गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

'धान खरीद' की समीक्षा, निर्देश दिया: केशव

'धान खरीद' की समीक्षा, निर्देश दिया: केशव
सुशील केसरवानी           
कौशाम्बी। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा गुरुवार को मा. शीतला देवी अतिथि गृह, सिराथू में अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। बैठक में उप मुख्यमंत्री ने धान खरीद की समीक्षा के दौरान डिप्टी आर.एम.ओ को निर्देश दिया, कि वह सुनिश्चित करें कि धान खरीद के सम्बन्ध में किसानों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न होने पाये एवं घटतौली की शिकायत न आने पाये।
शिकायत पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही उन्होंने धान खरीद के सम्बन्ध में दूरभाष नम्बर जारी करने के निर्देश दिये।जिससे आमजन अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। उन्होंने कहा कि हाईब्रिड धान खरीद के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी क्रय केन्द्रों सहित अन्य स्थानों पर अंकित कराया जाए तथा विभिन्न माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाय। बैठक में डिप्टी आर.एम.ओ ने बताया कि जनपद में राईस मीलें कम हैं, जिस पर उप मुख्यमंत्री ने जनपद प्रयागराज एवं फतेहपुर के राईस मीलरों से वार्ता कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने गौआश्रय स्थलों की समीक्षा के दौरान कहा कि आवारा घूम रहे गोवंशों को आश्रय स्थलों में रखा जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाये। 
किसी भी गोवंश के आवारा घूमने की शिकायत न आने पाये। उन्होंने गौआश्रय स्थलों में सभी व्यवस्थाओं के साथ ही गोंवशों को ठण्ड से बचाव हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चिन्हित अस्थायी गोआश्रय स्थलों के सम्बन्ध में तेजी से आवश्यक कार्यवाही की जाय एवं निर्माणाधीन गौशालाओं को शीघ्र पूर्ण कराया जाये।
उप मुख्यमंत्री द्वारा जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं एवं कोविउ-19 टीकाकरण की प्रगति की जानकारी प्राप्त करने पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण में जनपद प्रदेश में 6वें स्थान पर है तथा कोविड-19 टीकाकरण की प्रथम डोज 84 प्रतिशत एवं द्वितीय डोज 30 प्रतिशत दी जा चुकी है। उप मुख्यमंत्री ने कोविड टीकाकरण में तेजी से और अधिक प्रगति लाने तथा कोविड-19 की नये वैरियण्ट के दृष्टिगत स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक तैयारियॉ पूर्ण करने एवं सी.एच.सी व पी.एच.सी में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बेहतर करने तथा ऑक्सीजन प्लाण्टों को क्रियाशील करने के निर्देश दिये।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में नगर पालिकाओं के विस्तार में जो गांव शामिल हुए हैं, उन सभी क्षेत्रों में कैम्प लगाकर पात्र लोगों को आवास आदि कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के लिए चिन्हित सभी पात्र व्यक्तियों को शीघ्र लाभान्वित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये। उन्होंने कृषक दुर्घटना के लाभार्थियों को शीघ्र सहायता राशि दिये जाने के निर्देश दिये।     
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जहॉ-जहॉ नई सड़कें बननी हैं।उन सभी के प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराया जाए तथा जो भी परियोजनायें पूर्ण हो गयी हैं। उनका लोकार्पण तथा स्वीकृत परियोजनाओं का शिलान्यास मा. जनप्रतिनिधियों से कराया जाये। उन्होंने सांसद निधि एवं विधायक निधि के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यो की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने जनपद में डी.ए.पी की उपलब्धता एवं बिजली की आपूर्ति आदि की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की बैठक में जिलापूर्ति अधिकरी ने बताया कि सभी कार्ड धारकों को इस माह से राशन के साथ ही 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक एवं 01 किलो दाल दिया जायेगा।
जिस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोटेदारों की बैठक कर कार्यक्रम आयोजित कराकर वितरण कराया जाय। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पात्र व्यक्तियों का राशन कार्ड बनाया जाये। इस सम्बन्ध में कोई शिकायत न आने पाये। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती कल्पना सोनकर, सांसद विनोद सोनकर, विधायक शीतला प्रसाद, भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीमती अनीता त्रिपाठी सहित जिलाधिकारी सुजीत कुमार एवं पुलिस अधीक्षक राधेश्याम विश्वकर्मा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मिलीभगत के चलते खनन माफिया सक्रिय हुए
अश्वनी उपाध्याय          गाजियाबाद। जिलें के मोदीनगर थाना क्षेत्र में मानकी रोड पर तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तथाकथित मिलीभगत के चलते खनन माफिया सक्रिय हो गया है। यहाँ सुबह सवेरे से देर रात तक माफिया बेरोकटोक मिट्टी का खनन कर रहा है। आलम यह है कि मिट्टी के भारी भरकम डमफरो और ट्रैक्टरों की वजह से गांव और शहर की सड़कें जजर्र हो गई है। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को उठाना पड़ रहा है। लोगों द्वारा कई बार तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इस बारे में लिखित शिकायती पत्र भी दिए जा चुके हैं। लेकिन, स्थानीय प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं। क्योंकि यह सारा खेल लाखों रुपए की अवैध उगाही से जुड़ा हुआ है। गाँव वालों का कहना है कि रात को 2:00 बजे भी ट्रैक्टर ट्रॉली में मिट्टी लाकर गाज़ियाबाद की निर्माण साइटों पर डाला जाता है।

