गुरुवार, 18 जून 2020

एनसीआर में बढ़ता संक्रमण, केंद्र चिंतित

अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं दिल्ली से लगे हुए क्षेत्र में कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी का प्रकोप तेजी से फल-फूल रहा है। वायरस का संक्रमण दिन प्रतिदिन दोगुना और रात चौगुना हो रहा है। जिस को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। केंद्र सरकार ने संक्रमण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए एनसीआर के सभी जिला अधिकारियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक समीक्षा बैठक की। जिसमें जनपद गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय भी शरीक रहे। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी दिशानिर्देश का अनुपालन किया जाएगा। जिससे वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। गृहमंत्री,भारत सरकार अमित शाह ने एनसीआर क्षेत्र के जिलाधिकारियों,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव के संबंध में वीडियो कांफ्रेंस की एवम् सभी को एक साथ एक जुट होकर इस महामारी से निपटने हेतु युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए
निर्देश दिए।


भारत में चीन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और मुलायम सिंह…


नई दिल्ली। भारत और चीन के संबंधों में एक बार फिर खटास आ गई है,क्योंकि सोमवार को दोनों देशों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई,इसे लेकर भारत में चीन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। भारत के लिए चीन खतरा नया नहीं बल्कि दशकों पुराना है।पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस चीन को भारत का दुश्मन नंबर वन मानते थे और मुलायम सिंह यादव ने तो चीन को पाकिस्तान से भी बड़ा दुश्मन करार दिया था,इस तरह से देश के दोनों पूर्व रक्षामंत्री चीन को लेकर लेकर समय-समय पर आगाह करते रहे।


बता दें कि दो दशक पहले 1998 में तत्कालीन एनडीए सरकार के रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने सामरिक दृष्टि से चीन को भारत का दुश्मन नंबर एक करार दिया था।जॉर्ज फर्नांडिस ने रक्षामंत्री रहते हुए एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘हमारे देशवासी सच्चाई का सामना करने से कतराते हैं और चीन के इरादों पर कोई सवाल नहीं उठाते।चीन जिस तरह से पाकिस्तान को मिसाइलें और आर्थिक मदद दे रहा है,म्यांमार के सैनिक शासन को सैनिक मदद दे रहा है और भारत को जमीन और समुद्र के जरिए घेरने की कोशिश कर रहा है।इससे तो यही लगता है कि चीन हमारा सबसे बड़ा दुश्मन नंबर वन है।
जॉर्ज फर्नांडिस का यह बयान उस समय कई लोगों को रास नहीं आया था।जॉर्ज के कई साथी मंत्रियों ने उनके इस बयान का खुले तौर पर विरोध किया था,इतना ही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस और वामपंथी दलों को भी जॉर्ज का यह बयान नहीं सुहाया था।हालांकि, मौजूदा दौर में चीन की इस घटना के बाद देश में कई लोग जॉर्ज की तरह ही चीन को दुश्मन नंबर वन मान रहे हैं।इसीलिए चीन को सबक सिखाने के लिए कई संगठन चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं।


मुलायम सिंह कहते थे- पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन चीन


जॉर्ज फर्नांडिस की तरह पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव भी चीन को भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन बता चुके हैं।साल 2017 में डोकलाम विवाद के बाद लोकसभा में चर्चा के दौरान मुलायम सिंह ने दो टूक कहा था कि भारत का सबसे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है। मुलायम सिंह पूर्व सरकार की आलोचना करते हुए ये भी कहा था कि तिब्बत को सौंपना भारत की बड़ी भूल थी।
मुलायम सिंह यादव चीन को लेकर इससे पहले भी कई बार सख्त टिप्पणी करने के साथ-साथ भारत को आगाह कर चुके हैं। 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मुलायम सिंह ने आरोप लगाया था चीन के घुसपैठ करने पर मनमोहन सिंह सरकार कुछ नहीं कर रही है।चीन को लेकर मुलायम सिंह द्वारा दिए गए बयान को समाजावदी पार्टी के नेता सहित कई लोग सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं।


