लंदन। विश्व में एक वर्ष से अधिक समय से कोहराम मचा रहा कोरोना वायरस (कोविड-19) अब तक कई बार बदल चुका है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक इसके चार हजार म्यूटेशन सामने आ चुके हैं। म्यूटेशन का अर्थ है, कि ये लगातार बदल रहा है। इस बदलाव के साथ-साथ मरीजों में होने वाले लक्षणों में भी बदलाव आया है। ब्रिटेन में हाल ही में केंट वेरिएंट के सामने आने से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि ये वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलता है। ब्रिटेन की जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम की की प्रमुख ने यहां तक कहा है कि इससे चलने वाली लड़ाई एक दशक तक चल सकती है और ये वेरिएंट पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि ब्रिटेन में इससे पहले भी इस वायरस का एक वेरिएंट सामने आ चुका है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक अब तक सामने आने वाले तीन प्रमुख वेरिएंट ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए हैं। इसके बाद इनसे जुड़े मामले दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले हैं। ब्रिटेन में सामने आना वाला कोरोना वायरस का वेरिएंट जिसको B.1.1.7 का नाम दिया गया था, के वर्ष 2020 में कई म्यूटेशन सामने आए थे। इस वेरिएंट की सबसे बड़ी बात ये थी कि ये दूसरे वेरिएंट के मुकाबले आसानी से और बेहद तेजी से फैलता है। जनवरी 2021 में ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने कहा था कि इसकी वजह से देश में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। इन विशेषज्ञों ने कोरोना के इस वेरिएंट को लेकर चिंता व्यक्त की थी। हालांकि, सीडीसी ने कहा है कि ब्रिटेन के विशेषज्ञों के बयानों की पुष्टि के लिए इस वायरस का अभी और विश्लेषण किए जाने की जरूरत है। कोरोना का ये वेरिएंट अब तक दुनिया के कई देशों में पाया जा चुका है। इस वेरिएंट का पहली बार पता अमेरिका में दिसंबर 2020 में चला था। कोरोना वायरस का एक और वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था जिसको B.1.351 का नाम दिया गया था। ये B.1.1.7 काफी अलग था। इसका पहली बार पता अक्टूबर 2020 में चला था। इस वायरस के बाद में और म्यूटेशन भी सामने आए थे जनवरी 2021 के अंत में इस वेरिएंट के मामले अमेरिका में भी पता चले थे।ब्राजील में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को P.1 का नाम दिया गया था। इसको पहली बार जनवरी 2021 में ब्राजील से जापान गए एक यात्री में पाया गया था। इस यात्री को जापान के एक एयरपोर्ट पर स्केनिंग के बाद रोक लिया गया था। बाद में जांच में इसमें ये वेरिएंट पाया गया। बाद में इसके भी म्यूटेशन सामने आए थे। शोध में पाया गया कि ये वेरिएंट शरीर में बनने वाली प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। सीडीसी की मानें तो कोरोना के ये प्रकार ज्यादा तेजी से और आसानी से फैलता है। इसकी वजह से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। इसका सीधा असर दुनियाभर की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ सकता है। इसकी वजह से अस्पतालों में मरीज तो बढ़ ही सकते हैं। साथ ही इससे होने वाली मौतों में भी इजाफा हो सकता है। सीडीसी ने ये भी कहा है कि कोरोना वैक्सीन के आने के बाद भी लोगों को इस वायरस के प्रति हर तरह की सावधानी बरतनी जरूरी है। इसमें मास्क लगाने के अलावा एक दूसरे से दूरी बनाए रखने, हाथों को कुछ-कुछ देर बाद साबुन से अच्छे से धोने और किसी तरह के लक्षण होने पर खुद को आइसोलेशन में रखना शामिल है। इन सभी एहतियात को अपना ही हम खुद बच सकते हैं और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। वैज्ञानिक इस वायरस के अलग-अलग वेरिएंट को जानने और पहचानने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके बावजूद अभी इस पर काफी शोध की जरूरत है। वैज्ञानिक जीन खास सवालों के जवाब तलाश रहे हैं।उनमें पहला है कि ये वेरिएंट कैसे फैलता है। एक दूसरे से कैसे ये वेरिएंट अलग होते हैं और एक दूसरे वेरिएंट का कारण बनते हैं। लगातान सामने आने वाले ये वेरिएंट इसके इलाज को कैसे प्रभावित करते हैं। सीडीसी के मुताबिक अब तक मिली जानकारी के हिसाब से ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। इसके संक्रमण में आने से हल्के से लेकर गंभीर लक्षण तक हो सकते हैं। अब तक जितनी कोरोना वैक्सीन सामने आई हैं। उनका प्रभाव इसके वेरिएंट के हिसाब से अलग हो सकता है।
शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021
पटाखा फैक्ट्री में आग लगी, 11 की मौत 30 घायल
चीन, अमेरिका का हक छीनना चाहता हैं: जो
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 22 दिन बाद जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की। बाइडेन के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच लगातार दो घंटे बातचीत हुई। इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई। बाइडेन ने कहा- हम चीन की पॉलिसी पर नहीं चल सकते। वो हमारा लंच खाना चाहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के मायने ये हैं, कि चीन अब अमेरिका का हक छीनना चाहता है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत के दौरान बाइडेन का रवैया सख्त था। इस दौरान ऐसे कई मुद्दे उठे जिनसे चीन को परेशानी होती है। अमेरिका और चीन के बीच लंबे वक्त से कई मुद्दों पर विवाद चल रहे हैं। 2011 में जब बाइडेन वाइस प्रेसिडेंट थे, तब वे चीन के दौरे पर गए थे। तब उन्होंने बीजिंग में ही कहा था- चीन को अमेरिकी हितों का ध्यान रखना होगा। हम अच्छे दोस्त तभी हो सकते हैं, जब एक दूसरे के हितों का ध्यान रखें। अब बाइडेन राष्ट्रपति हैं। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- आमतौर पर अमेरिकी प्रेसिडेंट्स किसी दूसरे नेता से आमने-सामने भी एक घंटे से ज्यादा वक्त तक मुलाकात नहीं करते। ऐसे में जिनपिंग से फोन पर दो घंटे बातचीत के मायने ये हैं कि दोनों देशों के बीच गंभीर मुद्दे हैं। यह कर्टसी कॉल से कुछ ज्यादा था। क्लाईमेट चेंज, इकोनॉमी, हॉन्गकॉन्ग, उईगर मुस्लिम और ट्रेड वॉर- ये तमाम मुद्दे हैं, जिन पर बाइडेन और जिनपिंग की बातचीत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन ने तल्ख लहजे में साफ कर दिया कि चीन अपने हिसाब से दुनिया को नहीं चला सकता। उसे नियमों के हिसाब से चलना होगा। वो पड़ोसियों या छोटे देशों को धमका नहीं सकता और न ही उन पर कार्रवाई कर सकता। बाइडेन ने कैम्पेन के दौरान ही साफ कर दिया था कि चीन पर लगाम लगाई जाएगी और इस पर तेजी से काम होगा। एक बात यह भी है कि बाइडेन ने चीन से ज्यादा तवज्जो भारत को दी। उन्होंने जिनपिंग से पहले मोदी से बातचीत की। बाइडेन ने सरकार में आने के बाद दो ही स्पेशल टास्क फोर्स बनाईं हैं। पहली- कोरोनावायरस पर, दूसरी- चीन पर। इसमें भी खास बात यह है कि चीन पर बनाई गई टास्क फोर्स में सिर्फ रक्षा विभाग पेंटागन के अफसर हैं। इसके सीधे मायने ये हैं, कि बाइडेन अब चीन को किसी भी इलाके में ताकत या धौंस दिखाने का मौका नहीं देने वाले। बाइडेन के इरादों की झलक उनके फैसलों से भी मिल जाती है। पिछले हफ्ते बाइडेन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका का सबसे खतरनाक वॉरशिप और एयरक्राफ्ट कैरियर थियोडोर रूजवेल्ट तैनात कर दिया। यहां चीन ताइवान और फिलीपीन्स को धमकाने की कोशिश कर रहा था। व्हाइट हाउस ने भी कहा था कि अमेरिका अब किसी भी सूरत में चीन की चालों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए तमाम जरूरी तैयारियां की जा रही हैं।
गाजियाबाद पुलिस ने जारी किए इंचार्जों के नंबर