भ्रष्टाचार के चलते पुलिस-प्रशासन की छापेमारी की सूचना खनन माफिया तक पहले ही पहुँच जाती है।  मौके पर खनन न देखकर अधिकारी खाली हाथ लौट जाते हैं। ताज्जुब की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों को वहाँ ताज़ा खुदे गड्ढे दिखाई तो देते हैं मगर अज्ञात कारणों से खेत मालिक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है। इस खेल में उन तथाकथित किसानों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। जो अपने खेत खनन माफिया को खदान के लिए देकर किसान आंदोलन और मुआवजे के लिए चल रहे आंदोलन में जाकर बैठ जाते हैं। 


संस्था द्वारा संविदा कर्मियों को अधूरा वेतन: कौशाम्बी
सुशील मिश्रा          
कौशाम्बी। स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस में लगे संविदा कर्मियों का लगातार शोषण हो रहा है। संविदा कर्मियों की नियुक्ति करने वाली निजी संस्था द्वारा संविदा कर्मियों को अधूरा वेतन दिया जा रहा है। उनसे काम भी अधिक लिया जा रहा है।इतना ही नहीं, वेतन कटौती के साथ-साथ अन्य तमाम तरह से संविदा कर्मियों का उत्पीड़न संस्था के जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है। स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने बताया कि कई कई महीने का वेतन नहीं दिया जाता है और शिकायत करने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया जाता है।
निजी संस्था के आतंक से त्रस्त स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए कहा है कि 9000 कर्मचारियों को अवैध ढंग से सेवाएं समाप्त करने के मामले में उन्हें बहाल किया जाए। बोनस देने के नियम होने के बाद कंपनी द्वारा बोनस का भुगतान नहीं किया गया है। बोनस का भुगतान कराए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यदि समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक यथाशीघ्र विचार करते हुए समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ तो मजबूरन एंबुलेंस कर्मचारियों को बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन सौंपने वालों में सत्या गुप्ता, अरविंद मिश्रा, बांके लाल गुप्ता सहित तमाम लोग शामिल रहे।

ऑटो चालक से लूटपाट, आरोपी गिरफ्तार किए

ऑटो चालक से लूटपाट, आरोपी गिरफ्तार किए       

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। ऑटो चालक से लूटपाट के मामले में साकेत थाना पुलिस ने एक महिला को उसके नाबालिग बेटे के साथ दबोचा है। उनके पास से लूट का मोबाइल भी बरामद हो गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिणपुरी निवासी 48 वर्षीय एक आटो चालक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 29 नवंबर की सुबह करीब नौ बजे वह अपने आटो से प्रेस एन्क्लेव रोड से शेख सराय अथारिटी की ओर जा रहा था। जब वह डीएलएफ माल के सामने पहुंचा तो देखा कि दो लड़के आपस में झगड़ा कर रहे हैं। उसने बीच-बचाव करने के लिए अपना आटो रोका तो दोनों ने उल्टा उसे ही पीटना शुरू कर दिया।

जब उसने पुलिस को फोन करने की कोशिश की तो वहां मौजूद एक महिला ने उसका मोबाइल लूट लिया। फिर तीनों वहां से फरार हो गये। आटो चालक की शिकायत पर पुलिस ने लूटपाट का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दिया। सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से एक नाबालिग को मालवीय नगर इलाके से पकड़ लिया गया। उसने बताया कि उसने अपने दूसरे नाबालिग दोस्त और उसकी मां के साथ मिलकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। पूछताछ में पता चला कि दूसरा नाबालिग अपनी मां के साथ कापसहेड़ा में रहता है, जहां से पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।

पेड़ पर लटका मिला सेनेटरी इंस्पेक्टर का शव

पंकज कपूर          विकासनगर। एक सप्ताह पहले ड्यूटी के बाद अचानक गायक हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर का शव टिमली के जंगल से बरामद हुआ है। शव जंगल में पेड़ से फंदे के सहारे लटका हुआ मिला। सहसपुर, चकराता पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर शव नीचे उतारा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरगंज विकासनगर स्थित उपजिला चिकित्सालय की मोर्च्यूरी में भेज दिया है। छावनी परिषद चकराता में सेनेटरी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात सुरेश सिंह जयाड़ा (34) पुत्र गोपाल सिंह जयाड़ा निवासी डख्याटगांव बड़कोट उत्तरकाशी 24 नवंबर को छावनी परिषद के गेट पर ड्यूटी कर रहे थे। शाम को अचानक पांच बजे ड्यूटी समाप्त होते ही सुरेश सिंह लापता हो गए। काफी खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं चल सका। इसके बाद देर रात उनके फोन की लोकेशन टिमली के जंगल में मिली। जहां पुलिस उन्हें तलाशती रही। देर रात को फोन भी बंद मिला। जांच में यह सामने आया कि सेनेटरी इंस्पेक्टर ने एक मैसेज भेजा था। 

