बीजिंग। चीन का रक्षा बजट पहली बार 200 अरब डालर के पार पहुंच गया है। चीन ने शुक्रवार को वर्ष 2021 के लिये अपना रक्षा बजट 6.8 प्रतिशत बढ़ाकर 209 अरब डालर कर दिया। यह आंकड़ा भारत के रक्षा बजट के मुकाबले तीन गुणा से भी अधिक है। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने चीन की संसद ‘नेशनल पीपुल्स कांग्रेस’ के अधिवेशन के पहले दिन इस बजट की घोषणा की। यह लगातार छठा वर्ष है। जब चीन के रक्षा बजट में एक अंकीय वृद्धि हुई है। चीन की संसद में 209 अरब डालर का रक्षा बजट ऐसे समय पेश किया गया है। जब चीन और भारत के बीच लद्दाख क्षेत्र में तनाव चल रहा है और अमेरिका के साथ भी चीन का सैन्य तनाव जारी है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बजट की जानकारी देते हुये कहा कि इस साल (2021) का योजनाबद्ध रक्षा व्यय 1,350 अरब युआन (करीब 209 अरब अमेरिकी डालर) होगा। एजेंसी ने कहा कि यह लगातार छठा साल है। जब रक्षा बजट में एक अंकीय वृद्धि की गई है। एजेंसी ने कहा है कि चीन का रक्षा बजट अमेरिका के रक्षा बजट का एक चौथाई के करीब है। अमेरिका का रक्षा बजट 2021 के लिये 740.5 अरब डालर रखा गया है। वहीं भारत के रक्षा बजट के मुकाबले चीन का बजट तीन गुणा से भी अधिक है। भारत का रक्षा बजट (पेंशन सहित) 65.7 अरब डालर के करीब है।
शुक्रवार, 5 मार्च 2021
डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई प्रावधान नहीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया के नियमन पर केन्द्र के दिशानिर्देशों में अनुचित विषयवस्तु दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ उचित कार्रवाई के कोई प्रावधान नहीं हैं। न्यायालय ने वेब सीरीज तांडव को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अमेजन प्राइम वीडियो की भारत प्रमुख अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने वेब सीरीज तांडव को लेकर दर्ज प्राथमिकियों पर अग्रिम जमानत का अनुरोध करने वाली पुरोहित की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया। न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर केन्द्र के नियमन महज दिशानिर्देश हैं। इनमें डिजिटल प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं। केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार उचित कदमों पर विचार करेगी। डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए किसी भी तरह के नियमों को अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने पुरोहित को अपनी याचिका में केन्द्र को भी पक्षकार बनाने को कहा।
मुंबई: बैंक ने ब्याज दर घटाकर 6.70 प्रतिशत किया
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार को सीमित अवधि की पेशकश के तहत आवास ऋण पर ब्याज दर घटाकर 6.70 प्रतिशत किया। यह ब्याज दर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बराबर है। निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने कहा कि ब्याज दर की पेशकश, 31 मार्च तक वैध है। यह इस दशक की सबसे निचली दर है। पिछले सप्ताह में, कई बैंकों ने ब्याज दरों को लेकर इस तरह की घोषणायें कीं है। बैंकिंग क्षेत्र की ये दरें 16 साल के निचले स्तर पर पहुंच हैं। स्टेट बैंक ने सबसे अच्छी रेटिंग वाले कर्ज लेनदारों के लिए अपनी ब्याज दर को घटाकर 6.70 प्रतिशत कर दिया था, जिसका अनुसरण तत्काल छोटे प्रतिद्वंद्वी कोटक महिंद्रा बैंक ने किया और अपनी ब्याज दर को घटाकर 6.65 प्रतिशत कर दिया। इसके बाद प्रमुख गैर-बैंकिंग संस्था एचडीएफसी ने भी अपनी ब्याज दर में कटौती की।
नंदीग्राम से चुनाव लड़ बंगाल फतेह को ममता तैयार
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 291 सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची शुक्रवार को जारी की। टिकटों के बंटवारे में युवाओं, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़े समुदायों पर जोर दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के एक सहयोगी दल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के बिमल गुरुंग गुट के तीन उम्मीदवार दार्जिलिंग की शेष तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बनर्जी ने कहा, ”इस बार हमने अधिक युवाओं और महिला उम्मीदवारों पर जोर दिया है। इसके अलावा 23 से 24 मौजूदा विधायकों को इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है और सूची में लगभग 50 महिलाओं, 42 मुस्लिमों, 79 अनुसूचित जाति (एससी) और 17 अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के नाम हैं।” लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने का दावा करते हुए बनर्जी ने इसे ”सबसे आसान” चुनाव करार दिया।
आंदोलन: 100 दिन पूरे हुए, कृषि कानून का विरोध
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर शुक्रवार को कहा कि सरकार को ये कानून वापस लेने ही होंगे। उन्होंने ट्वीट किया, कि बीज बोकर जो धैर्य से फ़सल का इंतज़ार करते हैं। महीनों की प्रतीक्षा व ख़राब मौसम से वे नहीं डरते हैं। तीनों क़ानून तो वापस करने ही होंगे।” उल्लेखनीय है, कि पिछले 100 दिनों से दिल्ली के निकट के कई स्थानों पर कई किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाने की है। दूसरी तरफ, सरकार ने तीनों कानूनों को कृषि सुधारों की दिशा में बड़ा कदम करार देते हुए कहा है, कि इससे किसानों को लाभ होगा और अपनी उपज बेचने के लिए उनके पास कई विकल्प होंगे।
बढतें दाम उपभोक्ताओं का बोझ बढ़ा रहें: वित्तमंत्री
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया है कि पेट्रोल और डीजल के ऊंचे दाम उपभोक्ताओं का बोझ बढ़ा रहें हैं। उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों से राहत मिलनी चाहिए। लेकिन इसके लिये केन्द्र और राज्य दोनों के स्तर पर करों में कटौती करनी होगी। पेट्रोल की खुदरा कीमत में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्रीय और राज्य करों की है। डीजल के मामले में यह 56 प्रतिशत तक है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है जबकि देश में अन्य स्थानों पर भी इनके दाम अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर चल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ लेने के लिए सीतारमण ने पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में रिकॉर्ड वृद्धि की थी। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम दो दशक के निचले स्तर पर आ गए थे। हालांकि सीतारमण ने उपभोक्ताओं को राहत के लिए केंद्रीय करों में कटौती की दिशा में पहल करने के बारे में कुछ नहीं कहा।
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