शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2019

घर में पढी नवाज,कर्फ्यू में ढील से शांति रही

राजस्थान के मालपुरा में कफ्र्यू में ढील के दौरान शांति रही। 
लेकिन जुमे की नजाम घरों में ही पढऩी पड़ी। कफ्र्यू नहीं लगता तो हालात बिगड़ते। 

टोंक। राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में कफ्र्यू में दो घंटे की ढील के दौरान शांति रही। 8 अक्टूबर को दशहरे के दिन राम बारात पर पथराव और निर्धारित समय पर रावण दहन नहीं होने के बाद उपजे हालातों को देखते हुए 9 अक्टूबर की तड़के से ही कफ्र्यू लागू कर दिया था। टोंक के जिला कलेक्टर केके शर्मा ने बताया कि 11 अक्टूबर को प्रात: साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक कफ्र्यू में छूट दी गई। लोगों ने दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदी। दो घंटे की छूट में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। 12 अक्टूबर को कफ्र्यू में छूट की अवधि को और बढ़ाया जा सकता है। जिला प्रशासन हिन्दू और मुस्लिम प्रतिनिधियों से लगातार सम्पर्क बनाए हुए है। 
घरों में ही पढ़ी जुमे की नमाज:
चूंकि कफ्र्यू में छूट की अवधि प्रात: साढ़े  दस बजे ही खत्म हो गई थी, इसलिए मालपुरा के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को जुमे की नमाज अपने घरों में पढ़ी। नमाज के लिए प्रशासन की ओर से कोई छूट नहीं दी गई। मालपुरा में गत दो दिनों से दैनिक समाचार पत्रों का वितरण भी नहीं हो रहा है। 11 अक्टूबर को ढील के दौरान हॉकरों ने अखबार भी वितरित किए। कफ्र्यू की सख्ती की वजह से दो दिनों तक बच्चों को दूध भी नसीब नहीं हुआ। प्रशासन ने इस बात का ख्याल रखा कि ढील के दौरान लोगों को खाने पीने की सामग्री मांग के अनुरूप मिले। 
...नहीं तो हालात बिगड़ते:
प्रशासन के सूत्रों का मानना है कि 9 अक्टूबर को तड़के यदि कफ्र्यू नहीं लगाया जाता तो मालपुरा के हालात बिगड़ते। असल में राम बारात पर पथराव के बाद रावण दहन का कार्यक्रम भी नहीं हो सका था। प्रशासन चाहता था कि रात को ही रावण दहन हो, इसके लिए विधायक कन्हैयालाल एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से सहमति भी लगी गई, लेकिन कुछ लोग अपने वायदे से मुकर गए। हालांकि उपखंड के एक वरिष्ठ अधिकारी को हटाने एवं अन्य मांगों पर सहमति भी हो गई थी। कुछ लोग चाते थे कि 9 अक्टूबर को दिन में रावण दहन हो। ऐसे लोगों का तर्क रहा कि यदि  हिन्दू समुदाय अपने धार्मिक कार्यक्रम दिन के उजाले में नहीं कर सकता तो धार्मिक स्वतंत्रता के क्या मायने हैं? प्रशासन को हालातों का अंदाजा था, इसलिए हर स्थिति में रात को ही रावण दहन की योजना बनाई गई। यदि दिन में रावण दहन के कारण हजारों लोग एकत्रित होते तो विवाद हो सकता था। यही वजह रही कि नगर पालिका के कर्मचारियों और आयोजन समिति के कुछ  लोगों की मदद से आधी रात को ही रावण दहन करवा कर 9 अक्टूबर की तड़के मालपुरा में कफ्र्यू लागू कर दिया गया। यानि कफ्र्यू लगने की सूचना लोगों को सुबह उठने पर लगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि टोंक के मौजूदा कलेक्टर केके शर्मा जब अजमेर के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त थे, तब भी टोंक में कफ्र्यू लगाने पर ड्यूटी देने आए थे। तब शर्मा को टोंक के हालातों को समझने का अवसर मिला। तब विवाद होने पर काफी नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार पुराने अनुभव की वजह से प्रशासन हिंसा रोकने में सफल रहा। प्रशासन ने किसी भी उपद्रवी को वारदात करने का अवसर ही नहीं दिया। 
एस.पी.मित्तल


न खाता न बही,भाजपा जो कहे सो सही

भाजपा में न खाता, न बही, संगठन कहे जो सही। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के संदर्भ में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की यह टिप्पणी बहुत मायने रखती है। यानि अब भाजपा की राजनीति में राजे अध्याय खत्म। वैसे भी कांग्रेस की मेहरबानी से सरकारी बंगले में बैठीं हैं। 