जिसमें लिखा था कि उसे तलाशोंगे तो टिमली के जंगल और दर्रारीट कालीमाता मंदिर के पास वह मिलेगा। इसके बाद सहसपुर, चकराता थाना पुलिस टिमली के जंगल में सेनेटरी इंस्पेक्टर को तलाशते रहे। एक दिसंबर को सेनेटरी इंस्पेक्टर सुरेश सिंह का शव सहारनपुर-विकासनगर रोड से करीब पांच सौ किमी दूर टिमली के जंगल में एक पेड़ पर बंधी रस्सी से बने फांसी के फंदे पर लटकता हुआ मिला। पुलिस ने शव को फांसी के फंदे से निकालकर कब्जे में लिया और परिजनों को इस बाबत सूचना दी। एसओ सहसपुर विनोद राणा ने बताया कि मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। कहा कि चकराता पुलिस थाने में मृतक की गुमशुदगी दर्ज है। एसओ चकराता सतेंद्र भाटी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया कि मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद लगेगा। कहा कि अब तक की जांच में प्रथम दृष्टया मृतक के फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या ही मानी जा रही है। आगे जांच के बाद असली कारण पता चल पायेंगे।

12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा, आरोप लगाया

12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा, आरोप लगाया

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को लेकर चल सदन में चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सवालों से डरती है। उन्होंने ट्वीट किया, ”सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डर, जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की है। जब राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर पिछले चार दिनों से गतिरोध बना हुआ है। संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है। उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

कामकाज ना होने को लेकर चिंता जाहिर की

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से उच्च सदन में अब तक उल्लेखनीय कामकाज न हो पाने को लेकर बृहस्पतिवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने जन प्रतिनिधियों को महती जिम्मेदारी दी है। जिसका निर्वहन किया जाना चाहिए। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ”अशोभनीय आचरण” करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद, उनका निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही है। इन 12 सदस्यों को सोमवार को, शीतकालीन सत्र के पहले दिन निलंबित किया गया। सोमवार को ही सदन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाए गए ”कृषि विधि निरसन विधेयक 2021” को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। 

इसके अलावा अन्य कामकाज सदन में नहीं हो पाया है।हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सभापति ने कहा ”शीतकालीन सत्र में सदन की आज चौथी बैठक है लेकिन अब तक कोई कामकाज नहीं हो पाया है। संविधान निर्माताओं ने जन प्रतिनिधियों को महती जिम्मेदारी दी है जिसका समुचित निर्वहन किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि 12 सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई की वजह भी बताई गई थी।

उन्होंने कहा ”सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में वजह बताते हुए निलंबन का प्रस्ताव रखा था। यह सब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। कुछ माननीय नेताओं और इस सदन के सदस्यों ने निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया है। कुछ ने कहा कि ऐसा पहली बार किया गया है।” सभापति ने कहा ”ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी अशोभनीय आचरण के चलते, नियमानुसार निलंबन की कार्रवाई की गई है और सदस्यों के अफसोस जाहिर करने के बाद उनका निलंबन वापस लिया गया है।

लेकिन, सदस्यों ने कोई पछतावा जाहिर नहीं किया है। मनुष्य ही गलतियां करता है और मनुष्य ही गलतियों को सुधारता है। सुधार को न तो कोई अस्वीकार कर सकता है और न ही गलत को लेकर अड़ियल रुख अपनाया जा सकता है।” नायडू ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि यदि निलंबित सदस्यों को अपनी गलती का एहसास हो तो नेता प्रतिपक्ष और सदन के नेता आपस में चर्चा कर सकते हैं और उनका निलंबन वापस लेने के विपक्ष के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।

उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से यह गतिरोध दूर करने का अनुरोध किया और कहा ”सदन को अपना कामकाज करने दें।” गौरतलब है कि सोमवार को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

सरकारी नौकरियों की कमी का मुद्दा उठाया: वरुण

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। किसानों के मुद्दों पर लगातार अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने बृहस्पतिवार को सरकारी नौकरियों की कमी का मुद्दा उठाया और कहा कि देश के नौजवान कब तक सब्र करेंगे। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ”पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो।

रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?” बाद में एक बयान में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद गांधी ने कहा कि ग्रामीण भारत में औसत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मुख्यत: सरकारी नौकरियों तक ही सीमित रहते हैं, चाहे वह रक्षा क्षेत्र हो या पुलिस, रेलवे या फिर शिक्षा।

