सोमवार, 30 दिसंबर 2019

विरोधियों से बदला लेंगे योगीः प्रियंका

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में विरोध और समर्थन का दौर चल रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश में बीते हफ़्ते हुई हिंसा के बाद लगातार राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज कांग्रेस मुख्यालय लखनऊ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपी है। हमने कहा है कि प्रदेश सरकार ने पुलिस की तरफ से अराजकता फ़ैलाने का काम किया है। योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर प्रियंका ने कहा कि ”योगी कहते हैं कि वो जनता से बदला लेंगे। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया।” उन्होंने कहा, ”बिजनौर में दूध लेने जा रहे लड़के की हत्या हुई। अस्पताल में सहायता नहीं दी गई, पुलिस ने दबाव डालकर घर के पास दफनाने से मना कर मोहल्ले से 20 किलोमीटर दूर दफनाया गया। 21 साल का सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। कुछ दिनों के लिए घर आया था और मस्ज़िद के पास खड़ा था, तभी पुलिस उसे उठाकर ले गई। उसको गोली मारी गई थी। पुलिस ने दबाव डालकर मामला दर्ज नहीं करने दिया। प्रियंका गांधी ने कहा, ”लखनऊ में दारापुरी जी को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ फेसबुक पोस्ट लिखा था। उन्हें पुलिस घर से उठाकर ले गई और उनकी पत्नी बिस्तर पर बीमार पड़ी हैं। दारापुरी जी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ ज़फ़र को 48 लोगों की लिस्ट में डाला गया। प्रियंका से पहले सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि ”जहां-जहां लोगों का उत्पीड़न किया गया है, उनको कांग्रेस सहयोग और समर्थन देगी। इसके लिए प्रियंका गांधी की मौजूदगी में बैठक की गई। कांग्रेस ने उत्पीड़न के शिकार लोगों के परिजनों तक पहुंचकर बहुत सी चीज़ें इकट्ठा की हैं। कई अज्ञात लोगों को एफआईआर में रखा गया है ताक़ि आगे चलकर जिसे चाहें उसे फंसा दिया जाए। हम इस मामले में दस्तावेजों के साथ हाईकोर्ट भी जायेंगे। हम दमन पर रोक लगाए जाने की उम्मीद करते हैं। प्रियंका ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बदला लेने का जो बयान दिया, उसी पर पुलिस क़ायम है। ये इतिहास में पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री ने बदला लेने की बात कही है। कृष्ण भगवान का वेश है, भगवान राम करुणा के प्रतीक हैं, शिव जी की बारात में सब नाचते हैं। इस देश में बदले की कोई परंपरा नहीं है। श्री कृष्ण ने अपने प्रवचन में कभी बदले की बात नहीं की। उन्होंने कहा, योगी ने भगवा धारण किया, ये भगवा आपका नहीं हैं। भगवा देश की आध्यात्मिक आस्था का चिन्ह है। इसमें बदले की भावना की कोई जगह नहीं है।कांग्रेस महासचिव ने कहा, मेरी सुरक्षा का सवाल बड़ा सवाल नहीं है, इसपर चर्चा की ज़रूरत नहीं है। हम आम जनता का सवाल उठा रहे हैं। हेलमेट के सवाल पर कहा कि ये फ़िज़ूल की बात है। बड़े-बड़े मुद्दों में ये कौन सी बड़ी बात है, फाइन दे देंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून संविधान के ख़िलाफ़ है। खेतों में काम करने वाले मज़दूर से आप कागज़ात मांगेंगे तो वो कहां से दस्तावेज़ लायेंगे।


जिपं अध्यक्ष के सामने समस्याओं का अंबार

जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने लगा फरियादियों का तांता


कौशाम्बी। प्रत्येक सोमवार की तरह इस सोमवार को अध्यक्षा जिला पंचायत श्रीमती अवधरानी ने अपने जिला पंचायत कार्यालय में जनसुनवाई की इस दौरान उनको 55 से अधिक लोगो ने अपनी समस्याएं रखी जिस पर कुछ शिकायतों पर  अध्यक्षा ने कुछ शिकायत के सम्बन्ध में फोन कर त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया तथा अन्य शिकायतो को सम्बन्धित सक्षम अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर समस्याओं के निस्तारण की कार्यवाही की गयी, वि.ख.नेवादा के ग्राम घासीराम बसुहार से राजकुमार सिंह पुत्र जय सिंह शिकायती पत्र देते हुए अध्यक्षा से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी भूमिधरी जमीन गाटा संख्या 421 पर न्यायालय उप जिलाधिकारी चायल के यहां मुकदमा चल रहा है फिर भी गांव के दबंग व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा कर रहे हैं और झगड़ा करते हैं जिस पर  अध्यक्षा ने पुलिस अधीक्षक कौशांबी को पत्र भेजकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया विकासखंड मंझनपुर के गनेशी लोधी ने पारिवारिक विवाद के चलते अध्यक्षा से शिकायत की जिस पर पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा गया विकास खण्ड  सरसवा की ग्रामसभा चांदेराई से सरिता सिंह ने अध्यक्ष  से शिकायत की कि उनके पति की मृत्यु के उपरांत शासन द्वारा उनके परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली जिस पर  अध्यक्षा ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को पत्र के माध्यम से निर्देशित कर पीड़िता को परिवारिक लाभ के लिए कहा । ग्राम सेलहरा से बाकेलाल नाई जर्जर मार्ग पर खडंजा निर्माण के लिए शिकायती पत्र देकर मांग की। तथा विकास खण्ड. सरसवा के ग्राम चक बड़हरी के मोनू सिंह हरिश्चंद्र सिंह छोटू सिंह आदि लोगो द्वारा अवगत कराया कि आजादी के इतने सालों बाद भी उनके गांव के लिए कोई संपर्क मार्ग नहीं है जिस पर  अध्यक्षा  ने तुरंत विभागीय जांच कराकर सड़क निर्माण के लिए आश्वासन दिया इस मौके पर  अध्यक्ष जिला पंचायत प्रतिनिधि जगजीत सिंह,अश्विनी द्विवेदी सदस्य जिला पंचायत, विमल गुप्ता, हिमाशु जायसवाल, विवेक केशरवानी, घनश्याम सिंह,आशुतोष सिंह, दिनेश पाण्डेय,कमलेश सिंह, विकास सिंह,राहुल शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।


