सोमवार, 8 फ़रवरी 2021
ट्विटर को 1178 अकाउंट को हटाने का नोटिस
वैक्सीन के लिए देशों को प्रभावित करता चीन
बीजिंग। चीन ने पहले कोरोना वायरस बनाया। भले ही यह वैज्ञानिकों की गलती से बना हो, या जानकर बनाया गया हो। इसके बाद उसने सबसे पहले इस वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया। लेकिन न तब उसकी इस बात पर किसी को विश्वास था और न अब है। स्वयं पाकिस्तान जैसे उसके मित्र राष्ट्र भी इस वैक्सीन को खरीदना नहीं चाहते हैं। नेपाल को वैक्सीन खरीदने के लिए धमकाने वाला पत्र अब सबके सामने है। चीन की सरकार के अनुसार उसकी 6 कोरोना वैक्सीने या तो बन चुकी हैं या उनका ट्रायल अंतिम दौर में है। चीन ने सऊदी अरब, तुर्की, ब्राजील और पाकिस्तान जैसे देशों में अपना ट्रालय किया। इनमें ब्राजील भारतीय कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलते ही इनकी मांग करने वाले देशों में था। पाकिस्तान को भी भारतीय कोरोना वैक्सीन चाहिए है, लेकिन वह इसे संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से प्राप्त करना चाहता है, जिससे उनकी घरेलू राजनीति भी चलती रहे और कोरोना वैक्सीन की जरुरत भी कुछ हद तक पूरी हो सके। चीन की कोरोना वैक्सीन पर उनके अपने देश में भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में दूसरे देश कैसे उसकी कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं? चीन की सरकार का फरमान मानना वहां की जनता के लिये मजबूरी है। वहां दूसरे किसी देश की वैक्सीन के बारे में विचार करना भी अपराध है। इस कारण चीन के लोग जहां दबी जुबान से ही लेकिन इसके प्रयोग का विरोध कर रहे हैं, तो उइगर मुस्लिमों को आशंका है कि वैक्सीन के नाम पर कहीं उन्हें और कुछ न लगा दिया जाए, जिससे उन्हें नुकसान पहुंचे। पाकिस्तान में चीन की दो वैक्सीनों का ट्रालय चल रहा है। ये वैक्सीनें पूरी तरह से सुरक्षित हैं, इसका विश्वास दिलाने के लिये प्रशासन के बड़े अधिकारियों को ट्रायल में शामिल किया गया। इसके बाद भी इन वैक्सीनों को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है। बीच में खबर यह भी आयी थी कि चीन ने पाकिस्तान से ट्रालय में हुआ खर्च भी मांगा है। सूत्रों के अनुसार यह भी जानकारी मिली है कि चीन इमरान सरकार पर वैक्सीन खरीदने का दबाव बना रहा है। इसके बाद भी पाकिस्तान की जनता के दबाव में इमरान खान कदम आगे नहीं बड़ा पा रहे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने पहले चीन को कोरोना वैक्सीन के लिये ऑर्डर बुक किया था, लेकिन जब उन्होंने अपनी जनता पर इसका कोई लाभ न होते हुए देखा, तो अपने निर्णय को वापस ले लिया। वहां जो चीन की वैक्सीने आ चुकी हैं, उनका भी प्रयोग नहीं हो रहा है। ब्राजील लगातार भारत के संपर्क में है और कोरोना वैक्सीन की अपनी जरुरत को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में चीन ने नेपाल को अपनी कोरोना वैक्सीन दी है। इससे पहले वहां भारत की ओर से निःशुल्क भेजी गयी वैक्साीन पहुंच चुकी थी। भारत तभी किसी देश को निःशुल्क कोरोना वैक्सीन देता है, जब उस देश से इसका अनुरोध किया जाता है। पाकिस्तान को भारतीय कोरोना वैक्सीन चाहिए थी, लेकिन उसने भारत को इसके लिए कोई अनुरोध नहीं भेजा था, इसीलिए उसे वैक्सीन नहीं मिली थी। मतलब साफ है कि नेपाल को भारतीय वैक्सीन चाहिए थी, लेकिन चीन ने दबाव बनाकर उसे वैक्सीन दे दी। हाल ही में इससे संबंधित एक गोपानीय पत्र भी सार्वजनिक हुआ है, जिससे मेरे दावे की पुष्टि होती है। ऐसा क्यों हुआ कि पहले कई देशों ने चीन की कोरोना वैक्सीन के ट्रालय में भाग लिया और फिर कुछ देशों ने वैक्सीन का आर्डर भी दिया, लेकिन उसके बाद ये देश अब पीछे हट रहे हैं? इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला जिन देशों में कोरोना वैक्सीन का ट्रालय हुआ, वहां चीन की वैक्सीन उतनी कारगर साबित नहीं हुई जितना दावा किया जा रहा था। कई जगह वैक्सीन को मात्र 50 से 60 प्रतिशत के लगभग ही असरदार माना गया। 