उन्होंने कहा, ”प्रत्येक क्षेत्र में पहले के मुकाबले कम सरकारी नौकरियां हैं, लिहाजा युवाओं में कुंठा के भाव पैदा हो रहे हैं। पिछले दो वर्षों में सिर्फ उत्तर प्रदेश में परीक्षा पेपर लीक होने की वजह से 17 परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं और अभी तक इसमें शामिल किसी बड़े सिंडिकेट की पहचान नहीं की जा सकी है। युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने का भी कोई तंत्र नहीं है। इसलिए रोजगार संबंधी दिशानिर्देशों और निर्धारित समय-सारणी का पालन किया जाना आवश्यक है।” वरूण गांधी अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार के प्रबंधन की भी आलोचना करते रहे हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने अभी तक सीधे केंद्र सरकार को निशाना नहीं बनाया है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की आवाज में भी वह आवाज मिलाते रहे हैं। तीन कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा के एक दिन बाद भी उन्होंने आंदोलनरत किसानों के सुर में सुर मिलाते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून बनाने की मांग की थी और आगाह किया था कि राष्ट्रहित में सरकार को ”तत्काल” यह मांग मान लेनी चाहिए अन्यथा आंदोलन समाप्त नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की थी कहा था कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने का यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती।

पुष्कर ने सीएम शिवराज से 'शिष्टाचार' भेंट की

पंकज कपूर       देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पौधा भेंट किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिह्न भेंट किया।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर स्थित शौर्य दीवार पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री के पौधे का रोपण भी किया।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्डया, जिलाधिकारी हरिद्वार श्री विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत उपस्थित थे।

किसानों को मुआवजा देने से भाग रहीं सरकार

अश्वनी उपाध्याय           गाजियाबाद। कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद एमएसपी पर कानून की मांग करते हुए आंदोलन चला रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार किसानों को मुआवजा देने से भाग रही है। सरकार इस बात को पूरी तरह से झूठ बोल रही है कि उसके पास आंदोलन के दौरान मरे किसानों की मौत के सही आंकड़े नहीं है। सरकार की इस समस्या को हल करने के लिए अब किसी भी किसान की मौत होने पर उसका अंतिम संस्कार गाजीपुर बॉर्डर पर ही किया जाएगा। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। 

योगी बृहस्पतिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की ओर से नारा दिया गया है कि एमएसपी अभी नहीं तो कभी नही बल्कि यही। उन्होंने कहा है कि जब तक एमएसपी पर गारंटी के तौर पर कानून नहीं बनेगा, उस समय तक किसानों का आंदोलन चलता रहेगा। आगामी 4 दिसंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर आयोजित होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक की तैयारी चल रही है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार कह रही है कि उसके पास नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान किसानों की मौत के सही आंकड़े नहीं है। इस बात को लेकर सरकार पूरी तरह से झूठ बोल रही है। 

सरकार की किसानों की मौत के आंकड़ों की समस्या के निदान के लिए अब किसानों की ओर से रणनीति तैयार कर ली गई है। अब किसी भी किसान की मौत होने पर उसका अंतिम संस्कार गाजीपुर बॉर्डर पर ही किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा जगह भी चिन्हित कर ली गई है। राकेश टिकैत ने कहा है कि सर्द ऋतु का आगमन हो चुका है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान सर्दी से बचाव की तैयारी में जुट गए हैं। बाकायदा बॉर्डर पर टेंट और कंबल मंगाए जा रहे हैं ताकि आंदोलन को नई धार दी जा सके। 4 दिसंबर को बनी रणनीति के बाद आंदोलन की गति निर्धारित की जाएगी।

'महामारी' से निपटने के कार्य को प्राथमिकता नहीं

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को सरकार पर कोविड महामारी से निपटने के कार्य को जरूरी प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया और यह स्पष्ट करने की मांग की कि महामारी के दौरान कितने लोगों की मौत हुई, कितने परिवारों की मदद की गई तथा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब से टीके लगने शुरू होंगे। साथ ही कोविड टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक को लेकर उसकी क्या नीति है। लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘कोविड से उत्पन्न स्थिति’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने बच्चों, बूढ़ों सहित समाज के हर वर्ग के लोगों को प्रभावित किया है और इसका असर देश की 130 करोड़ आबादी पर देखा जा सकता है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी पर सदन में चर्चा के लिये सरकार को जिस प्रकार की प्राथमिकता दिखानी चाहिए थी, वह नहीं दिखायी गई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के दौरान घरों में बच्चों एवं महिलाओं के शोषण की खबरें आई हैं। इसके कारण 3,620 बच्चों के अनाथ होने तथा 26 हजार बच्चों के माता या पिता में से कम से कम एक को खोने की रिपोर्ट सामने आई है।

