गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

घर में ही रहे, बाहर न निकलेःओली

काठमांडू। कोरोना संक्रमण पर देश की जनता को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि अगले दो हफ्ते महत्वपूर्ण हैं। टीवी पर अपने संबोधन में ओली ने कहा, लोग घर में ही रहें और बाहर न निकलें। लोगों से अपील में उन्होंने शारीरिक दूरी बनाए रखने पर बल दिया। नेपाल में अब तक नौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 


नेपाल में 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्थाः कोरोना को हराने के लिए सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों का ब्योरा देते हुए ओली ने कहा, नेपाल में फिलहाल 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था है। तीन हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड तैयार किए जा रहे हैं। देश में नौ हजार से ज्यादा संदिग्ध क्वारंटाइन में हैं। नेपाल सरकार ने सोमवार को देशव्यापी लॉकडाउन 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया था। पीएम ने कहा कि विदेश से नेपाल आने वाले लोगों को पहले 14 दिनों के क्वारंटाइन का पालन करना होगा।


फ्रांसः 21,254 हजार ठीक, घर लौटे

पेरिस। यूरोपीय देशों में कोरोना का कहर जारी है। फ्रांस में कोरोना महामारी से पिछले 24 घंटों के दौरान 541 मौत दर्ज की गई है। फ्रांस में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से देश में लगातार संक्रमित लोगों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। हालांकि, यह सुखद है कि संक्रमित लोगों में कुल 21,254 मरीज ठीक होकर घर पर लौटे हैं। उधर, कोरोना महामारी के बीच बुधवार शाम को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने घोषणा की कि देश मेंं लॉकडाउन को फिर से बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रपति मैक्रोन अगले सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगे ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्‍य उपायों की घोषणा की जा सके। 


स्वास्थ्य महानिदेशक जेरिस सॉलोमन चेतावनी दी है कि कुछ जगहों पर कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका असर सर्वाधिक है। उन्‍होंने सोशल डिस्‍टेंसिंग का हवाला देते हुए कहा कि घर पर रहना ही इस वायरस के खिलाफ बेहतर कार्रवाई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे कुशल हथियार है। उन्‍होंने कहा कि 67 करोड़ लोगों को 17 मार्च को लॉकडाउन में रह रहे हैं। इसका मकसद कोरोना के प्रसार को रोकना है। इसे प्रभावी उपाय बताते हुए उन्‍होंने कहा कि इसे 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।  


भारत को आदेश देने का दुस्साहस

कृष्ण कांत
3 दिसंबर, 1971. पाकिस्तान ने पश्चिमी भारत के आठ सैनिक अड्डों पर हमला किया। पाकिस्तान की योजना थी कि पहले हमला बोलकर भारत को क्षति पहुंचाई जा सकेगी। लेकिन भारतीय सेना सुरक्षित पीछे हट गई।


प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल मानेक शॉ इस मौके का इंतजार कर रहे थे। जनरल जेएस अरोड़ा के अभूतपूर्व नेतृत्व में भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान को घेर लिया था। राष्ट्रपति निक्सन ने पाकिस्तान की ओर से हस्तक्षेप किया। भारत को आक्रमणकारी घोषित किया, कई तरह के प्रतिबंध थोपे और संयुक्त राष्ट्र में युद्ध विराम का प्रस्ताव ले गए। रूस भारत के साथ खड़ा था, उसने वीटो कर दिया। निक्सन ने 9 दिसंबर को अमेरिका का सातवां युद्धक बेड़ा भारत की ओर रवाना किया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, हिन्दुस्तान किसी से नहीं डरता, चाहे सातवां बेड़ा हो या सत्तरवां। अमेरिका ने सेना वापस लेने का दबाव बनाया तो इंदिरा गांधी ने दो टूक शब्दों में कहा, 'कोई देश भारत को आदेश देने का दुस्साहस न करे।'अमेरिका के जवाब में जनरल मानेक शॉ ने आदेश दिया, भारत की सैनिक योजना को और तेज कर दिया जाए।


3 दिसंबर को शुरू हुआ युद्ध 13 दिसंबर को समाप्त हो गया. पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका अवाक रह गया। उसका सातवां बेड़ा भारत तक कभी नहीं पहुंचा।


बीबीसी से इंदिरा गांधी ने कहा था, 'हम लोग इस बात पर निर्भर नहीं हैं कि दूसरे देश क्या सोचते हैं या हम क्या करें या वे हमसे क्या करवाना चाहते हैं, हम यह जानते हैं कि हम क्या करना चाहते हैं और यह कि हम क्या करने जा रहे हैं. चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो। आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। पिछले ही साल अमेरिका और ट्रंप ने भारत को धमकाया था कि ईरान से तेल लेना बंद करो, वरना प्रतिबंध लगा देंगे। अब नया मसला है मलेरिया समेत कुछ दवाओं का। वे खुले शब्दों में धमकी देते हैं और भारत निर्यात से बैन हटा लेता है और इसका बचाव भी किया जा रहा है।


ट्रंप ने कहा, 'मैंने उनसे (पीएम मोदी) सोमवार सुबह बात की, मैंने कहा कि यदि आप हमारी सप्लाई को आने की इजाजत दें तो हम स्वागत करेंगे। अगर वे आने की इजाजत नहीं देते तो भी कोई बात नहीं, लेकिन निश्चित रूप से हम भी पलटवार कर सकते हैं। ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए?'इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की 'पलटवार' की चेतावनी के कुछ ही घंटों में भारत ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक प्रतिबंद हटा लिया है। द वायर ने लिखा है, 'डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मलेरिया रोधी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद ही मंगलवार को भारत ने कुछ देशों को उचित मात्रा में पैरासीटामॉल और ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी है'।


