घर खरीदारों में एक नई उम्मीद जगी है। अब घर खरीदार के साथ नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगा। हमारे लिए यह पहली जीत है। हालांकि लड़ाई लंबी है।

3 फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा

3 फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा 

भानु प्रताप उपाध्याय     
मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को तीन फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। विगत दिनों एक नेत्रहीन महिला ने एसएसपी अभिषेक यादव को एक प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि कुछ पत्रकारों ने उससे 10 हजार रुपये की उगाही की है और घर पर जाकर उसकी पुत्री के साथ भी अश्लील हरकतें करने का भी आरोप लगाया था, इस मामले का संज्ञान लेते हुए एसएसपी अभिषेक यादव ने तथाकथित पत्रकारों की गिरफ्तारी के लिए आदेश जारी किए थे और महिला की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद आज शहर कोतवाली पुलिस ने तीन फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने शहर कोतवाली में पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि यह तीनों शातिर किस्म के अपराधी है और सरकारी दफ्तरों पर पीड़ित लोगों से पत्रकार या पुलिस बनकर अवैध उगाही करते थे। उन्होंने बताया कि इन तीनो के नाम सरताज अहमद, शारिक और निसार है, जिसमें तीनों को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में और भी पूछताछ जारी है। एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि अभी और लोगों के गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। इनमें अभी दो लोग और बाकी है, जो इस तरह की घटनाओं में संलिप्त रहते हैं और फ़िलहाल इन लोगों के पास से पांच अलग-अलग संस्थान के आई कार्ड और दो मोबाइल फोन और नगदी भी बरामद हुई है।
एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि प्रशासन ने एक निर्णय लिया है कि अब जनपद में उन्हीं पत्रकारों को काम करने की अनुमति दी जाएगी, जो अखबारों में या न्यूज़ चैनलों में रजिस्टर्ड पत्रकार है। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग से हम लेटर वेरीफाई भी करेंगे और जो फर्जी पत्रकारों होंगे, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पत्रकार वार्ता में सीओ सिटी कुलदीप सिंह व शहर कोतवाल आनंद देव मिश्रा भी मौजूद रहे।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...