शुक्रवार, 21 जनवरी 2022
विभाग द्वारा लगाईं गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया: यूपी
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें
यूके: 24 घंटे में कोरोना के 4,964 नए मामलें मिलें
पंकज कपूर देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है। शुक्रवार को राज्य के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के 4,964 नये मामले सामने आए है। जबकि, चिंताजनक है कि राज्य में आज भी 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। बता दें कि पिछले 1 सप्ताह से राज्य में कोरोना मरीजों की मौतों का सिलसिला जारी है। राज्य में शुक्रवार को कोरोना के कुल 4,964 नए मामलें सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 391915 पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज रिकॉर्ड 3422 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 349364 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 4964 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई।
जिनमें देहरादून जिले से 1489 ,हरिद्वार से 706 , नैनीताल जिले से 666, उधमसिंह नगर से 485 , पौडी से 375, टिहरी से 120, चंपावत से 279, पिथौरागढ़ से 195, अल्मोड़ा 261, बागेश्वर से 214, चमोली से 55 , रुद्रप्रयाग से 44, उत्तरकाशी से 75 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। राज्य में शुक्रवार को 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई जिनमें एम्स ऋषिकेश में 2, श्री महेश इंद्रेश हॉस्पिटल में 1, सिनर्जी हॉस्पिटल देहरादून में 1 और रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम हरिद्वार में 1 व्यक्ति ने दम तोड़ा। पिथौरागढ़ में घर में ही उपचार ले रहे एक व्यक्ति की जान गई। जबकि उधमसिंह नगर के खटीमा उधम सिंह नगर में एक व्यक्ति की मौत करोना संक्रमण के कारण हुई है।
खेल: टी-20 वर्ल्डकप 2022 का शेड्यूल जारी किया
250 रुपए का उधार नहीं चुकाने पर युवक की हत्या
धारा-420 के तहत अपराध पंजीबद्ध, अभियुक्त अरेस्ट
दुष्यंत टीकम रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में कोयला कारोबारी आकाश सिंघल के खिलाफ टिकरापारा पुलिस थाने में महिला की शिकायत पर 15 लाख की धोखाधड़ी के मामलें में धारा-420 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। जिसकी तलाश टिकरापारा पुलिस डेढ़ वर्ष से इसकी तलाश कर रही थी। जैसे ही पुलिस को इसकी लोकेशन मिली। उसको गिरफ्तार कर लिया गया। जिसे कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया है। आकाश सिंघल ने महिला के साथ छलपूर्वक कोयला सप्लाई के नाम पर पैसा लिया और आकाश द्वारा न ही कोयला सप्लाई किया और न ही 15 लाख रु वापस किए, जिस पर प्रार्थी द्वारा अपराध पंजीबद्ध कराया गया हैं। महिला ने सीधे इसकी शिकायत सिटीजन कॉप में की थी।
पुलिस सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार आकाश सिंघल बिलासपुर में कोयले का व्यवसाई है और कोयले का क्रय-विक्रय के संबंध में शांभवी ट्रेडिंग से दिसंबर 2019 में संपर्क हुआ। कोयला क्रय विक्रय करने मौखिक बातचीत कर आकाश सिंगल से कोयला क्रय किया गया। उक्त लेनदेन में कुछ भी नहीं बकाया था। वर्ष 2020 जनवरी में कोयले की आवश्यकता होने पर दोबारा आकाश सिंघल से शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर ने संपर्क किया। कोयला लेने के संबंध में 15 जनवरी को आकाश सिंघल और शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के बीच अनुबंध हुआ।
