देश-दुनिया आज किस आयाम पर, किस स्थिति और परिस्थिति में संघर्षशील है? यह आप सभी लोगों के सामने हैं। इसमें यदि आप राजनीति करना चाहते हैं तो कोई बड़ी विचित्र बात नहीं है। आप इसमें राजनीति कर सकते हैं, लेकिन जहां राष्ट्रहित की बात होती है। वहां पर हम सब लोग हिंदुस्तानी होते हैं। ऐसी स्थिति में जो भी निर्णय हिंदुस्तान के पक्ष में है वह निर्णय हमारा स्वयं का निर्णय होता है। चाहे वह निर्णय हमारा को छोटा बच्चा ले रहा हो या हमारे देश का प्रधानमंत्री ले रहा हैं।क्योंकि जब देश के हित की बात आती है तो फिर देश ही सर्वोपरि है उसके लिए किसी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री या किसी मंत्री,संतरी, अगरा, वगैरह, आलतू-फालतू आम आदमी के विश्लेषण की आवश्यकता नहीं है। हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तान के लिए हम अपना सब कुछ सर्वत्र करने के लिए पहले से ही तत्पर है। हमेशा रहेंगे। यह हमारी सद्भावना है ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम किया है वह शायद कोई और प्रधानमंत्री नहीं कर पाता।इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार धन्यवाद और उसके बाद देश के विकास के लिए और भी कई ऐसे मसले हैं। कई विवाद है, कई मुद्दे हैं, जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काम करने की जरूरत है। ऐसी उम्मीद भी है कि प्रधानमंत्री उन विषयों पर कार्य कर रहे हैं।परिणाम भी उत्कृष्ट होंगे।आज यूनिवर्सल एक्सप्रेस परिवार पूरी दुनिया को भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करता है। धन्यवाद करता है जो लोग आज इस वर्तमान में इस भौतिकवाद से रूबरू हैं। वास्तविकता को बहुत बारीकी से समझ रहे हैं उनके लिए पुन: एक बार फिर धन्यवाद।हम सब भारतीय लोकतंत्र में स्वतंत्र दिवस मनाएंगे। वह भी पूरी स्वतंत्रता के साथ। धन्यवाद। यदि देशवासियों को किसी प्रकार की कोई भी समस्या और आपत्ति है तो वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी समस्याओं को अग्रेषित करने का अधिकारी है।
बुधवार, 14 अगस्त 2019
राष्ट्रपति का देश वासियों के लिए साधारण संदेश
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी। राट्रपति कोविंद ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है।यह निर्णय वहां के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के निवासी इस बदलाव से अधिक लाभान्वित होंगे। संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे।गांधीजी हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। वे समाज को हर प्रकार के अन्याय से मुक्त कराने के प्रयासों में हमारे मार्गदर्शक भी थे। उन्होंने कहा कि गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है. उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही कर लिया था। गांधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधीजी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं। अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देना भी गांधीजी की सोच के अनुरूप है।
एयर इंडिया की फ्लाइट में घबराए यात्री
नई दिल्ली। कुत्तों की मौजूदगी की वजह मुंबई से गोवा आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट डाबोलिम रनवे पर पहले प्रयास में लैंडिंग नहीं कर पाई। पहले प्रयास में सफल लैंडिंग नहीं होने के कारण यात्री घबरा गए लेकिन विमान ने दूसरे प्रयास में लैंड किया गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं।जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात को आवारा कुत्तों की मौजूदगी की खबर एटीसी यानि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पास नहीं थी।अंधेरा होने के कारण रनवे कंट्रोलर ने रनवे पर किसी भी कुत्ते को नहीं देख सका, जिस वजह से फ्लाइट के लैंडिग में देरी हुई।गोविंद गांवकर नाम के यात्री का दावा है कि वह मुंबई से गोवा जाने वाली उड़ान में सवार थे।उन्होंने दावा किया कि कुत्तों को देखकर पायलट ने 'टचडाउन' से कुछ क्षण पहले लैंडिंग रोक दी। उन्होंने ट्वीट किया कि विमान करीब 15 मिनट के बाद उतरा गया। पायलट से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि रनवे पर पांच-छह कुत्ते थे। यह बिल्कुल परेशान करने वाली बात है. संपर्क करने पर, गोवा हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि कथित घटना की जांच की जाएगी। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने डीजीसीए को टैग करते हुए कहा कि क्या डीजीसीए इस मामले पर संज्ञान लेगा? यात्रियों को खतरे में रखा जा रहा है। मैं गोवा के मुख्यमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अपील करता हूं कि इस पर ध्यान दिया जाए।
हिंदू-मुस्लिम सब में देशभक्ति का जज्बा
ईद की तरह देश की आजादी का पर्व भी जोश के मनाएं कश्मीरी।
ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन का देशभक्ति भरा बयान।
अजमेर में निकली तिरंगा रैली। देश की खातिर कुर्बानी देने का संकल्प।
अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बाहर देशभक्ति का जज्बा देखने को मिला। पाकिस्तानी यदि यह समझता है कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत पर हमला करने पर मुसलमानों का समर्थन मिल जाएगा तो उसे अजमेर आकर ख्वाजा साहब की दरगाह का माहौल देखना चाहिए। 14 अगस्त को जहां मुस्लिम प्रतिनिधियों ने देश की खातिर कुर्बानी देने का संकल्प लिया तो वहीं दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने देश के सबसे बड़े माने जाने वाले न्यूज चैनल आर भारत को जोशीला इंटरव्यू दिया। आबेदीन ने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव होने से कश्मीर के लोगों का फायदा ही होगा। अब तक जो सुविधाएं और अधिकार कश्मीरियों को नहीं मिल रहे थे, वो सब अब मिलने लगेंगे। कश्मीरियों ने गत 12 अगस्त को जिस प्रकार ईद का पर्व शांति और उत्साह के साथ मनाया, उसी प्रकार 15 अगस्त को भी देश की आजादी का पर्व मनाए। अनुच्छेद 370 में बदलाव कर केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को देश मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास किया है। एक और दरगाह दीवान ने न्यूज चैनल पर देशभक्ति से भरा इंटरव्यू दिया, वहीं ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर उस समय देशभक्ति का माहौल हो गया, जब तिरंगा रैली निकाली गई। रैली के संयोजक नवाब हिदायउल्ला, महमूद खान के साथ साथ मुस्लिम प्रतिनिधि शेखजादा जुल्फिकार चिश्ती, सरवर चिश्ती, माजीद चिश्ती आदि ने कहा कि यदि देश की खातिर कुर्बानी की जरूरत हुई तो मुसलमान सबसे आगे होगा। कुरान शरीफ का हवाला देते हुए मुस्लिम प्रतिनिधियों ने कहा कि मुसलमान जिस देश में रहता है, उस देश का मरते दम तक वफादार होता है। इसी सोच के साथ 800 साल पहले ख्वाजा साहब इरान से हिन्दुस्तान और फिर अजमेर आए। दरगाह के बाहर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाकर पाकिस्तान को भी ललकारा। प्रतिनिधियों ने कहा कि पाकिस्तान को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए। यदि पाकिस्तान हमला करता है तो भारत की सीमा पर मुसलमान खड़े मिलेंगे। तिरंगा रैली दरगाह के मुख्य द्वार से शुरू होकर देहली गेट तक पहुंची। रैली में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह शेखावत, नगर निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता, थानाधिकारी हेमराज, अंजुमन के पदाधिकारी अब्दुल माजीद चिश्ती आदि ने लोगों को तिरंगे झंडे वितरित किए।