बीजेपी सांसद ने चीन को दुश्मन नंबर वन कहा था


राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा भी चीन को भारत का दुश्मन नंबर वन मानते हैं।जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद चीन की ओर से आई प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए चीन को ‘भारत का दुश्मन नंबर वन’ बताया था। साथ ही कहा था कि चीन विस्तारवादी देश है,वो भारत का अच्छा दोस्त कभी नहीं हो सकता।राकेश सिन्हा ने कहा था कि चीन अरुणाचल पर भी दावा कर रहा है, सिक्किम पर भी दावा कर रहा है।अगर चीन के विस्तारवाद को हम मानेंगे तो भारत के कई हिस्सों को सुपुर्द कर देना पड़ेगा।


सैनिकों की 'शहादत' को किया सलाम

नई दिल्ली। भारत- चीन सीमा के गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में बिहार के छह जवान भी शहीद हो गए हैं। जवानों की शहादत की खबर से एक तरफ दुख और गम का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ चीन को लेकर काफी आक्रोश है। पूरे बिहार में अपने छह जवानों की शहादत की खबर मिलने के बाद भारत माता की जय की गूंज सुनाई दे रही है तो वहीं चीन से बदला लेने की ललकार सड़कों पर दिखाई दे रही है।

मई में होनेवाली थी बेटे की शादी, टूट गया मां के सपने

लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की झड़प में भोजपुर के दो जवानों ने अपनी शहादत दी है। सरहद की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के जवान चंदन कुमार व कुंदन ओझा शहीद हो गए। जिले में दोनों की शहादत से गम का माहौल है।

बेटे की शहादत की खबर सुन मां की सूनी आंखें बेटे को तलाश रही हैं। शादी का सेहरा पहनने से पहले ही चंदन कुमार चीन के सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए। मां का बहू लाने का सपना टूट गया। जगदीशपुर के कौरा पंचायत अन्तर्गत ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह के छोटे पुत्र चंदन की शादी इसी वर्ष जगदीशपुर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में राजमहल सिंह की पुत्री के साथ होने वाली थी।

 

पहले 29 अप्रैल को तिलक व शादी की तारीख 1 मई तय हो गई थी। लेकिन, कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख को दोनों परिवारों की सहमति से आगे बढ़ा दी गई थी।

वीरांगना पत्नी ने पति को दी सलामी, कहा-बेटों को सेना में ही भेजूंगी

बिहटा प्रखंड के सिकरिया पंचायत के तारानगर गांव निवासी 36 वर्षीय हवलदार सुनील कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही मां -बाप बेसुध हो गए। गुरुवार की सुबह शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद को पत्नी और उनकी बेटी ने आखिरी सलामी दी और वीरांगना पत्नी ने कहा कि आज मैंने पति को खोया है लेकिन मैं अपने दोनों बेटों को भी सेना में ही भेजूंगी और वे एक के बदले दस चीनी सैनिकों को मारकर अपने पिता का बदला लेंगे। सुनील के दो पुत्र आयुष (11) विराट (4) एवं एक पुत्र सोनाली (13) हैं। सभी आर्मी स्कूल दानापुर में पढ़ते हैं।

एक साल पहले हुई थी शहीद अमन की शादी, पत्नी से कहा था-जल्द वापस आऊंगा

भारत और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में समस्तीपुर ने भी अपना एक लाल खो दिया। जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सुल्तानपुर निवासी सुधीर कुमार सिंह के 24 वर्षीय पुत्र अमन कुमार सिंह (बिहार रेजीमेंट) चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही माता रेणु देवी, पत्नी मीनू देवी सहित पूरा परिवार चीत्कार उठा। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। एक वर्ष पहले 27 फरवरी 2019 को अमन से शादी हुई थी। ड्यूटी पर जाते समय उन्होंने जल्द लौटने की बात कही थी। किंतु, होनी को कुछ और ही मंजूर था।

22 साल का बेटा हुआ शहीद, पिता ने कहा-गर्व है अपने बेटे पर

लद्दाख की गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में वैशाली जिले के निवासी बिहार रेजिमेंट की 12 वीं बटालियन के जवान जयकिशोर सिंह ने देश की रक्षा में अपनी शहादत दी है।

22 वर्षीय जय किशोर के शहीद होने की खबर मिलते ही ग्रामीण, सगे-संबंधी एवं आसपास के लोग सांत्वना देने उनके घर पहुंचे। शहीद के पिता राजकपूर सिंह किसान हैं, जबकि बड़े भाई नंदकिशोर सिंह भारतीय थल सेना में सिक्किम में पदस्थापित हैं। शहीद सैनिक चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े पुत्र द्वारा छोटे बेटे के शहीद होने सूचना मिलने पर एक तरफ जहां घर में कोहराम मच गया वहीं पिता ने कहा-गर्व है कि मैं एक शहीद का पिता हूं।