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। पुलिस ने जिले के सभी चौकी प्रभारियों को भी सीयूजी मोबाइल नंबर जारी कर दिए गए हैं। रविवार से ये सभी नंबर रविवार से चालू हो जाएंगे। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया, कि सभी चौकी प्रभारियों के सीयूजी नंबर की कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग होगी। कोई भी चौकी प्रभारी अपना सीयूजी नंबर बंद नहीं रख सकेगा। बता दें, कि पूर्व में कुछ चौकी प्रभारियों को बीएसएनएल के सीयूजी नंबर जारी हुए थे। लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण वह कारगर साबित नहीं हो सके। ऐसे में अन्य मोबाइल नेटवर्क कंपनी से टाईअप कर सभी चौकी प्रभारियों को नए सीयूजी नंबर जारी किए गए हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि जन-सुनवाई में बेहतरी लाने एवं ट्रैफिक चालान, ऐप के प्रचलन में बढ़ोतरी के संबंध में चौकी इंचार्ज सीधे जिम्मेदार हों। आमजन के प्रति सुलभ तरीके से फोन कॉल पर उपलब्ध रहें। इसके लिए यह कदम उठाया गया है। चौकी प्रभारियों के सीयूजी नंबर कॉलिंग के साथ-साथ डाटा पैकेज सहित सिम कार्ड आवंटित किए गए हैं। यदि कोई दरोगा किसी चौकी से स्थानांतरित भी होता है तो उस चौकी का सीयूजी नंबर वही रहेगा। ऐसे में लोगों को सहूलियत होगी। एसएसपी ने बताया कि 24 घंटे में उपलब्ध सीयूजी मोबाइल नंबर को आवंटित करने एवं प्रत्येक दशा में रविवार तक एक्टिव करने के आदेश जारी किए गए हैं। इन नंबरों को सार्वजनिक स्थलों, चौकी, थाना, बस अड्डा आदि पर भी सार्वजनिक करने के आदेश दिए गए हैं। ताकि आकस्मिक स्थितियों में लोग सीधे संबंधित चौकी इंचार्ज को कॉल कर संपर्क कर सकें।
28 केंद्रों पर 1,546 फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में इन दिनों कोविड वैक्सीनेशन का दूसरा चरण चल रहा है। दूसरे चरण के पहले दिन बृहस्पतिवार को जिले के 28 केंद्रों पर 1,546 फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पहले 4,250 फ्रंट लाइन वर्कर्स की सूची तैयार करने के साथ ही पोर्टल के जरिये सभी को एसएमएस भेजे थे लेकिन पंजीकृत होने वालों की संख्या 3,439 ही रह गई। सभी को एसएमएस के जरिये टीकाकरण केंद्र की लोकेशन भी भेजी गई थी। वैक्सीनेशन करने आईं टीमें टीका लगवाने वालों का इंतजार करती रहीं लेकिन दोपहर से ही टीकाकरण शुरू हो पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिला महिला अस्पताल एवं संयुक्त अस्पताल में मुख्य टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे। नगर निगम, जीडीए, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अफसरों एवं कर्मचारियों के अधिक नाम इस सूची में थे। 35 वैक्सीनेशन टीमों द्वारा टीका लगाया गया। इस चरण में कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है। सीएमओ का दावा है कि यह वैक्सीन 90 फीसद असरदार एवं सुरक्षित है। इसका साइड इफेक्ट भी न के बराबर है। कोविशील्ड से इस वैक्सीन को बेहतर माना जा रहा है। नई वैक्सीन की 14,500 डोज विभाग को मिली है। पीएसी के 150 अफसरों एवं जवानों को भी टीका लगाया गया। अब तक के सात सत्रों में 20,140 स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाया जा चुका है।
आरक्षण: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण की सूची जारी कर दी गई है। कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। वहीं शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी ,सीतापुर, हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष अनुसूचित जाति स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेगी। वहीं संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग स्त्री के लिए आरक्षित किया गया है। आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत ,बस्ती, संतकबीरनगर ,चंदौली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा। कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़ ,कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी ,गाजीपुर ,जौनपुर, सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद स्त्रियों के लिए आरक्षित किया गया है। अलीगढ़ ,हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात ,गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा ,बलरामपुर ,श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर ,सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, बिजनौर ,रामपुर, अमरोहा ,मेरठ ,बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनारक्षित रहेगा।
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