शनिवार, 25 मई 2019
जिला प्रशासन क्या कर रहा है
गुजरात अग्निकांड पर अमिताभ बच्चन ने जताया दुख
गुजरात, सूरत के सरथाना में एक कोचिंग सेंटर लगी आग में 20 बच्चों की जान चली गई, जबकि कई घायल हैं। कोचिंग सेंटर तक्षशिला आर्केड बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर स्थित है। इस भयानक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कई बच्चे जान बचाने के लिए छत से बाहर कूदते नजर आ रहे हैं। इस घटना से बॉलीवुड में भी शोक की लहर है। अमिताभ से लेकर उर्मिला तक कई सितारों ने सोशल मीडिया पर दुख व्यक्त किया है।अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर लिखा- सूरत में भयानक त्रासदी... एक विनाशकारी आग और उसमें जकड़े गए 14-17 साल के बच्चे। बच्चे भयंकर आग से बचने के लिए नीचे कूद पड़े और उनकी जान चली गई। इतना दुखी हूं कि बता नहीं सकता, दुआएं।वहीं एक्ट्रेस और कांग्रेस नेता उर्मिला मातोंडकर ने लिखा- आज सूरत में आग्निकांड के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ है। घायलों जल्दी से ठीक हो जाएं। एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने भी शोक जताया है. उन्होंने लिखा- पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना... उनकी आत्मा को शांति मिले। यह कितना दिल दहला देने वाला है? हमें वास्तव में अपनी सुरक्षा और सुरक्षा नियमों और शर्तों के बारे में सजग रहने की आवश्यकता है। सख्त कानून और बेहतर क्रियान्वयन हो। "सिंगर और बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने लिखा- सूरत अग्निकांड के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। ये हादसा बहुत डिस्टर्बिंग है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना। जख्मी बच्चें जल्द से जल्द ठीक हों।
अलीमूद्दीन अंसारी ने नव नियुक्त सांसद को दी बधाई
गाजियाबाद लोनी, भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक सभा के जिला मंत्री अलीमूद्दीन अंसारी अपने समर्थकों के साथ गाजियाबाद नवनियुक्त सांसद विजय कुमार सिंह के निवास स्थान पर अपने समर्थकों के साथ जाकर मिठाई खिला बुकेते मुलाकात कर उनको बधाई दी इस मौके पर अलीमूद्दीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज का भरोसा आज भी भारतीय जनता पार्टी पर कायम है जिसका जीता जागता सबूत देशभर में प्राप्त जनादेश है गाज़ियाबाद लोक सभा क्षेत्र से जनरल वी के सिंह की दुबारा हुई एतिहासिक जीत पर गाज़ियाबाद अल्पसंख्यक मोर्चा की टीम ने जनरल साहब को उनके आवास पर पहुँचकर शुभकामनाएं प्रदान की। ज्ञात हो कि जनरल वी के सिंह जी ने एक बार फिर पांच लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है जो गाज़ियाबाद में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यो को दर्शाता है । इस अवसर पर अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ सोलत पाशा जी, जिला महामंत्री अलिमुद्दीन अंसारी जी, कामिल अलवी जी सुबेदीन उस्मान खान व काफी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जनता के सापेक्ष
जनमत के सापेक्ष
(संपादकीय)
देश में लोकसभा चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है ! जल्द ही भारत गणराज्य की सरकार जनहित में कार्यरत हो जाएगी ! चुनाव के समय आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, पश्चिमी बंगाल में होने वाली हिंसा चुनाव आयोग के सामने ,आज भी एक चुनौती के रूप में खड़ी है! चुनाव की निष्पक्ष प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह अंकित स्वरूप होता है! चुनाव आयोग यदि इन सब की पुनरावृति पर पूर्णविराम अंकित नहीं करता है ! तब तक चुनाव आयोग सवालों के कटघरे में खड़ा होता रहेगा ! केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बन चुकी है ,मात्र मंत्रियों के विस्तार की औपचारिकता पूर्ण करनी है! हो सकता है आगामी 30 मई को शपथ समारोह आयोजन किया जाए और मंत्रिमंडल का गठन भी कर लिया जाए! देश के सभी राज्यों से भाजपा को खुले मन से स्वीकार किया गया है! जनता भाजपा में अपना, मानव जाति का और देश का हित देख रही है! साथ-साथ जनता की सरकार से ढेर सारी अपेक्षाएं हैं ! देश की आबादी को नियंत्रित करना, देश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देना ,व्यावसायिक दर को बढ़ावा देना और विश्व स्तरीय मंच पर सहभागिता आदि ! घर की चौखट से लकीर, खुले आसमान और गहरे समुंदर से जुड़ी जनता की जरूरतों को पूरा करना या ऐसे विषयों पर मंथन करना सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए ! मोदी नेतृत्व में यह सरकार अपने कार्यकाल में देश और देशवासियों को किस दिशा में ले जाएगी? जन जन की पीड़ा का आभास कर पाएगी, आभासी बनकर कार्य करेगी ?जनता को जनार्दन कहा जाता है ! जनता ने निर्णय कर दिया है !अब सरकार जनता के लिए क्या करती है ,और क्या नहीं कर पाती है ?जनता को राष्ट्रीय और वैश्वीकरण की मुख्यधारा से जोड़ने में किस हद तक सफल हो पाती है?