गम के आंसुओं के बीच कुंदन छोड़ गया अपनी चमक

लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत में सहरसा के कुंदन का नाम दर्ज होने से जहां आरण गांव को गर्व है, वहीं चीन की तरफ से धोखे से हमला किए जाने के खिलाफ गुस्सा भी है। मंगलवार की रात कुंदन के शहीद होने की खबर उनकी पत्नी को मिली ।

बूढ़ी मां और पिता बेटे की शहादत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए। कुंदन की पत्नी की क्रंदन व चीत्कार से पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्हें मां के रोने का कारण समझ में नहीं आ रहा था वो बस भीड़ को निहार रहे थे। वर्ष 2013 में इनकी शादी घेलाढ़ थाना के इनरवा गांव में हुई। पत्नी बेबी देवी ने बताया कि 27 दिसंबर, 2019 को वो अपने गांव आए थे। करीब दो माह रहने के बाद फरवरी में ड्यूटी के लिए विदा हुए। जाते वक्त उन्होंने कहा था कि जल्द ही वापस आऊंगा। जाते वक्त यह भी कहते थे कि अगर मैं लौट के नहीं आ सका तो अपने बच्चों का ख्याल रखना। 

भारत 8 वीं बार संयुक्त परिषद का सदस्य

भारत दो साल के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का अस्‍थायी सदस्‍य चुन लिया गया है। 193 सदस्‍यों वाली संयुक्‍त राष्ट्र महासभा में भारत को 184 मत मिले।


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी कल रात सुरक्षा परिषद का चुनाव जीते हैं। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2021-22 के लिए अस्‍थायी सदस्‍यता का उम्‍मीदवार था। उसकी जीत इसलिए भी तय थी क्‍योंकि वह इस क्षेत्र से एकमात्र उम्‍मीदवार था। 55 सदस्‍यों वाले एशिया-प्रशांत समूह के सदस्‍यों ने पिछले साल जून में ही भारत की उम्‍मीदवारी को सर्वसम्‍मति से स्‍वीकृति प्रदान कर दी थी।


भारत का दो साल का कार्यकाल अगले साल पहली जनवरी से प्रारंभ होगा। संयुक्‍त राष्‍ट्र के इतिहास में भारत आठवीं बार प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के लिए निर्वाचित हुआ है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा है कि भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में सदस्‍य देशों का भरपूर समर्थन मिला और वह इस बहुराष्‍ट्रीय संगठन में सुधार और उसे नयी दिशा देने में नेतृत्‍व नेतृत्‍व प्रदान करता रहेगा। उन्‍होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के लिए भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और, खास तौर पर, कोविड-19 आपदा के दौर में उनके प्रेरणास्पद वैश्विक नेतृत्‍व का प्रमाण है।


शांति प्रबंधन के लिए बदली गई नीतियां

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में 15-16 जून की दरमियानी रात को हुई हिंसक झड़प के दो दिनों बाद तक चीन दो तरह की बातें करता रहा। एक तरफ जहां वो शांति की बात कर रहा है वहीं दूसरी तरफ गलवां घाटी पर दावा ठोक दिया। अपने 20 जवानों के शहीद होने पर भारत ने फैसला लिया है कि यदि चीन चालबाजी से अपने कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। यह बात एक उच्च अधिकारी ने कही।


अधिकारी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सीमा प्रबंधन के लिए शांति बनाए रखने की नीति बदल गई है। वहीं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए जब चाहे चले आने का विकल्प खत्म हो गया है। भारतीय सेना इस समय 3,488 किमी की एलएलसी और पूर्वी क्षेत्र पर अब तक की सबसे ज्यादा मुस्तैद पोजिशन पर तैनात है।


चीन ने भी एलएसी पर अपनी सेना बढ़ाई है खासतौर से गलवां, बेग ओल्डी, देपसान्ग, चुशुल और पूर्वी लद्दाख के दूसरे इलाकों में। मगर ऐसा लग रहा है कि भारतीय सेना युद्ध के लिए पूरी तरह से अलर्ट पर है। लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी पर सेना किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए मुस्तैद है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 15 हजार सैनिक फॉरवर्ड इलाकों में हैं और इससे भी ज्यादा उनके पीछे खड़े हैं।


कांग्रेस, सैनिकों और सरकार के साथ

नई दिल्ली। चीन की सीमा पर शहीद हुए सैनिकों की शहादत पर कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा- मेरे प्यारे भाईयों और बहनों, नमस्कार!