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, 'वैश्विक मामलों के मेरे दशकों के अनुभव में मैंने ऐसा कभी नहीं सुना कि कोई राष्ट्राध्यक्ष या सरकार इस तरह से खुली धमकी दे रही हो। आप भारत के हाईड्रोक्लोरोक्वीन को 'अवर सप्लाई' किस तरह से कह सकते हैं मिस्टर प्रेसिडेंट? यह आपकी सप्लाई तब ही होती है, जब भारत इसे आपको बेचने का निर्णय लेता है। सुनते हैं कि प्रधानमंत्री भी बहुत मजबूत हैं, सरकार भी बहुत मजबूत है। तो हजूर! आप बार बार समर्पण क्यों कर देते हैं? क्या भारत की संप्रभुता को ट्रंप के हाथ गिरवी रख दिया गया है? क्या हमारा देश 1971 की तुलना में कमजोर स्थिति में है जो अमेरिका की धमकी पर अपने निर्णय लेता है?


तब्लीगी जमात को बैन करने की गुहार

नई दिल्ली। तब्लीगी जमात का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अजय गौतम ने देश के प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर तब्लीगी जमात पर बैन लगाने व उसकी तमाम गतिविधियों पर रोक लगाने की गुहार की है।


अजय गौतम ने गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को तब्लीगी जमात की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश पारित किया जाना चाहिए। साथ ही इस पत्र में यह भी कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन स्थित बिल्डिंग को गिराया जाए। इसके अलावा तब्लीगी जमात पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने के कथित आरोप की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। उन्होंने पिटीशन दाखिल करके मांग की है कि इसे जनहित याचिका के तौर पर देखा जाए और सुनवाई की जाए।


टकराई ट्रेन, 16 की मौत 60 घायल

ढाका। बांग्लादेश के ब्रह्मनबरिया जिले में मंगलवार को 2 ट्रेनों के बीच टक्कर में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। ढाका ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में ब्रह्मनबरिया के उपायुक्त हयात-उद-दौला खान के हवाले से कहा कि सिलहट से चटगांव जा रही उद्यान एक्सप्रेस की ढाका जा रही तुर्ना निशिता ट्रेन से मन्दोबाग स्टेशन पर मंगलवार तड़के करीब साढ़े 3 बजे टक्कर हो गई। 


सिग्नल पालन नहीं करने की वजह से हुई टक्करउन्होंने बताया कि यह टक्कर लोको मास्टर के सिग्नल का पालन नहीं करने की वजह से हुई। खबर में रेल मंत्रालय के सचिव मोफज्जल हुसैन के हवाले से कहा गया कि घटना की जांच के लिए 3 अलग-अलग जांच समितियों का गठन किया गया है। ‘डेली स्टारÓ की खबर के अनुसार उद्यान एक्सप्रेस अखौरा रेलवे जंक्शन पर पटरी बदल रही थी तभी दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर हुई। खबर में कहा गया कि मृतकों की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है। 
अखौरा रेलवे स्टेशन के प्रभारी श्यामलाल कांती दास ने बताया कि 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 3 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘बचाव अभियान जारी है। मरने वालों की संख्या बढऩे की आशंका है क्योंकि अभी कई लोग क्षतिग्रस्त डिब्बों में फंसे हैं।Ó हादसे के कारण ढाका-चटगांव, ढाका-नोआखली और चटगांव-सिलहट पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। ‘डेली स्टारÓ ने खबर में कहा कि अखौरा और लक्षम रेलवे जंक्शन से दो राहत ट्रेनें राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भेजी गई हैं।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसा आज तड़के मन्दोबाग स्टेशन पर उस समय हुआ जब चटगांव जा रही उद्यान एक्सप्रेस की, पटरी बदलते समय ढाका जा रही तुर्ना निशिता ट्रेन से टक्कर हो गई। प्रवक्ता ने कहा, ‘बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया है। रेल मंत्री नरूल इस्लाम सूजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बचाव अभियान का मुआयना करने घटनास्थल पर पहुंचे थे।


इटलीः संक्रमण के 3780 नए मामले

रोम। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से बुरी तरह प्रभावित इटली में इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6077 हो गयी है। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से देश में 601 लोगों की मौत हुई है।


इटली में सोमवार को कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से ठीक हो चुके 408 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। इटली में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 3780 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 63927 हो गयी है। इटली ने वैश्विक संकट की मौजूदा स्थिति के दौरान मदद करने वाले देशों का आभार व्यक्त किया है।
बोरेली ने कहा, इस आपातकालीन स्थिति में रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी हमारी मदद कर रहे हैं और हमारे साथ सभी ने एकजुटता दिखाई है। सभी ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में मदद की है। गौरतलब है कि इटली का लोम्बार्डी प्रांत इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित है।


आवश्यक नियमों का पालन जरूरी

खरी-खरी। शोले फिल्म का एक डायलॉग याद आ रहा है। जब ठाकुर से गांववाले कहते हैं कि 'कब तक जिओगे तुम और कब तक जिएंगे हम' जब तक यह दोनों जय और वीरू गांव में हैं। वही हाल आज सब का है, जब तक कोरोना से ग्रस्त लोग छुप कर समाज में घूमते रहेंगे। तब तक किसी के सुरक्षित रहने की गारंटी नहीं है। इनकी खबर सरकार को और पुलिस को देना बहुत जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग और दायित्व दोनों अति आवश्यक है। यदि अपना, अपने परिवार का, सबका भला चाहते हैं। प्रशासनिक व्यवस्था को सहयोग प्रदान करें।


अनिल पुसाड़कर


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यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...