नई दिल्ली। भारत- चीन सीमा के गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में बिहार के छह जवान भी शहीद हो गए हैं। जवानों की शहादत की खबर से एक तरफ दुख और गम का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ चीन को लेकर काफी आक्रोश है। पूरे बिहार में अपने छह जवानों की शहादत की खबर मिलने के बाद भारत माता की जय की गूंज सुनाई दे रही है तो वहीं चीन से बदला लेने की ललकार सड़कों पर दिखाई दे रही है।
मई में होनेवाली थी बेटे की शादी, टूट गया मां के सपने
लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की झड़प में भोजपुर के दो जवानों ने अपनी शहादत दी है। सरहद की रक्षा करते हुए बिहार रेजिमेंट के जवान चंदन कुमार व कुंदन ओझा शहीद हो गए। जिले में दोनों की शहादत से गम का माहौल है।
बेटे की शहादत की खबर सुन मां की सूनी आंखें बेटे को तलाश रही हैं। शादी का सेहरा पहनने से पहले ही चंदन कुमार चीन के सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए। मां का बहू लाने का सपना टूट गया। जगदीशपुर के कौरा पंचायत अन्तर्गत ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदयानंद सिंह के छोटे पुत्र चंदन की शादी इसी वर्ष जगदीशपुर प्रखंड के सुल्तानपुर गांव में राजमहल सिंह की पुत्री के साथ होने वाली थी।
पहले 29 अप्रैल को तिलक व शादी की तारीख 1 मई तय हो गई थी। लेकिन, कोरोना में लॉकडाउन के चलते शादी की तारीख को दोनों परिवारों की सहमति से आगे बढ़ा दी गई थी।
वीरांगना पत्नी ने पति को दी सलामी, कहा-बेटों को सेना में ही भेजूंगी
बिहटा प्रखंड के सिकरिया पंचायत के तारानगर गांव निवासी 36 वर्षीय हवलदार सुनील कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे की शहादत की खबर मिलते ही मां -बाप बेसुध हो गए। गुरुवार की सुबह शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद को पत्नी और उनकी बेटी ने आखिरी सलामी दी और वीरांगना पत्नी ने कहा कि आज मैंने पति को खोया है लेकिन मैं अपने दोनों बेटों को भी सेना में ही भेजूंगी और वे एक के बदले दस चीनी सैनिकों को मारकर अपने पिता का बदला लेंगे। सुनील के दो पुत्र आयुष (11) विराट (4) एवं एक पुत्र सोनाली (13) हैं। सभी आर्मी स्कूल दानापुर में पढ़ते हैं।
एक साल पहले हुई थी शहीद अमन की शादी, पत्नी से कहा था-जल्द वापस आऊंगा
भारत और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प में समस्तीपुर ने भी अपना एक लाल खो दिया। जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड के सुल्तानपुर निवासी सुधीर कुमार सिंह के 24 वर्षीय पुत्र अमन कुमार सिंह (बिहार रेजीमेंट) चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही माता रेणु देवी, पत्नी मीनू देवी सहित पूरा परिवार चीत्कार उठा। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। एक वर्ष पहले 27 फरवरी 2019 को अमन से शादी हुई थी। ड्यूटी पर जाते समय उन्होंने जल्द लौटने की बात कही थी। किंतु, होनी को कुछ और ही मंजूर था।
22 साल का बेटा हुआ शहीद, पिता ने कहा-गर्व है अपने बेटे पर
लद्दाख की गलवन घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में वैशाली जिले के निवासी बिहार रेजिमेंट की 12 वीं बटालियन के जवान जयकिशोर सिंह ने देश की रक्षा में अपनी शहादत दी है।
22 वर्षीय जय किशोर के शहीद होने की खबर मिलते ही ग्रामीण, सगे-संबंधी एवं आसपास के लोग सांत्वना देने उनके घर पहुंचे। शहीद के पिता राजकपूर सिंह किसान हैं, जबकि बड़े भाई नंदकिशोर सिंह भारतीय थल सेना में सिक्किम में पदस्थापित हैं। शहीद सैनिक चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। बड़े पुत्र द्वारा छोटे बेटे के शहीद होने सूचना मिलने पर एक तरफ जहां घर में कोहराम मच गया वहीं पिता ने कहा-गर्व है कि मैं एक शहीद का पिता हूं।
गम के आंसुओं के बीच कुंदन छोड़ गया अपनी चमक
लद्दाख के गलवन में चीनी सैनिकों से हुई हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत में सहरसा के कुंदन का नाम दर्ज होने से जहां आरण गांव को गर्व है, वहीं चीन की तरफ से धोखे से हमला किए जाने के खिलाफ गुस्सा भी है। मंगलवार की रात कुंदन के शहीद होने की खबर उनकी पत्नी को मिली ।
बूढ़ी मां और पिता बेटे की शहादत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए। कुंदन की पत्नी की क्रंदन व चीत्कार से पूरे गांव में मातम छा गया। शहीद के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्हें मां के रोने का कारण समझ में नहीं आ रहा था वो बस भीड़ को निहार रहे थे। वर्ष 2013 में इनकी शादी घेलाढ़ थाना के इनरवा गांव में हुई। पत्नी बेबी देवी ने बताया कि 27 दिसंबर, 2019 को वो अपने गांव आए थे। करीब दो माह रहने के बाद फरवरी में ड्यूटी के लिए विदा हुए। जाते वक्त उन्होंने कहा था कि जल्द ही वापस आऊंगा। जाते वक्त यह भी कहते थे कि अगर मैं लौट के नहीं आ सका तो अपने बच्चों का ख्याल रखना।