बुधवार, 4 नवंबर 2020

अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 4 की मौत

राजीव सैनी


कुशीनगर। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के कप्तान गंंज कस्बे में बुधवार सुबह आर्य समाज मंदिर वार्ड में एक मकान में अवैध रूप से बनाए जा रहे पटाखा की फैक्ट्री में विस्फोट हो गया जिसमें चार लोगों की मौत हो गई जबकि नौ लोग घायल हुए हैं। सभी मृतक एक ही परिवार के हैं जबकि घायल लोग पड़ोस के ही हैं। घटना में मकान के अंदर की दीवार भी गिर गई है।



पुलिस ने यहां कहा कि कस्बे के वार्ड नंबर 11 आर्य समाज मंदिर निवासी जावेद के घर में अवैध रूप से पटाखा बनाने का कारोबार चल रहा था। बुधवार की भोर में घर के अंदर तेज धमाका हुआ। आस-पास के मकान भी इस धमाके में क्षतिग्रस्त हो गए।धमाके के बाद पूरे कस्बे में अफरा तफरी मज गई । चीख पुकार सुनकर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। जानकारी मिलने पर पहुंची कप्तानगंज पुलिस मकान के अंदर घुसी तो चारों तरफ ईंट, बारूद व अन्य सामान बिखरे पड़े थे !इस हादसे में अनवरी पत्नी जावेद, नाजिया पुत्री जावेद, जावेद पुत्र अनवर तथा जावेद की मां फातिमा की मौत हो गई है। इसके अलावा आजाद, रामसजन, नेहा, प्रियंका, चंदन, साहिन, समां, चांदनी, अफसाना आदि घायल हैं। जावेद के बगल में अलीहसन का घर है जिनके मकान की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है।                


योजना के संबंध में जिलाधिकारियों को आदेश

संदीप मिश्र


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वनवासी (ट्राइब्स एंड अदर ट्रेडिशनल फॉरेस्ट डवैलर्स) को लाभार्थी के रूप में शामिल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।


प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, कृषि ,डॉ देवेश चतुर्वेदी द्वारा इस संबध में समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान योजना) के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत पट्टाधारी वनवासियों को योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि योजना की गाइडलाइन के अनुसार पात्रता शर्तों को पूर्ण करने पर अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत पट्टाधारी वनवासियों को योजना में शामिल किया जाए।


परिपत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि भारत सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों एवं योजना की गाइड लाइन के अनुसार पात्रता की श्रेणी में आने पर अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वनवासियों (रिकग्नीशन आॅफ फाॅरेस्ट राइट एक्ट-2006) को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ निर्धारित नियम एवं प्रक्रिया के अनुसार दिलाया जाये।                  


ब्लॉक स्तर के अधिकारियों में भ्रष्टाचार व्याप्त

ग्राम विकास अधिकारी ने कहा पहले 10525 रुपये भेजो फिर मिलेगी जानकारी


ग्राम निधि का ब्यौरा माँगने पर ग्राम विकास अधिकारी ने पत्राचार कर मांगी बड़ी रकम
आरटीआई कानून के तहत मांगी गई थी जानकारी


विवेक मिश्र 


फतेहपुर। शासन व प्रशासन के लाख निर्देशों के बावजूद भी ब्लाक स्तरीय अधिकारियों की भ्रष्टाचार नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा। जो कि सारे सरकारी नियम कायदों को धता बताते हुए पूरी तरह ना सिर्फ अपनी मनमानी पर उतारू हैं बल्कि इन्होंने अपनी भृष्टाचारी करतूतों को छिपाने के लिये आर टी आई सूचना के अधिकार कानून को भी असफल करने का नया तरीका ईजाद करते हुए जवाब माँगने वालों से लम्बी रकम अदायगी कराने का नया तरीका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जिससे आवेदक द्वारा रकम अदायगी ना कर पाने की दशा में इनकी भ्रष्ट नीति व सरकारी धन के बन्दरबांट की पोल खुलने से बची रहे।
  ऐसा ही एक मामला जिले की भिटौरा विकास खण्ड की जगतपुर आदिल ग्राम पंचायत का प्रकाश में आया है जहाँ के निवासी प्रेमसागर मिश्रा पुत्र शिवअनंत मिश्रा के द्वारा सूचना के अधिकार (आर टी आई) द्वारा ग्राम विकास अधिकारी से अपनी ग्राम पंचायत में पाँच वर्ष में खर्च की गई विकास निधि का सात बिंदुओं के तहत ब्यौरा मांगा गया था किन्तु ग्राम विकास अधिकारी द्वारा आवेदक को आय का ब्यौरा देना तो दूर बल्कि आय ब्यय का ब्यौरा देने के एवज में उल्टा ही पहले 10525 रुपये ग्राम निधि में अदायगी करने का प्रस्ताव पत्राचार द्वारा भेजा गया। और रकम की अदायगी ना करने पर ब्यौरा देने से स्प्ष्ट इंकार कर दिया गया। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपनी गड़बड़ नीतियों में पर्दा डालने की इस नई करतूत ने आवेदन कर्ता समेत आवाम को भी ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सूचना का अधिकार कानून महज एक दिखावा है या इसे टिपिकल बनाने की कोशिश है ताकि ग्राम निधि में किये गए बंदरबांट को छुपाया जा सके। उधर प्रेमसागर ने इसकी शिकायत प्रथम अपीलीय अधिकारी व जिलाधिकारी से की है प्रार्थी ने जन सूचना न उपलब्ध कराये जाने के मामले में डीएम से उक्त ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 नवंबर 05, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-81 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, नवंबर 05, 2020
3. शक-1980, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. प्रातः 06:31, सूर्यास्त 05:25।


