रविवार, 9 अगस्त 2020

परीक्षार्थियों में नहीं दिखा सोशल डिस्टेंस

बरेली। उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा शुरू हो गई है। रविवार को सुबह 7:00 बजे से ही परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का पहुंचना प्रारंभ हो गया। बरेली कॉलेज समेत कई केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आईं। सीटिंग प्लान देखने को छात्र एक दूसरे पर टूटते रहे। कोरोना संक्रमण के भय से शिक्षक भी छात्रों से दूरी बनाए रहे।यहां तक कि बिना तलाशी लिए ही उन्हें केंद्रों पर प्रवेश दे दिया गया। सुबह 9 बजे से परीक्षा शुरू हुई। छात्रों को 9:30 बजे तक एंट्री दी गई। इसके बाद आने वालों को प्रवेश नहीं दिया गया। एमजेपी रुहेलखण्ड विश्विद्यालय के मुख्य द्वार से हाइवे तक भीड़ रही। इससे सड़क पर जाम लगता रहा। जिले के 30 केंद्रों पर परीक्षा के लिए 14,800 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।                


एक किस और एक करोड़ के हीरे गायब

नई दिल्ली । सेंट्रल दिल्ली में बुधवार को हीरे की लूट की एक अजीब वारदात सामने आई। बाइक पर सवार दो लुटेरों ने अपने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था और वे बड़ी ही चालाकी से 1 करोड़ के हीरे अपने पास की कार से लूट कर चलते बने। हालांकि वे बाद में पुलिस की पकड़ में भी आ गए।


बुधवार को शाम 3 बजे के करीब 49 वर्षीय रवि कपूर अपनी पत्नी के साथ एक जूलरी शॉप से अपनी कार में लौट रहे थे। इसी दौरान रानी झांसी रोड पर बाइक सवार दो लड़कों ने उनकी कार को सामने से रोका। बाइक सवार युवकों ने गाड़ी के सामने आकर उनकी कार को रोकने को कहा। जब कार रुकी तो कपूर ने गाड़ी का दरवाजा खोला और उनसे बात करने को आए।


जब वे वापस कार में बैठने लगे तो बीच वारदात हो गई।


उनकी पत्नी की सीट के बगल में एक छोटा बैग रखा हुआ था जिसमें 1 करोड़ के हीरे और 10 लाख रुपए कैश थे। जब तक वे दोनों कुछ समझ पाते तब तक एक बाइकर ने उसके हाथ से वो बैग छीना और बाइक पर सवार होकर फुर्र हो गया। जैसे ही कपल ने हाथ बढ़ाकर उन्हें रोकने की कोशिश की वे दोनों उन्हें फ्लाइंग किस देकर वहां से भाग गए।


कपूर ने इसके बाद फौरन पुलिस को फोन किया जिसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस के मुताबिक ये ठकठक गैंग की वारदात है। इसके गैंग पहले ड्राइवर को अपनी बातों में फंसा कर उन्हें गाड़ी से उतारते हैं फिर लूट लेते हैं। इस गैंग के लोग दिल्ली और इससे बाहरी इलाकों में भी सक्रिय हैं। पुलिस के मुताबिक इनके सदस्यों को पकड़ भी लिया जाता है तो चोरी किया हुआ सामान बरामद कर पाना नामुमकिन है क्योंकि ये फौरन उसे गायब कर देते हैं।


डीसीपी ने बताया कि शिकायत दर्ज किए जाने के फौरन बाद हमने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दूसरे की तलाश जारी है।


कोरोना के साथ बेरोजगारी का कहर

साल 2020 जब शुरू हो रहा था तो लोग अपने नये साल के संकल्प को निर्धारित कर रहे थे और अपना-अपना लक्ष्य तय कर उस दिशा में काम कर रहे होंगे। मगर यह किसी को मालूम नही था कि, एक वायरस के कारण ऐसी स्थिति आयेगी कि घर से दूर या घर में काम कर रहे सभी कामगारों को धीरे-धीरेे बेरोजगारी का सामना करना पडे़गा। आज का समय ऐसा समय है कि, हम इसकी कभी कल्पना भी नही किये थे। दूसरी बात यह कि, यह समय इतना लम्बा होगा यह भी कभी नहीं सोचा था। हमारे देश भारत में लाॅकडाउन मार्च से शुरू हुआ था तो लगता था कि, एक महीने में सब कुछ ठीक हो जायेगा। परन्तु ऐसा कुछ भी नही हुआ। आज अगस्त का महीना चल रहा है और औपचारिक रूप से आर्थिक नुकसान को देखते हुऐ अनलाॅक 1, 2, और 3 कर दिया गया है लेकिन यह अवधि भी इतनी लंबी थी कि, भारत के सभी रोजगार के क्षेत्र बहुत प्रभावित हुए है और किसी न किसी रूप में इस महामारी ने हर किसी को नुकसान पहुंचाया है।


शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अनुसंधान, पर्यटन, परिवहन, निर्माण, उद्योग, लघु एवं कुटीर उद्योग तमाम क्षेत्रो में लोंगो को परेशानियों का सामना करना पर रहा है। यहां तक कि कई क्षेत्र को तो व्यापक रूप से बंदी का सामना करने के साथ-साथ अपने कर्मचारियों को पगार काटना एवं नौकरी से निकालना जैसे स्थिति आ गई है और यह वर्तमान में भी चल रहा है। ऐसे बहुत लोग और परिवार हमारे देश में है जो अपने बचत के पैसे से घर चला रहे है, तो कोई कर्ज लेकर अपना घर चला रहा है। लाखों ऐसे मजदूर वर्ग के लोग हैं जो दिन में एक बार भोजन कर जैसे तैसे घर चला रहे है। वर्तमान स्थिति तो अब ऐसी हो गई है कि बहुत लोग तनाव के कारण आत्म हत्या भी कर रहे है।


महामारी कि जो स्थिति है वह अभी कम होने वाली नही है। वही आर्थिक को देखते हुए, हर संस्थान को अब खोल ही दिया गया है। परन्तु अब पहले से ज्यादा सावधानी रखनी होगी। क्योंकि कोई ऐसा राज्य और जिला इस कोरोना वायरस से अछूता नही रहा। अब सभी लोंग इस कोरोना के साथ लगभग जीना भी सिख रहे हैं। कहते है कि, लाॅकडाउन का लोग तब तक ही पालन करते है जब घर में अनाज और बैंक में पैसे हो। यह बात सही भी है अगर घर के लोग भूखे और अस्वस्थ हो तो फिर कोई नही चाहेगा कि, वह घर में रहकर नियमों का पालन करें और अपने लोगों को भूखे और बीमार छोड़ दें।


जिस परिवार में एक आदमी कमाने वाला है और परिवार कि सभी जिम्मेदारी उसके ऊपर हो और अगर वह पगार कटोती और नौकरी से निकाला जैसे स्थिति का सामना कर रहा होगा तो आप सोच सकते हो कि, उस पूरा परिवार आज किस स्थिति को सामना कर रहा होगा। राशन, साग-सब्जी, दवाई, बच्चों के खर्च एवं ट्यूशन व स्कूल के फीस एवं अन्य खर्च के साथ-साथ पूरे महीने किस तरह से बितायेगा इस पर जरा विचार कर के देखें। वर्तमान में ऐसे अनेको परिवार है जो पगार कटोती और बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। कुछ लोग बस इस भयानक परिस्थिति को सबके साथ बिता रहे हैं। इस उम्मीद में कि आने वाले कुछ दिनो में सब ठीक हो जायेगा और हम फिर से पहले जैसे समान्य स्थिति में आ जाऐगें। दूसरी तरफ आप यह देख सकते है कि, पूरे देश में अनको परिवार के जिम्मेदार लोग इस तनाव भरी स्थिति का सामना करने में असमर्थ है और हर रोज कोई न कोई तनाव के कारण आत्महत्या कर रहा है।


हम अब भविष्य कि कल्पना किस अंदाज से करे यह सोचना पड़ रहा है। हमारे देश की वर्तमान में जो स्थिति है वहां हर रोज हजारों कि संख्या में समर्पित लोंगो के सामने आ रहे हैं और सैकड़ो के हिसाब से हर रोज मर रहे है। परन्तु बहुत लोेग दिन पर दिन ठीक भी हो रहे हैं। अब इन सभी परिस्थिति को देखा जाये तो खतरा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। लोगो को रोजगार के लिए घर से बाहर निकलना ही होगा और काम करना ही पड़ेगा, जो इतने दिन हम लोगों ने लाॅकडाउन में बिताया है अब आगे यह नही बरकरार रह सकता, नही तो घर, परिवार और समाज में अब बहुत वयापक रूप से तनाव हावी हो जायेगा।