शुक्रवार, 24 मई 2019
होटल में आग लगने से दर्जनों मौत
सूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी आग, एक टीचर समेत 12 लोगों की मौतसूरत के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में आग लग गई है और यहां ट्यूशन क्लास चल रही थी। सूरत में आग लगने की घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है जिसमें एक टीचर भी शामिल हैं। तक्षशिला कॉम्पलेक्स के दूसरे फ्लोर पर बच्चे पढ़ रहे थे। आग लगने के बाद बच्चों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से छलांग लगा दी और इसके चलते 12 लोगों की मौत हो गई है।खबर हैं कि कुल 40 बच्चे ट्यूशन सेंटर में मौजूद थे। इस घटना में फंसे बच्चों को अस्पताल ले जाया गया है। फायर ब्रिगेड की पंद्रह गाड़ियां लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।आग तक्षशिला कॉम्पलेक्स के आगे वाले हिस्से पर लगनी शुरू हुई और आग लगने के बाद कॉम्पलेक्स में अफरातफरी मच गई। दूसरे फ्लोर पर मौजूद बच्चों ने आग से बचने के लिए ऊपर से नीचे छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि आग में फंसे कई बच्चों के शव अभी भी कॉम्पलेक्स में
देश को अपना कब समझेंगे ओवैसी
नई दिल्ली,
नरेन्द्र मोदी ने गेरुआ नकाब ओढ़ कर हिन्दुओं को भरमाया।
आखिर असदुद्दीन औवेसी इस देश को अपना कब समझेंगे?
543 में 302 सीटें अकेले दम पर जीतने के बाद 23 मई की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव की खास बात यह रही कि कोई भी राजनीतिक सेकुलरिज्म का नकाब ओढ़कर सामने नहीं आया। भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में ऐसा होना वाकई अच्छी शुरुआत है। सभी ने प्रधानमंत्री के इस कथन की प्रशंसा की, लेकिन 24 मई को एआईएआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने प्रधानमंत्री पर इसी मुद्दे पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सनातन संस्कृति के प्रतीत बाबा केदारनाथ के दर्शन और गुफा में साधना करने के प्रधानमंत्री के कार्य का मजाक उड़ाते हुए औवेसी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने गेरुआ नकाब ओढ़ कर हिन्दुओं को भरमाया है। फिल्म अभिनेता कमल हसन के कथन को दोहराते हुए औवेसी ने भी कहा कि आजादी के बाद नाथूराम गौडसे ही पहला हिन्दू आतंकवादी था। औवेसी ने कहा कि वे हिन्दुत्व की विचारधारा का विरोध करते रहेंगे। सवाल उठता है कि आखिर औवेसी जैसे नेता इस देश को अपना कब समझेंगेे? नरेन्द्र मोदी यदि अपनी सनातन संस्कृति के अनुरूप गेरुआ वस्त्र पहन कर मंदिर जाते हैं तो इसमें ऐतराज की क्या बात है? क्या अब मोदी गेरुआ वस्त्र पहन कर मंदिर भी न जाएं? असदुद्दीन औवेसी जिस हैदराबाद शहर से बार बार चुनाव जीतते हैं उसे हैदराबाद का इतिहास किसी से छिपा नहीं है। यदि भारतीय संविधान के अनुरूप औवेसी हैदराबाद से चुनाव जीतते हैं तो उन्हें भी नरेन्द्र मोदी की तरह एक सांसद के तौर पर सभी सुविधाएं मिलती हैं। हिन्दुओं की सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाने पर भी लोकसभा में औवेसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। औवेसी राजनीतिक कारणों से मोदी पर जातिवाद का तो आरोप लगाते हैं, लेकिन स्वयं हर बाद हैदराबाद से ही चुनाव लड़ कर बहादुरी क्यों दिखाते हैं? क्या औवेसी हैदराबाद से बाहर किसी अन्य संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडऩे की हिम्मत दिखा सकते हैं? औवेसी माने या नहीं, लेकिन