नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों और गरीब तबके लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। आज से देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू किया जा रहा है। एक जून से देश में इसकी शुरुआत 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हो रही है। सरकार इस योजना पर तेजी से काम कर रही थी। अब जिसके पास राशन कार्ड नहीं है, वह किसी भी राज्य में इस कार्ड के लिए अप्लाई कर सकता है। दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर राहत पैकेज की घोषणा के दौरान वन नेशन, वन राशन कार्ड का जिक्र किया था। इस कल्याणकारी योजना के तहत देश के गरीबों को किफायती कीमत पर देश के किसी भी हिस्से में सस्ते दाम पर राशन मिलेगा। राशन कार्ड का सबसे ज्यादा फायदा बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) कार्ड धारकों को मिलता है।
क्या है वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
वन नेशन वन राशन कार्ड केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिसके तहत पूरे देश में पीडीएस के लाभार्थियों को कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चलने वाली राशन की दुकानों से राशन मिलेगा। यानी किसी भी राज्य का राशन कार्ड धारक दूसरे किसी भी राज्य में भी कार्ड दिखाकर राशन ले सकेगा। उदाहरण के तौर पर किसी का बिहार में राशन कार्ड बना हुआ है और वो दिल्ली में काम करता है तो वो बिहार के राशन कार्ड से दिल्ली में राशन ले सकेगा।
वन नेशन, वन राशन कार्ड के फायदेः इस योजना के लागू हो जाने के बाद पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा। लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बॉयोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद अपने मौजूदा राशन कार्ड से राशन ले सकते हैं। लाभार्थियों को अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा, यही प्रमाण होगा। बॉयोमेट्रिक इस्तेमाल में आधार का इस्तेमाल होगा यानी आधार से लाभार्थियों की पहचान होगी।
राशन कार्ड 10 नंबर का होगाः केंद्र सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नंबर जारी करेगी। इस नंबर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नंबर होंगे। इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नंबर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा। इसे देश भर में लागू करने के लिए राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू होगी।