गोगोई ने सवाल किया कि ऐसे कितने बच्चों और महिलाओं ने सरकार से हेल्पलाइन पर सम्पर्क किया तथा सरकार ऐसे कितने लोगों तक पहुंची तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सहित अन्य विभागों ने कितने दिव्यांगों की मदद की ? उन्होंने सरकार से जानना चाहा, ” निजी क्षेत्र ने कितने लोगों को कोविड रोधी टीके लगाए। बूस्टर खुराक को लेकर सरकार का क्या रूख और नीति है? 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कब तक टीका लगना शुरू होगा?” कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया, ”जिस समय सरकार को लोगों से सहानुभूति दिखानी चाहिए थी, उस समय सत्ता पक्ष एक व्यक्ति की छवि बचाने में लगा हुआ है।” गोगोई ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार को लोगों से सतर्क रहने की गुजारिश करनी चाहिए, उस समय सरकार के लोग प्रधानमंत्री की तारीफ करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इजराइल, अमेरिका जैसे देशों में 80 प्रतिशत लोगों को टीके की दो खुराक लगा चुकी है, लेकिन वहां भी खतरा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के समय लोगों को सरकारी अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि नहीं मिल रहे थे और विदेशों से वेंटिलेटर मंगाने पड़े थे। ऐसे में सरकार की क्या तैयारी थी ? कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी ने समय-समय पर महामारी से सतर्कता, टीके एवं अन्य विषयों पर सरकार को सावधान करने का प्रयास किया लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उपस्थित थीं। गोगोई ने कहा कि आज बेरोजगार बढ़ गया है, व्यापार पर गंभीर असर पड़ा, लोगों की आमदनी घटी लेकिन महामारी के बाद सरकार ने ईंधन एवं अन्य चीजों की कीमतों को बढ़ाने का काम किया। गोगोई ने कहा कि सरकार के पास सेंट्रल विस्टा के लिये पैसे हैं लेकिन गरीबों के लिये पैसे नहीं है।

सड़क सुरक्षा का मुद्दा, बहुआयामी रणनीति तैयार

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को रोकने और सड़क सुरक्षा के मुद्दे के समाधान के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में संगम लाल गुप्ता और सी पी जोशी के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटना का प्रमुख कारण वाहन का डिजाइन, सड़क इंजीनियरिंग, अधिक रफ्तार, नशे में गाड़ी चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना, लाल बत्ती पार करना और मोबाइल फोन का उपयोग करना आदि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़कों और वाहनों दोनों की), प्रवर्तन और आपात देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे के समाधान के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। गडकरी ने कहा कि इनमें जागरुकता पैदा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, एनजीओ आदि के माध्यम से सड़क सुरक्षा पर प्रचार उपाय करना, सड़क सुरक्षा ऑडिटर्स के लिए एक प्रमाणन पाठ्यक्रम शुरू करना और राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित स्थानों) की पहचान और सुधार करना आदि शामिल हैं। मंत्री के उत्तर के अनुसार इनमें ऑटोमोबाइल के लिए सुरक्षा मानकों में सुधार करना, सभी वाहनों में गति सीमा उपकरण लगाने की अधिसूचना जारी करना आदि शामिल हैं।


'तिरंगा' यात्रा के बाद जनसभा को संबोधित किया
अमित शर्मा           पठानकोट। पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है। इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज पठानकोट पहुंचे। जहां उन्होंने तिरंगा यात्रा निकाली। बताया जा रहा है कि यात्रा के लिए पंजाब भर से समर्थक पठानकोट में जुटे हैं। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस दौरान उनके साथ मौजूद रहें। अरविंद केजरीवाल के पठानकोट पहुंचने से पहले उनके समर्थक हाथ में तिरंगा लिए उनके इंतजार में खड़े रहे। तिरंगा यात्रा के बाद जनसभा को संबोधित किया।

केजरीवाल ने कहा कि अब सभी को अच्छी शिक्षा मिलेगी। अगर पंजाब में हमारी सरकार बनेगी तो हमारी जिम्मेदारी होगी कि यहां पर जो भी बच्चा पैदा होगा। उसको अच्छी शिक्षा और मुफ्त में शिक्षा दी जाए। बीते दो महीने में यह अरविंद केजरीवाल का चौथा पंजाब दौरा है। अरविंद केजरीवाल पंजाब के अपने हर एक दौरे पर बड़ा चुनावी वादा कर रहे हैं। अपने बीते तीन दौरों में अरविंद केजरीवाल किसानों, व्यापारियों को महिला वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर चुके हैं।
केजरीवाल राज्य में आप की सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और दवाएं और महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति महीना देने का पहले ही वादा कर चुके हैं।


फैंस को इम्प्रेस करने में पीछे नहीं रहतीं मलाइका

फैंस को इम्प्रेस करने में पीछे नहीं रहतीं मलाइका

कविता गर्ग         मुंबई। मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान एक समय पर बॉलीवुड के सबसे फेमस कपल्स में से एक हुआ करते थे। इवेंट और पब्लिक में दिखने के समय हर तरफ मलाइका और अरबाज के ही चर्चे होते थे। दोनों ने 19 सालों तक साथ रहने के बाद 2017 में अपने रास्ते अलग कर लिए थे।

मलाइका अरोड़ा बॉलीवुड की सबसे ग्लैमरस डीवा में से एक हैं। वह कभी भी अपनी बोल्ड और ब्यूटीफुल चॉइस से फैंस को शॉक, सरप्राइज और इम्प्रेस करने में पीछे नहीं रहतीं। लेकिन क्या आपको पता है कि अरबाज का मलाइका के फैशन सेंस और चॉइस के बारे में ख्याल क्या था ?