जयपुर। राजस्थान प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हालांकि यह कॉन्फ्रेंस प्रदेश में फसलों की खराबी के संबंध में थी, लेकिन पत्रकारों ने राजनीतिक सवाल भी पूछे। एक पत्रकार ने जानना चाहा कि अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की क्या राजनीतिक भूमिका रहेगी? क्या अब भाजपा युवाओं को कमान दी जाएगी? यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पूनिया के पद ग्रहण में 8 अक्टूबर को भी राजे शामिल नहीं हुई थीं तथा पूनिया की नियुक्ति राष्ट्रीय नेतृत्व ने अपने स्तर पर की। गत लोकसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे की प्रभावी भूमिका नहीं थी। राजे के बगैर ही भाजपा ने प्रदेश की सभी 24 सीटों पर जीत हासिल की। सतीश पूनिया भी मंजे हुए राजनेता हैं, इसलिए उन्होंने जो जवाब दिया, उसका अर्थ अब निकाला जा रहा है। पूनिया ने कहा- भाजपा में न खाता, न बही, संगठन कहे जो सही। पूनिया ने कहा कि संगठन पहले वसुंधरा राजे, अरुण चतुर्वेदी और अब मुझे प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। कौन प्रदेशाध्यक्ष होगा, यह संगठन तय करता है। कार्यकर्ता की भूमिका भी संगठन ही निर्धारित करता है। पूनिया की इस टिप्पणी से प्रतीत होता है कि भाजपा की राजनीति में वसुंधरा राजे का अध्याय समाप्त हो गया है। 10 माह पहले विधानसभा चुनाव में परिणाम से पहले जिन वसुंधरा राजे के बगैर भाजपा में पत्ता भी नहीं हिलता था, उन्हीं वसुंधरा राजे के बगैर 8 अक्टूबर को सतीश पूनिया ने प्रदेशाध्यक्ष का पद संभाल लिया। राजे ने पूनिया को भेजे पत्र में कहा कि वे धौलपुर में राज निवास में दशहरे के धार्मिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, इसलिए नहीं आ पा रही हंू। जबकि विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले वसुंधरा राजे के बगैर पद भार संभालने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। अब संबठन ने ही तय कर लिया है कि राजे के बगैर ही आगे बढ़ा जाएगा। वसुंधरा के आने या नहीं आने से कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। सब जानते हैं कि विधनसभा चुनाव में मिली हार के बाद वसुंधरा राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था, लेकिन दस माह में राजे ने उपाध्यक्ष के तौर भाजपा का कोई कार्यक्रम नहीं किया। 8 अक्टूबर को पूनिया को जो बधाई संदेश भेजा, उस पत्र में भी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का उल्लेख नहीं है। यानि वसुंधरा राजे स्वयं को भाजपा संगठन से ऊपर समझती हैं। जब अपने लेटर हैड पर राजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी उल्लेख नहीं कर रही हैं तो फिर अमितशाह के नेतृत्व वाले भाजपा संगठन में राजे को अपनी हैसियत का अंदाजा लगा लेना चाहिए। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी जानता है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए वसुंधरा राजे प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर कितनी जिद की थी। 
कांग्रेस की मेहरबानी पर निर्भर:
वैसे भी इन दिनों वसुंधरा राजे कांग्रेस की मेहरबानी पर निर्भर हैं। राजे को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से जयपुर के सिविल लाइन में 13 नम्बर का जो बंगला अलॉट हुआ है उसे खाली करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। कोर्ट का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से कोई सरकारी सुविधा नहीं ली जा सकती है। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी राजे ने सरकारी बंगला खाली नहीं किया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब वसुंधरा राजे पर मेहरबान हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे भाजपा की वरिष्ठ विधायक हैं, इस नाते 13 नम्बर बंगले में उनकी मौजूदगी को बनाए रखा जाएगा। यानि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कांग्रेस सरकार राजे से बंगला खाली नहीं करवाएगी। यह वही बंगला है जिस पर मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे पांच वर्ष राजे ने अवैध कब्जा बनाए रखा। जयपुर में सिविल लाइन में सीएम के लिए बंगला संख्या 8 निर्धारित है। लेकिन राजे इस बंगले को कभी अपना निवास नहीं माना। इस बंगले का उपयोग सीएम दफ्तर के तौर पर ही किया। सीएम के पद पर रहते हुए बंगला संख्या 13 को ऐसे तैयार करवाया, जैसे वसुंधरा राजे हमेशा इसी बंगले में रहेंगी। चूंकि राजे सीएम गहलोत की मेहरबानी से सरकारी बंगले में रह रही हैं, इसलिए हाल में राजे ने सीएम के पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजे के समर्थक भाजपा नेता अमीन पठान ने वैभव गहलोत का खुला समर्थन किया। अब अमीन पठान वैभव गहलोत की कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष हैं। राजे जब सीएम थीं, तब पठान को राजस्थान हज कमेटी का अध्यक्ष बनाया और अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी का अध्यक्ष भी बनवा दिया। पठान आज भी दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हैं। यानि पठान के दोनों हाथ में लड्डू हैं। भाजपा नेता होने के नाते दरगाह कमेटी के अध्यक्ष है और उधर कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के बेटे की अध्यक्षता वाले क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व दोहरा चरित्र दिखाने वाले प्रदेश के नेताओं पर भी नजर बनाए हुए हैं। बदले हुए हालातों में पठान के खिलाफ दरगाह कमेटी के सदस्यों में बगावत के आसार हैं। 
एस.पी.मित्तल


