अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर गुरुवार से आरंभ हो रहे हैं। इस बार मां दुर्गा डोली में सवार होकर धरती पर आ रही हैं। शास्त्रों के अनुसार मां का डोली में आगमन शुभ नहीं माना गया है। वहीं हाथी पर विदाई को शुभ माना गया है। हाथी पर मां की विदाई होने से अच्छी बारिश होती है और धन-धान्य बढ़ता है। देश में शान्ति का वातावरण रहता है। शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2021 को समाप्त होगी।
नवरात्रि में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06 बजकर 17 मिनट से सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक ही है। स्थापना और पूजा के लिए मां दुर्गा की फोटो, आरती की किताब, दीपक, फूल, पान, सुपारी, लाल झंडा, इलायची, बताशा, मिसरी, कपूर, उपले, फल, मिठाई, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सिंदूर, केसर, कपूर, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, सुगंधित तेल, चौकी, आम के पत्ते, नारियल, दूर्वा, आसन, पंचमेवा, कमल गट्टा, लौंग, हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, जायफल, लाल रंग की चुनरी, लाल चूड़ियां, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, माचिस और माता रानी के सोलह श्रृंगार के सामान की जरूरत पड़ेगी।