बुधवार, 6 अप्रैल 2022

जलवायु-परिवर्तन 'संपादकीय'

जलवायु-परिवर्तन      'संपादकीय'      

शुद्ध-शाकाहारी जीवन सनातन सभ्यता का उद्बोधन हैं। शाकाहार सनातन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल सनातन संस्कृति की प्रवृति के अनुसार ही लागू होता है‌। यदि, कोई भी व्यक्ति शाकाहार जीवन यापन करने की प्रक्रिया में भागीदारी कर ले, तो संपूर्ण मानव जाति जलवायु-परिवर्तन से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते हैं। इस निर्णय में राष्ट्र एवं व्यक्तिगत संबंधों से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं होना चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पन्न एक समस्या से संबंधित विषय है। यह विषय प्रत्येक धरतीवासी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जलवायु-परिवर्तन से निपटने की दिशा में एक और वैश्विक पहल आगे कदम बढ़ा रही थी।  
दरअसल, वैश्विक स्तर पर उद्योगों को कार्बन मुक्त करने के एक कार्यक्रम की सालाना बैठक से पहले, भारत में इस कार्यक्रम की प्रारम्भिक सभा का आयोजन हो रहा है। क्लीन एनेर्जी मिनिस्टीरियल (CEM) का इंडस्ट्रियल डीप डीकार्बोनाइजेशन इनिशिएटिव (IDDI) सार्वजनिक और निजी संगठनों का एक वैश्विक गठबंधन है। जो उद्योगों में कम कार्बन सामग्री की मांग को प्रोत्साहित करने के लिए काम करता है। देश की राजधानी, नई दिल्ली, में IDDI की महत्वपूर्ण बैठकों का दौर जारी है। भारत में हो रही यह बैठक सितंबर में अमेरिका के पिट्सबर्ग, में आयोजित होने वाले सीईएम13 बैठक के लिए एक प्रारंभिक सभा है, जहां सरकारें उद्योगों को कार्बन मुक्त करने की अपनी महत्वाकांक्षाओं की घोषणा करेंगी। इनमें हरित सार्वजनिक खरीद नीति प्रतिबद्धताएं और खरीद लक्ष्य निर्धारित करना शामिल है। जो प्रमुख उद्योगों द्वारा तेजी से प्रतिक्रिया देने में मदद कर सकते हैं। 
वैश्विक स्तर पर कुल ग्रीनहाउस गैस (GHG) एमिशन का लगभग तीन-चौथाई बिजली क्षेत्र से आता है। भारी उद्योग से कार्बन एमिशन लगभग 20 से 25 फीसद होता है। विज्ञान कहता है कि जलवायु-परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए, हमें 2030 तक नेट ज़ीरो एमिशन तक पहुंचना होगा। इसके लिए उद्योग सहित सभी क्षेत्रों से गहन डीकार्बोनाइजेशन की आवश्यकता होती है। IDDI की यह बैठक इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की उस मिटिगेशन रिपोर्ट के ठीक बाद आती है। जिसमें उद्योगों के लिए डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया।   
उदाहरण के लिए, स्टील उद्योग को तेजी से डीकार्बोनाइज करने की जरूरत है। अगर हमें ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना है। वार्षिक वैश्विक इस्पात उत्पादन लगभग 2बीएमटी है और कुल जीएचजी में 7 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। स्टील क्षेत्र के उत्सर्जन में 2030 तक कम से कम 50% और 2050 तक 95% तक 2030 के स्तर पर गिरने की आवश्यकता है। ताकि 1.5 डिग्री ग्लोबल वार्मिंग मार्ग के साथ संरेखित किया जा सके। हालांकि, वर्तमान भविष्यवाणियां बताती हैं कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में उस वृद्धि के बहुमत के साथ 2050 तक स्टील की मांग सालाना 2.5 बीएमटी से अधिक हो जाएगी। ध्यान रहे कि भारत जैसे देशों में, विकास की जरूरतें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इनसे समझौता नहीं किया जा सकता है। 
भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और भारत में उत्पादित अधिकांश इस्पात का उपयोग घरेलू स्तर पर किया जाता है। आईईए के अनुसार, 2050 तक विश्व स्तर पर उत्पादित स्टील का लगभग पांचवां हिस्सा भारत से आने की उम्मीद है, जबकि आज यह लगभग 5% है। भारत के लगभग 80 प्रतिशत बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाना बाकी है, जिसका अर्थ है कि स्टील जैसे कठिन क्षेत्रों को डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्य निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ताकि भारत को अपने 2030 और न्यूजीलैंड के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके। भारत पहले से ही दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है और उम्मीद है कि 2019 में यूरोपीय संघ के कुल उत्पादन के दोगुने के बराबर राशि से 2050 तक अपने वार्षिक उत्पादन की मात्रा में वृद्धि होगी। कोविड -19 संकट देश के इस्पात उद्योग को प्रभावित कर रहा है।  
चूंकि इस्पात निर्माण, मोटर वाहन और यहां तक कि नवीकरणीय क्षेत्रों के लिए रीढ़ की हड्डी है, इसलिए उद्योग को कार्बन मुक्त करना उत्सर्जन को कम करने की कुंजी है। भारत यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि उसका स्टील उद्योग एक स्थायी भविष्य के लिए ट्रैक पर है। जो भारत को आईडीडीआई के तहत स्टील सार्वजनिक खरीद लक्ष्यों को 30-50% तक कम करके अपने शुद्ध शून्य लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करता है। 
महिंद्रा ग्रुप के चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, अनिर्बान घोष कहते हैं, “अगर हमें नेट जीरो लक्ष्यों को पूरा करना है तो स्टील डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक मार्ग को सुरक्षित करने की जरूरत है। ऑटो उद्योग के लिए, ग्रीन स्टील भारत के लिए शून्य कार्बन गतिशीलता समाधान बनाने में उत्प्रेरक हो सकता है। हम नेट ज़ीरो भविष्य बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं और हमें विश्वास है कि CEM-IDDI में भारत का नेतृत्व हमें प्रतिबद्धता का सम्मान करने में मदद करेगा।” 
यूरोपीय संघ के कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) जैसे वैश्विक व्यापार नियम यूरोपीय बाजार में कार्बन सघन स्टील को और अधिक महंगा बना देंगे। इसी तरह, अमेरिका के प्रेसिडेंट बाइडेन की बाय क्लीन टास्क फोर्स यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिकी बाजार में ग्रीन स्टील अधिक प्रतिस्पर्धी हो और इसके परिणामस्वरूप भारतीय स्टील कम प्रतिस्पर्धी हो। 
इस क्रम में प्रार्थना बोरा, निदेशक, सीडीपी-इंडिया, ने कहा, “इस क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़ करने के लिए तकनीकी व्यवहार्यता और समाधानों के संदर्भ में चुनौतियाँ ज़रूर हैं और उनके बारे में स्टील कंपनियां भी अवगत हैं। लेकिन भारतीय स्टील कंपनियों को अब एक साथ काम करना शुरू करना चाहिए और बेस्ट प्रेक्टिसेज़ को साझा करना चाहिए। क्योंकि, अब यह समय की मांग है।"