एस.पी.मित्तल
अमिताभ और सलमान (संपादकीय)
आखिर अमिताभ बच्चन के मुकाबले में आ ही गए सलमान खान।
कौन बनेगा करोड़पति के ऐलान के बाद बिग बॉस-13 का प्रोमो जारी।
सुपर स्टार अमिताभ बच्चन द्वारा अभिनीत कौन बनेगा करोड़पति सीरियल 19 अगस्त से रात 9 बजे से सोनी चैनल पर दिखाया जाएगा। कोई पन्द्रह दिन पहले सीरियल के निर्माताओं ने घोषणा की थी, तभी से फिल्म और टीवी सीरियल जगत सलमान खान के बिग बॉस का इंतजार किया जा रहा था। पिछले कई वर्षों से कौन बनेगा करोड़पति और बिग बॉस सीरियलों के बीच मुकाबला हो रहा है। जहां कौन बनेगा करोड़पति सोनी इंटरटेटमेंट पर प्रसारित होता है, वहीं बिग बॉस कलर्स चैनल पर। सीरियलों से ज्यादा मुकाबला दोनों सीरियलों के एंकरों के बीच होता है। यह कोई संयोग नहीं है कि प्रतिवर्ष दोनों सीरियल एक साथ दिखाए जाते हों, असल में यह मनोरंजन चैनलों की प्रतिस्पर्धा के साथ साथ अमिताभ बच्चन और सलमान खान के बीच लोकप्रियता का भी मुकाबला है। दोनों ही सीरियलों का समय रात 9 से 10 बजे के बीच रखा जाता है और यह देखा जाता है कि कितने दर्शक किस सीरियल को देख रहे हैं। चूंकि अमिताभ बच्चन और सलमान खान के अपने अपने फालोअर्स हैं इसलिए हमेशा रोचक स्थिति होती है। जहां तक सीरियलों में कटेंट का सवाल है तो कौन बनेगा करोड़पति में जहां बुद्धिमता और समझ की जरूरत होती है, वहीं बिग बॉस को बिना समझ वाले दर्शक भी देख सकते हैं। क्योंकि इस सीरियल में गाली गलौज से लेकर अश्लीलता, बेहूदगी, मारपीट, द्विअर्थी संवाद आदि का मसाला भरा होता है। बिग बॉस के निर्माता समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बदनाम या किन्हीं कारणों से चर्चित रहे व्यक्तियों को बुलाकर घर में रखते हैं वहीं कौन बनेगा करोड़पति में बुद्धि और समझ का एग्जाम उत्तीर्ण करने के बाद भी सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के सामने वाली हॉट सीट पर बैठने का मौका मिलता है। गंदा काम करने के आरोप में बिग बॉस के घर से निकाला जाता है, जबकि कौन बनेगा करोड़पति में तेज तर्रार वाले बुद्धिजीवी को नकद राशि देकर सम्मान किया जाता है। जिस व्यक्ति को अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने का अवसर मिलता है, वह स्वयं को गौरवांवित समझता है, जबकि घर से बाहर निकलने पर कई सदस्य बिग बॉस के माहौल पर ही ऐतराज जताते हैं। देखना होगा कि इस बार कौन बनेगा करोड़पति और बिग बॉस के सीरियलों में मुकाबला कैसा होता है।
एस.पी.मित्तल
धारा 370 की सच्चाई समझनी चाहिए
अनुच्छेद 370 में बदलाव का असर तो जम्मू और लद्दाख में भी हुआ।
लेकिन सख्ती कश्मीर घाटी में ही क्यों करनी पड़ रही है?
राष्ट्रभक्त लोगों को इस सच्चाई को समझना होगा।
अनुच्छेद 370 में जो बदलाव किया हैं उसका असर जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में भी पड़ा है। अब जम्मू और लद्दाख में तो हालात सामान्य हो गए हैं। लद्दाख में जश्न जैसा माहौल है 370 की वजह से सबसे ज्यादा अत्याचार लद्दाख के लोगों पर ही हुआ था। सवाल उठता है कि जब जम्मू और लद्दाख में हालात सामान्य हो सकते हैं तो कश्मीर घाटी में क्यों नहीं? ऐसा नहीं कि जम्मू और लद्दाख में मुसलमान नहीं रहते। जम्मू और लद्दाख में भी हिन्दुओं और बौद्धधर्म को मानने वाले लोगों के साथ मुसलमान भी रहते हैं। लेकिन इन इलाकों में शांति बनी हुई है। जिन देशद्रोहियों को कश्मीर घाटी के हालात असामान्य लगते हैं, वे जम्मू और लद्दाख का दौरा क्यों नहीं करते? क्या जम्मू और लद्दाख, जम्मू-कश्मीर प्रांत के हिस्से नहीं है? राष्ट्रभक्त लोगों को देश की इस सच्चाई को समझना होगा। एक सुनियोचित षडय़ंत्र के तहत कश्मीर घाटी से पांच लाख हिन्दुओं