शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

दो बहनों के साथ किया गैंगरेप:जौनपुर

जौनपुर । इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला यूपी के जौनपुर से सामने आय है। यहाँ दो सगी बहनों से साथ सामूहिक बलात्कार की घटना से  पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। जानकारी के मुताबिक बताते चले   पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि उनके ही क्लास में पढ़ने वाले दो छात्रों ने प्रैक्टिकल की बुक वापस करने के बहाने उन्हें अपने घर बुलाया और फिर दोनों के साथ बारी-बारी बलात्कार किया। इस दौरान आरोपियों ने उनका वीडियो भी बना लिया और घटना के बारे में किसी को बताने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। पीड़ित छात्राओं ने अब मड़ियाहूं थानें में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये दिल दहला देने वाला मामला यूपी जौनपुर जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र का है। जहाँ पीड़ित छात्राओं ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह एक कॉलेज में इंटर की छात्रा है। उनका आरोप है कि छात्राओं के साथ पढ़ाई करने वाले मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के मईडीह गांव निवासी जितेंद्र शर्मा उर्फ प्रधान ने छात्राओं से उनकी प्रैक्टिकल बुक मांगी। इस पर छात्राओं ने उसे प्रैक्टिकल बुक दे दी। चार-पांच दिन बीत जाने पर जब प्रैक्टिकल बुक युवक द्वारा नहीं लौटाया गया तो छात्राओं ने उन्हें फोन किया। अब युवक को छात्राओं का फोन नंबर मिल गया तो वह उनसे बातचीत करने लगा। एक दिन वह दोनों बहनों को बहला-फुसलाकर नगर के मोहल्ला निवासी अपने दोस्त आकाश जायसवाल के घर ले गया। वहीं पर युवक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर दोनों बहनों के साथ बलात्कार किया फिर उनका विडियो भी मोबाइल पर रिकॉर्ड किया।


पीड़ित छात्राओं ने आगे पुलिस को बताया की दोनों दरिंदो ने उनका अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। यही नहीं आरोपी छात्र ने उनसे  पैसे की मांग भी की। परेशान होकर छात्राओं ने मडियाहूं कोतवाली में बुधवार शाम को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जितेंद्र शर्मा व नगर के मिर्दहा निवासी आकाश जायसवाल पुत्र महेंद्र जायसवाल के विरुद्ध दुराचार व पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दोनों छात्राओं को महिला पुलिस की अभिरक्षा में मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया।


भारत-विंडीज का मैच चढ़ा बारिश की भेंट

जॉर्जटाउन-गयाना। आईसीसी विश्व कप के बाद पहली बार वनडे मुकाबले के लिए मैदान पर उतरे भारत और वेस्टइंडीज का मैच गुरुवार (8 अगस्त) को बारिश की भेंट चढ़ गया। दोनों ही टीमें विश्व कप के बाद बदलाव के दौर से गुजर रही हैं। भारतीय टीम में श्रेयस अय्यर जैसे युवाओं की एंट्री हो गई है, तो वेस्टइंडीज के क्रिस गेल विदाई सीरीज खेल रहे हैं। इस कारण क्रिकेटप्रेमियों की इस मुकाबले पर नजरें लगी हुई थीं। लेकिन बारिश ने एक-दो बार नहीं, पूरे तीन बार खेल बिगाड़ा और तभी थमी, जब यह तय हो गया कि अब खेल हो पाना संभव नहीं है।यह मैच भारत और विंडीज वनडे सीरीज का पहला मुकाबला था. प्रोविडेंस स्टेडियम में खेले गए इस मैच में महज 13 ओवर ही खेल चल सका और भारी बारिश की भेंट चढ़ गया। तीसरी बार जब बारिश आई तब वेस्टइंडीज ने एक विकेट के नुकसान पर 54 रन बना लिए थे।एविन लुईस 40 और शाई होप छह रन बनाकर खेल रहे थे। भारत और विंडीज के बीच अब दूसरा वनडे मुकाबला रविवार (11 अगस्त) को खेला जाएगा। मैच पर सिलसिलेवार नजर डालें तो तो खेल शुरू होने के पहले से ही बारिश हो रही थी। इस कारण टॉस में भी देरी हुई। बारिश रुकने के बाद थोड़ी देर मैदान को सुखाया गया। इसके बाद टॉस हुआ, जिसे भारत ने जीता. भारत ने विंडीज को बल्लेबाजी के लिए बुलाया। मैच 43-43 ओवर का पारी कर दिया गया।