अनुबंध के अनुसार शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर की हैसियत से 22 लाख 40 हजार सिंघल को दिया। आकाश सिंगल को 15 जनवरी से 28 जनवरी तक कोयले की सप्लाई करनी थी। अनुबंध के दिन ही एक चेक आकाश सिंगल के द्वारा 22 लाख 40 हजार का बतौर सुरक्षा शांभवी ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर को दिया गया था। आकाश सिंगल द्वारा पैसे प्राप्त करने के बाद भी कोयले की सप्लाई नहीं की गई और बार बार कहने पर भी निरंतर टालमटोल कर प्रार्थी को घुमाता रहा। तब प्रार्थी ने आकाश सिंघल को कहा कि कोयला सप्लाई नहीं करना है। तब हमारी रकम वापस कर दो इस पर आकाश सिंगल के द्वारा फरवरी 2020 में चार लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से वापस किया। सात मार्च 2020 को आपस में हिसाब कर बाकी राशि देने के संबंध में इकरारनामा 7 मार्च 2020 को निष्पादित कर 15 लाख रुपये वापस करने का वचन दिया और एक चेक 30 मार्च का प्रदान किया और यह शर्त किया कि रकम नहीं देने पर उक्त धनराशि के चेक को अनादरित करवा कर चल अचल संपत्ति से वसूली की कार्रवाई कर सकता है।
एक्ट्रेस दीपिका की फिल्म ‘गहराइयां’ का ट्रेलर रिलीज
दरअसल, मल्लिका शेरावत ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से हाल ही में अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। जिसमें उनका बोल्ड अंदाज़ नज़र आ रहा है। मल्लिका ने जालीदार वन पीस पहनकर हॉटनेस को भी मात दे दी है। इन तस्वीरों में मल्लिका ने बिना पैंट के ही दिखाई दे रही हैं। उनका ये हॉट अंदाज़ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
भारतीय किसानों को गेहूं पर सब्सिडी, आपत्ति जताईं
अमेरिकी कांग्रेस के 28 सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि भारत की सरकार अपने किसानों को अधिक सब्सिडी दे रही है जिसका नुकसान अमेरिका के उत्पादकों को हो रहा है। सांसदों का कहना है कि भारत की नीति से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति बर्बाद हो रही है।
'भ्रष्टाचार' के विरोध में चैंपियन की जिंदगी पर खतरा
सुनील श्रीवास्तव तेहरान। ईरान में जारी आर्थिक भ्रष्टाचार का विरोध करने पर चैंपियन बॉक्सर की जिंदगी पर संकट मंडराने लगा है। इस बॉक्सिंग चैंपियन का नाम मोहम्मद जवाद (26) है। नवंबर 2019 में विरोध प्रदर्शनों के लिए मौत की सजा दी जा सकती है। इससे पहले सितंबर 2020 में एक पहलवान नाविद अफकारी को फांसी की सजा दे दी गई थी। एक खबर के मुताबिक नाविद को बचाने के लिए अभियान चलाने वाली पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने मोहम्मद जवाद को मिली सजा के बारे में दुनिया को बताया है। मसीह ने ट्वीट करके कहा, 'ईरान में एक और एथलीट को नवंबर 2019 में प्रदर्शन करने के लिए मौत की सजा का ऐलान किया गया है। मोहम्मद जवाद एक बॉक्सिंग चैंपियन हैं। उन्हें धरती पर भ्रष्टाचार फैलाने के आरोप में मौत की सजा दी गई है।'
मसीह ने दुनिया से अपील की, 'हम ईरानी पहलवान नाविद अफकारी को नहीं बचा पाए थे। दुनियाभर के एथलीट इस बार हमारी मदद कर सकते हैं। इस बार मोहम्मद जावेद वफाइई ईरान में देशव्यापी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे हैं।' नाविद अफकारी के बाद ईरान में दो और एथलीटों को फांसी की सजा दी गई थी। बॉक्सर अली मुतैरी को जेल के अंदर बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया गया था। इसके अलावा चैंपियन रेसलर मेहदी अली हुसैनी को भी पिछले साल फांसी की सजा दी गई थी।