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र' 

गाजियाबाद: ईडी ने सीए के फ्लैट पर छापेमारी की

गाजियाबाद: ईडी ने सीए के फ्लैट पर छापेमारी की    

अश्वनी उपाध्याय         
गाजियाबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गाजियाबाद में एक चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) के फ्लैट पर छापेमारी की है। यह फ्लैट इंदिरापुरम थाना क्षेत्र की शिप्रा रिगलिया हाइट्स में आठवें फ्लोर पर है। ईडी के पहुंचने से पहले ही इस फ्लैट पर ताला लगा हुआ है। फ्लैट मालिक संजय त्रेहान हैं, जिनका एक बेटा कनाडा में है और दूसरा बेटा समर त्रेहान सीए है। 
जानकारी के अनुसार, समर त्रेहान इसी फ्लैट से अपना सारा काम संभालते हैं। उनके पास कई धनाढय लोगों और बड़ी फर्मों के खाते हैं। सूत्रों के अनुसार, ईडी को जांच में एक ऐसी फर्म मिली, जिसने अपना करोड़ों रुपया ब्लैक से व्हाइट किया था और जांच पड़ताल करने पर सीए समर त्रेहान का नाम सामने आया। जिसके बाद ईडी की एक टीम बुधवार सवेरे गाजियाबाद में समर त्रेहान के फ्लैट पर पहुंची है। बताया जा रहा है कि ईडी को फ्लैट पर ताला लगा हुआ मिला है। 
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि सीए और उसके परिवार को ईडी टीम के आने की भनक पहले ही लग गई थी। फिलहाल ईडी टीम मौके पर है। ऐसा भी हो सकता है कि फ्लैट का ताला तोड़कर छानबीन शुरू की जाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो दिन पहले तक समर त्रेहान को इसी फ्लैट पर देखा गया था। फिलहाल इस पूरे मामले में ईडी ने कोई अधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया है।