बारिश ने ओवर घटाने को मजबूर किया: अभी 5.4 ओवर का खेल ही हुआ था कि दोबारा बारिश आई गई। मैच रोकना पड़ा। जब मैच रोका गया तब विंडीज का स्कोर नौ रन था। क्रिस गेल तीन और एविन लुईस 9 रन पर नाबाद थे।करीब एक घंटे बाद बारिश रुकी और मैच दोबारा शुरू हुआ।बारिश ने एक बार फिर खेल बिगाड़ दिया था और एक बार फिर ओवर में कटौती कर दी गई। सतर्क शुरुआत की कोशिश में रन कम बनाए थे। दूसरी बार एविन लुईस ने रनरेट बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने खलील अहमद की गेंद पर दो और भुवनेश्वर की गेंद पर एक छक्का लगाकर अपने इरादे जता दिए। हालांकि, क्रिस गेल लय में नजर नहीं आए।


बसपा की नीतियों का किया प्रचार

संवाददाता : विवेक चौबे


गढ़वा । जिले के कांडी प्रखंड में गुरुवार को  ज्ञान दर्शन कोचिंग सेंटर हॉल में बहुजन समाज पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं द्वारा अहम बैठक की गई! इस बैठक में प्रखंड कमिटि व सेक्टर का गठन करना मुख्य उद्देश्य था।बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में बसपा प्रदेश प्रभारी हरेंद्र गौतम उपस्थित थे! बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष श्रवण कुमार व मंच संचालन नंदू मेहता के द्वारा की गई! उक्त सभी लोगों ने बाबा भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया! बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी बसपा नेता राजन मेहता ने बैठक में उपस्थित सैकड़ों लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि हम लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। पंचायत वार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष पद का चयन कर लोगों को जागरूक करें ! उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार आज भी लोगों तक सरकारी लाभ नहीं पहुंचा पा रही है बिचौलिए के माध्यम से गरीब-पात्रो से पैसे की वसूली कर प्रखंड में कार्य कराया जा रहा है ! जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए अति निंदनीय विषय है। हमारी सरकार बहुजन समाज पार्टी की सरकार कभी पैसे वसूली का कार्य नहीं करती है! इसलिए मेरा सभी लोगों से कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी लोग सजग रहें! बैठक में अमरेंद्र कुमार राम, लक्ष्मण प्रसाद मेहता ,नागेंद्र मेहता, रामप्यारे मेहता, लोकेश कुमार, राजन राम, जमीला खातून, बबलू खलीफा ,रफीक खलीफा ,सलीम अंसारी ,सुल्तान अंसारी सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे!


जेटली को मिलने,अस्पताल गये मोदी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री अरूण जेटली को सांस की तकलीफ के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एम्स जाकर उनके स्वास्थ्य औऱ इलाज की जानकारी ली।बताया जा रहा कि जेटली को शुक्रवार दिन में 11 बजे एम्स में भर्ती कराया गया।काफी समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (66) को एम्स में न्यूरो कार्डियक सेंटर में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की एक टीम जेटली की निगरानी कर रही है, जिसमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, कार्डियोलॉजिस्ट्स और नेफ्रोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं।


जेटली पिछले करीब 2 साल से बीमार चल रहे हैं। वह सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित हैं। किडनी संबंधी बीमारी के बाद बीते वर्ष मई में उनकी किडनी प्रत्यारोपित की गई थी। लेकिन किडनी की बीमारी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे हैं। बताया जा रहा कि उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे।अरुण जेटली ने पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली थी। बीमारी की वजह से इस बार वह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए।


परिवर्तन के सापेक्ष (संपादकीय)

