मंगलवार, 1 मार्च 2022
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पहले टेस्ट मैच के साथ नए 'युग' में प्रवेश करेगा क्रिकेट
पहले टेस्ट मैच के साथ नए 'युग' में प्रवेश करेगा क्रिकेट
मोमीन मलिक
नई दिल्ली/कोलंबो। श्रीलंका के खिलाफ दो मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज के चार मार्च से मोहाली में शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच के साथ भारतीय क्रिकेट एक नए युग में प्रवेश करेगा। 34 साल के रोहित शर्मा पहली बार टेस्ट कप्तान के रूप में खेलते नजर आएंगे तो 33 साल के पूर्व कप्तान विराट कोहली सात साल से ज्यादा समय के बाद सिर्फ बतौर बल्लेबाज किसी टेस्ट मैच में उतरेंगे। इस तरह से यह टेस्ट मैच रोहित के लिए तो यादगार होगा, साथ ही विराट के लिए भी यह खास है, क्योंकि यह विराट के करियर का 100वां टेस्ट मैच होगा। ऐसे में विराट मोहाली में शतक जड़कर अपने 100वें टेस्ट को यादगार बनाना चाहेंगे।
विराट ने अपना पिछला अंतरराष्ट्रीय शतक नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में बनाया था। उसके बाद से विराट ने 15 टेस्ट की 27 पारियां खेली हैं। लेकिन उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला। इस दौरान उन्होंने सिर्फ छह अर्धशतक जड़े हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर 79 रन रहा है। इस दौरान उनकी बल्लेबाजी औसत भी सिर्फ 28.14 का रहा है। वहीं यदि तीनों प्रारूपों की बात की जाए तो पिछले शतक के बाद से विराट ने कुल 61 मैचों की 70 पारियां खेली हैं, जिनमें उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 94 रन रहा है। इस दौरान उन्होंने 24 अर्धशतक जड़े और उनकी औसत 38.04 की रही।
सांसदों को लोगों की सूचना साझा करने का आदेश
सांसदों को लोगों की सूचना साझा करने का आदेश
अखिलेश पांडेय
कीव/मास्को/नई दिल्ली। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां फंसे भारतीय नागरिकों के परिवारों की ओर से कई सांसदों को फोन कॉल मिलने के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सांसदों से ऐसी किसी भी ‘चिंता’ को लेकर उनके कार्यालय से सीधे सम्पर्क करने और ऐसे लोगों की सूचना साझा करने का आदेश दिया है। विदेश मंत्री ने सोमवार को सभी सांसदों को भेजे पत्र में कहा कि, कृपया आश्चस्त रहें कि हम सभी तरह की पूछताछ और जानकारी को लेकर संज्ञान ले रहे हैं। इन सभी पर एमईए टीम के प्रतिनिधि सतत संज्ञान ले रहे हैं। उन्होंने संसदों को ई मेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी साझा किया जिस पर वे ब्यौरा भेज सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को वापस निकालने के लिये ”अपरेशन गंगा” अभियान शुरू किया है। यूक्रेन से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिये सरकार सभी पक्षों के सम्पर्क में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों से अभियान में समन्वय एवं देखरेख के लिये चार वरिष्ठ मंत्रियों को दायित्व सौंपा हैं। इसके तहत, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और माल्डोवा में निकासी अभियान में समन्वय करेंगे।
आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित नहीं करने का निर्देश
आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित नहीं करने का निर्देश
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एफएम रेडियो चैनलों को अश्लील एवं आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित नहीं करने का निर्देश देते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की सामग्री को प्रसारित करना ‘ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट’ (जीओपीए) का घोर उल्लंघन है। मंत्रालय ने हाल ही में जारी किए एक परामर्श में कहा कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाया है कि कई एफएम रेडियो चैनल पर अकसर अश्लील एवं आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित की जाती है। यह भी पाया गया कि कई प्रस्तोता (रेडियो जॉकी) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अशोभनीय, दोहरे अर्थ वाली और आपत्तिजनक होती है। वे अकसर मानहानिकारक और अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, जो सही नहीं लगती।