गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

शुभम वाटिका में 'अधिवक्ता' समागम का आयोजन

शुभम वाटिका में 'अधिवक्ता' समागम का आयोजन     

बृजेश केसरवानी        

प्रयागराज। जनपद के पुराने यमुना ब्रिज के पास बने शुभम वाटिका में अधिवक्ता समागम का आयोजन किया गया। इस अधिवक्ता समागम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद राष्ट्र महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हुए। सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अधिवक्ता समागम का कार्यक्रम में आए हुए सभी अधिवक्ताओं को संबोधित कर बहुजन समाज पार्टी की तरफ़ से 263 शहर दक्षिणी विधानसभा सीट के प्रत्याशी देवेंद्र मिश्रा नगरहा के लिए वोट की अपील की।समागम कार्यक्रम में सतीश चंद्र मिश्रा ने सपा,भाजपा व कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। 

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया विधानसभा 2022 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के लिए कोई चुनौतीपूर्ण चुनाव नहीं है। अन्य पार्टियों के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण है। चारों चरण में हुए मतदान के दौरान हर वर्ग के लोगों ने बहुजन समाज पार्टी को वोट दिया है और निश्चित रूप से पूर्ण बहुमत से उत्तर प्रदेश में सरकार बन रही है और पांचवी बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती बनने जा रहीं हैं।

उपमुख्यमंत्री ने अपने पक्ष में मतदान की अपील की

उपमुख्यमंत्री ने अपने पक्ष में मतदान की अपील की      

संतलाल मौर्य         
कौशाम्बी। 251 सिराथू विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों स्थानों पर नुक्कड़ सभाओं को संबोधित कर बड़ी संख्या में अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तरसौरा हब्बू नगर, टेढ़ी मोड़ चौराहा, चक बख्तियार, सौरई बुजुर्ग एवं कंथुआ अलीपुर जीता, ग्राम सभा केन पहाड़पुर बरहमपुर घाटमपुर चौराहा नारा आदि स्थानों पर आयोजित नुक्कड़ जनसभा में स्थानीय जनों से जनसंपर्क कर कौशांबी में किए गए विकास कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। 
इस दौरान संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं सिराथू का नेता नहीं बेटा हूं, सिराथू मेरा परिवार है। आप सभी से कहने आया हूं की सिराथू में हो रहे विकास को रुकने नहीं दूंगा। इसलिए मेरे बड़े बुजुर्ग मत दाता 27 फरवरी को होने वाले मतदान के दिन अपने परिवार के साथ कमल के फूल का बटन दबाकर अधिक से अधिक मतों के अंतर से विजई बनाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा मुझे विश्वास है। इस दौरान तमाम पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता आम जनमानस मौजूद रहे।