आने वाले समय में हमें अब कोरोना के साथ जीना सिखने के अलावा संपूर्ण सावधानी रखनी होगी। दो गज दूरी और दो गज कफन में अब ज्यादा फर्क नही रह गया है। आप सभी लोगों से निवेदन है कि, अपने जीवन मे संतुलन बनाये रखें यह बुरा दौर जरूर है परन्तू एक दिन जरूर समाप्त होगा। पहले जैसा नही तो उससे अच्छा होगा। हमारा आने वाला वक्त। अब कुछ चिजों को ध्यान में रखकर हम अपना नित्य कर्म और जीवनयापन हेतु जो करना है। उसे करते रहे और अपनी सावधानी स्वयं रखें। किसी के भरोसे कुछ नहीं छोड़ना चाहिए। यह जीवन अपना है, इसको स्वस्थ्य रखना हमारी जिम्मेदारी है। बस दो गज कि दूरी, मास्क और जरूरत के हिसाब से सेनेटाईजर को इस्तेमाल करते रहे, भीड़ में जाकर बहादुर न बने और हो सके तो दूसरों को भी यह संदेश दे कर उनकी रक्षा करें।       


 पंकज कपूर   


कोविड सेंटर बने होटल में आग, 9 की मौत

विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में कोविड सेंटर के रूप में प्रयोग किए जा रहे एक होटल में भीषण आग लग गई है। इस घटना में 9 लोगों की मौत हो गई है और 30 लोगों को सेंटर से बाहर निकाला गया है। वहीं, इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। फिलहाल, दमकल विभाग मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में जुटा हुआ है। साथ ही राहत बचाव का कार्य जारी है। वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को दुर्घटना की जांच करने का आदेश दिया है।कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए विजयवाड़ा स्थित स्वर्णा पैलेस होटल को कोविड-19 सेंटर के रूप में तब्दील किया गया था। इस होटल में 22 मरीजों का इलाज चल रहा था। वहीं, कर्मचारियों को मिलाकर 50 के करीब लोग यहां रह रहे थे। इससे पहले, गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में एक कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लग गई थी। इसमें आठ कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया था कि यहां शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी।               


विमान हादसाः परिजनों को 10 लाख मुआवजा

कोझिकोड। केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का शहर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सरकार की ओर से अब मुआवजे का ऐलान किया गया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी है। 12 साल से ऊपर के मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। 12 साल से कम उम्र के मृतकों के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है।


विमान हादसे में गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। एयर इंडिया ने जानकारी दी है कि घायलों की हर संभव मदद की जा रही है। सूचना के लिए पैसेंजर इंफॉर्मेशन सेंटर बनाया गया है। 1800222271 इस टोल फ्री नंबर पर कॉल करके आप यात्रियों के संबंध में जानकारी ले सकते हैं। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने आज (शनिवार) कोझिकोड मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। विमान हादसे में घायल हुए कई लोगों का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी चल रहा है। वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वी मुरलीधरन भी आज घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों से जानकारी ली।


विमान हादसे के चश्मदीद सहायक उपनिरीक्षक अजीत सिंह ने बताया, 'मैं 7:30 बजे तीसरे राउंड के लिए निकला था। मैं इमरजेंसी फायर गेट पर पहुंचा, वहां सहायक उप निरीक्षक मंगल सिंह ड्यूटी पर थे। मैंने उनसे बिल बुक मांगी साइन करने के लिए। फिर मैं उनसे बात करने लगा, तभी मैंने देखा कि ऊपर से एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट डिस्बैलेंस होकर नीचे पैरामीटर रोड की तरफ गिर रही है। तभी मैंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया, तब तक प्लेन नीचे गिर चुका था। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने शिफ्ट आईसी को कॉल किया, लाइन में कॉल किया। उसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी, फायर, हमारी सीआईएसएफ की टीम और लाइन मेंबर्स रेस्क्यू के लिए आ गए। तुरंत हमने गेट नंबर एक को खोला. 25-30 वॉलंटियर्स अंदर आए। एक जेसीबी अंदर आई, मलबे के नीचे से लोगों को तुरंत निकाला गया। हम CISF वाले प्लेन के अंदर से पैसेंजर्स को रेस्क्यू कर रहे थे, उन्हें बाहर निकाल रहे थे। गेट नंबर एक से ही एंबुलेंस आईं और रेस्क्यू करके उन्हें एंबुलेंस में से जाया जा रहा था।


संघी की हत्या में नौ संघियों को उम्र कैद

कोल्लम। केरल में नौ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को आठ साल पहले आरएसएस के एक अन्य कार्यकर्ता, कदवूर जयन की हत्या के मामले में कोल्लम की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।