50 प्रतिशत किसी वैक्सीन की न्यूनतम क्षमता होती है। इसके अलावा चीन ने विश्व के कई विकासशील और गरीब देशों को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया था कि कोरोना वैक्सीन बनते ही इसकी अधिकांश डोज अमीर देशों को दे दी जाएंगी और उनके देश के लोगों को बीमारी से मरने के लिये छोड़ दिया जायेगा। भारत ने जब सीरम इंस्टीट्यूट व भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीनों को मंजूरी दी, तब इनकी कीमते भी विश्व के सामने आयीं। हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है, चीन की तरह यहां एक पार्टी का राज्य नहीं चलता। इस कारण दोनों ही वैक्सीनों के क्या नुकसान हो सकते हैं, यह भी विश्व के सामने आ चुका था। लगभग सभी देशों को यह विश्वास हो गया कि भारतीय वैक्सीने अन्य उपलब्ध विकल्पों की तुलना में अधिक सस्ती और असरदार हैं। भारत सरकार के द्वारा निःशुल्क वैक्सीन देने का कार्यक्रम चलाया गया और साथ ही हमारे देश में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन भी शुरु हुआ। अब तक लगभग 55 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है। इससे भी सभी को विश्वास हो गया कि भारतीय वैक्सीने सुरक्षित हैं। इसका सीधा असर चीन की वैक्सीनों पर पड़ा। जो देश चीन के कर्जदार हैं। चीन उन्हें धमका कर कोरोना वैक्सीन बेचने का प्रयास कर रहा है, अन्यथा उनका कोई खरीदार नहीं है। जैसे-जैसे भारत में यह वैक्सीनेशन आगे बढ़ेगा, इसकी रिपोर्ट और विस्तार से समाने आयेगी, उम्मीद है कि भारतीय वैक्सीनों की मांग और बढ़ेगी। इसके बाद चीन की कोरोना वैक्सीनों को बेचना लगभग असंभव सा हो जायेगा।
मुजफ्फरपुर: होटल में मिली पति-पत्नी की लाश
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर से इस वक्त की बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। जहां होटल सेंट्रल पार्क में एक दंपति की लाश मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। दोनों के सिर में गोली लगी है और मौके से एक पिस्टल भी बरामद किया गया है।घटना की सूचना मिलने के बाद तत्काल टाउन डीएसपी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गए हैं। घटना काजी मोहम्मदपुर थाना इलाके के अघोरिया बाजार चौक स्थित सेंट्रल पार्क होटल की है। मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि होटल सेंट्रल पार्क के 301 रूम नंबर में एक दंपत्ति रविवार की शाम 7 बजे के करीब पहुंचे थे।सोमवार को 12 बजने के बाद भी जब कमरे से कोई बाहर नहीं आया तो होटल का स्टाफ वहां पहुंचा। जिसके बाद कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी आवाज देने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला को होटल के कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो देखा कि दोनों दंपत्ति कमरे में मृत पड़े थे।दोनों के सिर में गोली लगी थी।वहीं मौके से पुलिस ने एक पिस्टल भी बरामद की है। मामला सामने आने के बाद एफएसएल को टीम मौके पर पहुंच छानबीन में जुट गयी है। वहीं दंपत्ति की पहचान करने में पुलिस जुटी है, लेकिन खबर मिलने तक कुछ पता नहीं चल सका है।होटल मैनेजर ने बताया जा रहा है कि दंपत्ति जब रविवार को वहां पहुंचे थे तो समान्य थे और सोमवार की दोपहर 12 बजे रुम खाली करने की बात कही थी।
भीषण बम विस्फोट, प्रमुख सहित 12 सैनिकों की मौत
बिहार: मां ने मासूमों को जहर दिया, खुद भी निगला