जुम्मे की नमाज के बाद सुकून रहा जम्मू कश्मीर में। 
ईद पर और ढील दी जाएगी।

सभी आशंकाओं को परे ढकेलते हुए,केन्द्र शासित जम्मू कश्मीर में जुम्मे की नमाज के बाद सुकून बना रहा। आतंकग्रस्त माने जाने वाले कश्मीर घाटी के जिलों में हालात सामान्य बने रहे। किसी भी स्थान से पत्थरबाजी या पाकिस्तान के झंडे लहराए जाने की जानकारी नहीं मिली। जुम्मे की नमाज को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 9 अगस्त की सुबह से ही सुरक्षा इंतजामों में ढील देना शुरू कर दिया था। लोग अपने वाहनों से इधर-उधर आ जा रहे थे। सुरक्षा बलों ने मस्जिदों पर विशेष निगरानी रखी ताकि अप्रिय घटना होने पर निपटा जा सके। पूर्व में जिन मस्जिदों से भड़काऊ भाषण सुनने को मिलते थे, उन मस्जिदों से 9 अगस्त को जुम्मे की नमाज से पहले शांति बनाए रखने की अपीलें सुनाई दी गई। अधिकांश मस्जिदों  में माइक के जरिए अपीले की गई। प्रशासन के सूत्रों के अनुसार जम्मू क्षेत्र में आशंका के तौर पर इंटरनेट की सेवाएं बहाल कर दी गई है तथा स्कूल कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। जम्मू और लद्दाख में बड़ी संख्या में अपने घरों से निकल कर बाजारों में खरीददारी कर रहे हैं। 9 अगस्त की स्थितियों को देखते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन बेहद उत्साहित है। प्रशासन के बड़े अधिकारियों का कहना है कि अब 12 अगस्त को ईद के मौके पर और ढील दी जाएगी। लोग एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दे सके और मस्जिदों, ईदगाहों में ईद की नमाज पढ़ सके इसके विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। 8 अगस्त की रात को राष्ट्र के नाम संबोधन में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि ईद के मौके पर जम्मू कश्मीर के सुरक्षा इंतजामों में ढील दे दी जाएगी। असल में पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने और अनुच्छेद 370 में बदलाव करने के बाद 9 अगस्त को पहला अवसर रहा, जब जुम्मे की नमाज अदा की गई। ऐसे में सुरक्षा बलों को भी गड़बड़ी की आशंका थी, लेकिन इसे जम्मू कश्मीर  के लोगों की बदलती मानसिकता ही कहा जाएगा कि अब अधिकांश लोग शांति चाहते हैं। जम्मू कश्मीर के नागरिकों के सामने यह बात साफ हो गई है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों की वजह से केन्द्र सरकार के सौ से भी ज्यादा कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं हो रहे थे, लेकिन अब पांच अगस्त के बाद से ही केन्द्र सरकार के सभी कानूनों और सुविधाओं का लाभ जम्मू कश्मीर के नागरिकों को मिलने लगेगा। आज जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी समस्या रोजगार और विकास की है। चूंकि अनुच्छेद 370 की वजह से ये दोनों ही सुविधाएं जम्मू कश्मीर के लोगों को नहीं मिल रही थी, इसलिए भुखमरी के हालात हो गए। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेता अपने स्वार्थों की वजह से जम्मू कश्मीर के लोगों को गुमराह करते रहे। लेकिन अब जब अनुच्छेद 370 में बदलाव हो गया है तब जम्मू कश्मीर के लोग एक नए वातावरण का अहसास कर रहे हैं। 9 अगस्त को हालात सामान्य रहने पर सुरक्षा बलों ने भी राहत की सांस ली है। 
वामपंथियों को हिरासत में लिया:
वामपंथी नेता डी राजा और सीताराम येचुरी को 9 अगस्त को श्रीनगर के एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। ये दोनों नेता जुम्मे की नमाज के मौके पर जम्मू कश्मीर के हालात बिगाडऩे के लिए आए थे। लेकिन प्रशासन ने दोनों नेताओं को एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया। बाद में दोनों नेताओं को वापस हवाई जहाज से दिल्ली भेज दिया गया। 8 अगस्त को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू कश्मीर  के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने भी ऐसा ही कृत्य किया था। लेकिन प्रशासन ने आजाद को भी वापस दिल्ली रवाना कर दिया। प्रशासन का मानना है कि ऐसे नेता जम्मू कश्मीर के माहौल को बिगाड़ेंगे। जम्मू कश्मीर में अभी भी धारा 144 लागू है। 
एस.पी.मित्तल


भूपेंद्र को बनाया महाराष्ट्र चुनाव प्रभारी

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को अब महाराष्ट्र का चुनाव प्रभरी बनाया गया।  जम्मू कश्मीर के ऑपरेशन में भी रही महत्वपूर्ण भूमिका।