इस चुनाव में सेकुलरिज्म का नकाब वाकई उतर गया है। इतना ही नहीं घोर जातिवाद की राजनीति भी ध्वस्त हो गई है। यूपी में मायावती और अखिलेश ने जातिवाद के कारण ही गठबंधन किया था, लेकिन नरेन्द्र मोदी की सुनामी की वजह से गठबंधन ढेर हो गया। भाजपा के उम्मीदवारों को तीन तीन, चार-चार लाख मतों की जीत बताती है कि मतदाताओं ने जाति की विचारधारा को छोड़ कर राष्ट्रहित में नरेन्द्र मोदी को वोट दिया है। लोगों ने उम्मीदवार के बारे में जाने बगैर ही मोदी के नाम वोट दिए। देश के लोगों के इस मिजाज को औवेसी जैसे नेताओं को समझना होगा।
कितना मायने रखता है नरेंद्र मोदी का आडवाणी के पैर छूना
नई दिल्ली, 4 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के साथ वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी और मुरली मनोहर जोशी के दिल्ली स्थिति निवास पर पहुंचे और पैर छू कर दोनों से आशीर्वाद लिया। आशीर्वाद लेने के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि आडवानी और जोशी जैसे नेताओं की वजह से ही भाजपा आज इस मुकाम पर पहुंची है। मुलाकात के बाद आडवानी ने तो मीडिया से संवाद नहीं किया, लेकिन जोशी ने कहा कि यह हमारी पार्टी की परंपरा है। जोशी ने कहा कि हमने जो पेड़ लगाया था, उस पर अब फल आ रहे हैं। मैं उम्मीद करता हंू कि नरेन्द्र मोदी देश के लोगों को स्वादिष्ट फल खिलाएंगे। सवाल उठता है कि आडवानी और जोशी के घर जाकर मोदी का आशीर्वाद लेना कितना मायने रखता है? राजनीतिक पंडित चाहे जो मायने निकाले लेकिन मेरा मानना है कि मोदी ने यह कार्य पार्टी के बड़े नेताओं को सम्मान देने के लिए किया। भले ही आडवानी और जोशी को भाजपा के पांच वर्ष के शासन में कोई बड़ा पद नहीं मिला हो, लेकिन मोदी को इस बात का एहसास है कि आडवानी और जोशी ने भाजपा के लिए जो कुछ भी किया उसी वजह से आज भाजपा को 302 सीटें अपने दम पर मिली है। पिछले पांच वर्ष में मोदी और आडवानी के बीच भले ही अच्छे संबंध नहीं रहे हो, लेकिन मोदी ने अपनी तरफ से सकारात्मक पहल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 2014 में आडवानी और जोशी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार दोनों ने ही चुनाव नहीं लड़ा। यह खोज का विषय हो सकता है कि दोनों को चुनाव क्यों नहीं लडवाया गया। लेकिन मोदी ने साफ कर दिया कि आडवानी और जोशी भले ही सांसद न बने हो, लेकिन पार्टी और सरकार में उनका सम्मान बना रहेगा। हाल ही के लोकसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट डला है। भले ही इस चुनाव में आडवानी और जोशी की कोई भूमिका न रही हो, लेकिन फिर भी नरेन्द्र मोदी ने दोनों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इससे ज्यादा और क्या हो सकता है कि जब मोदी का सामना आडवानी और जोशी से हुआ तो मोदी ने झुककर दोनों के चरणस्पर्श किए। दोनों के यहां मोदी 15-15 मिनट बैठे रहे और अनेक विषयों पर चर्चा की। कुछ लोग इस आशीर्वाद में भी राजनीति निकालेंगे। लेकिन मोदी ने जो कुछ भी किया वह सनातन संस्कृति के अनुरूप था। हमारी संस्कृति में यही सिखाया जाता है कि बड़ा का सम्मान होना चाहिए। मोदी ने उसी परंपरा का निर्वाह किया है। र्फ
विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया
विवाद: तीसरे अंपायर ने यशस्वी को आउट दिया अखिलेश पांडेय मेलबर्न। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे चौथे टे...
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