सीएम खट्टर ने 138 साहित्यकारों को सम्मानित किया

सीएम खट्टर ने 138 साहित्यकारों को सम्मानित किया   

राणा ओबरॉय           
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी भाषाओं के साहित्यकार समान होते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली पुरस्कार राशि भी समान होनी चाहिए। हरियाणा की साहित्य अकादमियों को पुरस्कार राशि को लेकर एक समान फॉर्मूला बनाया जाए। अभी तक हरियाणा की चारों साहित्य अकादमियां साहित्य के क्षेत्र में अलग-अलग पुरस्कार राशि दे रही हैं। मुख्यमंत्री गुरुवार को टैगोर थियेटर में हरियाणा साहित्य पर्व के अवसर पर बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने हरियाणा संस्कृत अकादमी और पंजाबी साहित्य अकादमी की वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने संस्कृत, हिंदी, पंजाबी व उर्दू भाषा के 138 साहित्यकारों को सम्मानित किया। यह सम्मान हरियाणा संस्कृत अकादमी, हरियाणा ग्रंथ अकादमी, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, हरियाणा उर्दू अकादमी के अंतर्गत दिए गए। 
मुख्यमंत्री चारों अकादमियों के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा साहित्यकारों की भूमि रही है, यहां बाबू बालमुकंद गुप्त, हाली पानीपती, दादा लख्मीचंद और बाबा फरीद जैसे साहित्यकार जन्में हैं। इन साहित्यकारों की जन्मभूमि पर साहित्य की दृष्टि से काम करने की जरुरत है। इसी कड़ी में बाबू बालमुकंद गुप्त के पैतृक गांव रेवाड़ी के गुड़ियानी में उनकी हवेली पर एक सरकारी ई-लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इससे युवाओं को साहित्य पढ़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि साहित्यकार होना अपने आप में सम्मान है। हरियाणा सरकार द्वारा दिए जाने वाले साहित्य सम्मान कोरोना की वजह से नहीं दिए जा सके थे। इस वर्ष साहित्य पर्व मनाकर यह सम्मान दिए गए हैं। साहित्य व संगीत का हर जीवन में महत्व है। हरियाणा में वैदिक मनिषियों ने वेदों, उपनिषदों, गीता और महाभारत की रचना की थी। हमारा साहित्य पुरातन है। साहित्य को मन से स्मरण करना चाहिए, वाणी से बोलना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि देश की आजादी में अलग-अलग वर्ग के बहुत से लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन साहित्यकारो, कवियों, लेखकों, रचनाकारों व पत्रकारों ने समाज को जागरूक करने में अहम योगदान दिया। इससे देशभक्ति आंदोलन को बल मिला और राष्ट्रप्रेम व जनजागरण की भावना आई। मुख्यमंत्री ने नेपोलियन बोनापार्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि दो ही ताकतें हैं या तो तलवार की या फिर कलम की।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज इंटरनेट के दौर में युवाओं की साहित्य के प्रति रूचि कम हो रही है, उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। साहित्य अकादमियों के माध्यम से गांव-गांव जाकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। साहित्य के क्षेत्र में योगदान कम न हो इसलिए सभी साहित्य अकादमियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि साहित्यकार और साहित्य देश व समाज की सीमाओं में नहीं बंधे होते। वे कहीं भी अपने साहित्य से समाज को जागरूक कर सकते हैं। साहित्य में कही गई बात कई बार लोगों का पूरा जीवन सुधार देती है। संतों की वाणी सुनकर बुराई से ग्रसित लोगों के जीवन में भी बदलाव आ जाता है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार साहित्य के सृजन को बढ़ावा दे रही है। अकादमियों द्वारा पुस्तकों के प्रकाशन के लिए अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा अच्छी रचनाओं को पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया जाता है। उन्होंने साहित्यकारों का आह्वान करते हुए कहा कि साहित्य की लौ धीमी नहीं होनी चाहिए। ज्ञान, शब्दकोष, रचनाओं से समाज में जनजागरण करें और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि राज्य की सभी अकादमी उत्कृष्ट काम कर रही हैं। समाज के लिए प्रकाश स्तम्भ का काम करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों के प्रति मुख्यमंत्री का अगाध प्रेम है। मुख्यमंत्री ने हरियाणा साहित्य पर्व के सफल आयोजन पर डॉ. अमित अग्रवाल व हरियाणा उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र त्रिखा को बधाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, हरियाणा संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शास्त्री, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र चौहान, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष श्री गुरविंदर सिंह धमीजा व प्रदेशभर से आए सभी साहित्यकार, उनके परिजन व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
आजीवन साहित्य साधना सम्मान वर्ष 2017 के लिए डॉ. कमल कशोर गोयनका व वर्ष 2018 के लिए डॉ. सुरेश गौतम, 2019 के लिए श्री माधव कौशिक और 2020 के लिए श्री ज्ञानप्रकाश विवेक को 7-7 लाख रुपये की पुरस्कार राशि व प्रशस्ति पत्र दिया गया। फख्रे हरियाणा सम्मान वर्ष 2019 के लिए डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हां नाजिम, वर्ष 2020 के लिए डॉ. कुमार पानीपती को 5-5 लाख रुपये की राशि व प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसी प्रकार महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य सम्मान वर्ष 2017 के लिए डॉ. पूर्ण चंद शर्मा, 2018 के लिए श्री मधुकांत, डॉ. संतराम देशवाल, वर्ष 2019 के लिए डॉ. सुदर्शन रत्नाकर व श्रीमति चंद्रकांता, वर्ष 2020 के लिए डॉ. सुभाष रस्तोगी को 5-5 लाख रुपये की राशि व प्रशस्ति पत्र दिए गए। इसके अलावा अलग-अलग श्रेणियों में कुल 138 साहित्यकार सम्मानित हुए।

