रविवार, 19 जनवरी 2020

महिला की मौत, बुलाने पर नहीं आए डॉक्टर

अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत बार बार बुलाने पर डॉक्टर नहीं आया


अमित शर्मा


ऊना। शनिवार को क्षेत्रीय अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मृतक महिला की पहचान सुनीता देवी निवासी बीहड़ू के रूप में हुई है। परिजनों ने गाइनिस्ट पर लापरवाही के आरोप दागे हैं। हालांकि मौके पर मौजूद अस्पताल स्टाफ ने परिजनों को समझाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन परिजन हंगामा करते रहे। परिजनों ने शव को लेने से इंकार करते हुए महिला का टांडा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराने की मांग भी रख दी है। माहौल को तनावपूर्ण देखते हुए पुलिस को बुलाना पड़ा और अस्पताल में पुलिस के काफी जवान तैनात कर दिए गए हैं।
परिजनों का आरोप है कि चार दिन पहले तक चिकित्सक ने नॉर्मल डिलिवरी होने की बात की थी, लेकिन शनिवार को अचानक साइजेरियन करने की बात कह दी। शनिवार को ऑपरेशन के बाद प्रसूता को वार्ड में भेज दिया गया, लेकिन इसके बाद कोई जांच नहीं की। महिला को ऑपरेशन थियेटर से वार्ड में शिफ्ट भी कर दिया गया, लेकिन इसके बाद किसी ने महिला की सुध नहीं ली। इस बीच महिला की तबीयत बिगड़ी और कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। प्रसूता की मौत पर परिजनों ने हंगामा कर दिया और डॉक्टर पर ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के आरोप जड़ दिए। इतना ही नहीं प्रसूता की मौत का समाचार सुनकर डंगोली गांव से काफी लोग अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे। ग्रामीणों ने महिला का शव लेने से इंकार कर दिया और शव का पोस्टमार्टम टांडा मेडिकल कॉलेज में करवाने की मांग अस्पताल प्रशासन के समक्ष रखी। ग्रामीणों के तेवर देखकर पुलिस ने मोर्चा संभाला और काफी पुलिस बल अस्पताल में तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस शव को टांडा मेडिकल कॉलेज लेकर जाने की तैयारी में है। परिजनों का आरोप है कि यदि डॉक्टर समय रहते उन्हें बता देते तो वे डिलिवरी के लिए सुनीता को कहीं अन्यंत्र लेकर चले जाते। उधर, संबंधित चिकित्सक से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन चिकित्सक ने फोन रिसीव नहीं किया।
क्या कहते हैं एसएमओ
अस्पताल के एसएमओ डॉ. रामपाल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और परिजनों को आश्वासन दिया कि ग्रामीणों की इच्छा के मुताबिक शव का पोस्टमार्टम टांडा मेडिकल कॉलेज में ही करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शव को टांडा भेजने की व्यवस्था कर दी गई है।


इनोवा ने ऑटो को मारी टक्कर, 3 घायल

अंबाला विद्यार्थियों से भरे ऑटो को इनोवा ने मारी टक्कर, तीन बच्चे घायल, एक को लगीं ज्यादा चोटें


अमित शर्मा


अंबाला। स्कूली विद्यार्थियों से भरे ऑटो को एक इनोवा ने टक्कर मारी दी। टक्कर लगने के बाद ऑटो पलट गया और तीन बच्चे घायल हो गए। हादसा हरियाणा के अंबाला शहर में देवी नगर में सब्जी मंडी के पास पेट्रोल पंप पर हुआ। तीनों बच्चे देवी नगर के मिडिल स्कूल में पढ़ते हैं।
⚠तीनों बच्चों में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली कोमल को सबसे ज्यादा चोटें आई हैं, जबकि पहली कक्षा में पढ़ने वाले दलजीत और तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली भावना को भी चोटें लगीं। बताया जा रहा है कि जिस गाड़ी ने ऑटो को टक्कर मारी, उसे अंबाला के टोल प्लाजा पर पकड़ लिया गया और गाड़ी में से शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं। बच्चों के दादा चला रहे थे ऑटो हादसे में घायल तीनों बच्चों के दादा धर्मपाल ऑओ को चला रहे थे। धर्मपाल ने बताया कि जैसे ही वह सब्जी मंडी के नजदीक पहुंचे तो तेज रफ्तार से आ रही इनोवा ने ऑटो को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से ऑटो अनियंत्रित होकर पलट गया, हालांकि हादसे में धर्मपाल को चोट नहीं आई, लेकिन बच्चे घायल हो गए। लोगों की मदद से उन्होंने बच्चों को अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। सीटीएम सहित शिक्षा विभाग के डिप्टी डीईओ मौके पर पहुंचे हादसे की सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट कपिल शर्मा, डिप्टी डीईओ सुधीर कालड़ा, देवी नगर मिडिल स्कूल की मुख्य अध्यापिका राजेंद्र कौर, शिक्षक नरेंद्र और हरमीत कौर मौके पर पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना।