अखिलेश पांडेय अनापोलिस। मैरीलैंड के एक रेडियोलॉजिस्ट ने चौंकाने वाले एक्स-रे का खुलासा किया। कोरोना मरीजों की छाती के इन एक्स-रे में वैक्सीन लगा चुके और बिना वैक्सीन वाले कोविड पॉजिटिव रोगियों में अंतर साफ दिख रहा है। एक्स-रे की तस्वीरें बताती हैं कि कोराना वैक्सीन आपके शरीर की रक्षा करने में कितना बड़ा कारगर है। डॉ ओमर अवान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक्स-रे की ये तस्वीरें लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित करेगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डायग्नोस्टिक विभाग में एसोसिएट वाइस चेयरमैन डॉ ओमर अवान ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगाने वाले और वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके कोरोना मरीजों की छाती का एक्स-रे निकाला। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन ले चुके मरीज के एक्स-रे में फेफड़े का अधिकांश भाग काला है। यह एक अच्छी बात है। क्योंकि काला रंग हवा को प्रदर्शित करता है। इससे साफ है कि वैक्सीन लेने वाले मरीज को कोरोना संक्रमण कम प्रभावित कर पाया है।
डॉ. ओमर अवान ने ये भी कहा कि कोरोना वैक्सीन नहीं लेने वाले मरीज में संक्रमण की मात्रा ज्यादा है जो एक्स-रे स्पष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ले चुके मरीज के लक्षण किसी बिना टीका वाले मरीज की तुलना में हल्के होते हैं। अक्सर जिन लोगों का टीकाकरण नहीं होता है, उनमें सांस की पूरी तरह से कमी होती है। उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। उन्हें आईसीयू में जाने की जरूरत पड़ सकती है।
बीते साल अक्टूबर में फीनिक्स के डियर वैली मेडिकल सेंटर के एक डॉक्टर ने इसी तरह के स्कैन रिपोर्ट शेयर किए थे। उस रिपोर्ट में भी कोरोना रोगियों के फेफड़ों पर वायरस के प्रभाव को तुलनात्मक रूप से दिखाया गया था। डियर वैली मेडिकल सेंटर के चीफ ऑफ स्टाफ डॉ सैम दुर्रानी ने कहा था कि केवल वही लोग वास्तव में बीमार हो रहे हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। डॉ दुर्रानी ने बताया था कि कोविड के टीकाकरण वाले रोगियों के स्कैन से अधिक हवा का प्रवाह होता है, जिसमें फेफड़ों का बड़ा हिस्सा काले रंग का होता है, जिसका अर्थ है कि कोई नुकसान नहीं है। इसके विपरीत, एक बिना टीकाकरण वाले व्यक्ति के स्कैन की छवि से पता चलता है कि फेफड़े पूरे शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को सीमित कर रहे हैं।
एससी की बिल्डिंग के सामने 'आत्मदाह' की कोशिश
एससी की बिल्डिंग के सामने 'आत्मदाह' की कोशिश
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट नम्बर 1 के सामने एक व्यक्ति ने आत्मदाह की कोशिश की है। पीसीआर वैन घायल व्यक्ति को आरएमएल अस्पताल लेकर गई है। फिलहाल मामले की तलाश में जुटी है। व्यक्ति ने आत्मदाह की कोशिश क्यों की फिलहाल इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग के गेट पर हुई इस घटना के बाद वहां हड़कंप मच गया। लोगों में इस घटना को लेकर काफी चर्चा है। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में अभी कुछ खास जानकारी नहीं दी है। बुजुर्ग से पुलिस की पूछताछ जारी है, आखिर उसने आत्मदाह का प्रयास क्यों किया है ? क्या कारण रहा की वह सुप्रीम कोर्ट के नए गेट पर खुद का दहन करने पहुंच गया ?