गाजियाबाद को 'स्वच्छ' बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू

गाजियाबाद को 'स्वच्छ' बनाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू    

अश्वनी उपाध्याय        
गाज़ियाबाद। जिला नगर निगम इन दिनों गाजियाबाद को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है। इसके साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए आए दिन नई-नई योजनाओं पर भी काम हो रहा है। इसके लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर 6 तरह की योजनाएं थेला बैंक, ई-बैंक, बर्तन बैंक, नेकी की दीवार, बुक बैंक, प्लास्टिक लाओ एवं खाद ले जाओ को स्थापित किया गया है। इन योजनाओं से जहां शहर गंदगी मुक्त होगा वहीं प्लास्टिक मुक्त भी होगा।

अकसर लोग प्लास्टिक के बेकार सामान को घर से बाहर इधर-उधर फेंक देते है। जिसके बाद कबाड़ी इसे उठा कर ले जाते हैं। इसका असर पर्यावरण तो पड़ता ही है, खुले में घूमने वाले पशु इनका शिकार हो जाते है। लेकिन नगर निगम ने इन बेकार वस्तुओं का उपयोग कर उसका सदपयोग करने में सफलता हासिल की है। स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी डॉ मिथिलेश कुमार ने बताया कि नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर के निर्देशानुसार शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए कई योजनाएं वृहत स्तर पर शहर में चलाई जा रही हैं। बर्तन बैंक के माध्यम से शहर वासियों से अपील की जा रही है कि अपने परिवार एवं समाज में होने वाले कार्यक्रमों में डिस्पोजल के स्थान पर नगर निगम द्वारा स्थापित बर्तन बैंक के बर्तन का प्रयोग करें एवं अपने कार्यक्रम को पर्यावरण के अनुकूल बनाएं। थैला बैंक स्थापित करने के उद्देश्य से लोगों से अपील की जा रही है कि वह प्लास्टिक का उपयोग बंद करें एवं कपड़े से बने थैले का प्रयोग करें।

उन्होंने बताया कि नेकी की दीवार स्थापित करने के उद्देश्य से शहर वासियों से अपील की जा रही है कि आपके पास जो भी जरूरत का सामान है। आवश्यकता से अधिक है या फिर आपके लिए कोई वस्तु अनुपयोगी हो गया है। जैसे कपड़े, बच्चों के खिलौने, किताबें, जूते चप्पल, व अन्य आवश्यक सामग्री वह नेकी की दीवार पर आकर रख जाइए आपको जो चाहिए वहां से ले जाए। इसी तरह प्लास्टिक लाओ खाद ले जाओ, ई- बैंक, बुक बैंक स्थापित किए गये। जो कि शहर के पांचो जोनों में चलाए जा रहे हैं। जिससे ना केवल शहर निवासियों को लाभ प्राप्त हो रहा है। बल्कि शहर को स्वच्छ बनाने में भी शहर वासियों का काफी सहयोग भी नगर निगम को मिल रहा है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारी, पार्षद तथा क्षेत्रीय निवासियों का विशेष सहयोग उक्त योजनाओं में मिल रहा है। डॉ. मिथिलेश कुमार ने बताया कि गुरूवार को सिटी जोन में बाल्मीकि पार्क, पटेल नगर, बस स्टैंड, कालका गढ़ी चोक एवं नेहरू नगर में लगाया गया है। सभी जोन में इसी तरह पांच केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। ताकि क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल सकें।