मुंबई: बोल्डनेस को लेकर चर्चा में रहती हैं शमा

कविता गर्ग          मुबंई। एक्ट्रेस शमा सिकंदर सोशल मीडिया पर बोल्डनेस को लेकर चर्चा में रहती हैं। वह अक्सर अपनी बोल्ड तस्वीरें पोस्ट करती रहती हैं जो मिनटों में ही वायरल हो जाती हैं।शमा ने अब अपनी ऐसी फोटो पोस्ट की है। जो इंटरनेट पर धमाल मचा रही है। शमा के बोल्ड अंदाज पर फैंस फिदा हो गए हैं और कमेंट सेक्शन में उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। बिकिनी में फ्लॉन्ट किया परफेक्ट फिगर फोटो में शमा पिंक बिकिनी पहने नजर आ रही हैं।

वह समंदर किनारे बीच पर लेटी हुई हैं और अपने फिगर को परफेक्ट को बेहतरीन तरीके से फ्लॉन्ट किया है। शमा के इस कातिलाना अंदाज ने फैंस के दिलों पर बिजलियां गिरा दी हैं। शमा ने इस फोटो को इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है जो जमकर वायरल हो रहा है। फैंस बांध रहे तारीफों के पुल शमा की इस तस्वीर पर फैंस लगातार कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं। दूसरे ने लिखा, आप बहुत हॉट हैं।इसके अलावा यूजर्स शमा की फोटो पर हार्ट और फायर इमोजी शेयर कर रहे हैं। इस पोस्ट को अभी तक हजारों लाइक्स मिल चुके हैं। फोटो को शेयर करते हुए शमा ने लिखा, ‘साफ पानी और सफेद रेत। ओह मैं इस बहुत मिस कर रही हूं।

छोटे पर्दे से शुरू किया करियर शमा ने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी। उन्हें साल 2003 में सीरियल ‘ये मेरी लाइफ है’ से पहचान मिली। इस शो में उन्होंने पूजा मेहता का किरदार निभाया था, जो हमेशा सलवार-सूट पहने नजर आती थीं। लेकिन, अब उनके लुक में काफी बदलाव आ चुका है। कुछ समय पहले कहा गया कि शमा सिकंदर ने प्लास्टिक सर्जरी करवाई है। लेकिन, उन्होंने इससे इनकार कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, शमा ने बताया था कि उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी नहीं करवाई है। उन्होंने सिर्फ अपने खान-पान में बदलाव किया और मेडिटेशन शुरू किया, जिसका असर चेहरे पर दिख रहा है।

क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा: निकोलाई

क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा: निकोलाई

सुनील श्रीवास्तव         इस्लामाबाद/ मास्को। पाकिस्तान और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच विस्तृत चर्चा हुई है और इसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग (एनएसडी) ने इस्लामाबाद में जारी एक बयान में बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ मोईद युसूफ और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पत्रुशेव ने मास्को में बुधवार को क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की।

दोनों पक्षों ने अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, सूचना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग समेत रूस-पाकिस्तान संबंधों के व्यापक पहलुओं की समीक्षा की। इस दौरान दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों, विशेष सेवाओं और रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग को लेकर भी चर्चा की गई। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भी चर्चा की और इस देश में मौजूदा मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की।

मरीन के कई सैनिकों ने वैक्सीन नहीं लगवाईं, वायरस

अखिलेश पांडेय       वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी सेना के दो प्रमुख अंग, नेवी और मरीन के कई सैनिकों ने कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई है। 800 सैनिकों ने सीधे वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। इन सैनिकों के लिए कोविड वैक्सीन लगवाने की समयसीमा 28 नवंबर तक थी। अमेरिकी सेना के लिए वैक्सीन लगवाने की डेडलाइन 15 दिसंबर हैं। 

अमेरिकी सेना में क़रीब 21 लाख लोग हैं जिनमें एक्टिव और रिज़र्व बल शामिल हैं। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वैक्सीन ना लगवाने वाले सैनिकों पर कार्रवाई की जा सकती है। तो क्या वैक्सीन ना लगवाने वाले सैनिक और नाविक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं और उन पर क्या कार्रवाई हो सकती है। इस बारे में हम ये तथ्य जानते हैं।

पत्रकार के सवाल पर भड़के प्रवक्ता लिजियन

अखिलेश पांडेय         बीजिंग/ इस्लामाबाद। चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट यानी चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर लगातार विवाद सामने आते रहे हैं। पिछले हफ्ते एक मीडिया रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के तट पर चीनी ट्रॉलरों को मछली पकड़ने के खास अधिकार दिए गए हैं जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में रोष है। इसके चलते ग्वादर में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। जब इसी मुद्दे को लेकर एमएएसटीवी चैनल के एक पत्रकार ने चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन से सवाल किया तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया का एक धड़ा फेक न्यूज फैला रहा है जिसे चीन दृढ़ता से खारिज करता है।

