शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

1 साल पहले ही फैल चुका था वायरसः चीन

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोन वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है। इसके साथ ही कोरोना महामारी के लिए सभी देश चीन को जिम्मेदार मान रहे हैं, लेकिन चीन इसको लेकर अभी भी रोज नई-नई चाल चल रहा है। चीन ने अब दावा किया है कि कोरोना वायरस पिछले साल ही पूरी दुनिया में फैल चुका था, वो ऐसा पहला देश बना जिसने कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी दुनिया को दी। इसी वजह से सभी ने बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए।


दरअसल शुरू से ही ये माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की शुरूआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। ये वहां के मीट मार्केट से फैला है। आशंका है कि चमगादड़ या फिर पैंगोलिन के जरिए ये मनुष्यों में आया। इसके अलावा अमेरिका ने एक अलग दावा किया था, जिसके मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान की बायो लैब में कोरोना वायरस को तैयार किया था और यहीं से वो पूरी दुनिया में फैला। इसके अलावा दुनिया का शक इसलिए भी बढ़ा क्योंकि चीन में अभी तक 91 हजार के करीब मामले सामने आए हैं, जबकि बड़े देशों में आंकड़ा लाखों में है।


विदेश मंत्रालय ने दी सफाई


चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस एक नए तरह का वायरस है। रिपोर्ट सामने आने के बाद अधिक से अधिक तथ्य सामने आते हैं, हम सभी जानते हैं कि पिछले साल के अंत में दुनिया में कई जगहों पर कोरोना महामारी फैल गई थी, जबकि चीन इस वायरस को रिपोर्ट करने वाला पहला देश था। प्रवक्ता के मुताबिक चीन ने ही इस वायरस से संबंधित लक्षण, जांच, जीनोम आदि दुनिया से साझा किए। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के भी आरोपों को खारिज किया है।3.65 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित


मौजूदा वक्त में दुनिया में कोरोना वायरस के 3.65 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही 10 लाख से ज्यादा मौते हुई हैं। शुरूआत में चीन इस महामारी का केंद्र था, जिस वजह से चीनी सरकार ने 23 जनवरी को वुहान में लॉकडाउन लगाया। इसके बाद 91 हजार के आसपास आंकड़ा थम गया। आंकड़ों का देखें तो ऐसा लगता है कि चीन में कोरोना रह ही नहीं गया। कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन ने कोरोना की वैक्सीन अपने नागरिकों को दे दी है या फिर वो आंकड़े छिपा रहा है। वहीं भारत में 69 लाख से ज्यादा मरीज अब तक सामने आ चुके हैं।                


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)











 अक्टूबर 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-57 (साल-02)
2. रविवार, अक्टूबर 11, 2020
3. शक-1944, अश्विन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:05, सूर्यास्त 06:25।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


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शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

राहुल ने 'पीएम' मोदी का बनाया मजाक

राहुल ने पीएम मोदी का बनाया मजाक, भाजपा बोली- ‘अज्ञानता का कोई इलाज नहीं। 


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच विज्ञान के सवाल को लेकर तकरार जारी है। यह तकरार तब शुरू हुई जब राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी ने एक वैश्विक पवन ऊर्जा के सीईओ के साथ बातचीत के दौरान यह सुझाव दिया कि क्या पवन ऊर्जा के माध्यम से हवा से पानी निकाला जा सकता है, का मजाक बनाया।
राहुल ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी और वेस्टस के सीईओ हेनरिक एंडरसन की बातचीत का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, “भारत के लिए वास्तविक खतरा यह नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री को समझ नहीं है। खतरा यह है कि उनके आसपास किसी में भी उन्हें कुछ बताने की हिम्मत नहीं है।”
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल को जवाब देते हुए कहा, “राहुल गांधी के आसपास किसी को भी यह बताने की हिम्मत नहीं है कि वह नहीं समझते हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का मजाक उड़ा रहे हैं, जबकि दुनिया की अग्रणी कंपनी के सीईओ ने उनकी सराहना की है।” गोयल ने एक विदेशी मीडिया हाउस के हवा से पानी निकालने का हवाला देने वाला लिंक साझा किया।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल को ‘एंटाइटल्ड ब्राट’ और ‘क्लूलेस’ बताया। उन्होंने कहा, “अज्ञानता का कोई इलाज नहीं है। राहुल को लगता है कि पूरे विश्व में जैसे वह है, वैसा ही सब हैं।” उन्होंने आगे कहा, “वह प्रधानमंत्री के विचारों का तब मजाक बना रहे हैं, जब दुनिया की प्रमुख पवन ऊर्जा कंपनी के सीईओ उन्हें प्रेरणादायक बताया है। वीडियो के अंतिम बिट को स्वयं पोस्ट करें।”
वेस्टस के सीईओ प्रधानमंत्री मोदी की बात सुनने के बाद मुस्कुराते हुए कहते हैं कि उनके विचार कंपनी के वैज्ञानिकों को चुनौती देंगे और साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को डेनमार्क में कंपनी का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राहुल का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, “राहुलजी कल सुबह कृपया रात को उठें और उन दो वैज्ञानिक पत्रों को पढ़ें जिन्हें मैंने इसके साथ जोड़ा है। हालांकि मुझे यकीन है कि आपके गैर-कार्यशील मानसिक ‘टर्बाइन’ की स्थिति को देखते हुए आप इस विषय की जटिलता को नहीं समझ पाएंगे।” पात्रा ने कुछ पत्रिकाओं का लिंक भी साझा किया, जिससे पता चला कि पवन टर्बाइन पतली हवा से पानी बना सकते हैं।                    


