मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019

मां कुष्मांडा रूपेण संस्थिता

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


नवरात्रि के चौथे दिन कुष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन 'अनाहत' चक्र में अवस्थित होता है। अतः इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए।


कूष्मांडा-सिद्धियां
कूष्मांडा - नवदुर्गाओं में चतुर्थ
देवनागरी-कूष्मांडा
संबंध-हिन्दू देवी
अस्त्र-कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, 
अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा
जीवनसाथी-शिव
सवारी-सिंह
जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं।


इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं। अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।


श्लोक:-सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
महिमा:-माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। माँ कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।विधि-विधान से माँ के भक्ति-मार्ग पर कुछ ही कदम आगे बढ़ने पर भक्त साधक को उनकी कृपा का सूक्ष्म अनुभव होने लगता है। यह दुःख स्वरूप संसार उसके लिए अत्यंत सुखद और सुगम बन जाता है। माँ की उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है।माँ कूष्माण्डा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है। अतः अपनी लौकिक, पारलौकिक उन्नति चाहने वालों को इनकी उपासना में सदैव तत्पर रहना चाहिए।


उपासना:-चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है।[1] प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं।


'महात्मा गांधी' (विविध)

महात्मा गांधी किसके हैं? भाजपा और कांग्रेस दोनों ही स्वयं को गांधी जी के पद चिह्नों पर चलने वाली पार्टी बताती हैं।

यूं तो महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है। यानि महात्मा गांधी देश के प्रत्येक नागरिक के प्रेरणा स्रोत है। लेकिन बदले हुए हालातों में देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस महात्मा गांधी को अपना-अपना प्रेरणा स्त्रोत बताती हैं। गंभीर बात ये है कि कांग्रेस जब महात्मा गांधी को अपना बताती है तो भाजपा की आलोचना की जाती है। जब भाजपा महात्मा गांधी के पद चिह्नों पर चलने का दावा करती है तब कांग्रेस को कोसने से बाज नहीं आती है। अब चूंकि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, 2 अक्टूबर से मनाई जा रही है। तब दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने कार्यक्रम घोषित किए हैं। कांग्रेस पूरे देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती को धूमधाम से मनाएगी और फिर 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भाजपा ने भी कहा है कि उनके सांसद अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में पद यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जब संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना संबोधन दिया तो संबोधन की शुरुआत महात्मा गांधी के नाम से ही की। मोदी का कहना रहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए ही देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। मोदी ने बताया कि गांधी जी की पहल पर किस तरह देश में घर-घर में शौचालय बनाए गए और अब दो अक्टूबर से प्लास्टिक के उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। कांग्रेस तो गांधी जी को अपने घर का मानती है। यह बात अलग है कि देश की आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस शब्द को हटाने की बात कही थी। गांधी जी का मानना रहा कि कांग्रेस की भूमिका देश को आजाद कराने तक थी। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस शब्द को बनाए रखा। कांग्रेस आजादी का पूरा श्रेय महात्मा गांधी को देती है। लेकिन वहीं देश की आजादी में सरदार भगत, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लखां, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कांग्रेस को अब लगता है कि सोशल मीडिया के माध्यम से महात्मा गांधी की इमेज को खराब किया जा रहा है। कुछ लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के उस ऑडियो को चलाया जा रहा है जो उन्होंने गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया था। देखना है कि देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां महात्मा गांधी को कब तक भुनाती रहेंगी। 
एस.पी.मित्तल


कांग्रेस के खिलाफ बेरोजगारों का धरना

राजस्थान के बेरोजगारों का 9 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन। अब कांग्रेस को हराने की शपथ ली। 