बता दें कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बीते सोमवार को रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान के ग्वादर क्षेत्र में कुछ प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय निवासी कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चीन के ट्रॉलर्स को यहां मछली पकड़ने को लेकर ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों के हालात बिगड़ सकते हैं और उनकी आजीविका पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

'ईसीआर' से गुजरने वाली 5 ट्रेनों को रद्द किया

'ईसीआर' से गुजरने वाली 5 ट्रेनों को रद्द किया        

तिरुवनंतपुरम। चक्रवाती तूफान 'जवाद' के मद्देनजर दक्षिण रेलवे ने गुरुवार को ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीआर) से गुजरने वाली पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया है। दक्षिण रेलवे ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दो दिसंबर (गुरुवार) 1655 बजे तिरुवनंतपुरम सेंट्रल से खुलने वाली तिरुवनंतपुरम सेंट्रल-शालीमार द्विसाप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है।

आज 17.30 बजे कन्याकुमारी से खुलने वाली कन्याकुमारी-डिब्रूगढ़ साप्ताहिक विवेक सुपरफास्ट एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। इसी तरह सिलचर-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल वीकली अरोनई सुपरफास्ट एक्सप्रेस, धनबाद जंक्शन-अलाप्पुझा डेली एक्सप्रेस, पटना जंक्शन-एर्नाकुलम जंक्शन द्विसाप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस को भी आज रद्द कर दिया गया है।


समुद्र के करीबी को लेकर चेतावनी जारी: बंगाल

मिनाक्षी लोढी        कोलकाता। पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर चक्रवात तूफान ‘जवाद’ को देखते हुए प्रशासन ने मछुआ समुदाय और पर्यटकों को समुद्र के करीब जाने को लेकर चेतावनी जारी की है। तूफान इस हफ्ते के अंत में आंध्र प्रदेश, ओडिशा और दक्षिणी बंगाल के कुछ हिस्सों से टकरा सकता है। पर्यटन स्थल दिघा, मन्दरमानी, ताजपुर और सुन्दरबन क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

जहां आगामी सोमवार तक मछुवारों और पर्यटकों को समुद्र तट सीमा के करीब जाने की मनाही की है। मिदनापुर जिले के दोनों पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों की आपातकालीन सेवा ने तूफान जवाद के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों की तैयारी कर ली है।


तेज हवा के साथ हल्की बारिश की संभावना: सीजी
दुष्यंत टीकम        रायपुर। जवाद तूफान का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिलेगा। 6 दिसंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में तूफ़ान के असर से तेज हवा और तापमान में गिरावट देखने को मिलेंगी। इसका असर ख़ास तौर पर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में रहेगा। बस्तर और आसपास के इलाकों में तेज हवा और ठण्ड के साथ ही हल्की बारिश की भी संभावना है। 
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि एक कम दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और उससे सटे अंडमान सागर के ऊपर बना है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 2 दिसंबर तक दक्षिण-पूर्व और उससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में केंद्रित होने और बाद के अगले 24 घंटों के दौरान प्रबल होकर बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इसके बाद, इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने, और प्रबल होकर उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तटों के करीब 4 दिसंबर की सुबह पहुंचने की संभावना है।

दिल्ली: स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू, फटकार

दिल्ली: स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू, फटकार

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में आगामी आदेश आने तक स्कूल शुक्रवार से बंद रहेंगे। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू करने को लेकर दिल्ली सरकार को बृहस्पतिवार को फटकार लगाई। जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया।

राय ने कहा, ”हमने वायु गुणवत्ता में सुधार का पूर्वानुमान जताए जाने के कारण स्कूल फिर से खोल दिए थे, लेकिन वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है और हमने आगामी आदेश आने तक शुक्रवार से स्कूल बंद करने का फैसला किया है।” दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान 13 नवंबर से बंद थे, लेकिन उन्हें सोमवार से खोल दिया गया था।


28वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में टिकाव बना
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रान के तेजी से फैलने के दबाव में मांग घटने की आशंका से कल अमेरिकी बाजार में कच्चे तेल में भारी गिरावट के बाद आज सिंगापुर में मामूली बढ़त के साथ कारोबार की शुरूआत हुयी है। लेकिन घरेलू स्तर पर बुधवार को लगातार 28 वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टिकाव बना रहा। हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा वैट में कमी किये जाने के कारण दिल्ली में पेट्रोल 8.56 रुपये प्रति लीटर कम होकर 95.41 रुपये प्रति लीटर पर आ गया।
जिससे तेल की कीमतों पर दबाव बना था और ओमीक्रान के कारण इस पर और अधिक दबाव बन गया है। अमेरिकी बाजार में कल कारोबार के दौरान कच्चा तेल 70 डॉलर से नीचे उतर गया और लंदन ब्रेंट क्रूड 0.68 फीसदी की उछाल लेकर 69.34 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 0.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 66.11 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशरू पांच रुपये तथा 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करने से देश में इसकी कीमतों में कमी आयी थी। 
इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इन दोनों उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी की थी। कल दिल्ली सरकार ने भी पेट्रोल पंप मालिकों के बढ़ते दबाव में पेट्रोल पर वैट में 30 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की जिससे आज दिल्ली में पेट्रोल 8.56 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया। डीजल पर वैट में कोई कमी नहीं की गयी जिसके कारण यह पिछले दिवस के स्तर पर ही है। दिल्ली एनसीआर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा द्वारा वैट कम किये जाने से पेट्रोल और डीजल दिल्ली से सस्ता हो गया था जिसके कारण राजधानी में इसकी बिक्री पर काफी असर पर रहा था। इसके कारण डीलरों ने सरकार पर वैट कम करने का दबाव बनाया था। राजधानी दिल्ली में वैट कम किये जाने के कारण इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के पंप पर पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर पर आ गया जबकि डीजल के दाम 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिके रहे।

