सोमवार, 29 जुलाई 2019

पोखरे से निकला मगरमच्छ:हड़कंप

रतनपुर ! महाराजगंज नौतनवां थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत चकदह खास मे बीते दिनों धूप का आनंद लेने के लिए एक मगरमच्छ दिखाई दिया! गांव में बात जंगल में आग की तरह फैल गई! लोग इकट्ठा हो गये, तमाशा देखने के लिए पहुंच गए! वह मगरमच्छ विशाल काया रूप में था, जो धूप का आनंद ले रहा था! मिली खबर के मुताबिक गांव के मंन्दिर के बगल मे दक्षिण पोखरे मे सोमवार को सुबह 9 बजे ग्रामीणों ने देखा एक मगरमच्छ ! जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने थाना और वन विभाग के जिम्मेदार लोगो को दे दी! लेकिन सूचना देने और खबर लिखे जाने तक कोई भी जिम्मेदार मौके पर नही पहुंचा था! गांव के ग्रामीणों ने बताया की जहां मगरमच्छ निकला है वह जगह सार्वजनिक है! जहां मंन्दिर और पंचायत भवन स्थित है! यहा लोग आकर अक्सर बैठते रहते है! समय रहते अगर मगरमच्छ को यहा से भगाया नही गया तो किसी दिन कोई बडी घटना घट सकती है! जिसको लेकर आस पास के सभी ग्रामीण काफी चिन्तित और परेशान है!


सरकार ने जनपद के पूर्वी और उत्तरी छोर पर स्थित धनिया ताल में मगरमच्छ बसेरा के लिए एक खूबसूरत तालाब की रचना कराई ! जिससे यह जल जीव की व्यवस्था सुचारू हो सके ! प्रतिवर्ष बरसात के मौसम में दर्जनों स्थानों पर मगरमच्छ दिखाई देते हैं! कहीं नहर में तो कहीं गांव के छोटे-छोटे तालाबों में पहुंचकर दार्शनिक के रूप में रह जाते हैं !जबकि सरकार की व्यवस्थाएं अजीबो-गरीब है! प्रतिवर्ष वहां इनके संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं!


मुस्लिम समाज ने पेश किया आदर्श

कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कर मुस्लिमो ने पेश की सौहार्द की मिसाल.!


प्रयागराज ! सावन के दूसरे सोमवार को गंगा जमुनी की तहज़ीब कहे जाने वाला शहर प्रयागराज में अद्भुत नज़ारा देखने को मिला, शास्त्री पुल पर जुटे मुस्लिम युवा और बुजुर्गों ने आपसी भाईचारा क़याम रखने की एक नई नज़ीर पेश की जहाँ युवा मुस्लिमो ने गंगा जल लेकर काशीधाम जा रहे श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया वहीं बुजुर्ग नमाज़ियों ने कांवड़ियों को फल वितरित कर उनके मंगल यात्रा की कामना करते हुऐ दुवाएं की, सांझी संस्कृति वाला शहर प्रयागराज वर्षो से गंगा जमुनी तहजीब के लिये जाना जाता रहा है जिसका उधारण आज देखने को मिला, सबने एक स्वर में भगवान भोलेनाथ का उदघोष भी किया !


इस मौके पर: हसीब अहमद, नूरूल कुरैशी, महताब खां, इस्तियाक अहमद, मो०हसीन, इम्तेयाज़ अहमद, रिंकू तिवारी, मो०खालिद आदि लोग मौजूद थे ।


रिटायर्ड कैप्टन की लाठी-डंडों से पीटकर हत्‍या

सेना के रिटायर्ड कैप्टन की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या


अमेठी ! उत्तर प्रदेश के अमेठी से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। जहां देर रात को भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन आमान उल्ला की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना की खबर मिलते ही अमेठी पुलिस के हाथ-पांव फूल गए, आनन-फानन एसपी समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। वारदात के बाद से इलाके में दहशत फ़ैल गई है।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेठी के कमरौली थानाक्षेत्र के गोडियन का पुरवा गांव में शनिवार देर रात को सेना के एक सेवानिवृत्त कैप्टन आमान उल्ला की लाठी-डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर देने का मामला सामने आया है। मृतक आमान उल्ला के बेटे इब्राहिम ने बताया कि उसके माता-पिता सड़क किनारे बने मकान में रहते थे। रात को कुछ बदमाश घर आए और पिता एवं मां को रस्सी से बांध दिया।इसके बाद पिता आमान उल्ला के सिर पर लाठी-डंडो से प्रहार कर उनकी हत्या कर दी। इस हमले में आमान उल्ला की पत्नी अमीना भी बुरी तरह घायल हो गईं। फिलहाल उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने रविवार को बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच चल रही है। फिलहाल अभी हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है!