नेता कोश्यारी की धमक 'भाजपा' में अब भी बरकरार
कविता गर्ग मुंबई। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्य के कद्दावर नेता भगत सिंह कोश्यारी भले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल बनने के बाद सक्रिय सियासत से दूर हों। लेकिन राज्य भाजपा में उनकी धमक अब भी बरकरार है। भाजपा के टिकट वितरण में कोश्यारी की छाप साफ दिखाई दे रही है। कुमाऊं के अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र विधानसभा क्षेत्रों में कोश्यारी के करीबियों पर दाव लगाकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि कोश्यारी उनके लिए कितने जरूरी हैं। राज्य बनने से पहले उत्तरांचल इकाई के भाजपा अध्यक्ष रहे कोश्यारी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से निकटता की वजह से राज्य के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी से पिछड़ गए लेकिन अंतरिम सरकार में ही उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। 2002 में कोश्यारी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा लेकिन सरकार नहीं बनी। दिग्गज नेता एनडी तिवारी मुख्यमंत्री बने तो कोश्यारी नेता प्रतिपक्ष।
2007 में भाजपा ने फिर सत्ता हासिल की लेकिन खंडूरी जरूरी के नारे को सार्थक करार देते हुए भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया। फिर असंतोष उभरा तो डॉ निशंक को कमान सौंप दी गई। 2012 के चुनाव में फिर से कांग्रेस सत्ता में आ गई । 2014 में कोश्यारी को नैनीताल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाया। कोश्यारी ने जीत दर्ज की। 2017 में भाजपा 57 सीट के प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई तो कोश्यारी की पसंद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया।चुनाव से ठीक पहले भाजपा हाईकमान ने कोश्यारी के कभी पीआरओ, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। अब शिष्य पर फिर से सरकार लाने की जिम्मेदारी है तो गुरु की पसंद का रास्ता तैयार कर दिया गया है। भाजपा सूत्रों के अनुसार अल्मोड़ा में द्वाराहाट से अनिल शाही, कपकोट से सुरेश गड़िया, धारचूला से धन सिंह धामी, गंगोलीहाट से फकीर राम टम्टा, अल्मोड़ा से कैलाश शर्मा, लोहाघाट से पूरन सिंह फर्त्याल, चम्पावत से कैलाश गहतोड़ी पर कोश्यारी की पसंद की वजह से दांव खेला गया है। अनिल शाही व सुरेश गड़िया कोश्यारी के भरोसेमंद रहे हैं।
गौरतलब है कि सोने चांदी की कीमतों में बदलाव के आधार पर भारत में लोग खरीदारी का मूड बनाते हैं। जब सोना चांदी सस्ते होते हैं तो निवेशक और खरीदार मार्केट पहुँचते हैं लेकिन यदि शादी के लिए या अन्य कोई मांगलिक काम के लिए सोने चांदी की खरीद की जाती है तो फिर बहुत कम लोग रेट देखते हैं।
मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हमेशा जलती रहने वाली मशाल अब 50 साल बाद हमेशा के लिए बंद हो रही है। अब यह मशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल के साथ मिला दी जाएगी। यानी अब नेशनल वॉर मेमोरियल में ही ज्वाला जलेगी। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी सवाल उठा रही है और तरह-तरह के आरोप लगा रही है।
संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन, हस्ताक्षर
दुष्यंत टीकम रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर कियें है। इस अधिनियम की धारा 12 में संशोधन किया गया है कि ‘‘इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय अधिनियम 1956 (क्र. 19 सन 1956) की धारा 12-क की उपधारा (2) के परंतुक में, अंक ‘‘65’’ के स्थान पर, अंक ‘‘70’’ प्रतिस्थापित किया जाए।’’ अर्थात इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति की आयु सीमा 65 वर्ष के स्थान पर 70 वर्ष होगी। यह अधिनियम इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहलाएगा। इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में होगा। यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के इतिहास के अनुसार खैरागढ़ रियासत की राजकुमारी को संगीत का बड़ा शौक था। राजकुमार की बाल्याकाल में ही असमय मृत्यु के बाद राजा साहब और रानी साहिबा ने स्वर्गवासी राजकुमारी के शौक को शिक्षा का रूप देकर अमर कर दिया।