राजकुमार


 


तांबे के लोटे से करोड़ों की ठगी का मामला

मुंबई। महाराष्ट्र में धोखाधड़ी का एक अलग तरह का मामला सामने आया है। ठगों ने महाराष्ट्र के बाहर भी लोगों को अपना शिकार बनाया है। महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस को किसी भी नेता, अभिनेता या व्यवसायी से कोई शिकायत नहीं की गई।


चार आरोपियों को अक्टूबर में कथित धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार किया गया था। ठग बहुत सारे लोगों के साथ तांबे का एक बड़ा धोखा देते हैं। इस लोटा की अधिकतम कीमत 500 रुपये होगी, लेकिन इसमें करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हुई है। प्राचीन काल के कमल दिखाकर नेताओं, अभिनेताओं और व्यापारियों को धोखा दिया गया है।


कहते हैं के तांबे के लोटे में पानी रखने पर वो शुद्ध हो जाता है। यह हुई वैज्ञानिक बात, लेकिन तीन लोगों ने तांबे के लोटे को जादुई बताकर कुछ लोगों को 2-5 हजार में नहीं, लाखों में बेच दिया। ठगी का ऐसा ही एक मामला मुंबई पुलिस ने क्रैक किया है।


पकड़े गए तीनों ठग हैदराबाद के रहने वाले हैं। ठगों ने राइस पुलर(चावल खींचने वाला) लोटे के नाम पर एक बिजनेसमैन से 1.5 करोड़ रुपए ठग लिए थे। उन्होंने कारोबारी को झांसा दिया था कि यह लोट जब चावल के दाने को खींचता है, तो पैसा बरसता है। यानी एक मीटर तक खींचने पर 500 करोड़ और दो मीटर तक खींचने पर 1000 करोड़ रुपए मिलते हैं।ठगों ने बिजनेसमैन को बताया कि 'राइस पुलर जादुई लोटे' की जांच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक से लैब टेस्टिंग कराई जाएगी। इस पर काफी खर्चा आता है। इसी बहाने बिजनेसमैन ने ठगों को डेढ़ करोड़ रुपए दे दिए। जब बिजनेसमैन को अपनी गलती का एहसास हुआ, तब वो पुलिस के पास पहुंचा। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्घ्तावेज, कंपनी का लेटर हेड, चेक बुक, फर्जी आईडी, लैपटॉप आदि बरामद किया गया है।