देहरादून में अमेरिकी महिला से दुष्कर्म किया

अमेरिकी महिला से ऋषिकेश में रेप का आरोप- ड्रग्स देकर किया दुष्कर्म


श्रीराम मौर्य


देहरादून। धर्मनगरी में योग सीख रही (American woman)अमेरिकी महिला से दुष्कर्म का मामला ऋषिकेश (उत्तराखंड)। धर्मनगरी में योग सीख रही अमेरिकी महिला से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। अमेरिकी महिला ने ड्रग्स का सेवन कराकर कथित रूप से बलात्कार करने का आरोप इस युवक पर लगाया है। पुलिस ने इस मामले में एक युवक पर केस दर्ज किया है। भाजपा, कांग्रेस की सरकारों में दलितों पर अत्याचार बढ़ा। मायावती ऋषिकेश के मुनि की रेती थाने के प्रभारी निरीक्षक राम किशोर सकलानी ने बताया कि अमेरिका की 37 वर्षीय महिला ने लिखित शिकायत में कहा है कि तपोवन निवासी अभिनव राय ने उसके साथ कथित रूप से कई बार बलात्कार किया। इस दौरान आरोपी युवक ने मारपीट व जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले में पुलिस ने अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं की। राजस्थान : 6 दबंगों ने पुजारी को पेट्रोल डालकर जलाया 1 गिरफ्तार उन्होंने बताया कि अमेरिकी महिला का आरोप है कि अभिनव ने उसे कई बार अपने फ्लैट पर बुलाकर धोखे से ड्रग्स का सेवन कराकर कथित रूप से बलात्कार किया। पीडि़ता योग सीख रही है और योग के बहाने ही दोनों एक-दूसरे के करीब आए थे। पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि अभिनव के पिता उसपर केस वापस लेने के लिए दबाव डाल रहे हैं। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।                 


मृतक-1,6,490, संक्रमित-69 लाख, 6 हजार

देश में कोरोना मामले 69 लाख के पार, 24 घंटे में 70,496 नए मामले और 964 मौतें।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 69 लाख 6 हजार के पार हो गई है। इनमें से एक लाख 6 हजार 490 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या घटकर 8 लाख 93 हजार हो गई और कुल 59 लाख 6 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के एक्टिव केस की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या छह गुना ज्यादा है। देश में लगातार तीन हफ्तों से नए रिकवरी केसों की संख्या, नए कोरोना केसों से अधिक आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, नए संक्रमण से ज्यादा ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटों में 70 हजार नए कोरोना मामले दर्ज किए गए और 78,365 मरीज ठीक भी हुए हैं।हालांकि 964 मरीजों की जान भी चली गई। आईसीएमआर के मुताबिक, 8 अक्टूबर तक कोरोना वायरस के कुल 8 करोड़ 44 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 11 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई। पॉजिटिविटी रेट करीब सात फीसदी है।  सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में एक्टिव केस। देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है। 
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.54% हो गई। इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी घटकर 13% हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 85% पर है। भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।             


एचसी ने 34 बिंदुओं पर सरकार से मांगी रिपोर्ट

उत्तराखंड के अस्पतालों के बिगड़ते हालत पर हाईकोर्ट ने 34 बिंदुओं पर राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट


पंकज कपूर


देहरादून। हाईकोर्ट ने सरकार से राज्य के सभी अस्पताल और हेल्थ सेंटरों को लेकर 34 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि राज्य के अस्पतालों की क्या दशा है? उनमें कितने डॉक्टर हैं। कितने डॉक्टरों की कमी है? कितने ब्लड बैंक हैं? इन अस्पतालों में क्या सुविधा है? दवा, बिजली, पानी की क्या व्यवस्था है? चीफ जस्टिस की कोर्ट ने हफ़्ते में पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इसका स्कोप बढ़ा दिया और सरकार से पूरे उत्तराखंड के अस्पतालों की रिपोर्ट देने को कहा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी कहते हैं कि हाई कोर्ट ने जिन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है वह पूरा चार्ट बनाकर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद कोर्ट में दिया गया था। इस आदेश के बाद उम्मीद है कि पहाड़ की स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक होंगी।
सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है। जिन सरकारी अस्पतालों पर आम जनता के स्वास्थ्य का जिम्मा है उनमें न तो पर्याप्त डाक्टर हैं और न ही संसाधन। अब तक भी सरकारें इस मर्ज का इलाज नहीं ढूंढ पाई है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए बीते सालों में नीतियां तो बनी मगर धरातल पर उतरी नहीं। यही वजह है कि इतने साल बाद भी सरकारी अस्पतालों में स्वीकृत पदों के अनुरूप न ही डॉक्टरों की तैनाती हुई और न ही अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता। हैरान करने वाली बात यह कि 13 जनपदों में स्थित सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के कुल 2715 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 1547 पर ही डॉक्टर तैनात हैं। इनमें भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है।                 


'स्वामित्व संपत्ति कार्ड' बांटने का कार्यक्रम रद्द

'स्वामित्व संपत्ति कार्ड' बांटने का कार्यक्रम रद्द  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की वजह से...