चीन की सीमा पर हमारे 20 वीर सैनिकों की शहादत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सभी बहादुर शहीदों को श्रद्धा के साथ नमन करते हुए दिल की गहराई से श्रद्धांजलि देती हूँ, साथ ही प्रार्थना करती हूँ कि उनके परिवारों को यह दुःख सहने की शक्ति दे। आप सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ महीने से चीन की सेना ने लद्दाख में, भारतीय सीमा में घुसपैठ की है। आज जब देश में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है, तो प्रधानमंत्री जी को सामने आकर देश को सच्चाई बतानी चाहिए कि चीन ने हमारी सरजमीं पर कब्जा कैसे किया और 20 सैनिकों की शहादत क्यों हुई?


मौके पर आज की स्थिति क्या है? क्या हमारे सैन्य अधिकारी या सैनिक अभी भी लापता हैं? हमारे कितने सैन्य अधिकारी और सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं? चीन ने हमारे कितने हिस्से पर और कहाँ-कहाँ कब्जा कर रखा है, इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की सोच, नीति और हल क्या है?


नशा मुक्ति केंद्रों में कराया रजिस्ट्रेशन

 पंजाब में लॉक डाउन के दौरान डेढ़ लाख युवाओं ने नशा मुक्ति केंद्रों में करवाया रजिस्ट्रेशन



 मोहाली l कोरोना महामारी के चलते पंजाब सरकार ने कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या पर शिकंजा कसा है, जिसका पूरा श्रेय पंजाब सरकार व् स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों को जाता है l इस मुद्दे पर वीरवार को मोहाली स्थित पंजाब सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, बलबीर सिंह सिद्धू अर्थ प्रकाश से विशेष बातचीत की l जिसमें उन्होंने पंजाब सरकार के कर्फ्यू और लॉक डाउन के दौरान कोरोना से जंग में किये गए प्रयासों पर चर्चा कीl इस चर्चा का सबसे बड़ा बिंदु रहा पंजाब में युवा और नशा l बात करें लॉक डाउन की तो चार महीनों में जहाँ कोरोना से लोगों की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टन्सिंग को ध्यान में रखते हुए देश भर में कारोबार, नौकरी पेशा, काम धंधे बिलकुल चौपट पड़े रहे, वहीँ देश की अर्थ व्यवस्था को टिकाने वाले शराब के ठेकों पर भी ताला जड़ा गयाl बिलकुल ये स्थिति पंजाब में भी रही, विशेष बातचीत के इस बिंदु पर मंत्री सिद्धू ने बतलाते हुए कहा कि कोरोना और लॉक डाउन के चलते इन 3 -4 महीनों में पंजाब के युवाओं ने शराब के ठेकों की तरफ से रूख बदल नशा मुक्ति की तरफ रूख कियाl सिद्धू ने आकंड़ों पर बात करते हुए कहा प्रदेश के करीब डेढ़ लाख युवाओं ने लॉक डाउन में नशा मुक्ति केंद्रों में पंजीकरण करवाया है इससे पहले नशा मुक्ति केंद्रों में कुल 4 लाख पंजीकृत युवा थे इसका मतलब लॉक डाउन के असर पर ठेकों के बंद रहने के चलते पंजाब के युवा वर्ग ने नशाखोरी को त्यागने का मूड बनाया जरूर हैl आगे मंत्री सिद्धू ने कोरोना वीरों की सराहना करते हुए स्वास्थ्य विभाग में कुछ सुधार करने का आश्वासन देते हुए बताया कि पंजाब में 7500 स्वास्थ्य कर्मचारी भर्ती किये जायेंगे, जिसमें नर्सिंग स्टाफ पारामेडिकल व् चिकित्स्कों को स्थायी भर्ती किया जायेगा व् कोरोना महामारी में अहम् किरदार निभाने वाले सफाई कर्मी व् सैनिटाइज़ स्टाफ निजी कंपनियों द्वारा रखा जायेगा l



नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...