योजना से प्रभावित किसानों का धरना जारी

आकांक्षु उपाध्याय


मंडोला-गाजियाबाद। मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों का धरना जारी रहा।
ठंड की वजह से लोग मर रहे हैं हड्डी कपकपा देने वाली सर्दी में मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान खुले आसमान के नीचे दिन रात डटे हुए हैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के फैसले के बाद अधिकारियों की व्यस्तता व CAA एवं NRC के विरोध प्रदर्शनों में अधिकारियों की व्यस्तता के चलते धरनारत किसानों ने किसी अधिकारी से सुलभ शौचालय या अलाव आदि का आग्रह नही किया करीब दो महीनों से किसान सर्दी से बचने के लिए निजी तौर पर अलाव की व्यवस्था करके अपना काम चला रहे हैं जो कि हड्डी कपकपा देने वाली सर्दी में धरनारत किसानों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त नही हो रहा है । प्रशासनिक अधिकारी गांधीवादी सत्याग्रहों की अनदेखी करते हैं यही कारण है  कि अहिंसावादी आंदोलन से लोगो का भरोसा टूट जाता है और किसी भी शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन में लोग हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं उन्हें लगता हैं यदि हम शांति पूर्वक धरने पर बैठेंगे तो कोई हम पर ध्यान नही देगा यह सोचना भी आज की प्रशासनिक व्यवस्था के हिसाब से सायद ठीक ही है।
 मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान मुआवजे सम्बन्धी अपनी मांगों को लेकर तीन वर्षों से धरने पर है सर्दी में भी रोजाना करीब 150 से 200 किसान व किसान परिवारो की महिलाएं धरने पर रहती हैं उनके लिए प्रशासन ने ऐसी कोई व्यवस्था नही की है जिससे अहिंसावादी आंदोलनों की तरफ लोगो का रुझान बढ़े धरनारत किसान खुले में सोच आदि करने को मजबूर हैं,सुलभ शौचालय वैन की व्यवस्था नही,पीने के पानी की कोई व्यवस्था नही ,सर्दी से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नही है यदि अधिकारी शांतिपूर्वक एवं अहिंसावादी व गांधीवादी तरीको से किये जा रहे आंदोलनों की अनदेखी न करें ,उनकी मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने व समाधान कराने में मध्यस्ता करें तो कोई भी आंदोलन उग्र नही हो सकता । 
जनप्रतिनिधियो व प्रशानिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते धरनारत किसान अपना रोष प्रकट करने के लिए 2019 की विदाई और 2020 का स्वागत अर्धनग्न रहकर करेंगे आज धरने पर सैकड़ो महिला व पुरुष उपस्थित रहे।


द्रमुक ने सीएए-एनआरसी का किया विरोध

चेन्नई। नारेबाजी, तख्तियों, जुलूसों और बैठकों के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़कम (द्रमुक) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनसीआर) के खिलाफ अब पारंपरिक तमिल कोलम (अल्पना) का उपयोग कर रही है। तमिलनाडु में कोलम को समृद्धि के प्रतीक के तौर पर हिंदुओं के घरों के बाहर चित्रित किया जाता है। कोलम को चावल के आटे से बनाया जाता है, ताकि उसे चीटियां खा सकें। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन और उनकी बहन व राज्यसभा सदस्य कनिमोझी के साथ-साथ उनके दिवंगत पिता एम. करुणानिधि के आवास के बाहर कोलम बनाया गया, जिस पर लिखा था, 'सीएए-एनआरसी नहीं'। पुलिस द्वारा यहां बेसेंट नगर क्षेत्र में सीएए,एनआरसी और एनपीआर विरोधी कोलम बनाने पर छह महिलाओं को हिरासत में लेने के बाद द्रमुक प्रमुख ने यह कदम उठाया है। महिलाओं को बाद में रिहा कर दिया गया। कोलम ने राहगीरों को काफी आकर्षित किया, जिससे यातायात भी बाधित हुआ। अनुमति मांगने पर पुलिस ने ऐसे कोलम बनाने की मंजूरी नहीं दी। पुलिस कार्रवाई का विरोध करते हुए स्टालिन ने फेसबुक पर कहा कि अन्ना द्रमुक सरकार की मनमानी का एक और उदाहरण है, जिसमें भारतीय संविधान में उद्धत मूल अधिकारों से लोगों को वंचित किया जा रहा है।


शेयर बाजार में मामूली गिरावट की गई दर्ज

मुंबई। शेयर बाजार में सोमवार को मिला-जुला रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 17.14 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 41,558.00 पर और निफ्टी 14.80 अंकों की मामूली तेजी के साथ 12,260.60 पर बंद हुआ। साल की समाप्ति से पहले छुट्टियों के बीच निवेशक बाजार में अधिक गतिविधियां नहीं कर रहे हैं। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान करीब 260 अंक के दायरे में घट बढ़ के बाद अंत में 17.14 अंक या 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,558 अंक पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान सेंसेक्स 41,714.73 अंक के उच्चस्तर तक गया। इसने 41,453.38 अंक का निचला स्तर भी छुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10.05 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 12,255.85 अंक पर पहुंच गया। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.75 प्रतिशत तक के लाभ में रहे। विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में घरेलू मोर्चे से किसी बड़ी खबर का अभाव रहा। आगामी दिनों में निवेशकों की निगाह वाहन कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़ों तथा जीडीपी आंकड़ों पर रहेगी। अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई, हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। वहीं जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई।


अब्दुल्लाह और महबूबा अभी भी नजरबंद

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले चार महीनों में हिरासत में रखे गए पांच राजनीतिक नेताओं को रिहा कर दिया है। सोमवार को जिनकी रिहाई हुई, उनमें दो पीडीपी के, दो नेशनल काफ्रेंस और एक निर्दलीय पूर्व विधायक शामिल हैं। इन पांचों को जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा छीनने वाले अनुच्छेद 370 के अगस्त में लागू होने के बाद सुरक्षा कारणों से हिरासत में ले लिया गया था, जबकि सोमवार को इन्हें रिहा किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक रिहा किए गए नेताओं में इशफाक जब्बार,गुलाम नबी भट, बशीर मीर,जहूर मीर और यासिर रेशी हैं। इन नेताओं को तो रिहा कर दिया गया,मगर नेशनल कॉफ्रेंस अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ व जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...