इस संस्था की शुरुआत इन्दिरा संगीत महाविद्यालय के नाम से मात्र दो कमरों के एक भवन में हुई थी। जिसमें 4-6 विद्यार्थी और तीन गुरु हुआ करते थे। इस संस्था के बढ़ते प्रभाव और लगातार छात्रों की वृद्धि से रानी साहिबा ने इसे अकादमी में बदलने का निर्णय लिया और फिर यह संस्था इन्दिरा संगीत अकादमी के नाम से जानी जाने लगी। बाद में इसके लिए बड़े भवन की भी व्यवस्था की गई। जिसमें कमरों की संख्या ज्यादा थी। समय के साथ धीरे-धीरे संगीत के इस मंदिर का प्रभाव और बढ़ता गया। इसी बीच राजा साहब और रानी साहिबा मध्य प्रदेश राज्य के मंत्री बनाये गए। तब उन्होंने इसे विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किए जाने का प्रस्ताव तत्कालीन मुख्यमंत्री पं.रविशंकर शुक्ल के सामने रखा। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
सारी औपचारिकताओं को पूरा कर राजकुमारी इन्दिरा के जन्म दिवस 14 अक्टूबर 1956 को इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की विधिवत स्थापना कर दी गई थी। इसका उद्घाटन प्रियदर्शिनी इन्दिरा गांधी द्वारा स्वयं खैरागढ़ आकर किया गया और श्री कृष्ण नारायण रातन्जनकर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्तमान में ललित कला के क्षेत्र में यह एक अनोखा प्रयास था। इस विश्वविद्यालय के लिए राजा साहब और रानी साहिबा ने अपना महल ‘कमल विलास पैलेस दान कर दिया। यह विश्वविद्यालय आज भी इसी भवन से संचालित हो रहा है।
बिहार में शराबबंदी को लेकर बहस, मसौदा तैयार किया
अविनाश श्रीवास्तव पटना। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष सरकार से इसमें ढील देने की बात कह रहा है तो सरकार के अंदर से भी विरोध के स्वर सुने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने कानून में कुछ संशोधन करने का मन बनाया है। बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 में संशोधन के लिए सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब पहली बार शराब पीने वालों को गिरफ्तार करने के बजाय जुर्माना लगाया जाएगा। केसों को वापस लिया जा सकेगा। जिस वाहन में शराब पकड़ी गई है उसे जब्त नहीं किया जाएगा और यदि किया जाता है तो जुर्माना वसूलने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा। तत्काल गिरफ्तारी से संबंधित खंड को हटाया जा सकता है। वहीं अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने या वितरित करने वालों को कानून की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। कानून में ये नवीनतम संशोधन करने का प्रस्ताव ऐसे समय पर लाया गया है। जब शराबबंदी को लागू करने के सरकार के तरीके की जमकर आलोचना हो रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने पिछले महीने इसे ‘दूरदर्शिता की कमी’ के उदाहरण के तौर पर चिह्नित किया था। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह है कि उच्च न्यायालय ‘जमानत आवेदनों से भरा हुआ है। एक साधारण जमानत आवेदन को निपटाने में एक वर्ष का समय लगता है।’ बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क मंत्री सुनील कुमार, जिनके मंत्रालय ने प्रस्तावों के मसौदे को तैयार किया है उन्होंने इसपर कुछ नहीं कहा। लेकिन सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इसे पेश कर सकती है।
धारा 37 के तहत शराब पीने पर पांच साल से लेकर 10 साल तक की जेल और आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। संशोधन राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित जुर्माना लगाने और जुर्माना ना देने की स्थिति में एक महीना कारावास की सजा देने को कहता है। यह आगे कहता है कि आदतन अपराधियों को राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत अतिरिक्त जुर्माना या निर्धारित कारावास या दोनों दिए जा सकते हैं। वर्तमान में सभी अपराधों की सुनवाई निचली अदालतों द्वारा की जाती है। संशोधन के तहत, अपराधों को ‘एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा सारांश परीक्षण के माध्यम से निपटाया जाएगा, जो डिप्टी कलेक्टर के पद से नीचे का नहीं होगा।’ इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और अदालतों पर भार कम होगा। धारा 55 को हटाया जाएगा। इसे हटाने पर मामलों को वापस लिया जा सकेगा। अदालतों के अंदर या बाहर दो पक्षों के बीच समझौता हो सकता है। धारा 57 को शामिल किया जाएगा ताकि शराब ले जाने के लिए जब्त किए गए वाहनों को जुर्माने के भुगतान पर छोड़ने की अनुमति दी जा सके। अधिनियम के अध्याय वीआईआई को हटाया जाएगा, जो अभियुक्तों के नजरबंदी और बंदी से संबंधित है, इसके तहत उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध था। इसमें इसके प्रमुख खंडों को भी हटाना शामिल होगा, जैसे धारा 67 (बाहरीकरण की अवधि का विस्तार), धारा 68 (अस्थायी रूप से लौटने की अनुमति), धारा 70 (तत्काल गिरफ्तारी)।
छोटे, व्यक्तिगत उल्लंघनों के बजाय आपराधिक नेटवर्क पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, एक नई उप-धारा 50 ए जोड़ने की योजना है। जो बूटलेगिंग (आदतन अपराधी) को संगठित अपराध के रूप में परिभाषित करती है। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित संशोधनों को लाने की मुख्य वजह हाल ही में जहरीली शराब पीने से हुई मौतें हैं। नालंदा, सारण, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में नवंबर 2021 और मध्य जनवरी 2022 के बीच 50 से अधिक लोगों की मौत हुई है। जदयू अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा के भी दबाव में है जो शराबबंदी कानून को लेकर सीएम नीतीश पर हमला करता रहता है।
'डीएसएलएसए' की याचिका पर 3 को सुनवाई: एचसी
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 5जी प्रौद्योगिकी के खिलाफ एक मुकदमें को लेकर अदालत खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये जमा करने के लिए अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य को जारी आदेश के क्रियान्वयन के लिए दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकार (डीएसएलएसए) की याचिका पर तीन फरवरी को सुनवाई करेगा। बॉलीवुड अभिनेत्री के वकील ने न्यायमूर्ति अमित बंसल से कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील खंडपीठ में लंबित है, जिस पर 25 जनवरी को विचार किया जाएगा। उन्होंने अदालत से क्रियान्वयन याचिका पर सुनवाई फिलहाल टालने का अनुरोध किया। डीएसएलएसए की ओर से पेश हुए वकील सौरभ कंसल ने दलील दी कि अदालत खर्च लगाने का आदेश पिछले साल जून में जारी किया गया था और इसका अनुपालन अभी होना है। उन्होंने दावा किया कि रकम जमा करने के लिए डीएसएलएसए के नोटिस भेजने के बाद ही एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई है और खंडपीठ ने कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किया है।
अदालत ने याचिका के क्रियान्वयन पर सुनवाई टालते हुए कहा, ”देखा जाए कि खंडपीठ के समक्ष क्या होता है। ” चावला और अन्य प्रतिवादियों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता दीपक खोसला ने कहा कि एकल न्यायाधीश के पास अदालत खर्च लगाने का क्षेत्राधिकार नहीं है। अधिवक्ता सौरभ कंसल और पल्लवी एस. कंसल के मार्फत दायर क्रियान्वयन याचिका में, डीएसएलएसए ने रकम की वसूली के लिए चल व अचल संपत्ति की कुर्की और बिक्री को लेकर वारंट जारी करने या चावला तथा अन्य की दीवानी कैद के लिए निर्देश जारी करने के संबंध में अदालत से सहयोग मांगा है। याचिका में कहा गया है, ”चावला और अन्य पर माननीय अदालत द्वारा अदालत खर्च लगाए सात महीने बीत गये हैं। जिसे (रकम) डीएसएलएसए को सात दिनों को अंदर अदा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन वे लोग इसे जमा करने में नाकाम रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में एकल न्यायाधीश ने चावला और दो अन्य लोगों द्वारा 5जी की शुरूआत के खिलाफ दायर वाद खारिज करते हुए कहा था कि यह त्रुटिपूर्ण और कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है तथा प्रचार पाने के लिए यह दायर किया गया है। अदालत ने इसके साथ ही, एक हफ्ते के अंदर डीएसएलएसए के पास अदालत खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया था।
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