जयपुर। शहीद स्मारक के परिसर में प्रदेश भर के बेरोजगारों की एक सभा हुई। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले हुई इस सभा में बेरोजगारों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि आठ दिन में मांगे नहीं मानी गई तो 9 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि राज्य में कांग्रेस सरकार को बनवाने में बेरोजगारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। भाजपा की सरकार ने बेरोजगारों की विभिन्न मांगों को पूरा नहीं किया, इसलिए विधानसभा के चुनाव में घर घर जाकर युवाओं ने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया, लेकिन अब कांग्रेस सरकार भी वही कर रही है जो भाजपा ने किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से लेकर राज्य के मुख्य सचिव तक को बेरोजगारों की समस्याओं से अवगत कराया दिया गया, लेकिन फिर भी समस्या वहीं है। जिन हजारों युवाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है। बेरोजगारों में अब सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। यादव ने बताया कि मंडावा और खींवसर में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में भी बेरोजगार घर घर जाकर कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे। इसी प्रकार स्थानीय निकाय के चुनावों में भी कांग्रेस का विरोध किया जाएगा। इस मौके पर बेरोजगारों ने कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने का संकल्प भी लिया।
एस.पी.मित्तल


मर्यादाओं को लांग रहे अशोक गहलोत

तकदीर हो तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसी हो।
अब बेटे वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाया। 
क्या रामेश्वर डूडी इस हार को पचा पाएंगे?
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन आरसीए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। वैभव का निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है। मतदान चार अक्टूबर को प्रस्तावित है। लेकिन रामेश्वर डूडी के पीछे हट जाने से जाहिर है कि वैभव ही आरसीए के अध्यक्ष बनेंगे। वैभव ने गत लोक सभा का चुनाव जोधपुर से लड़ा था, लेकिन सांसद नहीं बन सके। तब वैभव की उम्मीदवारी और हार को लेकर मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठे। यहां तक प्रचारित किया गया कि कांग्रेस के तब के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गहलोत की भूमिका से नाराज हैं। लेकिन इसे अशोक गहलोत की तकदीर ही कहा जाएगा कि लाख विरोध के बाद भी बेटे को आरसीए का अध्यक्ष बनवा रहे हैं। यदि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व गहलोत से नाराज होता तो वे अपने पुत्र को क्रिकेट की राजनीति में नहीं फंसाते। वैभव को अध्यक्ष नहीं बनने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले क्रिकेट के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने पूरी ताकत लगा दी। स्वयं को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित करते हुए यहां तक कहा कि वैभव गहलोत के लिए सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। डूडी ने जिस तरह क्रिकेट की राजनीति में विरोध का झंडा उठाया उससे साफ जाहिर था कि कांग्रेस की राजनीति की लड़ाई सड़कों पर आ गई है। लेकिन इसे अशोक गहलोत की तकदीर ही कहा जाएगा कि उनके विरोधी अपने आप पस्त हो गए। लोकसभा का चुनाव हारने के बाद भी वैभव गहलोत आरसीए के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट बार बार कह रहे हैं कि कांग्रेस के जिन कार्यकर्ताओं ने पांच साल खून पसीना बहाकर प्रदेश में सरकार बनवाई है उन्हें पहले सम्मान मिलना चाहिए। सूत्रों की माने तो पायलट के विरोध के चलते ही मंत्रिमंडल का विस्तार भी टला है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अशोक गहलोत राजनीति के मजे खिलाड़ी है और समय के साथ अपने विरोधियों को जवाब देते हैं। सब जानते हैं कि सचिन पायलट के समर्थक अभी तक भी गहलोत को सीएम के पद पर पचा नहीं पा रहे हैं। समर्थकों को लगता है कि मुख्यमंत्री की जिस कुर्सी पर पायलट का हक था, उस पर गहलोत बैठे हुए हैं। पायलट ने भी अपने इस दर्द को कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा है। पायलट का कहना है कि जब राजस्थान में कांग्रेस के मात्र 21 विधायक थे, तब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। भाजपा के शासन में पांच साल संघर्ष किया इसलिए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। असल में मुख्यमंत्री बनने के बाद गहलोत ने जिस तरह से सरकार को मजबूती है उससे भी पायलट नाखुश हैं। मालूम हो कि हाल ही में बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया गया है, लेकिन ऐसे विधायकों ने पन्द्रह दिन गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। यह अपने आप में अजीब बात है कि जिन विधायकों को विधानसभा के अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता दे दी उन विधायकों के पास कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं है। 
जोशी की रणनीति सफल:
वैभव गहलोत के आरसीए का अध्यक्ष बनने में अशोक गहलोत की तकदीर का खेल तो है ही इसके साथ ही आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी की भी रणनीति रही है। सीपी जोशी शुरू से ही प्रयासरत थे कि वैभव गहलोत को आरसीए का अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन कांग्रेस के ही नेता रामेश्वर डूडी के मैदान  में कूद पडऩे से कई समस्याएं खड़ी हो गई। लेकिन जोशी ने जो रणनीति बनाई उसकी वजह से अब डूडी को पीछे हटना पड़ा है।  सवाल यह भी है कि जिस तरह से डूडी को हार का सामना करना पड़ा, उसे डूडी किस तरह पचाएंगे? भाजपा के शासन में डूडी ने ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका निभाई थी, लेकिन गत विधानसभा के चुनाव में डूडी बीकानेर से हार गए। यदि डूडी जीतते तो आज कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री होते। भले ही डूडी विधायक का चुनाव हार गए, लेकिन उम्मीद थी कि कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्हें किसी राज्यस्तरीय संस्था का अध्यक्ष बनाकर मंत्री पद की सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन नौ माह गुजर जाने के बाद भी डूडी को लाभ कोई पद नहीं मिला है। 
एस.पी.मित्तल