को प्रताडि़त कर भगा दिया गया। पिछले 25 वर्षों से घाटी के पांच-छह जिलों मेंएक तरफा माहौल हो गया। यही जिले आतंकवाद से ग्रस्त हैं। सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी के साथ साथ पाकिस्तान के झंडे लहराए गए। तिरंगा लहराने वालों को मौत के घाट उतारा गया तो पाकिस्तान का झंडा लहराने वाले हीरो बन गए। यानि घाटी से हिन्दुओं को हटाने के बाद ही एक तरफा माहौल हुआ। यदि घाटी में हिन्दू बसे रहते तो आज प्रशासन को सख्ती नहीं करनी पड़ती। जो माहौल जम्मू और लद्दाख का है वो ही माहौल कश्मीर घाटी का भी होता। जो लोग आज कश्मीर घाटी के नागरिकों पर लगी कुछ पाबंदियों पर चिंतित हैं वो तब कहां गए थे, जब हिन्दुओं के परिवारों की महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार हो रहा था। जब पांच लाख हिन्दुओं को भगाया जा रहा था, तब कांग्रेस के नेता गुलाब नबी आजाद भी चुप थे, लेकिन अब कश्मीरियों के लिए आसंू बहा रहे हैं। जम्मू और लद्दाख में मुसलमान भी रहते हैं। 370 में बदलाव होने के बाद क्या किसी मुसलमान पर कोई ज्यादती हुई? उल्टे राष्ट्रभक्त मुसलमान इस बात से खुश हैं कि अब उन्हें सब अधिकार मिलेंगे। यदि घाटी के पांच-छह जिलों में रहने वाले कश्मीरी भी जम्मू और लद्दाख के मुसलमानों की तरह आचरण करें तो प्रशासन घाटी में धारा 144 की पाबंदियां समाप्त कर सकता है।
एस.पी.मित्तल
मीडिया का हो रहा है दुरुपयोग,स्वीकार करें
जयपुर से लेकर कश्मीर तक सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है, इसलिए इंटरनेट बंद करना पड़ा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सच्चाई को स्वीकारा।
जयपुर । आयोजित संस्कृत विद्वान सम्मान समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि जयपुर से लेकर कश्मीर तक सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। कुछ लोग माहौल खराब करने के लिए झूठी खबरें पोस्ट कर देते हैं। जयपुर में पिछले दो दिनों से कुछ लोगों ने सुभाष चौक, गलता, रामगंज आदि क्षेत्रों का माहौल खराब कर रखा है। 13 अगस्त को भी दंबा फसाद की खबरें चलाई गई, जबकि किसी भी स्थान पर गड़बड़ी नहीं हुई। ऐसी झूठी और बेबुनियाद खबरों को देखते हुए ही जयुपर और कश्मीर में इंटरनेट बंद किया है। मालूम हो कि 12 अगस्त को कावड़ यात्रा पर हमले के बाद आधे जयपुर के हालात बिगड़े हुए हैं। प्रशासन ने धारा 144 लगा कर इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी हैं। सरकार नहीं चाहती कि असामाजिक तत्व झूठी खबरें चला कर माहौल खराब करें। असल में सोशल मीडिया को लेकर जो चिंता राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जताई है, वहीं चिंता इन दिनों जम्मू कश्मीर का प्रशासन जता रहा है। यही वजह है कि कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी हैं। कश्मीर में पाकिस्तान का प्रोपेगंडा भी चल रहा है। अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद गत 5 अगस्त से जम्मू कश्मीर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। 9 अगस्त को जुम्मे की नमाज और 12 अगस्त को ईद भी शांतिपूर्वक रही। लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर हंगामे के पुराने वीडियो पोस्ट कर माहौल को बिगाडऩे की कोशिश की जा रही है। यह अच्छी बात है कि कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग की सच्चाई को स्वीकार की है और यह भी माना कि जयपुर और कश्मीर में इसलिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गई है। जयपुर में 15 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी है। 13 अगस्त की रात को भी पथराव की घटनाएं हुई हैं।
एस.पी.मित्तल
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