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि ग्रांट ऑफ परमिशन एग्रीमेंट (जीओपीए) की धारा 7.6 में प्रावधान है कि ग्रांट पाने वाला यह सुनिश्चित करेगा कि उसके प्रसारण चैनल पर प्रसारित कोई भी सामग्री, संदेश, विज्ञापन या संवाद भारत के कानूनों के तहत आपत्तिजनक, अश्लील, अनधिकृत या असंगत ना हो। बयान में कहा गया कि ऐसी किसी भी सामग्री को प्रसारित करना जीओपीए का घोर उल्लंघन है। इसमें यह भी प्रावधान है कि अनुमति प्राप्त करने वाला उसी कार्यक्रम एवं विज्ञापन नियम का पालन करेगा जिसका आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो एआईआर) अनुसरण करता है।
मंत्रालय ने कहा कि, मंत्रालय, जीओपीए से प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी एफएम रेडियो चैनल को सलाह देता है कि वे निर्धारित नियमों एवं शर्तों का सख्ती से पालन करें और इसका उल्लंघन करने वाली किसी भी सामग्री को प्रसारित न करें। सभी चैनल ऐसी सामग्री के प्रसारण में अपने विवेक का इस्तेमाल करें। बयान में कहा गया कि, सभी एफएम रेडियो चैनल उपरोक्त निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी उल्लंघन पर जीओपीए के निर्धारित नियमों एवं शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
देश लौटने के बाद छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए
देश लौटने के बाद छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों में फंसें भारतीय छात्रों ने देश लौटने के बाद अपने अनुभव साझा किए और पूर्वी यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद की गुहार लगाई। इनमें से एक निशी मल्कानी ने मुंबई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि वह पश्चिम यूक्रेन स्थित एक विश्वविद्यालय की छात्रा हैं। जहां स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है।
उन्होंने कहा कि, हम कई दिन तक अपने छात्रावास में छुपे थे और फिर पश्चिमी सीमा पर पहुंचे। यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों में शैक्षणिक संस्थानों में हजारों छात्रों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां से सड़क पर निकलना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि, उन छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए और प्रयास किए जाने चाहिए। यूक्रेन में पिछले कुछ दिनों का अनुभव पूछने पर उन्होंने कहा कि, मैंने कभी नहीं सोचा था कि जीवन में कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमसे चार दिन तक छात्रावास में रहने को कहा था। मल्कानी ने कहा कि, हम पश्चिमी सीमा के करीब थे। इसलिए पड़ोसी देश रोमानिया पहुंच पाए। भारतीय दूतावास अधिकारियों ने बाकी मदद की और हम घर वापस लौट पाए। उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों से उनके विश्वविद्यालय परिसर में ”कुछ आतंकवादी” थे, लेकिन उन्होंने छात्रों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। यूक्रेन से मंगलवार को लौटी एक अन्य छात्रा पूर्वा पाटिल ने सुरक्षित वापसी के बाद भगवान का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि वह पश्चिमी यूक्रेन के एक संस्थान में पढ़ाई कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि, मैं बहुत डर गई थी, भगवान की दया से मैं सुरक्षित घर लौट पाई। यह मेरे लिए बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उनकी काफी मदद की। पाटिल ने कहा कि, पहले हमें छात्रावास में रहने को कहा गया फिर बंकर में हमने पनाह ली। वहां काफी ठंड थी तापमान दो डिग्री सेल्सियस के आसपास था। रोमानिया सीमा तक पहुंचने के लिए हमें लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने मुंबई हवाई अड्डे पर छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, 182 छात्र आज मुंबई लौटे हैं। केन्द्र सरकार के ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत संचालित यह पांचवीं उड़ान थी। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भारत युद्धग्रस्त देश में फंसे अपने नागरिकों को 27 फरवरी से रोमानिया और हंगरी के रास्ते स्वदेश ला रहा है। रोमानिया और हंगरी यूक्रेन के पड़ोसी देश हैं।
सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित
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