बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

म्यांमार के सशस्त्र समूह ने भारत में मांगी पनाह

म्यांमार/आइजोल। म्यांमार के सशस्त्र उग्रवादी समूह चिन नेशनल आर्मी (सीएनए) ने पड़ोसी देश में तख्तापलट के मद्देनजर भारत में अपने परिवारों के लिए शरण की गुहार लगाई है। मिजोरम के चंफाई जिला की उपायुक्त मारिया सी टी जुआली ने बताया कि चिन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) की सशस्त्र इकाई सीएनए ने 40 परिवारों के लिए शरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सीएनए ने फरकावन ग्राम परिषद के अध्यक्ष से इस बारे में बात की और उन्होंने चंफाई जिला प्रशासन को इस बारे में अवगत कराया। जुआली ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को मामले की सूचना दी है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने तख्तापलट के मद्देनजर म्यांमार से बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने की आशंका को लेकर एक अलर्ट जारी किया है। मिजोरम में म्यांमार से लगी 404 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है।

जुआली द्वारा मंगलवार को जारी एक अधिसूचना में सभी गांवों को इलाके में म्यांमार के शरणार्थियों के दिखने पर जिला प्रशासन को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 1980 के दशक में सैन्य जुंटा के कारण म्यांमार के चिन समुदाय के हजारों सदस्य मिजोरम आ गए थे। पड़ोसी देश में लोकतंत्र बहाल होने पर कई लोग लौट गए थे लेकिन हजारों लोग अब भी राज्य में हैं। म्यांमार के चिन और भारत के मिजो, एक ही कुल और संस्कृति के हैं।

तुर्की का वर्ष 2023 में चंद्रमा पर पहुंचने का लक्ष्य

अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने मंगलवार को देश के अगले 10 वर्ष के अंतरिक्ष कार्यक्रम की घोषणा की जिसमें चंद्र मिशन, तुर्की के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने एवं अतंराष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली विकसित करने की महत्वकांक्षी योजना शामिल है।एर्दोआन की इस घोषणा को तुर्की की क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका बढ़ाने के उनके विचार के रूप में देखा जा रहा है। राष्ट्रपति ने अंतरिक्ष कार्यक्रम की घोषणा टेलीविजन पर अपने संबोधन में की। एर्दोआन ने बताया कि उनकी योजना वर्ष 2023 में देश के गणराज्य बनने के 100 साल पूरे होने के अवसर पर चांद पर पहुंचने की है।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में चंद्र मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग से होगा’ जबकि दूसरे चरण में तुर्की के रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा हमारे राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्राथमिक एवं सबसे अहम लक्ष्य होगा कि देश के गणराज्य बनने के 100वें साल में हम चांद पर पहुंचे। उन्होंने कहा ईश्वर की इच्छा से हम चांद पर जा रहे हैं।

असफलता के डर से बदलावों को रोक नहीं सकते

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को तीन कृषि सुधार कानूनों को ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के मकसद पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि पुरानी सोच से किसानों एवं खेती का भला नहीं होगा और असफलता के डर से बदलावों को रोका नहीं जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 14 घंटे से अधिक चली चर्चा का उत्तर देते हुए कृषि सुधार कानूनों का डटकर बचाव किया। विपक्ष की भारी टोका टाकी, व्यवधान और बहिर्गमन के बीच प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी तीखे हमले किये और कहा, “सरकार आंदोलन कर रहे सभी किसान भाइयों का सम्मान एवं आदर करती है और हमेशा करेगी। सरकार के वरिष्ठ मंत्री लगातार सम्मान आदर के भाव से वार्ता कर रहे हैं। किसानों की शंकाओं को ढूंढने का गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं। अगर कोई कमी होगी और उससे किसानों को नुकसान हो रहा होगा तो सरकार उसे बदलने के लिए तैयार है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि कानूनों को बदलने में आखिर क्या जाता है। ये देश इसके नागरिकों का देश है। अगर लोग इससे सहमत नहीं हैं तो सरकार उसे बदल देगी। उन्होंने कहा कि सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर कृषि कानूनों के ‘कलर’ पर खूब चर्चा की गयी। अच्छा होता कि ‘कंटेट’ और ‘इंटेंट’ पर बात होती तो आंदोलन करने वाले किसानों को दिशा मिलती। आंदोलन करने वालों के बीच जो गलतफहमी और अफवाहें फैलायी गयीं हैं, उनका जवाब मिल पाता।प्रधानमंत्री के इतना कहते ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी खड़े हो गये और अफवाह शब्द के प्रयाेग पर आपत्ति जताने लगे। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के भाषण में कई बार किसान आंदोलन को लेकर बहुत टोकाटाकी की। कांग्रेस के सदस्य भी टोकाटाकी करने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने भी कांग्रेस सदस्यों को रोकने की कोशिश की। एक बार तो प्रधानमंत्री ने भी कहा, “प्लीज अधीररंजन जी अब ज्यादा हो रहा है। …हम आपका इतना आदर करते हैं …पर अब हद से ज्यादा हो रहा है।”

