बुधवार, 26 अगस्त 2020

समुदाय को पुनर्वासित करने की योजना

समुदाय को रोजगार के लिए अब तक गठित नहीं हो पाई समिति


दुर्गेश मिश्रा


ऋषिकेष। गुजर समुदाय को पुनर्वासित करने की योजना फाइलों में ग़ज़ल की पंक्तियां बनकर रह गई हैं। सरकारी अफसरों और लाभार्थियों की दशा ऐसी है मानो एक दूसरे से कह रहे हों कि ‘अपनी धुन में रहता हूँ, मैं भी तेरे जैसा हूं। ऐसा इसलिए भी है कि एक ओर तो सूचीबद्ध हुए लाभार्थी योजना का लाभ लेने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं दूसरी ओर समीक्षा बैठक में तय हुई रूपरेखा पर वन विभाग के अफसर कुंडली मारकर बैठ गए हैं। 
गुजर पुनर्वास योजना की हालत बिल्कुल कॉमेडी सर्कस जैसी हो गई है। यानी समीक्षा बैठक के नाम पर बड़े बड़े अफसर गंभीर मुखमुद्रा में रणनीति बनाते हैं। उसके बाद वर्षों तक सरकारी स्याही फाइलों में मटमैली होती रहती है। ऐसी ही एक बैठक बीते 20 जुलाई को बड़े भारी मंसूबे के साथ वन विभाग के दिग्गज अफसरों ने की थी। सरकारी भाषा मे इसे समीक्षा बैठक कहा गया। जाहिर है इस दौरान चाय की चुस्कियों के साथ गुजर समाज के विकास की रूपरेखा भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज की गई। फिलहाल जो मौजूद नतीजा है वो ये साबित करने के लिए काफी है कि गुजर समुदाय के जो लोग पुनर्वास का लाभ पाने के लिए सूचीबद्ध किए गए थे दरअसल उन्हें सरकारी योजना की मलाई खाने का शौक ही नहीं है। खामख्वाह सरकारी अमला उन्हें जमीन आवंटित करने पर तुला हुआ है। वजह ये है कि सरकारी दस्तावेज भी कह रहे हैं कि 104 परिवारों में से सिर्फ 28 ने लाभ उठाने में रुचि दिखाई। हालांकि इसमें वन विभाग के अफसरों ने भी कम लापरवाही नहीं बरती है। काफी दिनों तक तो राजाजी रिजर्व प्रशासन को 28 की सूची भी नहीं सौपी गई। 
दूसरी ओर सरकारी मुलाजिमों की दलील है कि कई बार गेड़ी खत्ता/पथरी के लाभान्वितों को भूमि आवंटित करने के बाद नोटिस जारी किया गया फिर भी कब्जा करने नहीं पहुंचे।


अधिकारियों की उम्मीद अब भी बरकरार


ऋषिकेश। समीक्षा बैठक में मौजूद अफसरों को अब भी उम्मीद है कि अंतिम सूची के शेष रह गए 76 आवंटी कभी भी भूखंड पर कब्जा लेने आ सकते हैं। लिहाज भूखंड अब भी सुरक्षित रखे गए हैं। 
कागजों में दौड़ रहीं सुनहरी योजनाएं
ऋषिकेश। प्रमुख वन संरक्षक की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि गूजरों के मवेशियों की रक्षा के लिए पशुचिकित्सक उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए एक सोसाइटी का गठन हो। जमीनी हकीकत ये है कि गुर्जर परिवार के युवा सोसायटी बनने का इंतजार कर रहे हैं। शासन का सपना था कि बेरोजगार युवक युवतियों को नेचर गाइड आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें उद्यमी बनाया जाय। इसके साथ ही आवंटित प्लाटों को दलदल की समस्या से मुक्त करने के लिए स्थलीय परीक्षण कर समाधान के निर्देश थे। फिलहाल गुजर परिवार अपनी धुन में हैं और वन विभाग के अफसर फाइलों में अलग ही इतिहास रच रहे हैं।






                   





मामलों के 3 प्रमुख राज्यों में 'बिहार' शामिल

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की बेहतर दर (रिकवरी रेट) वाले तीन प्रमुख राज्यों में बिहार शामिल हो गया। यहां कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 83.74 फीसदी दर्ज की गई। जबकि बिहार के अतिरिक्त दिल्ली में 90 फीसदी और तमिलनाडु में 84 फीसदी हैं। वहीं देश में रिकवरी रेट 75 फीसदी दर्ज की गई है। 
बिहार में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर अबतक पांच कोविड 19 डेडिकेटेड अस्पताल बनाये गए हैं और छठे 500 बेड के कोरोना  डेडिकेटेड अस्पताल का निर्माण मुजफ्फरपुर में हो रहा है। 