घुसपैठियों की मुश्किल (संपादकीय)

यूपी में अब घुसपैठियों का रहना मुश्किल होगा। 
डीजीपी ने एनआरसी की तर्ज पर प्रत्येक नागरिक की पहचान करने के आदेश दिए।

केन्द्र सरकार ने असम की तर्ज पर यूपी में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के कोई निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की पहल पर अब देश के सबसे बड़े राज्य में प्रत्येक नागरिक की पहचान करने का काम शुरू कर दिया गया है। राज्य के डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने जिलों में प्रत्येक नागरिक की पहचान करें। यानि अब संबंधित थाना क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक की पहचान की जाएगी। भले ही यूपी में एनआरसी नहीं हो रही हो, लेकिन राज्य सरकार की यह पहल अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों की तरह यूपी को लेकर भी यह आरोप लगते रहे हैं कि बड़ी संख्या में घुसपैठिए रह रहे हैं। ऐसे घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए ही यूपी सरकार ने अपने स्तर पर एनआरसी की कार्यवाही की है। यूपी के सीएम का कहना है कि राज्य सरकार की रिपोर्ट केन्द्र गृहमंत्रालय को भेजी जाएगी। सीएम की यह घोषणा अपने आप में महत्वपूर्ण है। क्योंकि यदि गृहमंत्रालय इस रिपोर्ट पर कार्यवाही करता है तो फिर घुसपैठियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। डीजीपी ने एक अक्टूबर को जो निर्देश दिए हैं उससे पूरे उत्तर प्रदेश में खलबली मच गई है। हालांकि कुछ घुसपैठियों ने राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनवाकर अपनी नागरिकता के सबूत जुटा लिए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पुलिस ऐसे फर्जी दस्तावेज बनवाने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही करेगी। यूपी में भाजपा की सरकार है माना जा रहा है कि भाजपा की सरकार ने जो पहल की है ऐसी पहल भाजपा की अन्य सरकारें भी कर सकती है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह पहले ही कह चुके हैं कि एनआरसी पूरे देश में होनी चाहिए। शाह का कहना है कि कोई भी घुसपैठिया भारत में नहीं रह सकता है। 
एस.पी.मित्तल