लिंक्डइन ने अपनेे 'हिंदी इंटरफेस' को लॉन्च किया

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। अग्रणी पेशेवर नेटवर्क मंच लिंक्डइन ने बृहस्पतिवार को अपने हिंदी इंटरफेस को लॉन्च किया। जिससे अब दुनियाभर में बड़े पैमाने पर हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों को मदद मिलेगी। हिंदी भाषा में इसके लॉन्च के साथ ही, लिंक्डइन अब विश्व स्तर पर 25 भाषाओं में उपलब्ध हो गया है। एक बयान में कहा गया है कि इस लॉन्च के साथ, लिंक्डइन का लक्ष्य भाषा की बाधाओं को तोड़कर भारत और दुनिया भर में हिंदी बोलने वालों को पेशेवर और नेटवर्किंग के अवसरों तक आसान पहुंच प्रदान करना है। 

लिंक्डइन से जुड़े सदस्य अब डेस्कटॉप और अपने एंड्रॉइड और आईओएस फोन पर हिंदी में सामग्री बना सकेंगे और अपने फीड, प्रोफाइल, जॉब, मैसेजिंग हिंदी में कर सकेंगे। बयान में कहा गया है कि अगले कदम के रूप में, लिंक्डइन विभिन्न उद्योगों में हिंदी भाषी पेशेवरों के लिए उपलब्ध नौकरी के अवसरों की सीमा को व्यापक बनाने की दिशा में काम करेगा।

निर्वाचन आयोग के काम की सराहना की: ग्लेन

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के स्वतंत्र निर्वाचन आयोग (आईईसी) के अध्यक्ष ग्लेन मशानिनी ने भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के काम की सराहना की और पूरी दुनिया के लिए इसे एक उदाहरण बताया। मशानिनी ने मंगलवार को जोहानिसबर्ग में भारतीय महावाणिज्य दूत अंजू रंजन और प्रेटोरिया में उच्चायुक्त जयदीप सरकार के कार्यालयों में आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। रंजन ने कहा कि ‘स्टोरी ऑफ वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसीज इलेक्शंस’ शीर्षक से इस कार्यक्रम का आयोजन 26 नवंबर को भारत के संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित करने की योजना थी, लेकिन पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण मुख्य वक्ता अनुपलब्ध थे, इसी वजह से कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।

मशानिनी ने कहा, ”भारत की कहानी न केवल दुनिया के सबसे बड़े चुनावों के बारे में है बल्कि यह एक प्राचीन सभ्यता की कहानी भी है जो साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद से बाधित हो गई थी।” उन्होंने कहा, ”ईसीआई चुनावी प्रबंधन निकाय के रूप में दुनिया भर में सेवा कर रही निर्वाचन प्रणालियों के लिए ज्ञान, समझ और अनुभव का स्रोत है।” उपनिवेशवाद, नस्लवाद और रंगभेद से लड़ने के लिए लोगों का नेतृत्व करने में महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की भूमिकाओं पर प्रकाश डालते हुए मशानिनी ने कहा कि दोनों देशों ने आज संवैधानिक लोकतंत्र स्थापित करने के लिए इन कुरीतियों पर विजय प्राप्त की है।

उन्होंने कहा, ”सबसे बड़े, पुराने और मजबूत लोकतंत्रों में से एक, भारत ने रंगभेद को खत्म करने के हमारे संघर्ष और लोकतंत्र को गहरा एवं मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय परियोजना को लेकर जो समर्थन दिया है, उसके लिए दक्षिण अफ्रीका ऋणी है।” भारत निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने किसी भी मतदाता को पीछे नहीं छोड़ने के अपने लक्ष्य को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव कैसे आयोजित किए।

सिन्हा ने कहा कि कोविड​​​​-19 महामारी ने डाक मतपत्रों को शामिल करने की प्रक्रियाओं की पहली बार समीक्षा के लिए मजबूर किया। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने उदाहरण दिया कि कैसे चुनाव अधिकारियों ने एक दूरदराज के इलाके में, जंगल से गुजरते हुए और पहाड़ी इलाकों में चढ़ाई करके एक मतदाता तक पहुंचने के लिए चार दिनों की यात्रा की और वह हर मतदाता के अधिकार को सुनिश्चित करने के अपने आदर्श वाक्य पर खरा उतरा।

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...