शमशान तक मां-बहन ने दिया कंधा

सलाम शहीद को श्मशान तक मां-बहन ने दिया कंधा, तीन माह की बेटी ने दी मुखाग्नि, तस्वीरें


जम्मू कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए गुरदासपुर के लाल रंजीत सिंह सलारिया को गुरुवार राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान हजारों लोगों की आखें नम हो गईं। रंजीत सिंह 13 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में शहीद हुए। दरअसल, 12 हजार फुट की ऊंचाई और -30 डिग्री तापमान पर रंजीत गश्त कर रहे थे। तभी हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। रंजीत सिंह भारतीय सेना की 45 राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे। शहादत के चार दिन बाद हिमवीर रंजीत का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को श्रीनगर से विशेष विमान से अमृतसर के राजासांसी एयरपोर्ट अमृतसर लाया गया। वहां से सेना के जवानों ने सैन्य वाहन से पार्थिव शरीर को तिब्बड़ी कैंट पहुंचाया। शुक्रवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव सिद्धपुर लाया गया। जैक राइफल्स के जवानों ने शहीद को सलामी दी। पत्नी दीया बोली- मेरे रंजीत को ताबूत से निकालो उसका दम घुट रहा है
तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। मां रीना देवी, पिता हरबंस सिंह, पत्नी दीया व बहन जीवन ज्योति की करुणामयी चीत्कारें कलेजा छलनी कर रहीं थी। पत्नी दीया ने शहीद पति के ताबूत को देखा तो उसके सब्र का बांध टूट गया। रोते हुए पत्नी के मुख से यही शब्द निकले कि ' मेरे रंजीत को ताबूत से बाहर निकालो, उसका दम घुट रहा है। मेरी परी को अपने पापा को देखना है, देख परी पापा आ गए हैं। इतनी बातें कहते ही वह बेसुध हो गई।'
मां-बहन ने दिया शहीद रंजीत की अर्थी को कंधा
शहीद सिपाही रंजीत सलारिया की मां रीना व बहन जीवन ज्योति जो कि पिछले चार दिनों से अपनी सुध बुध खो बैठी थी। जब सेना के जवान तिरंगे में लिपटे शहीद का पार्थिव शरीर को जब श्मशान ले जाने लगे तो मां और बहन ने शहीद की अर्थी को कंधा देकर श्मशान पहुंचाया। इसे देख हर आंख नम हो गई। शहीद रंजीत सलारिया जो अपने मधुर स्वभाव से सारे गांव का लाडला था, जब उसकी पार्थिव देह को श्मशान ले जा रहे थे तो गांव के युवाओं ने अपने साथी के सम्मान में सारे रास्ते में फूलों की बिसात बिछाकर शहादत को नमन किया।
शहीद सिपाही रंजीत सलारिया जिसने अक्तूबर में पैदा हुई बेटी सानवी के जन्म पर खूब जश्न मनाया था और प्यार से उसका नाम परी रखा था। आज जब उसी नन्ही परी ने अपने दादा हरबंस सिंह व चाचा सुरजीत सिंह के साथ अपने नन्हें हाथों से अपने शहीद पापा की चिता को मुखाग्नि दी तो श्मशानघाट शहीद रंजीत सलारिया अमर रहे, भारत माता की जय के जयघोषों से गूंज उठा।
⚠हर कोई नम आंखों से यह कह रहा था कि ईश्वर यह दिन किसी को न दिखाए। डीसी विपुल उज्जवल ने सैन्य अधिकारियों के साथ शहीद के परिवार को तिरंग भेंट करते हुए कहा कि सिपाही रंजीत के वतन पर कुर्बान होने से परिवार का सहारा छिन गया है, उसकी अमूल्य शहादत की भरपाई तो नहीं हो सकती, मगर फिर भी सरकार की पालिसी के मुताबिक शहीद की पत्नी दीया को उसकी क्वालीफिकेशन के हिसाब से नौकरी देगी।


हिमाचल में तापमान शून्य से नीचे पहुंचा

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मशहूर पर्यटन स्थल शिमला और इसके आसपास स्थित स्थानों में भारी बर्फबारी होने से तापमान में और भी ज्यादा गिरावट आई, हालांकि इसके अगले दिन रविवार की सुबह यहां धूप खिली रही। मौसम विभाग के मुताबिक, शिमला में शनिवार की शाम को हल्की बर्फबारी हुई जबकि इसके आसपास स्थित कुफरी और नारकंडा में मध्यम बर्फबारी हुई। कुफरी में तीन सेंटीमीटर हिमपात हुआ और यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। शिमला में जहां बर्फ काफी हद तक पिघल गई वहीं कुफरी में बर्फ अच्छी मात्रा में मौजूद है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “लाहौल और स्पीति, चंबा, मंडी, कुल्लू, किन्नौर और शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मध्यम बर्फबारी हुई।”