नेशनल-डे पर चीन ने दिखाई दुनिया को ताकत

बीजिंग। चीन में कम्युनिस्ट शासन (Communist Rule) की स्थापना को आज यानी 1 अक्टूबर को 70 साल पूरे हो गए हैं। बीजिंग में मंगलवार को जोरशोर से इसका जश्न मनाया गया। इस मौके पर बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के बीच भव्य परेड निकाली गई। अपने मुख्य हथियारों को छिपाकर रखने वाले चीन ने इस परेड में नई परमाणु और हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया। नेशनल डे परेड में चीन ने एक ऐसी मिसाइल भी दिखाई, जो अमेरिका को महज 30 मिनट में तबाह कर सकती है।
एएनआई ने CNN की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल DF-41 (डोंगफेंग-41) को दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल माना जा रहा है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, DF-41 की रेंज 9,320 मील (15 हजार किलोमीटर) तक की है। दुनिया की ये सबसे शक्तिशाली मिसाइल एक साथ 10 परमाणु हथियारों को ढो सकती है और एक ही बार में 10 टारगेट को हिट कर सकती है। ये ठोस ईंधन से चलने वाली, रोड-मोबाइल, अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक परमाणु मिसाइल है।


मिसाइल की खास बातें:-DF-41 का पूरा नाम Dongfeng है। इसका अर्थ होता है East wind. यह मिसाइल 10 मैक की गति से उड़ान भर सकती है।यह मिसाइल दुनिया के किसी भी कोने में महज कुछ ही मिनट में हमला करने में पूरी तरह से सक्षम है।इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि ये एक ही समय में दस अलग-अलग टार्गेट हिट कर सकेगी। यह मिसाइल न्‍यूक्लियर वारहेड ले जा सकती है।उड़ान भरने के दौरान यह मिसाइल टार्गेट के हिसाब से अपनी ऊंचाई को कम या ज्‍यादा कर सकती है।चीन के सैन्‍य विशेषज्ञ इसको अमेरिका और रूस द्वारा बनाई गई 7वीं जनरेशन की न्‍यूक्लियर मिसाइल के बराबर आंकते हैं। यह मिसाइल दुश्‍मन के राडार से बचने में सक्षम है।2018 में सेना में शामिल करने से पहले इसके आठ सफल टेस्‍ट किए गए थे। इससे चीन को अलग-अलग जगहों पर मिसाइलों की तैनाती से भी छुटकारा मिल गया है।


नेशनल डे परेड के दौरान शी जिनपिंग:-शी जिनपिंग ने कहा- चीन को कोई नहीं रोक सकता।नेशनल डे परेड पर शी जिनपिंग ने कहा, 'चीन ने जबरदस्त बदलाव किया। वह डटा हुआ है, समृद्ध हो रहा है और मजबूत बन रहा है। वह कायाकल्प के उत्कृष्ट आयामों के साथ कदम से कदम मिला रहा है। शी ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश चीन और चीन के लोगों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि हम सभी जोखिमों और चुनौतियों से निपटते हुए आगे बढ़ने, नई सफलताएं हासिल करने के लिए एकता सबसे महत्वपूर्ण हैं।


चीन के पास है दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी:-
DF-41 को चीन ने नेशनल डे परेड के लिए पहली बार बाहर निकाला है। बता दें कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी आर्मी है, जबकि चीन की वायुसेना दुनिया में तीसरे नंबर पर आती है।


ऐश्वर्या देगी,एंजेलिना को अपनी आवाज

मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन जल्द ही हॉलीवुड एक्ट्रेस एंजेलिना जोली की 'मेलफिसेंट: मिस्ट्रेस ऑफ एविल' के हिन्दी वर्जन में अपनी आवाज देने जा रही हैं। इस फिल्म के बाद ऐश्वर्या डिज्नी वर्ल्ड से जुड़ गईं हैं। बता दें कि बीते दिनों ही मेलफिसेंट का ट्रेलर सामने आया था। इस ट्रेलर को खूब पसंद किया गया। एंजेलिना की ये फिल्म 2014 में आई मेलफिसेंट का सीक्वल है। इस फिल्म में एंजिलिना के साथ फिल्म में एली फैनिंग, सेम रिले, इमेल्डा स्टॉन्टन, जूना टेम्पल, लेसले मेनविले भी नजर आएंगे। फिल्म इंडिया के साथ साथ सभी देशों में 18 अक्टूबर को आ रही हैं।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...