कोरोना की सर्वाधिक जांच करने वाले पांच राज्यों में बिहार शामिल 
दूसरी ओर, बिहार कोरोना संक्रमितों की जांच करने वाले पांच प्रमुख राज्यों में शामिल हो गया है। अबतक उत्तरप्रदेश में सर्वाधिक 46, 74, 620 सैम्पल की जांच हुई है। जबकि दूसरे स्थान पर तमिलनाडु है जहां 42,76,640, तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है जहां 32, 82, 501 और चौथे स्थान पर आंध्रप्रदेश है जहां 32,82, 501 सैम्पल की जांच हुई है। जबकि बिहार में अबतक 25 लाख 70 हजार 970 सैम्पल की जांच की जा चुकी है। वहीं, कर्नाटक छठे स्थान पर बिहार के ठीक पीछे है जहां अबतक 25 लाख 30 हजार सैम्पल की जांच हुई है। 


बिहार में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर देश में सबसे अधिक होने के लक्ष्य की ओर हम बढ़ रहे हैं। मरीजों की मांग के अनुसार जांच और इलाज की व्यवस्था दुरुस्त की गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है।           


चीन के खिलाफ भारत के पास विकल्प ?

बीजिंग। भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत की 24 अगस्त को की गई 31 शब्दों की एक टिप्पणी ने अधिकतर अख़बारों के पहले पन्ने पर जगह बनाई और साथ ही इस पर ख़ासी चर्चाएं भी हुईं। इसमें उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था, "लद्दाख में चीनी सेना के अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्प भी है लेकिन यह तभी अपनाया जाएगा जब सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता विफल रहेगी।


रक्षा सेवा में रहे दिग्गजों ने शायद ही उनके इस बयान पर भौंहें चढ़ाई हों। सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख रहे लेफ़्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डी.एस. हुड्डा ने कहा, "क्या सीडीएस कह सकते हैं कि सैन्य विकल्प मौजूद नहीं हैं? मुझे लगता है कि वो केवल तथ्य बता रहे थे।


भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख पद से रिटायर होने वाले एयर मार्शल अनिल खोसला कहते हैं, "सीडीएस ने जो कहा, मुझे उसमें कुछ भी ग़लत नहीं लगा. यह एक नपा-तुला बयान था और मुझे लगता है कि यह थोड़ा पहले आ जाना चाहिए था।


चीनी सेना कैसी है?


जनरल रावत के बयान के निहितार्थ निकालने से पहले हमें चीन के बारे में भी जान लेना चाहिए।


चीन की ज़मीनी सीमा 22,000 किलोमीटर और तटीय सीमा 18,000 किलोमीटर लंबी है। इसके अलावा विदेशों में भी उसने अपना आधारभूत ढांचा तैयार किया हुआ है जिसमें जिबूती में उसका बेस भी शामिल है। भारत में जहां पर रक्षा बलों को रक्षा और गृह मंत्रालय अलग-अलग नियंत्रित करते हैं वहीं चीन में एक सेंट्रल मिलिट्री कमिशन (सीएमसी) है।सीएमसी को सेना का प्रमुख अंग और उसके सैन्य बलों का कमांडर बताया जाता है और इसका नेतृत्व चेयरमैन और वाइस चेयरमैन करते हैं।


चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सीएमसी के चेयरमैन हैं।


सीएमसी चीन के हर एक सैन्य बल को नियंत्रण करती है। इनमें पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), पीएलए नेवी (पीएलएएन), पीएलए एयर फ़ोर्स, (पीएलएएएफ़) पीएलए रॉकेट फ़ोर्स (पीएलएआरएफ़), पीएलए स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फ़ोर्स (पीएलएएसएसएफ़) और पीएलए जॉइंट लॉजिस्टिक सपोर्ट फ़ोर्स (पीएलएजेएलएसएफ़) शामिल हैं।           


मृतक संख्या-1059 संक्रमित-32 लाख

देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 32 लाख के पार…24 घंटे में 67,151 नए मामले…एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के मामलों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 32 लाख के पार जा चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 67,151 नए मरीज सामने आए और 1059 लोगों की मौत हो गई। ये कोरोना मामलों की संख्या बीते दिन दुनिया के बाकी देशों में सबसे ज्यादा है।  अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 40,098 और 46,959 नए मामले आए हैं। भारत में 22 अगस्त को रिकॉर्ड 69,878 कोरोना मामले आए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 32 लाख 34 हजार 474 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 59,449 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या 7 लाख 7 हजार हो गई और 24 लाख 67 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब तीन गुना अधिक है।