इसके बादजूद शोरशराबा होने लगा तो मोदी ने कहा, “अध्यक्ष जी संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।”

18 फरवरी को होगा राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की बुधवार को घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में यह भी घोषणा है। बयान में कहा गया है, ”पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जायेगा।” तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

डीलर एसोसिएशन ने दी चेतावनी, मांगों पर अड़े

रामलीला मंच किला मैदान स्थित डीलर एसोसिएशन बक्सर ने नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए अपनी 6 मांगों पर अड़े। 
अविनाश श्रीवास्तव
डीलर एसोसिएशन, 6 मांगे की...
बिहार सरकार के पास लंबित 8 सूत्री मांग को पूरा करें। एक बराबर आवंटन करो। राज्य खाद्य निगम द्वारा कम आ माप तोल को समाप्त करो।
 जांच उद्योग बंद करो... पोस मशीन में चावल गेहूं चना एवं खाद सामग्री को शून्य करो।
पटना। प्रधानमंत्री खदान योजना की कमीशन राशि का भुगतान करो। पत्रकारों से बात करते हुए फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के जिला मीडिया प्रभारी वीरेंद्र लाल श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि बिहार सरकार अपनी मनमानी कर रही है। बार-बार सरकार की तरफ से कोई ना कोई जांच आती रहती है और ना तो डीलरों की कोई मांग पूरी की जाती है। डीलर का कहना है कि ना तो हमें वेतन मिलता है कमीशन और थोड़ी कमीशन से क्या होने वाला है। वही माना जाए तो एक मजदूर भी अगर कार्य करता है तो उसको उचित मजदूरी दी जाती है। यहां तो डीलर को केवल कमीशन के भरोसे ही रहना पड़ता है और इसमें जांच  का भी सामना करना पड़ता है। जिससे कि डीलरों में एक भय बना रहता है। डीलर एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ कितने प्रदर्शन किए कितने धरने दिए यह उनका 1981 से ही धरना चल रहा है। सरकारे आती रही, जाति रहे। किसी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेगति ना तो कमीशन बढ़ता है और ना ही वेतन मिलता है। सरकार मानदेय देने के लिए तैयार थी लेकिन वह भी नहीं हो पाया बस सरकार की तरफ से आश्वासन दिया जाता है कि आपकी मांगे मान ली जाएंगी और फिर भूल जाती है। इसी को लेकर 21वां बक्सर अंतर राज्य पूर्वांचल वार्षिक सम्मेलन हो रहा है। जिसमें कि विपक्ष के भी कई बड़े चेहरे हैं। कांग्रेसी विधायक बक्सर सदर संजय तिवारी और राजपुर विधानसभा विधायक विश्वनाथ राम भी शामिल है और तथा अन्य बड़े नेताओं की आने  की आशंका है। इस सम्मेलन को बड़ा बनाने में शायद, इसी बहाने सरकार इनकी मांगे मान लें।

किनारो से युद्धक वाहनों को वापस लाना शुरू हुआ

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन के बीच पिछले साल से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच दोनों पक्षों ने पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे से टैंकों और इन्फैंट्री युद्धक वाहनों को वापस लाना शुरू कर दिया है। यह जानकारी बुधवार को इस डिसइंगेजमेंट योजना के संबंधित अधिकारियों ने दी। संबंध में अधिकारियों ने बताया, कि चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात का एलान करने के बाद कि बीजिंग ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। लेकिन इन अहम रणनीतिक चोटियों पर सैनिक अभी भी मौजूद हैं। 

प्रधान ने अपने गुर्गों से शिकायतकर्ता को पिटवाया

सुल्तानपुर। मामला सुल्तानपुर जनपद के बल्दीराय थाना क्षेत्र के ग्राम के केवटली का है। सूचना पर पहुंची पुलिस से भी प्रधान और उनके समर्थकों ने की अभद्रता और झड़प। अपर पुलिस अधीक्षक के आदेश पर प्रधान उनके समर्थकों खिलाफ एफ आई आर दर्ज गिरफ्तारी की चल रही तैयारी। प्रधान की शिकायत करने पर समर्थकों ने तोड़ा शिकायतकर्ता का हाथ पैर। गंभीर स्थिति में शिकायतकर्ता अस्पताल में भर्ती। सूचना पर पहुंची बल्दीराय पुलिस के सिपाहियों से भी प्रधान समर्थकों की झड़प। अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव के आदेश पर मुकदमा दर्ज। पुलिसकर्मियों से अभद्रता करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी। बल्दीराय थाना क्षेत्र के केवटली गांव से जुड़ा मामला।

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया

विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया  अखिलेश पांडेय  मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टे...