लाइसेेस-पंजीकरण कराने हेतु सभागार में बैठक

लाइसेेस-पंजीकरण कराने हेतु सभागार में बैठक    

संदीप मिश्र         

कुशीनगर। बुधवार को अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा की अध्यक्षता में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग तथा जिला बेसिक शिक्षा विभाग के बीच खाद्य सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालय में दिये जाने वाले मध्यान्ह् भोजन (एम.डी.एम.) के लाइसेेस/पंजीकरण कराने हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की गई। सहायक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में कुल-2845 विद्यालय संचालित है परिषदीय विद्यालय-2628, समाज कल्याण विद्यालय-26, इण्टर कालेज, 55, वित्त पोषित-54 मदरसा-25 जनपद में संचालित है, जिसमें मिड डे मील. कार्यक्रम के अन्तर्गत भोजन का वितरण किया जाता है। उक्त विद्यालयों का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकरण किया जाना अनिवार्य है।

बैठक में यह बात प्रकाश में आई कि अभी तक कुल-149 विद्यालय पंजीकरण से आच्छादित है। उक्त पंजीकरण की कमजोर प्रगति को अपर जिलाधिकारी महोदय द्वारा खेद जनक बताया गया। एवं यह निर्देशित किया गया कि दिनांक 07.04.2022 एवं दिनांक 12.04.2022 विकास खण्डों पर स्थित ब्लाक संसाधन केन्द्र पर कैम्प आयोजित कर उक्त पंजीकरण कार्य को युद्ध स्तर पर संचालित किया जाय ताकि पंजीकरण कार्यक्रम दिनांक 25.04.2022 तक शत्प्रतिशत सम्पन्न किया जा सकें।

रायबरेली: 'भाजयुमो' के ब्लॉक कार्यालय का उद्घाटन

रायबरेली: 'भाजयुमो' के ब्लॉक कार्यालय का उद्घाटन 


संदीप मिश्र            

रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी के 42वें स्थापना दिवस के अवसर पर कस्बे के शिवगढ़ रोड पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के ब्लॉक कार्यालय का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल पांडेय एवं हरचंदपुर ब्लॉक प्रमुख पियूष प्रताप सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

आपको बता दें कि, बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए निखिल पांडेय ने कहा कि, चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश की जनता ने फिर एक बार भाजपा पर अपना विश्वास जताया है। मोदी एवं योगी के नेतृत्व को जनता ने भरपूर योगदान दिया है। इसलिए अब पार्टी के युवाओं की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि, वह जनमानस की आकांक्षाओं पर खरे उतरे और भविष्य के लिए एक मजबूत नीव तैयार करें।

ब्लाक प्रमुख पियूष प्रताप सिंह ने कहा कि, मौजूदा समय में जहां कई देश भुखमरी की कगार पर है। लोग एक एक 1 किलो चावल के लिए तरस रहे हैं‌। वही भारत एक ऐसा देश है, जो अपने यहां के निवासियों के लिए मुफ्त में अनाज दे रहा है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रयास है कि, विकास की रोशनी गांव के उस व्यक्ति तक पहुंचे, जो आखिरी पायदान पर बैठा हुआ है। उनका सपना तभी पूरा होगा, जब युवा आम जनमानस के बीच में जाएगा, और सरकार की उपलब्धियों से उन्हें अवगत कराने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का निराकरण कराएगा।

पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के सम्बन्ध में बैठक

पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के सम्बन्ध में बैठक      

भानु प्रताप उपाध्याय           

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के सम्बन्ध में क्लैक्ट्रेट स्थित लोकवाणी सभागार में एक बैठक आयोजित की गयी।उक्त बैठक में जल निगम के अधिशासी अभियन्ता प्रवीण कुट्टी द्वारा जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी के निर्माण एवं निर्मित पानी की टंकी को सुचारु कराये जाने हेतु समस्त कंपनी द्वारा किये जा रहे कार्याे का विवरण जिलाधिकारी के समक्ष रखते हुए समीक्षा की गयी।

अधिशासी अभियन्ता द्वारा कंपनियों के समक्ष आ रही परेशानियों को जिलाधिकारी  के समक्ष रखा जिसका तत्काल रुप से निस्तारण करते हुए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन एवं समस्त उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना है। जिसकी प्रधानमंत्री द्वारा स्वंय समीक्षा की जाती है। अतः उक्त योजना पर विशेष ध्यान रखतें हुए समस्त क्षेत्रों में टंकी निर्माण हेतु जमीनों की व्यवस्था की जाये तथा डीपीआर जल्द से जल्द तैयार कर कार्य आरम्भ किया जायें। साथ ही कंपनी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी दिये गये क्षेत्रों में कार्य आरम्भ करें तथा निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करें एवं बिना किसी दबाव के कार्य करें तथा सभी सामान अच्छी गुणवत्ता का उपयोग किया जाये। जिसकी जांच जल निगत के अधिकारियों से करायी जायेगी। साथ ही प्रशिक्षण कंपनीयों को निर्देशित किया कि स्वच्छ जल के संबंध में जल्द से जल्द कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार कर प्रशिक्षण आरम्भ किया जायें उक्त बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादूर सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।

