शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'

22 अप्रैल को मनाया जाता हैं 'विश्व पृथ्वी दिवस'   

सरस्वती उपाध्याय            

'वर्ल्ड अर्थ डे' यानी, विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। ये दिन एक मौका होता है, जब करोड़ों लोग मिलकर पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियों जैसे कि, क्लाइमेट चेंज। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने में और जागरुक हों और इसमें तेजी लाएं। इस दिन को इंटरनेशनल मदर अर्थ डे के रूप में भी जाना जाता है।इसे मनाने का मकसद यही है कि लोग पृथ्वी के महत्‍व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हों। यही वजह है कि इस दिन पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया जाता है।

विश्व पृथ्वी दिवस के दिन पेड़ लगाकर, सड़क के किनारे कचरा उठाकर, लोगों को टिकाऊ जीवन जीने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करने जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके सेलिब्रेट किया जाता है। इसके अलावा बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन स्कूलों और विभिन्न समाजिक संस्थाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

यह है 'वर्ल्ड अर्थ डे' का इतिहास...

विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार साल 1970 में मनाया गया था। तब से लेकर आज तक इसे हर साल 22 अप्रैल को 192 देशों में सेलिब्रेट किया जाता है। दरअसल, साल 1960 दशक में विकास कार्यों के चलते पेड़ों की बड़ी मात्रा में कटाई की गई थी, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ। इसी को देखते हुए अमेरिकी सेनिटर ने साल 1969 में लोगों को जागरुक करने के लिए वॉशिंगटन में एक सम्मेलन की घोषणा की। जिसमें स्कूल के कई बच्चे शामिल हुए। इस दौरान बच्चों समेत वहां के लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया गया। इसके बाद से ही इस दिन को विश्वभर में 'वर्ल्ड अर्थ डे' के रूप में मनाया जाने लगा।


कोई आए या जाए, कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता

कोई आए या जाए, कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता    

मनोज सिंह ठाकुर            

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशांत किशोर की पार्टी में संभावित एंट्री को लेकर बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि कोई आए या जाए, कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मध्य प्रदेश में पार्टी किसी पर भी निर्भर नहीं है। राजनीतिक विश्लेषक प्रशांक किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर लगातार खबरे आ रही हैं। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने को लेकर सोनिया गांधी की हरी झंडी मिल गई है। वहीं इसके साथ ही पीके की कांग्रेस में एंट्री को लेकर बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशांत किशोर की पार्टी में संभावित एंट्री को लेकर  बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि कोई आए या जाए, कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मध्य प्रदेश में पार्टी किसी पर भी निर्भर नहीं है। भाजपा के नरोत्तम मिश्रा द्वारा किशोर के कांग्रेस में शामिल होने और कांग्रेस सांसद नेता कमलनाथ को ‘सबक देने’ की संभावना पर टिप्पणी करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश में किसी पर ‘निर्भर’ नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि प्रशांत किशोर आए या न आए, हम तैयार हैं और मध्य प्रदेश में कांग्रेस किसी पर निर्भर नहीं हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि अगर किशोर कांग्रेस में आए, तो कमलनाथ को ‘आराम’ दिया जाएगा। कमलनाथ ने जनता से नहीं सीखा तो अब किशोर उन्हें पढ़ाएंगे। 

2024 के चुनावों से पहले किशोर के कांग्रेस में शामिल होने और उसमें सुधार करने के दावों पर विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था, इसे “मृत घोड़ा” कहा था, जब किशोर ने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में भव्य पुरानी पार्टी की बैठक में भाग लिया था। आप के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कांग्रेस की बैठक में किशोर की भागीदारी पर टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पीटीआई समाचार एजेंसी से कहा, “मरे हुए घोड़े को कोड़े मारने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस एक मरा हुआ घोड़ा है।”

जल्द होगा ट्रैक्टर-बुलडोजर का मुकाबला: टिकैत

जल्द होगा ट्रैक्टर-बुलडोजर का मुकाबला: टिकैत    

भानु प्रताप उपाध्याय           

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुलडोजर द्वारा की जा रही कार्रवाई पर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि जिस तरह से एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है, उससे इंटरनेशनल स्तर पर एक गलत मैसेज जा रहा है।इसके साथ टिकैत ने सरकार को तीन महीने के अंदर किसानों को 10 साल पुराने ट्रैक्‍टर बंद करने के आदेश पर भी घेरा है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में 10 साल पुराने लोग हैं पहले वो सरेंडर देंं। इसके साथ कहा कि अभी तो एक ही बुलडोजर चला है, लेकिन दिल्ली में 4 लाख ट्रैक्टर चले थे और लोग घबरा गए थे।

इसके साथ टिकैत ने कहा कि सरकार 10 साल पुराने ट्रैक्टरों को बंद करने की बात कह रही है। लेकिन बहुत जल्द ही ट्रैक्टर सड़कों पर आएंगे और बुलडोजर का मुकाबला होगा। दरअसल, शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों की समस्याओं को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बकाया ऋण के रूप में कुछ किसानों को डिफाल्टर घोषित करते हुए उनकी जमीन की नीलामी के बैंकों द्वारा नोटिस भेजे गये हैं। राकेश टिकैत ने डीएम चंद्रभूषण सिंह से आग्रह किया कि किसानों की समस्या को समझते हुए बैंकों से कार्रवाई रोकने के साथ ही समझौते के आधार पर मामले को निपटने के आदेश करें।

जहांगीरपुरी मामले पर कही ये बात...