5. न्‍यूनतम तापमान 15+ डी.सै., अधिकतम-29+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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मंगलवार, 3 नवंबर 2020

'कोरोना' से ज्यादा खतरनाक है गन्दगी

कोरोना से ज़्यादा खतरनाक है गन्दगी की बीमारी


आसपास के वातावरण साफ सुथरा हो तो किसे अच्छा नहीं लगता ।है हर जगह हर कोना आस पास का स्वच्छ और साफ हो ऐसी जगह सबको ही भाती है और इसमें नगर पालिका और स्वच्छता कर्मी का बहुत बड़ा योगदान रहता है। वह तो अपनी तरफ से पूरा योगदान देते हैं। परंतु इसके बावजूद कुछ लोग गंदगी और कचरा करने से बाज नहीं आते हैं। वह भी इंसान ही है। आखिर कितना साफ करेंगे इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास की साफ रखने की जिम्मेदारी स्वयं लेनी होगी ताकि साफ-सफाई से हम स्वस्थ रहें और हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहे। लोनी सहर के अन्दर इतनी गन्दगी है कि कहा नही जा सकता लोनी की हर एक कलोनी दूषित है।कही पर नाले का पानी सड़को पर है तो कही पर कूड़े का भंडार हर कोई अपने गली मोहल्ले के खाली प्लॉट के अन्दर कूड़ा डालते है जिसे बहुत ज्यादा बीमारी उत्पन्न होती ड़ेंगू मछर भी इन्ही गंदगी के करण होते है लगभग 70% बीमारी का कारण ही गन्दगी है एक बार तो कोरोना का इलाज है मगर गन्दगी का नही इसका सही रामबाण इलाज है हर एक व्यक्ति को जागरूक होना हर कोई ये ठान ले की में कूड़ा कूड़े दान में डालूंगा तो 50% गन्दगी काम हो सकती है और 50% गंदगी काम करने की जिमेवारी नगर पालिका की है कही न कही वो भी इस को लेकर ढील दी रहे है वो बस कुछ ही जगहों पर जा कर सफाई करते है ना कि हर जगह जा कर स्वच्छ भारत मिशन से हर किसी को जुड़ना चाहिए और अपने आस पास सफाई रखनी चाहिए औऱ लोगो को जागरूक करना चाहिए औऱ ये काम एक जिम्मेदार नागरिक ही कर सकता है।                 


झूठे मुकदमे बाजो को जेल भेजने की तैयारी

अलवर। पुलिस झूठे मुकदमे बाजों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी कर रही है। झूठी शिकायतें कर पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद करने वालों के लिए कानूनन सात साल के कारावास या आर्थिक दंड का प्रावधान है। एसपी डाॅ. नितिनदीप ब्लग्गन के आदेश से झूठे मुकदमे बाजों को शिकंजे में कसने की कार्रवाई सबसे पहले अलवर गेट थाना पुलिस ने की है। थाना क्षेत्र के ऐसे 40 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें जांच के बाद “अदम वकू झूठ’ में एफआर लगाई जा चुकी है। पुलिस अब इन मामलों में परिवादियों पर कानूनी कार्रवाई कर दंडित कराने की कार्रवाई कर रही है। पुलिस की इस सख्ती से झूठी शिकायत करने के आदतन लोगों में भी खौफ पैदा होगा और झूठे मामलों में कागजी कार्रवाई, तफ्तीश और अन्य साधनों समय के दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा।           


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...