9.53 करोड़ की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश

9.53 करोड़ की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश  

संदीप मिश्र         

मैनपुरी। यूपी के मैनपुरी जेल में बंद हत्यारोपी बसपा नेता अनुपम दुबे की 9.53 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया गया है। दरअसल, राजस्व विभाग ने अनुपम दुबे, उसके भाई अनुराग दुबे और दो अन्य सहयोगियों की कुल 19 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति चिन्हित की है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने चरों की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया है। बता दें कि अनुपम दुबे के खिलाफ पुलिस के एक इंस्पेक्टर की हत्या समेत 46 मुक़दमे दर्ज हैं।

गौरतलब है कि फतेहपुर के कासरट्टा मोहल्ला निवासी अनुपम दुबे ने 14 मई 1996 को ट्रेन में पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा अनुपम दुबे के खिलाफ 46 मुक़दमे दर्ज है। इसी तरह भाई अनुराग दुबे के खिलाफ 10, सहयोगी अभिषेक रस्तोगी और पंकज रस्तोगी के खिलाफ भी दो-दो मुक़दमे दर्ज है। दरअसल, प्रभारी निरीक्षक मऊदरवाजा ने चारों के खिलाफ गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत अवैध रूप से अर्जित की गयी और उनके परिजनों की चल अचल संपत्ति के जब्तीकरण के बारे में जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट दी थी। जिसके बाद जिलाधिकारी की ओर से सभी की संपत्तियों की कुर्की के किए गए हैं।

राजस्व विभाग के मुताबिक बसपा नेता अनुपम दुबे के पास 9 करोड़ 53 लाख 27 हजार 930 रुपये, बसपा नेता के भाई अनुराग दुबे उर्फ डब्बन के पास 9 करोड़ 43 लाख 12 हजार 91 रुपये, अभिषेक रस्तोगी उर्फ सोनू और पंकज रस्तोगी की संपत्ति 50 लाख 82 हजार 600 रुपये आंकी गई है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद जल्द ही चरों की 19 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति कुर्क की जाएगी।

मासूमों की जान लेने से कोई समाधान नहीं: मंत्री

मासूमों की जान लेने से कोई समाधान नहीं: मंत्री   

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। विदेश मंत्री ने कहा कि बूचा में आम नागरिकों की हत्या एक निंदनीय अपराध है। यह एक गंभीर मसला है। इसकी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच होनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का वैश्विक और भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है। रूस-यूक्रेन युद्ध और बूचा नरसंहार पर बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से संघर्ष के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि खून बहाकर और मासूमों की जान लेने से कोई समाधान नहीं निकलता है। कूटनीति ही किसी भी विवाद का सही हल है। हम यूक्रेन की हर संभव मदद कर रहे हैं। यूक्रेन में भारत किसकी वकालत कर रहा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत अपने हितों को देखते हुए  फैसला ले रहा है। 
विदेश मंत्री ने कहा कि बूचा में आम नागरिकों की हत्या एक निंदनीय अपराध है। यह एक गंभीर मसला है। इसकी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच होनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का वैश्विक और भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसे में हर देश अपनी नीतियां बदल रहा है और इस युद्ध के परिणामों का आंकलन कर रहा है। हम भी तय कर रहे हैं कि हमारे लिए राष्ट्रीय हित में सबसे अच्छा क्या है। उन्होंने कहा कि, ऐसे समय में जब ऊर्जा की लागत बढ़ रही है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि, भारत में आम नागरिकों पर ज्यादा बोझ न पड़े। 
भारत की ओर से बार-बार एडवाइजरी जारी करते रहने पर विदेश मंत्री ने कहा कि, जब युद्ध की आशंका गहरा रही थी। हम यूक्रेन में भारतीयों के लिए लगातार एडवाइजरी जारी कर रहे थे। अगर हमारी एडवाइजरी अप्रभावी थे, तो युद्ध शुरू होने से पहले चार हजार लोग भारत क्यों लौट आए। हमने जिस तरह से 20 हजार लोगों को यूक्रेन से निकाला है, ऐसा कोई भी देश नहीं कर पाया। हम दूसरों के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने कहा कि, छात्रों की मानसिकता को समझने की जरूरत है। जब हम एडवाइजरी जारी कर रहे थे तब सरकारों और विश्वविद्यालयों को भरोसा था कि स्थितियां सुधर जाएंगी। लोग भी यही सोच रहे थे। छात्र अपने मित्रों से बात कर रहे थे कि, जब मैं नहीं जा रहा तो वह क्यों जा रहे हैं। 

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...