इस दौरान जब राकेश टिकैत की दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा में धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किए जाने की बात पूछी तो उन्‍होंने कहा कि धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है और इसका इंटरनेशनल स्तर पर एक गलत मैसेज जा रहा है। साथ ही कहा कि सभी लोग बाहर से आए हुए हैं। हम भी तो जर्मनी से आए हैं। साथ ही कहा कि अब तो कोर्ट कचहरी में कहीं के भी कागज बनवा लो। मुजफ्फरनगर की कचहरी में तो आप कहीं पर भी पहचान पत्र और आधार कार्ड बनवा लो। इस तरह की घटनाओं से देश का विकास रुकता है, तो आपस में नफरत फैलती है। इन चीजों को छोड़कर सभी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। बुलडोजर तो उन अधिकारियों पर चलना चाहिए। जिनके समय में अतिक्रमण हुआ है। फिलहाल, संविधान अलमारी में बंद है।

300 साल पुराने शिव मंदिर को जमींदोज किया

300 साल पुराने शिव मंदिर को जमींदोज किया   

नरेश राघानी             
अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया। शिवालय पर जूते पहनकर चढ़ने और मूर्तियों पर कटर मशीन चलाने से हिंदूवादी संगठन भड़क गए हैं। इसके विरोध में नगर पालिका के ईओ, एसडीएम और राजगढ़ विधायक के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी गई है। लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

इसको लेकर बीजेपी भी कांग्रेस की गहलोत सरकार पर हमलावर है। बीजेपी नेशनल आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ''राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म।'' इसके बाद एक और ट्वीट में मालवीय ने कहा, ''18 अप्रैल को राजस्थान के राजगढ़ कस्बे में बिना नोटिस प्रशासन ने 85 हिंदुओं के पक्के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया।''

अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेले का आयोजन

अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेले का आयोजन  

भानु प्रताप उपाध्याय             

मुजफ्फरनगर। आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) बघरा, बुढ़ाना में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किया। शाहपुर व चरथावल में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल ने मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड टीकाकरण, नियमित टीकाकरण, खून की जाँच, मलेरिया की जाँच, सामान्य औषधि, आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी कार्ड, परिवार नियोजन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करायी गयी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग आदि के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में प्रदर्शनी लगाकर जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधित कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों अच्छा इलाज मिल रहा है। मेले में कोई भी व्यक्ति चिकित्सक से परामर्श कर दवा ले सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया, मेले के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। मेले में सामान्य चिकित्सा, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन परामर्श, मोतियाबिंद की जांच, कान, नाक एवं गले, दांतों की जांच, त्वचा की जांच, पोषण के लिए परामर्श, एड्स नियंत्रण के लिए परामर्श, कुष्ठ नियंत्रण, टीबी नियंत्रण, मलेरिया की जांच सुविधा उपलब्ध रही। हजारों लोगों ने स्वास्थ्य मेले का लाभ लिया।

खालिद के भाषण को अप्रिय व उकसाने वाला बताया

खालिद के भाषण को अप्रिय व उकसाने वाला बताया    

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली दंगों से संबंधित षड्यंत्र मामलें के आरोपी उमर खालिद की एक याचिका की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) विरोधी आंदोलन के दौरान दिये गए उसके भाषण को अप्रिय और उकसाने वाला बताया। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने उमर खालिद के 17 मार्च 2020 के भाषण के एक विशेष वाक्य को संज्ञान में लेते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह का भाषण देना दुनिया के किसी भी कोने में स्वीकार्य नहीं होगा। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद(34) को सितंबर 2020 में गिरफ्तार कर उन पर उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराएं लगाई थीं। पुलिस ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगे एक "पूर्व नियोजित, गहरी साजिश का हिस्सा थे जो उमर खालिद और अन्य लोगों द्वारा रची गई थी।"

उमर खालिद ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें उसे जमानत नहीं दी गई थी। निचली अदालत ने पिछले महीने यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उसके खिलाफ यूएपीए "प्रथम दृष्टया" सही था।उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने उसके कृत्यों की समग्रता से जांच करते हुए कहा कि यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली की अदालत ने उसे जमानत देने से क्यों इनकार कर दिया, और उसके भाषण को उसके सामने रखने के लिए कहा। उमर खालिद सीएए-विरोधी प्रदर्शन के एक व्हाट्सऐप ग्रूप का हिस्सा था।