मृत्यु दर में गिरावट
राहत की बात है,कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.83% हो गई। इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल रहा है उनकी दर भी घटकर 22% हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 76% हो गई है।भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।


आईसीएमआर  के मुताबिक, 25 अगस्त तक कोरोना वायरस के कुल 3 करोड़ 95 लाख सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 9 लाख सैंपल की टेस्टिंग कल की गई।पॉजिटिविटी रेट 7 प्रतिशत से कम है।एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य आंकड़ों के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।महाराष्ट्र में डेढ़ लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर दिल्ली, चौथे नंबर पर गुजरात और पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल है।इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है।           


पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में आया भूकंप

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में महसूस किए भूकंप के झटके, तीव्रता 4.1 मापी गई।


कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई है। हालांकि अभी तक किसी प्रकार के जान माल के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।भूकंप आने पर क्या करें क्या न करे। भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें। 
जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें। चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें।ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो।
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें। टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें। घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें।आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें।लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं। झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो माचिस हरगिज़ न जलाएं क्‍योंकि इस दौरान गैस लीक होने का खतरा हो सकता है। हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं. किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें। किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके।यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें। यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें।           


दिल्ली दंगों का आरोपी, असम से अरेस्ट

दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील इमाम असम से गिरफ्तार, पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। दिल्ली दंगों को भड़काने का आरोपी और मास्टरमाइंड कहा जाने वाला जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का छात्र शरजील इमाम असम से गिरफ्तार कर लिया गया है।
इमाम को दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस काफी दिनों से खोज रही थी। दिल्ली पुलिस ने यूऐपीऐ के तहत इसे गिरफ्तार कर लिया है। शरजील इमाम को आज दिल्ली की कोर्ट में पेश किया जाएगा। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे असम से गिरफ्तार किया है। शरजील इमाम पर दिल्ली दंगो की साजिश रचने का आरोप है। इसने भड़काऊ भाषणों के जरिए दंगों को फैलाया था।शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस दो दिन पहले असम से प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लेकर दिल्ली आई थी।मंगलवार को स्पेशल सेल की टीम ने औपचारिक तौर पर उसे गिरफ्तार कर लिया। इस साल फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।और काफी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। जिसमें शरजील इमाम के खिलाफ सबूत मिलने का दावा पुलिस ने किया था। शरजील इमाम ने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले भू-भाग से काटने की बात भी कही थी।            


बच्ची के पीछे-पीछे शौचालय में घुसें दरोगा

बच्ची के पीछे-पीछे शौचालय में घुस गए दरोगा, बनाया हवस का शिकार और फिर


देहरादून। उत्तराखंड को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां उत्तर काशी में रक्षक ही भक्षक निकला है। 11 साल की बच्ची से रेप के आरोप में शहर कोतवाली पुलिस ने कंट्रोल रूम 112 में तैनात एएसआई को गिरफ्तार किया है। आईजी संचार ने एएसआई को निलंबित कर दिया है।डीआईजी अरुण मोहन जोशी के मुताबिक, कंट्रोल रूम 112 में तैनात मेन बाजार बड़कोट उत्तरकाशी के रहने वाले एएसआई संजीव जगूड़ी शहर कोतवाली क्षेत्र में परिवार समेत ससुर के सरकारी मकान में रहता है। उसके मकान के पड़ोस में सरकारी मकान में ही एक दिव्यांग परिवार रहता है।
बताया जा रहा है कि 23 अगस्त की दोपहर को एएसआई ड्यूटी कर घर लौटा था। इसी दौरान 3 बजे घर के पीछे शौचालय में पड़ोस में रहने वाली 11 साल मासूम बच्ची गई थी।
आरोप है कि एएसआई ने शौचालय में घुसकर बच्ची को हवस का शिकार बनाया।
बच्ची की मां को संदेह तो वो शौचालय पहुंची और शौचालय का दरवाजा खटखटाया। इस दौरान एएसआई ने मां को महिला को धक्का देकर मौके से फरार हो गया। बच्ची की मां ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
सूचना मिलने के बाद सीओ सिटी शेखर सुयाल, शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी मौके पर पहुंचे और पीड़ित पक्ष से पूरे मामले की जानकारी ली। पुलिस ने बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर एएसआई के खिलाफ पॉक्सो और रेप का केस दर्ज किया। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।             


युद्ध: अमेरिका ने अपने दूतावास को बंद किया

युद्ध: अमेरिका ने अपने दूतावास को बंद किया  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को/कीव/वाशिंगटन डीसी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका ने क...