लाहौल और स्पीति के मुख्यालय केलोंग में न्यूनतम तापमान शून्य से 14.6 डिग्री नीचे दर्ज किया गया जबकि किन्नौर जिले के कल्पा में तापमान शून्य से 8.4 डिग्री नीचे रहा। रिपोर्ट के अनुसार, किन्नौर जिले के रिब्बा गांव में शनिवार को हिमस्खलन हुआ हालांकि इससे जान-माल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।


मनाली में अभी भी बर्फ की चादर बिछी हुई है और यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। मनाली से सिर्फ 13 किलोमीटर की दूरी पर स्कीइंग के लिए बर्फीले ढलानों में बर्फ की तीन फीट से अधिक मोटी परत जमा हो गई है। शिमला में न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि डलहौसी और धर्मशाला में यह हिमांक बिंदु से नीचे क्रमश: 2.4 डिग्री और 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने कहा कि 21 जनवरी को राज्य के कई स्थानों पर दोबारा बर्फबारी हो सकती है, तब तक मौसम शुष्क बना रहेगा।


मानव श्रृंखला में टीचर को आया हार्ट अटैक

पटना। जल-जीवन-हरियाली अभियान के साथ नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान के तहत आज पूरे बिहार में विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनायी गयी। प्रदेश में करीब सवा चार करोड़ से अधिक लोगों ने 11.30 बजे से 12 बजे तक मानव कतार बनाया गया।


हार्ट अटैक से शिक्षक की मौत
 लेकिन मानव श्रृंखला के दौरान दरभंगा में एक शिक्षक की मौत हो गई। मृतक शिक्षक की पहचान मोहम्मद दाऊद के रूप में की गयी है जो उर्दू विद्यालय के शिक्षक थे। घटना दरभंगा के केवटी थाना इलाके के रनवे में हुई। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने की घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षक की मौत हार्ट अटैक से हुई है। बता दें कि दरभंगा में 468 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी। आपको बता दें कि पटना में मानव श्रृंखला का मुख्य आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया, जहां सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया। इनके अलावा सरकार के आला अधिकारियों का दल भी एक दूसरे के हाथ जोड़ कतारबद्ध हुए।


4 विस सीटों पर राजद लड़ेगी चुनाव

पटना। दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजद और कांगेस के बीच सीटों पर समझौता हो गया है।समझौता के तहत कांग्रेस 66 और राजद चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी।राजद के खाते में बुराड़ी,किराड़ी उत्तमनगर और पालम विधानसभा गई है।राजद इन चारो सीटों पर राजद अपना उम्मीदवार उतारेगी। बता दें कि राजद ने कांग्रेस नेतृत्व से पांच सीटों की मांग की थी।कई दौर की बातचीत के बाद चार सीटों पर सहमति बनी।आज दिल्ली में राजद की तरफ से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने यह ऐलान किया है।


नीतीश मानव श्रृंखला में हुए सम्मलित

पटना।  सीएम नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में पहुंचे हुए हैं। वह मानव श्रृंखला में शामिल हो रहे हैं। उनके साथ में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत कई नेता मौजूद हैं। जल पुरुष के नाम से फेमस राजेंद्र सिंह भी मानव श्रृंखला में शामिल हो रहे है। पटना के कई और जगहों पर जदयू के नेता मानव श्रृंखला में शामिल हो रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कई बीजेपी नेता और विधायकों के साथ श्रृंखला में शामिल हो रहे हैं। पटना के सड़कों पर कई स्कूलों के छात्र शामिल हो रहे हैं। गांधी मैदान में हेलिकॉप्टर और ड्रोन कैमरा से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी हो रही है। पूरे बिहार में 15 हेलिकॉप्टरों पर सवार फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर आसमान से मानव शृंखला को अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक हर एक किलोमीटर पर एक वीडियोग्राफर को तैनात किया गया है।


राजेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली कार्यक्रम शुरू करने वाले पहले सीएम हैं जो मानव और प्रकृति को बराबर सम्मान दिया हैं। नीतीश कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से मुक्त करने का रास्ता चुना है। 
जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन है। भारी पैमाने पर लोग मानव श्रृंखला में शामिल हुए हैं। बिहार जैसे जल जीवन हरियाली को लेकर आगे बढ़ा है। उसका मुकाबला करने के लिए बिहार का यह कार्यक्रम नजीर पेश करेंगा।


आज बिहार एक बार फिर से इतिहास रचा जा रहा है। बिहार में विश्व की अब तक की सबसे लंबी मानव शृंखला बन रही है। जल-जीवन-हरियाली और नशा मुक्ति के समर्थन के साथ-साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने के लिए पूरे बिहार में 16443 किमी लंबी मानव शृंखला बनायीं गई है। रविवार को साढ़े 11 बजे से आधे घंटे तक पूरे राज्य में सवा चार करोड़ से अधिक लोग मानव शृंखला शामिल हो रहे हैं।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...