उमर खालिद के बचाव में उसके वकील ने कहा कि जिस अपराध के लिए उनके मुवक्किल को दोषी ठहराया जा रहा है, उस घटना के समय वह दिल्ली में मौजूद भी नहीं था।उन्होंने कहा, "पूरी दिल्ली में सारी हिंसा की लगभग 750 प्राथमिकियां दर्ज की गयीं। अचानक छह मार्च की यह ताजा प्राथमिकी आती है और उस प्राथमिकी में उमर खालिद का नाम आता है। उसमें जमानती अपराध थे। उस प्राथमिकी में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।"अदालत ने पूछा, "आरोप पत्र दायर किया गया है? तो कौन सी धाराएं हैं जिनके साथ आप पर आरोप लगाया गया है?" वकील ने जवाब दिया कि आरोप तय नहीं किए गए हैं। जब फिर से आरोपों के बारे में सवाल किया गया, तो वकील ने कहा, "अफवाह ,माई लॉर्ड।"

उमर खालिद के वकील ने बताया कि सिर्फ एक भाषण था। पुलिस उस भाषण के लिए अनुरोध करने वाले टीवी चैनलों के पास गई। चैनलों ने उन्हें बताया कि उन्हें यह एक राजनेता से मिला है। यह भाषण अमरावती में दिया गया था। उन्होंने कहा, "इसके अलावा कोई और भाषण नहीं था। भाषण हिंदी में है। विशेष अदालत ने यह निष्कर्ष तक नहीं दिया कि यह भाषण भड़काऊ है।"इसके बाद खंडपीठ ने भाषण के मजमून की मांग की जिसे हिन्दी में अदालत के सामने पढ़ा गया।
उमर खालिद ने अपने भाषण में अमरावती को अपना घर बताते हुए कहा था कि उसे इस 'घर वापसी' से कोई समस्या नहीं है, लेकिन उसे दूसरे 'घर वापसी' से समस्या है। उसके वकील ने मजमून पढ़कर बताया कि अपने भाषण में उमर खालिद ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आरएसएस और हिंदू महासभा के ब्रिटिश सरकार के साथ कथित संबंधों का जिक्र किया था और शाहीन बाग में उन सभी महिलाओं को धन्यवाद दिया था जो उनके खिलाफ दुष्प्रचार के बावजूद प्रदर्शन पर बैठी थीं। वकील ने भाषण का अशं पढ़ा। जिसमें लिखा था, "आतंक के उस दौर में, अगर किसी ने बाहर निकलने की हिम्मत की, तो वह शाहीन बाग की महिलाएं थीं। उन्होंने शाहीन बाग को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन शाहीन बाग को चुप नहीं कराया जा सका।”
खंड पीठ ने यहां बात रोकते हुए कहा, "इन अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्या आपको नहीं लगता कि यह लोगों को उत्तेजित करती हैं? आपको नहीं लगता कि 'जब आपके पूर्वज अंग्रेजी की दलाली कर रहे थे' भड़काऊ भाषा है?" अदालत ने कहा, "इससे यह आभास होता है कि केवल एक समुदाय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहा था। क्या गांधीजी ने कभी ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था? क्या भगत सिंह ने कभी इसका इस्तेमाल किया था? क्या गांधीजी ने हमसे यही कहा था? हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ कोई समस्या नहीं है। लेकिन यह भाषा क्या है? क्या स्वतंत्र भाषण इन बयानों को बढ़ा सकता है? क्या यह 153 ए और 153 बी के प्रावधानों के साथ मेल खाता है?"
न्यायालय ने कहा, "हमें आश्चर्य नहीं है कि प्राथमिकी भाषण के इस हिस्से पर आधारित है। प्रथम दृष्टया यह स्वीकार्य नहीं है। यह लोकतंत्र और स्वतंत्र भाषण संसार के किसी भी कोने में स्वीकार्य नहीं है।अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल को मुकर्रर करते हुए कहा, "अगली तारीख पर, कृपया हमें इस मुद्दे पर भारतीय न्यायशास्त्र बतायें।"

अगले 4-5 साल के दौरान 1 लाख लोगों को रोजगार

अगले 4-5 साल के दौरान 1 लाख लोगों को रोजगार  

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि ड्रोन सेवा क्षेत्र में अपार संभावनाएं है और यह क्षेत्र अगले चार-पांच साल के दौरान लगभग एक लाख लोगों को रोजगार देगा। सिंधिया ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) के एक कार्यक्रम में कहा, हमने ड्रोन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी एक योजना शुरू की है। जिसमे 60 करोड़ रुपये के कारोबार वाले ड्रोन विनिर्माण उद्योग को अगले तीन वर्षों में 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सिंधिया ने कहा, ड्रोन क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है और इसके विनिर्माण में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की हम उम्मीद कर रहे हैं। ड्रोन सेवा क्षेत्र में हम अगले चार से पांच साल में 1,00,000 नौकरियों सृजित होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...