देश के चार राज्यों में इसी वर्ष चुनाव होने हैं उनमें आज भाजपा ने प्रभारियों की नियुक्ति की है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव को महाराष्ट्र जैसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी बनाया गया है। यादव अजमेर के निवासी हैं और राजस्थान से राज्य सभा के सांसद हैं। यादव के साथ ओम प्रकाश माथुार को झारखंड, प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली तथा नरेन्द्र सिंह तोमर को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। असल में महाराष्ट्र का प्रभारी बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। हालांकि महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसकी सहयोगी एनसीपी बुरे दौर से गुजर रही है। लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार भाजपा- शिवसेना के गठबंधन ने सफलता प्राप्त की उससे कांग्रेस और एनसीपी में भगदड़ मची हुई है। भाजपा को अपने सहयोगी दल शिवसेना के साथ ही तालमेल बैठाना है। हालांकि अभी भाजपा के देवेन्द्र फडऩवीस मुख्यमंत्री है, लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा जता दिया है। यानि भाजपा को शिवसेना के साथ ही तालमेल बैठाने की चुनौती है। यूं भूपेन्द्र यादव राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों के प्रभारी रहे हैं, लेकिन गत बार बिहार के प्रभारी थे। बिहार में भी भाजपा का गठबंधन मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ है। गठबंधन के धर्म को निभाने में यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आपसी तालमेल का ही परिणाम रहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार से कांग्रेस, राजद और वामपंथी दलों का सूपड़ा साफ हो गया। केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह का क्षेत्र बदलने से थोड़ी नाराजगी सामने आई थी, लेकिन इसे यादव की राजनीतिक सूझबूझ ही कहा जाएगा कि गिरीराज सिंह ने कन्हैया कुमार जैसे नेता को हरा दिया। सूत्रों की माने तो बिहार के अनुभवों का ध्यान में रखते हुए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने यादव को महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया है। यादव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता। विपरीत परिस्थितियों में भी यादव बेहद कूल बने रहते हैं। अपनी मेहनत और वफादारी की वजह से ही यादव ने आज भाजपा में अपना  शीर्ष स्थान बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह को भी पता है कि शिवसेना के नेताओं की नाक पर गुस्सा रहता है। ऐसे में सीटों के बंटवारे में भूपेन्द्र यादव का शांत व्यवहार काम आएगा। वैसे भी अब यदाव चुनावी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गए हैं। 
जम्मू कश्मीर के ऑपरेशन में भूमिका:
भूपेन्द्र यादव सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील भी है। अनुच्छेद 370 में बदलाव को लेकर केन्द्र सरकार की ओर से जो राजनीतिक ऑपरेशन किया गया, उसमें यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यादव उस टीम में शामिल रहे जिसने राज्यसभा में इस प्रस्ताव को भारी मतों से स्वीकृत करवाया। चूंकि राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है, इसलिए इस प्रस्ताव को स्वीकृत करवाना चुनौती पूर्ण कार्य था। कांग्रेस सहित प्रमुख विपक्षी दलों के सांसद मत विभाजन के समय अनुपस्थित रहे तथा कई सांसदों ने पूर्व में ही राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा तक दे दिया। प्रस्ताव को कनूनी अमली जामा पहनाने में भी यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। 
एस.पी.मित्तल


नागौर की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत

नागौर की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत। जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने के बाद रामेश्वर डूडी खींवसर से हो सकते हैं कांग्रेस के उम्मीदवार। सांसद बेनीवाल से हैं अच्छे संबंध।

जयपुर । राजस्थान में जाट समुदाय के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष तो बन गए हैं और अब उनकी नजर नागौर के खींवसर विधानसभा उपचुनाव पर है। खींवसर के विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बन जाने पर उपचुनाव होने हैं। हालांकि अब हनुमान बेनीवाल और उनकी आरएलपी भाजपा को समर्थन दे रही है, लेकिन डूडी और बेनीवाल के बीच मधुर संबंध हैं। डूडी ने गत विधानसभा का चुनाव बीकानेर से लड़ा था, लेकिन कांग्रेस की आपसी गुटबाजी की वजह से डूडी को हार का सामना करना पड़ा। असल में विधानसभा चुनाव के समय उम्मीदवारों के चयन को लेकर डूडी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच विवाद हो गया था। जब डूडी बीकानेर से चुनाव हार गए, तब खींवसर के विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि यदि कांग्रेस जाट के तौर पर रामेश्वर डूडी को मुख्यमंत्री बनाती है, तो खींवसर से इस्तीफा दे दूंगा। डूडी खींवसर से विधायक बन सकते हैं। सूत्रों की माने तो फुलेरा विधानसभा क्षेत्र डूडी जिस उम्मीदवार की पैरवी कर रहे थे, उसे पायलट ने टिकिट नहीं लेने दिया। बाद में इसी उम्मीदवार ने हनुमान बेनीवाल को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। चूंकि अब बेनीवाल नागौर के सांसद हैं, इसलिए जिला क्रिकेट संघ पर भी दबदबा हैै। इसे डूडी और बेनीवाल की रणनीति ही कहा जाएगा कि डूडी के अध्यक्ष बनने की पहले किसी को भी जानकारी नहीं हुई। 8 अगस्त को चुनाव सम्पन्न हो जाने के बाद मीडिया को बताया गया। डूडी खींवसर से उपचुनाव भी बेनीवाल की रणनीति के तहत लड़ेंगे। सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में हनुमान बेनीवाल राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नागौर का खींवसर विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल्य है, ऐसे में ये उपचुनाव में डूडी की जीत आसान मानी जा रही है। डूडी गत बार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे। हार के बाद भी कांग्रेस में डूडी का महत्व बना हुआ है। 
एस.पी.मित्तल


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...