आजम खान की माफी ? (संपादकीय)


कितना मायने रखती है आजम खान की माफी। 
लोकसभा में ढाल बन कर खड़े रहे अखिलेश यादव।

नई दिल्ली ! समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने लोकसभा में अपने व्यवहार के लिए माफी मांग ली। हालांकि माफी मांगने से पहले आजम खान ने अपनी उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि मैं दो बार यूपी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहा। मैं 9 बार विधायक और दो बार सांसद चुना गया, इसलिए किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कार्य नहीं कर सकता, फिर भी यदि मेरे कथन से लोकसभा के आसान की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हंू। चूंकि पहली बार माफी शब्द सुना नहीं गया, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोबारा माफी मांगने के लिए कहा। आजम ने 24 जुलाई को भाजपा सांसद रमादेवी को लेकर अभद्र भाषा का उपयोग किया था, तब रमादेवी सभापति के आसन पर बैठी थीं। हालांकि रमादेवी 29 जुलाई को आजम की माफी से संतुष्ट नहीं थी, लेकिन अध्यक्ष के आदेश की पालना की। हालांकि आजम ने माफी मांग ली है, लेकिन सवाल उठता है कि जिस अंदाज में माफी मांगी, वह कितना मायने रखती हैं? ऐसा प्रतीत होता है कि विवाद को शांत करवाने के लिए अखिलेश यादव के दबाव में आजम ने माफी मांगी है। यही वजह थी कि आजम के साथ अखिलेश ढाल बन कर खड़े थे। आजम के माफी मांगने के साथ ही अखिलेश ने उन्नाव बलात्कार प्रकरण की पीडि़ता के दुर्घटना का मामला उठा दिया। अखिलेश यादव आजम के माफी मांगने के प्रकरण को जल्द समाप्त करवाने के पक्ष में थे। अखिलेश नहीं चाहते थे कि इस पर और बखेड़ा हो। 26 जुलाई को ही सभी राजनीतिक दलों की महिला सांसदों ने एक स्वर से आजम की निंदा की थी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श के बाद ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आजम से माफी मांगने को कहा था।


यदि आजम माफी नहीं मांगते तो उन्हें बजट सत्र से निलंबित किया जा सकता था। लेकिन इस पूरे प्रकरण में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राजनीतिक समझदारी दिखाई और आजम से माफी मंगवा दी। यदि अखिलेश का दबाव नहीं होता तो आजम कभी भी माफी नहीं मांगते। 
एस.पी.मित्तल


मौत के बाद डीसीपी का बयान:जयपुर


जयपुर के थाने में स्वयं को आग लगाने वाली रेप पीडि़ता की आखिर मौत हो गई। 
मौत के बाद डीसीपी का अजीब बयान।
अब गांधीवादी सीएम अशोक गहलोत क्या कहेंगे,राजस्थान की ऐसी पुलिस के बारे में।

जयपुर ! जिस रेप पीडि़ता ने राजस्थान के जयपुर के वैशाली नगर थाने में स्वयं को आग लगाई उस पीडि़ता की 29 जुलाई को तड़के एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। मौत के बाद जब डीसीपी से बलात्कारी को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर सवाल पूछा तो उनका कहना था कि जांच में कुछ निकलता तो गिरफ्तारी होती। यानि पीडि़ता के आरोप सही नहीं थे। मौत के बाद जब मरहम लगाने की जरूरत थी, तब डीसीपी स्तर का अधिकारी जख्मों पर नमक छिड़क रहा था। पुलिस के इसी रवैये से परेशान होकर 28 जुलाई को पीडि़ता ने थाने में ही आग लगा ली थी। पीडि़ता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष भी कहा है कि एक माह पहले फतेहपुर शेखावटी निवासी रविन्द्र सिंह के विरुद्ध रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस को भी सबूत भी दिए, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, उल्टे उसी पर समझौते का दबाव बनाते रहे। पुलिस की इस कार्यशैली से पता चलता है कि रेप जैसे संवेदनशील मामलों में पुलिस कितनी बेरहम होती है। पीडि़ता की मौत के बाद डीसीपी ने जिस तरह बयान दिया है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस ने कैसे जांच की होगी। 
अब गांधीवादी सीएम क्या कहेंगे:
इस समय अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम हैं। गहलोत की छवि गांधीवादी और बेहद संवेदनशील व्यक्ति की मानी जाती है। जयपुर प्रदेश की राजधानी है और राजधानी के वैशाली नगर थाने में यदि रेप पीडि़ता स्वयं को आग लगा कर मर जाए तो इससे ज्यादा संवेदनहीनता नहीं हो सकती। सवाल उठता है कि रेप जैसे मामलों में भी पुलिस का बेरहम चेहरा क्यों देखने को मिलता है? अब इस मामले में डीसीपी से लेकर वैशाली नगर का पूरा थाना कटघरे में खड़ा है। पीडि़ता की मौत सीएम गहलोत को दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। उस पीडि़ता की मानसिक स्थिति का अंदाजा लगाया जाए जिसने स्वयं मौत को गले लगा लिया। आमतौर पर यौन शोषण की शिकार महिलाएं इज्जत की वजह से चुप रहती है, लेकिन जब कभी कोई महिला शिकायत दर्ज करवाती है तो पुलिस पीडि़ता की हिम्मत को ही पस्त कर देती है।
क्या प्रियंका गांधी करेंगी टिप्पणी:
यूपी और अन्य किसी प्रदेश में आपराधिक घटना होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी तत्काल प्रभाव से टिप्पणी करती है। अब देखना है कि राजस्थान में थाने के अंदर रेप पीडि़ता द्वारा स्वयं को आग लगाने के गंभीर मामले में प्रियंका गांधी कब टिप्पणी करती हैं।एस.पी.मित्तल


सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग


राजस्थान में गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने में गुजरात फार्मूला लागू हो। जय राजपूताना संघ करेगा जन जागरण। राजपूत विधायकों को लिखे पत्र



जयपुर ! जय राजपूताना संघ के संस्थापक भंवर सिंह रेटा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने में गुजरात का फार्मूला लागू किया जाए। तभी सही मायने में सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को लाभ मिल सकेगा। गुजरात में उन परिवार को आरक्षण दिया जा रहा है जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम है। गुजरात में वो प्रावधान हटा दिए है जो पूर्व में केन्द्र सरकार ने लगाए थे। रेटा ने बताया कि यदि 5 एकड़ कृषि भूमि, ग्रामीण क्षेत्र में 200 तथा शहरी क्षेत्र में 100 वर्गगज के पट्टे का नियम लागू किया गया तो राजस्थान में एक प्रतिशत परिवार को भी लाभ नहीं मिलेगा। कृषि भूमि तो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, लेकिन यह भूमि उपजाऊ नहीं है। 100 वर्ग गज भूमि का शहरी क्षेत्र में पट्टा होना भी सामान्य बात है। रेटा ने मांग की है कि जिस प्रकार गुजरात में दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है उसी प्रकार राजस्थन में भी दिया जाए। रेटा ने कहा कि दस प्रतिशत आरक्षण को लेकर प्रदेशभर में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। लोग अपने हितों के प्रति जागरुक होंगे तभी लाभ मिल सकेगा। जरुरत होने पर जनआंदोलन भी किया जाएगा। 
राजपूत विधायकों को पत्र :
रेटा ने बताया कि राजस्थान में 21 राजपूत विधायक हैं। सभी विधायकों को दस प्रतिशत आरक्षण के संदर्भ में पत्र लिख गए हैं। आम लोगों में इन विधायकों के मोबाइल नम्बर भी सार्वजनिक किए जा रहे हैं, ताकि आम लोग भी सीधे दबाव डाल सके। विधायकों से कहा गया है कि वे विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएं, ताकि राजस्थान में भी गुजरात का फार्मूला लागू हो सके। पहले चरण में राजपूत विधायकों को पत्र लिखे गए हैं, लेकिन अगले चरण में सभी सामान्य वर्ग के विधायकों को पत्र लिखे जाएंगे। इस मामले में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9413933337 पर भंवर सिंह रेटा से ली जा सकती है। 
पंचायतीराज चुनाव में मिले आरक्षण:
रेटा ने सीएम गहलोत से पंचायत राज संस्थाओं के चुनावों में सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है। रेटा ने कहा कि नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या भी बढ़ रही है, ऐसे में पूर्व के आरक्षण में बदलाव किए बगैर सामान्य वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल


छात्रा से दुर्व्यवहार,विद्यार्थियों का हंगामा

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्रा के साथ दुव्र्यवहार। विद्यार्थियों का हंगामा। 
पुलिस ने छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया। वीसी ने जांच कमेटी बनाई। 

अजमेर ! बांदरसींदरी स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी के परिसर में विद्यार्थियों का दिन भर हंगामा होता रहा। विद्यार्थियों खास कर छात्राएं यूनिवर्सिटी परिसर में सुरक्षित माहौल की मांग कर रही हैं। 28 जुलाई की रात को 8 बजे एक छात्रा का कुछ युवकों ने मुंह दबाया और घसीटने की कोशिश की, लेकिन इस छात्रा ने हिम्मत दिखाई और दांतों से युवकों का हाथ काटा। इस छीना छपटी में छात्रा के कुर्ते के बटन भी टूट गए। छात्रा को तत्काल यूनिवर्सिटी के अस्पताल में प्राथमिक इलाज दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गई। बांदरसींदरी के थाना अधिकारी मूलचंद वर्मा ने मौके पर पहुंच कर पीडि़त छात्रा के बयान दर्ज किए, पुलिस ने धारा 354, 377 आदि में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर लिया है। थाना अधिकारी का कहना है कि पीडि़ता ने आरोपियों को नहीं देखा। पीडि़ता का कहना है कि कुछ युवकों ने पीछे से उसका मुंह दबाया था। इस घटना के बाद से ही यूनिवर्सिटी में रहने वाले विद्यर्थियों में गुस्सा है। विद्यार्थियों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी के परिसर में सुरक्षित माहौल नहीं है। 29 जुलाई को नाराज विद्यार्थियों ने कुलपति अरुण पुजारी को ज्ञापन भी दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुजारी ने जांच कमेटी का गठन किया है। कुलपति का कहना है कि इस मामले में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। नाराज विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी के कुछ शिक्षकों के व्यवहार को लेकर भी आपत्ति दर्ज करवाई है।
एस.पी.मित्तल


फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...