कोल्लम के सेशंस कोर्ट के जज सुरेश कुमार सी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुनाया, क्योंकि दो दोषी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। गौरतलब है कि कोर्ट द्वारा सभी नौ दोषियों पर 71,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, जो भुगतान करने में विफल रहे हैं, जिसके कारण उन्हें चार और साल जेल में बिताने पड़ेंगे। जुर्माने के तौर पर, कदवूर जयन की मां को 2 लाख रुपये और रघुनाथ पिल्लई को 25,000 रुपये दिए जाएंगे। जिनपर कदवूर जयन के साथ हमला हुआ था। बताया जा रहा है कि नौ में से तीन अभियुक्तों को कोर्ट धारा 148 (दंगाई, घातक हथियार से लैस) के तहत सजा नहीं दी गई है क्योंकि उन्होंने उस दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया था।


आपको बता दें कि 7 जनवरी, 2012 को कोल्लम में अपने घर के पास कदावूर जयन की 9 आरएसएस कार्यकर्ताओं ने चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। कदवूर के शरीर पर 50 घाव थे। जिन नौ दोषियों विनोद, गोपकुमार, सुब्रह्मण्यन, प्रियराज, प्रणव, अरुण, रजनीश, दिनराज और शिजू को सजा सुनाई गई है उनमें से आठ कदवूर के हैं। इस मामले में वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर इस खबर को शेयर किया है। उन्होंने आरएसएस पर तंज कसते हुए लिखा- “केरल में 9 आरएसएस कार्यकर्ताओं को एक और आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कदवूर जयन को कोल्लम में उनके घर के पास चाकू मार दिया गया, जबकि उनके बहनोई रघुनाथ पिल्लई पर भी हमला किया गया।


दर्दनाक सड़क हादसे में 4 की मौत 5 गंभीर

जयकुमार सारथी


महासमुंद। तेज रफ्तार सूमो खड़ी ट्रक में जा घुसी, जिससे सूमो में सवार 4 की मौत हो गई, वहीं 5 अन्य घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए रायपुर रिफर किया गया है, घटना रात करीब 3 बजे नेशनल हाइवे 53 में पिथौरा थाना क्षेत्र में टेका के पास हुई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।






जनकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के रहने वाले से 9 लोग सूमो में सवार होकर महाराष्ट्र जा रहे थे, वे उनकी गाड़ी महसमुंद जिले के टेका के पास पहुंची थी, कि ड्राइवर को झपकी लग गई, जिसकी वजह से सूमो अनियंत्रित होकर पहले डिवाइडर से टकराई फिर खड़ी ट्रक में जा घुसी। हादसा इतना भीषण था, कि सूमो सवार 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, उनकी बॉडी सूमो में फंसी थी, घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने उन्हें निकाला, साथ ही घायलों को इलाज के लिए रायपुर रिफर किया गया है। पुलिस ने बताया कि रात लगभग 2:30 बजे नगर से 4 किमी दूर ग्राम टेका के पास पश्चिम बंगाल से काम करने महाराष्ट्र जा रहे थे, तभी सूमो WB 60 J 5598 के ड्राइवर को झपकी आ गई। और वाहन डिवाइडर से होते हुए सड़क के नीचे खड़ी एक ट्रक से टकरा गई। जिससे वाहन का सामने का हिस्सा ट्रक के पीछे धंस गया। वाहन में कुल 9 लोग सवार थे। हादसे के बाद सभी वाहन के अंदर फंस गए। दुर्घटना की सूचना के बाद थाना प्रभारी एन के स्वर्णकार दल बल के साथ तत्काल घटनास्थल NH53 रोड ग्राम टेका राजू ढाबा के पास पहुंचे। इस घटना में सूमो सवार 9 लोगों में से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बाकी 5 गम्भीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर मेकाहारा भेज दिया गया।


पुलिस ने बताया कि फंसे हुए लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया एवं घायल व्यक्तियों को 108 वाहन से उपचार के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा में भर्ती कराया गया। सभी वाहन सवार लोगों को गंभीर चोटें आई थी एवं कोई भी बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। इसमें से 3 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। जबकि एक अस्पताल पहुंचते रास्ते मे दम तोड़ दिया था। मृतकों के नाम भारत रविदास, मिथुन सिन्हा, समल सिन्हा एवं विजय दास हैं। जबकि राकेश सिन्हा (20), उतपल सिन्हा (19),गोकुल सिन्हा (20), चिरंजीव सिंह(22) एवं कृष्णा सिगो (22) गम्भीर रूप से घायल हैं। वहीं मृतकों का शव पोस्टमार्टम ग्रह में रखा गया है।           






सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...