चीन और भारत की प्रतिबद्धता

कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेवकूफ बनाकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंचे। डोनाल्ड ट्रंप की तरह नरेन्द्र मोदी के साथ दिखा रहे हैं दोस्ताना संबंध। 

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत पहुंच गए हैं। जिनपिंग की अधिकारिक कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में रखने के बजाए तमिलनाडू के महाबलीपुरम में रखा गया है। जिनपिंग 11 अक्टूबर को दोहपर चेन्नई हवाई अड्डे पर उतरे और फिर होटल में थोड़ी देर विश्राम करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए महाबलीपुरम पहुंचे। भारत आने से पहले जिनपिंग ने चीन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद चीन के राजदूत ने कहा कि चीन सरकार भारत के कश्मीर में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। चीन के राजदूत ने जिस अंदाज में बयान दिया उससे एक बार तो ऐसा लगा कि चीन अब पाकिस्तान के साथ खड़ा है। लेकिन कूटनीति को समझने वाले बताते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर चीन ने भी वो ही रणनीति अपनाई है जो अमरीका ने अपनाई थी। पीएम मोदी के अमरीका पहुंचने से पहले इमरान खान ने अमरीका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी, तब ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था कि कश्मीर के मुद्दे पर अमरीका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को तैयार है। सब जानते हैं कि इमरान खान के साथ दिए गए इस बयान के बाद जब नरेन्द्र मोदी अमरीका पहुंचे तो इन्हीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और उन्होंने इस्लामिक आतंकवाद का मुद्दा उठा कर पाकिस्तान को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। चीन के राजदूत ने भले ही कश्मीर पर प्रतिकूल टिप्पणी की हो, लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे में नरेन्द्र मोदी के साथ दोस्ताना संबंधों का प्रदर्शन कर रहे हैं। हो सकता है कि दो दिवसीय यात्रा में मुस्लिम आतंकवाद का मुद्दा उठा कर चीन भी पाकिस्तान को जोरदार झटका दे। असल में  जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। दो माह की अवधि में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार भारत पर परमाणु हमला करने की धमकी दे चुके हैं। पाकिस्तान कोई गलत कदम न उठाए इसके लिए अमरीका और चीन पाकिस्तान पर नियंत्रण किए हुए हैं। कूटनीति के तहत ही डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग कश्मीर मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह सारी कार्यवाही पाकिस्तान को बेवकूफ बनाने के लिए है। इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि कश्मीर मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिल रहा है। इमरान खान का यह भी कहना है कि भारत बहुत बड़ा बाजार है और विकसित देशों को अपना माल भारत में बेचने की चिंता है। यह सही है कि अमरीका और चीन जैसे देश बड़ी मात्रा में अपने उत्पाद भारत में बेचते हैं। चीन के उत्पाद तो भारत के घर घर में काम आ रहे हैं। चूंकि चीनी उत्पाद सस्ते होते हैं, इसलिए भारत में लगातार मांग बढ़ रही है। जहां तक कश्मीर का सवाल है तो अब पाकिस्तान का खेल खत्म हो चुका है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर का मुद्दा स्वत: ही समाप्त हो गया है। जम्मू कश्मीर के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र में जनजीवन सामान्य है। बीस प्रतिशत क्षेत्र में धारा 144 के अंतर्गत जो पाबंदियां लगा रखी है उन्हें भी धीरे धीरे हटाया जा रहा है। दस अक्टूबर को ही जम्मू कश्मीर की सरकार ने देशी विदेशी पर्यटकों के लिए छूट दे दी है। अनुच्छेद 370 को हटाने के समय पर्यटकों के कश्मीर आने पर पाबंदी लगाई थी। अब जब पर्यटकों के कश्मीर आने पर पाबंदी को हटा दिया गया है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तेजी से कश्मीर घाटी में भी हालात सुधर रहे हैं। चीन के राष्ट्रपति के भारत दौरे से पहले अमरीका ने चीन के उइगर मुसलमानों की समस्या को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठा दिया है। अमरीका का आरोप है कि चीन अपने देश में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार कर रहा है।
एस.पी.मित्तल


ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से पकड़ा 5 करोड का सोना

झाड़सुगुड़ा। सेंट्रल एक्साइज और कस्टम विभाग की संयुक्त रेट में 5 करोड़ का सोना ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से पकड़ा गया है। इस पूरी कार्रवाई में आरपीएफ की टीम भी उनके साथ थी। इस मामले में 2 लोगों को पकड़ा गया है। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी हैं।


सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग को इस बात की खबर मिली थी कि ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से 2 लोगों के द्वारा करोड़ों का सोना ले जाया जा रहा है। जिस पर आरपीएफ की मदद से आज ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में राजगांगपुर से झारसुगुड़ा के बीच चेकिंग शुरू की गई। इसी बीच B3 एसी कोच में दो युवकों पर टीम को शक हुआ। पूछताछ और तलाशी के बाद उनके पास से सोने के 110 बिस्किट बरामद हुए जिनकी कीमत बाजार भाव से करीब 5 करोड रुपए के आसपास होगी।


एक युवक का नाम डी यादव उम्र 32 वर्ष एवं दूसरे युवक का नाम राहुल आर्यन उम्र 31 वर्ष है। वे सोने को कोलकाता से मुंबई ले जाने वाले थे कि बीच रास्ते में ही छापेमारी में पकड़े गए। दोनों आरोपियों को झारसुगड़ा स्टेशन पर उतार लिया गया है और आगे की पूछताछ की जा रही है।


किसान कर्ज माफी पर सरकार को घेरा

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसते हुए सवालिया लहजे में पूछा कि सरकार किसके लिए 76000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर रही है जबकि गरीब किसान परेशान हैं और उन्हें जेल में डाला जा रहा है।
गांधी ने ट्वीट कर कहा,किसानों को जेल में डाला जा रहा है। अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है, लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। मुंबई में पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक से जुड़े लोग चीख रहे हैं। उन्होंने पूछा,लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार किसके लिए रेड कार्पेट बिछाते हुए 76,000 करोड़ के कर्ज माफ कर रही है? कौन ले गया ये पैसा?
प्रियंका ने आरटीआई के हवाले से एक न्यूज चैनल की उस रिपोर्ट को भी साझा किया जिसमें कहा गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 220 लोगों पर बकाया 76000 करोड़ से अधिक के कर्जे को राइट ऑफ (ठंडे बस्ते में डालना) कर दिया। आम तौर पर जिस कर्ज को बैंक वसूल नहीं कर पाता है उसे राइट ऑफ कर दिया जाता है।


पाक ने तोड़ा सीजफायर,1 जवान घायल

राजौरी। पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले बौखलाए पाक ने राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया जिसमें एक भारतीय जवान घायल हो गया है। पाक लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। अब राजौरी में हुए सीजफायर का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। पाकिस्तान की तरफ से तोड़े गए सीजफायर में एक जवान घायल हो गया है। इससे पहले भी पाकिस्तान कई बार सीजफायर तोड़ चुका है।
गुरुवार को भी पाकिस्तान ने पुंछ में सीजफायर तोड़ा था। पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई थी। इसके साथ ही पाकिस्तान की ओर से मोर्टार भी दागे गए थे। वहीं आज से दो दिन के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान और चीन के बीच अच्छे संबंधों के बावजूद पाक ने सीजफायर का उल्लंघन किया।
बता दें जिनपिंग पीएम मोदी और नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के आमंत्रण पर भारत और नेपाल के दौरे पर आ रहे हैं। जिपनिंग के साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) राजीनितक ब्यूरो के सदस्य डिंग शुएजियांग, सीपीसी सेंट्रल समिति सचिवालय के सदस्य यांग जेइची, विदेश मंत्री वांग यी तथा अन्य लोग शामिल हैं।


झारखंड में दो करोड़ 26 लाख से ज्यादा वोटर

रांची। झारखंड में पांचवी विधानसभा के गठन की कवायद शुरू हो चुकी है। राज्य की 81 विधानसभा सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कैसे जीत दर्ज की जा सके इसके लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनावी गणित में जुटी हुई हैं। 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव के वक्त पुरूष और महिला वोटरों की कुल संख्या दो करोड़ आठ लाख बावन हजार आठ सौ आठ थी। इनमें से एक करोड़ 36 लाख 33 हजार 186 लोगों ने वोट डाले थे।


इस बार दो करोड़ 26 लाख से ज्यादा वोटरों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हुए हैं। 2014 के चुनाव के मुकाबले इस बार वोटरों की संख्या 18 लाख ज्यादा है। चुनाव के वक्त लोग यह जानना चाहते हैं कि झारखंड के किस विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा और कहां सबसे कम है। बताते चलें कि झारखंड में सबसे ज्यादा वोटर बोकारो विधानसभा क्षेत्र में हैं। 2014 में यहां वोटरों की कुल संख्या 4 लाख 92 हजार 853 थी,जबकि कोल्हान के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम यानी 1 लाख 59 हजार 777 वोटर है।


फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...