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार के बांका जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमें अपने पति और प्रेमी से तंग आकर महिला ने पहले अपने चार बच्चों को जहर दे दिया, उसके बाद उसने खुद भी जहर निगल लिया। घटना अमरपुर थाना क्षेत्र के कामदेवपुर गांव की बताई जा रही है। जहर खाने के बाद महिला की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। जिसे बेहतर इलाज के लिए रेफरल अस्पताल भेज दिया गया है। हालांकि चारों बच्चों कि हालत खतरे से बाहर है। जानकारी के अनुसार महिला का नाम ललिता देवी बताया जा रहा है। ललिता की शादी गांव के ही कल्लू दास नाम के व्यक्ति से हुई थी लेकिन बीते कुछ सालों से वह गांव के ही दूसरे युवक के साथ बच्चों के साथ रहने लगी। ग्रामीणों ने बताया कि अब वह युवक पर शादी करने का दबाव बना रही थी।इसी बात को लेकर उन लोगों में विवाद चल रहा था। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इसी आक्रोश में उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस छानबीन में जुट गई है। फिलहाल महिला को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया गया है।
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज शुल्ट्ज का निधन
चीन ने एलएसी पर तैनात की होवित्जर तोपें-मिसाइलें
बीजिंग। चीन के साथ गलवान हिंसा के बाद तनाव के हालात सुधारने के लिए भारत और चीन ने नौ राउंड की सैन्य वार्ता पूरी तो की है, लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 3488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने हथियारों के साथ पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिखा रही है। बल्कि उसने तो तिब्बत में मिसाइल इकाइयों और स्व-चालित होवित्जर के साथ तैयारी और मजबूत कर ली है।
नेशनल सेक्योरिटी प्लानर के अनुसार, पीएल तीनों क्षेत्रों में पैंगोंग त्सो के फिंगर एरिया में नए निर्माण के साथ सैनिकों और भारी उपकरणों की तैनाती को नए सिरे से कर रहा है। रक्षा मंत्रालय को सबूत मिले हैं कि पूर्वी लद्दाख के चुमार में एलएसी से महज 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिंकाने पीएलए कैंप के आसपास 35 भारी सैन्य वाहनों और चार 155 एमएम पीएलजेड 83 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की ताजा तैनाती के संकेत हैं।
रूडोक निगरानी सुविधा के पास, एलएसी से 90 किमी दूर, सैनिकों के लिए चार नए बड़े शेड और विभाजन क्वार्टर के पास वाहनों की भारी तैनाती और नए निर्माण कार्य पिछले महीने देखे गए हैं। रुडोक और शिक्नेह दोनों कब्जे वाले अक्साई चिन क्षेत्र में हैं। इधर, भारत चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर अपनी सर्विलांस क्षमता बढ़ाने जा रहा है। वहीं बड़ी संख्या में ड्रोन, सेंसर, सैनिक सर्वेक्षण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण तैनात करेगा ताकि पीएलए की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और घुसपैठ का पता लगाने के लिए भी कदम मज़बूत हों।
बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पीएलए के जवानों ने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला कर दिया था। इस हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए जबकि चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों की मारे जाने की खबर है। हालांकि, चीन ने अब तक मारे गए अपने सैनिकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। इस हिंसक झड़प के बाद भारत ने एलएसी पर चीन के प्रति अपने रवैये में बड़ा बदलाव करते हुए कई रणनीतिक चोटियों पर कब्जा कर लिया।
चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए
चीन में भूकंप के झटकें महसूस किए गए अखिलेश पांडेय बीजिंग। उत्तर-पश्चिम चीन के निंग्जिया में भूकंप के झटकें महसूस किए गए है। चीन भूकंप नेटव...
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उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
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