सुनने की क्षमता को ठीक करने में मददगार 'योगासन'

सुनने की क्षमता को ठीक करने में मददगार 'योगासन'   

सरस्वती उपाध्याय         

ध्वनि प्रदूषण, हेडफोन का लगातार इस्तेमाल करने और गलत तरीके से कान की सफाई करने आदि के कारण कानों से सुनाई देना काफी कम हो जाता है। खासकर, अगर आप हेडफोन का इस्तेमाल करते समय गाने की आवाज तेज रखते हैं तो इससे कानों की सुनने की क्षमता स्थाई रूप से कम हो सकती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं। जो सुनने की क्षमता को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। 

अधोमुख श्वानासन: अधोमुख श्वानासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। अब सामने की तरफ झुककर अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार ' वी' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। 

मत्स्यासन: मत्स्यासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। 

भुजंगासन: भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं। 

विपरीतकरणी आसन: विपरीतकरणी आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर होने चाहिए। इसके बाद अपने नितंब को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम दो-तीन मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके बाद दोबारा इस योगासन का अभ्यास करें। 

कप्तानी छोड़ने की वजह, स्वयं के लिए समय चाहिए

कप्तानी छोड़ने की वजह, स्वयं के लिए समय चाहिए    

मोमीन मलिक        

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2022 से पहले विराट कोहली ने बताया है कि उन्होंने आईपीएल 2021 के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की कप्तानी क्यों छोड़ी थी। आरसीबी के पोडकास्ट में बात करते हुए, विराट कोहली ने कहा है कि उन्होंने स्वयं के लिए कुछ समय निकालने और वर्कलोड मैनेजसमेंट के कारण यह फैसला किया था।

वहीं, विराट कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप से पहले कहा था कि यह सबसे छोटे फॉर्मेट में भारत के कप्तान के रूप में उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। इसके बाद उन्होंने आईपीएल टीम आरसीबी की कप्तानी छोड़ने की भी घोषणा कर दी थी। इसके बाद उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया और फिर उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 14,148 नए मामलें

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 14,148 नए मामलें     

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के मामलों में गुरुवार को मामूली गिरावट दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 14 हजार 148 नए मामलें सामने आए हैं और 302 लोगों की मौत  हो गई। कल 15 हजार 102 मामले दर्ज किए गए थे। यानी कल की तुलना में आज मामले घटे हैं। देश में पिछले दिन 30 हजार 9 लोग ठीक हुए हैं। जानिए देश में कोरोना की ताजा स्थिति क्या है ?

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1 लाख 48 हजार 359 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 12 हजार 924 हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 4 करोड़ 22 लाख 19 हजार 896 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 766 नए मरीजों की पुष्टि हुई और पांच संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर आंशिक रूप से घटकर 1.37 फीसदी रह गई है। दिल्ली में कोविड के कुल मामले बढ़कर 18,53,428 हो गए हैं जबकि 26,086 लोगों की जान जा चुकी है। जो महामारी की मौजूदा लहर में सबसे ज्यादा है।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोरोना वायरस रोधी टीकों की करीब 176 करोड़ से खुराक दी जा चुकी हैं। कल 30 लाख 49 हजार 988 डोज़ दी गईं, जिसके बाद अबतक वैक्सीन की 176 करोड़ 52 लाख 31 हजार 385 डोज़ दी जा चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना योद्धाओं और 60 साल से ज्यादा आयु वाले अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को 1.94 करोड़ से ज्यादा (1,94,97,567) एहतियाती टीके लगाए गए हैं। देश में कोविड रोधी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुआ और पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। वहीं, कोरोना योद्धाओं के लिए टीकाकरण अभियान दो फरवरी से शुरू हुआ था।

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...